पटना 11 Jan, (एजेंसी) : बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी और दो बेटियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब मनी लांड्रिंग के पुख्ता सबूत मिलने पर आरोप-पत्र दायर किया है, तब आरोपितों की ओर से राजनीतिक जवाब देने का कोई मतलब नहीं है।
मोदी ने बयान जारी कर कहा कि जो लोग काले धन को छुपाने या उसे वैध सम्पत्ति दिखाने (मनी लांड्रिंग) का अपराध करने वालों को पीडि़त बताने के लिए ‘घर की महिलाओं को फंसाने का विलाप कर रहे हैं, वे बताएं कि इन महिलाओं ने रेलवे में चौथी श्रेणी की नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी से 60 लाख रुपये की कीमती शहरी जमीन दान में क्यों ले ली ।
भाजपा नेता ने कहा कि हृदयानंद चौधरी ने पटना के पास दानापुर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत महुआ बाग की 3375 वर्ग फुट भूमि तेजस्वी यादव की पांचवीं बहन हेमा यादव को मुफ्त में दान क्यों कर दी । इस ‘महान दानी ने हेमा यादव को ही क्यों भूमिदान के योग्य समझा और क्यों चौधरी ने ही स्टाम्प ड्यूटी के तौर पर 6.28 लाख रुपये भी स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में जमा कराये।
मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ताओं को इन सवालों का जवाब देना चाहिए, जबकि वे आरोपित को प्रताडि़त बताने की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी और हेमा यादव को जो जमीन दान में मिली, उसे राजद के एमएलसी अबू दोजाना की कंपनी को करोड़ों में बेच दिया गया । ईडी मनी लांड्रिंग के इसी मामले की जांच कर रही है।
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