सुप्रीम कोर्ट ने हथियारों की बरामदगी पर मणिपुर सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी

नई दिल्ली 06 Sep, (एजेंसी)-सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मणिपुर में सांप्रदायिक हिंसा और संघर्ष के दौरान कथित तौर पर लूटे गए हथियारों की ‘सभी स्रोतों’ से बरामदगी पर स्थिति रिपोर्ट मांगी।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने 7 अगस्त को अपने फैसले में केंद्र और मणिपुर सरकार से राज्य के शस्त्रागार से गायब या लूटे गए हथियारों की संख्या का जायजा लेने के बाद किसी भी लापता हथियार को बरामद करने के लिए योजना बनाने और लागू करने को कहा था।

पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव द्वारा दायर हलफनामे पर अमल करते हुए इन दावों का खंडन किया कि राहत शिविरों में खाद्य आपूर्ति की कमी थी और चिकनपॉक्स और खसरे का प्रकोप था।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, “मुख्य सचिव ने भोजन और दवा की आपूर्ति और नौ शिविरों में राशन वितरित करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण प्रस्तुत किया है। यदि विशिष्ट मामलों के संबंध में कोई और शिकायत है, तो इसे जिला प्रशासन के ध्यान में लाया जाना चाहिए। किसी भी शिकायत का निपटारा शीघ्रता से किया जाना चाहिए।”

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने 1 सितंबर को शीर्ष अदालत का ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित किया था कि मणिपुर के मोरेह में नाकाबंदी है, जिसके परिणामस्वरूप खाद्य आपूर्ति नहीं की जा सकती।

शीर्ष अदालत ने तब केंद्र और मणिपुर, दोनों सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, आवश्यक दवाओं और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति जारी रहे, ताकि “नाकाबंदी के कारण आबादी का कोई भी हिस्सा पीड़ित न हो।”

शीर्ष अदालत ने मुख्य सचिव से स्थिति को सुधारने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देने वाला एक हलफनामा भी मांगा था।

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