*संजय, राजीव पसारी, आरके, सुजाता मोदी व सिद्धार्थ जयपुरिया फरार*
कोलकाता 09 जुलाई ,(एजेंसी)। एक ओर जहां बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाओं को लेकर तनातनी का दौर चल रहा था तो अन्य ओर राजस्थान पुलिस राजस्थान के चर्चित नीमराना रिसॉर्ट प्रोजेक्ट ठगी मामले में कोलकाता के न्यू रोड अलीपुर की धूल खंगाल रही थी। लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी राजस्थान पुलिस के हत्थे उक्त शातिर आरोपी नहीं लगे। राजस्थान पुलिस सूत्रों ने बताया कि, राजस्थान के नीमराना रिसॉर्ट प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले मशहूर बिल्डर संजय पसारी, राजीव पसारी, राजकिशोर मोदी, सुजाता मोदी और सिद्धार्थ जयपुरिया के कोलकाता में स्थित ठिकानों पर राजस्थान पुलिस ने दबिश दी। लेकिन, गिरफ्तारी के डर से ठगों की पूरी गैंग घरों से फरार हो गई।
ठगों की इस गैंग के खिलाफ राजस्थान के शाहजहांपुर में पीडि़त निवेशकों की ओर से फर्जी आवंटन पत्र जारी कर करोड़ों रुपए की ठगी करने के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इनकी ठगी के शिकार पीडि़त निवेशक पिछले कई दिनों से पुलिस के पास न्याय की गुहार लगा रहे हैं। निवेशकों का कहना है कि कोलकाता और राजस्थान में इनकी प्रशासनिक और राजनीतिक पहुंच की वजह से सारी सूचनाएं लीक हो रही हैं। इससे इन्हें राजस्थान पुलिस के हर मूवमेंट की जानकारी मिल रही है। लेकिन, निवेशकों का मानना है कि आखिर कब तक ये पुलिस से भागेंगे। पुलिस इनका हर जगह पीछा कर रही है। सूत्रों के मुताबिक संजय पसारी गैंग कोलकाता के ऐसे क्षेत्रों में छिपे हैं जहां लंबे-चौड़े इलाके में इनके आलीशान महल बने है।
निवेशकों का कहना है कि ये गैंग इतनी शातिर है कि इन्होंने 400 करोड़ रुपए का लोन लेने वाली कंपनियों के ऑफिस एक ही फर्जी एड्रेस जो बन्द अथवा फैक्ट्रियां हैं, में दिखा रखे हैं। ताकि फ्रॉड करने के बाद अगर पुलिस दबिश भी दे तो कोई सुराग नहीं मिले। वहां या तो ताला लटका मिलेगा अथवा बूढ़ा चौकीदार। पुलिस के मुताबिक संजय पसारी के आलीशान महल 5बी, 5 सी, न्यू रोड अलीपुर पर राजस्थान पुलिस ने छापा मारा तो वहां गार्डों की फौज तैनात थी। पूछने पर बताया कि संजय पसारी लंदन भाग गया है। लेकिन, पुलिस के इन छापों से इस शातिर गैंग में खलबली मची हुई है।
जानकारी मिली है कि संजय पसारी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके राजकिशोर मोदी, सुजाता मोदी, सिद्धार्थ और उसकी पत्नी स्मिता को कोलकाता में ही कहीं छिपा रखा है। लेकिन, इनमें राजस्थान पुलिस का खौफ इतना ही कि इन शातिरों ने राजस्थान पुलिस से बचने के लिए किसी दूसरे की आईडी यूज करके उस पर वाट्सएप से बात कर रहे हैं। लेकिन, राजस्थान पुलिस ने जिस व्यक्ति का मोबाइल मिस यूज किया है इसका भी तोड़ निकाल लिया है। जल्दी ही इनकी गिरफ्तारी होने की संभावना है।
इनके चौकीदार और नौकरों ड्राइवर का कहना है कि ये लोग पूरे कोलकाता में ठगी और धोखेबाजी के लिए मशहूर हैं। इन्होंने स्थानीय लोगों से भी लाखों रुपए की ठगी की है। अब अगर, किसी कारण ये शातिर आरोपी पुलिस के हाथ नहीं आए तो पुलिस राजस्थान अधिनियम के तहत जानकारी कर इनकी तमाम संपत्ति को कुर्क करवाने की तैयारी में है। बता दें के उक्त लोगों पर राजस्थान के नीमराना रिसॉर्ट में सस्ते भूखंड दिलाने के नाम पर जयपुर, अलवर और दिल्ली में तमाम लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी के आरोप है।
कोलकाता के ठग बिल्डर्स ने करोड़ों रुपए की ठगी के बाद कंपनी डायमंड संजीवनी प्रोजेक्ट्स प्रा. लि. भी बेच दी।अब तक की पड़ताल से पता चला है कि ये बिल्डर्स बहुत बड़े ठग हैं। कंपनियां बनाना और उनमें करोड़ों का फर्जीवाड़ा करके बंद कर देना अथवा डायरेक्टर्स बदलकर कंपनी का नाम बदलना इनकी आदत है।
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