सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे पलटे, आप प्रत्याशी कुलदीप कुमार को विजेता घोषित किया

नईदिल्ली,20 फरवरी (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रत्याशी कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया।मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर को विजेता घोषित करने के फैसले को रद्द कर दिया।मसीह के कुलदीप के पक्ष में डाले गए 8 वोटों को विकृत करके अमान्य घोषित करने के बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है।

30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था। इसमें 20 वोट होने के बावजूद भी आप -कांग्रेस का गठबंधन हार गया, वहीं 16 वोट होने पर भी भाजपा जीत गई थी।ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आप -कांग्रेस गठबंधन के 8 वोट अमान्य करार दे दिए थे। इसके बाद आप ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।अब कोर्ट ने मेयर चुनाव के परिणाम को रद्द करते हुए आप उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अमान्य घोषित किए 8 मतों को याचिकाकर्ता (कुलदीप) के पक्ष में डाला गया था और पीठासीन अधिकारी मसीह ने मतों को अमान्य और विकृत करने के उद्देश्य से उन पर निशान लगा दिए, ताकि 8वें प्रतिवादी (भाजपा प्रत्याशी) को विजेता घोषित किया जा सके।उन्होंने कहा कि इसके अलावा मसीह ने कोर्ट में झूठ बोला कि मतपत्र पहले से विकृत थे, जबकि ऐसा नहीं था।

सीजेआई ने कहा कि पीठासीन अधिकारी मसीह का आचरण 2 स्तरों पर निंदनीय है। पहला, उन्होंने गैरकानूनी तरीके से मेयर चुनाव के नतीजे पलटे। दूसरा, 19 फरवरी को कोर्ट के सामने बयान देते हुए उन्होंने झूठ बोला, जिसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि इन कारणों को देखते हुए कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि पीठासीन अधिकारी द्वारा घोषित नतीजे गैरकानूनी थे और इन्हें रद्द किया जाता है।

पूरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द करने के भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर के सुझाव को खारिज करते हुए सीजेआई ने फैसले में कहा कि पूरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द करना अनुचित होगा क्योंकि केवल मतगणना खामियां पाई गई हैं।उन्होंने कहा कि पूरी चुनावी प्रक्रिया को रद्द करना लोकतांत्रिक सिद्धांतों का विध्वंस करना होगा। उन्होंने कहा कि कोर्ट यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया इस तरह के हथकंडों से नष्ट न हो।

सीजेआई ने कहा, “नतीजों से साफ है कि याचिकाकर्ता (आप प्रत्याशी कुलदीप) को 12 वोट मान्य वोट मिले और उसके 8 वोटों को गलत तरीके से अमान्य घोषित किया गया। अगर इन्हें जोड़ दिया जाए तो उन्हें कुल 20 वोट मिले। दूसरी तरफ 8वें प्रतिवादी (भाजपा प्रत्याशी) को 16 वोट मिले। इसलिए याचिकाकर्ता को चंडीगढ़ नगर निगम का विजेता घोषित किया जाता है।”उन्होंने मसीह के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई शुरू करने का निर्देश भी दिया।

सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने मसीह से तीखे सवाल-जवाब किए। उन्होंने कहा, “आपने हमें कहा था कि आपने मतपत्रों के नीचे लाइनें बनाई क्योंकि वे पहले से विकृत थे। आप हम बताएंगे मतपत्र कहां से विकृत थे।”इस पर मसीह के वकील ने कहा कि एक मतपत्र पर छोटी-सी बिंदी जैसा निशान है और कुछ ऊपर से मुड़े हुए हैं, जिसे देखते हुए उन्हें अमान्य करार दिया गया।वकील ने कहा कि मसीह चोर नहीं हैं।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि मसीह कैमरे की ओर क्यों देख रहे थे और उन्हें वीडियो में कैमरे की तरफ देखते हुए साफ देखा जा सकता है।इस पर मसीह के वकील ने कहा कि सदन में गहमागहमी थी और वो चेक कर रहे थे कि कैमरा काम कर रहा है या नहीं।उन्होंने कहा कि आप और कांग्रेस के पार्षदों ने मतपत्रों को छीनने और फाडऩे की कोशिश की थी।सुनवाई में चुनाव की वीडियो रिकॉर्डिंग भी चलाई गई।

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