नई दिल्ली 14 Jan (एजेंसी): राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सरकारी संस्थानों को जोशीमठ के संबंध में मीडिया के साथ बातचीत करने और सोशल मीडिया पर डेटा साझा करने से रोक दिया है। एनडीएमए ने कहा कि जोशीमठ में जमीन के धंसने के आकलन के लिए विशेषज्ञ समूह गठित किया गया है।
आपदा प्रबंधन एजेंसी ने इसरो सहित कई संस्थानों से कहा है कि वे इस मामले के बारे में अंतिम रिपोर्ट आने तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ भी पोस्ट करने से बचें। एनडीएमए ने अपने पत्र में कहा है कि 12 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस मुद्दे को लेकर प्रकाश डाला गया था।
इसमें कहा गया, यह देखा गया है कि विभिन्न सरकारी संस्थान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विषय वस्तु से जुड़ा डेटा जारी कर रहे हैं और साथ ही स्थिति की अपनी व्याख्या के साथ मीडिया के साथ बातचीत कर रहे हैं. यह न केवल प्रभावित निवासियों बल्कि देश के नागरिकों के बीच भी भ्रम पैदा कर रहा है।
वहीं, कार्टोसैट-2 एस उपग्रह से ली गई और इसरो के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर द्वारा जारी की गई सेटेलाइट इमेज से पता चला है कि जोशीमठ में 27 दिसंबर और 8 जनवरी के बीच 5.4 सेमी का धंसाव हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि 2 जनवरी 2023 को शुरू हुई धंसने की तेज घटना के कारण बड़े पैमाने पर मिट्टी धंस रही है।
उत्तराखंड के मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि उनके आग्रह पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ( ISRO) ने जोशीमठ की सेटेलाइट तस्वीरें हटाई हैं।
मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उनके द्वारा इसरो के निदेशक से इस मामले को लेकर आग्रह किया गया था।
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