स्टालिन सरकार ने बजट में रुपये का सिंबल बदलकर तमिल भाषा में  लिखा

नई दिल्ली ,13 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)।  तमिलनाडु में भाषा को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इस बीच तामिलनाडु की स्टालिन सरकार ने बजट में रुपया का चिह्न हटाने का फैसला किया है। रुपये का चिह्न हटाकर उसके स्थान पर तमिल अक्षर से बदल दिया गया है।

सरकार ने राज्य बजट के लोगो में रुपये के प्रतीक को तमिल अक्षर में कर दिया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से ‘हिंदी थोपने’ को लेकर डीएमके और केंद्र सरकार के बीच खींचतान चल रही है। इसके बीच स्टालिन सरकार ने ये अहम कदम उठाया है।

यह पहली बार है जब किसी राज्य ने नेशनल करेंसी सिम्बल को अस्वीकार कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब संसद में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर हिंदी थोपे जाने का मुद्दा गरमाया है। सिम्बल बदलने का फैसला क्यों लिया गया है, फिलहाल इसे लेकर तमिलानाडु सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

बता दें कि राज्य के बजट से रुपये का चिह्न हटाने का निर्णय तमिलनाडु और केंद्र के बीच हिंदी थोपे जाने को लेकर चल रही खींचतान के बीच लिया गया है। तमिलनाडु द्वारा  2020 के प्रमुख पहलुओं, विशेष रूप से त्रि-भाषा फार्मूले को लागू करने से इनकार कर दिया गया था। राज्य में डीएमके के नेतृत्व वाली सरकार का तर्क है कि एनईपी के माध्यम से केंद्र सरकार तमिल भाषी आबादी को हिंदी सीखने पर मजबूर करना चाहती है।

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