गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू , यह युगांतरकारी परिवर्तन का कालखंड है

नई दिल्ली 25 जनवरी (एजेंसी)। 26 जनवरी देश में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाने की पूरी तैयारी है। मुख्य कार्यक्रम कर्तव्य पथ पर आयोजित होगा जहां झंडा फहराने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू परेड की सलामी लेंगी। इससे पहले गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्र को संबोधित कर रही हैं।

उन्होंने 75 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गजुर रहा है। यह युगांतरकारी परिवर्तन का कालखंड है। गणतंत्र दिवस, हमारे आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों को स्मरण करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को भी याद किया और कहा कि अपने योगदान से सार्वजनिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए, मैं कर्पूरी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूँ। बता दें कि केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे गणतंत्र की मूल भावना से एकजुट होकर 140 करोड़ से अधिक भारतवासी एक कुटुंब के रूप में रहते हैं। दुनिया के सबसे बड़े इस कुटुंब के लिए, सह-अस्तित्व की भावना, भूगोल द्वारा थोपा गया बोझ नहीं है, बल्कि सामूहिक उल्लास का सहज स्रोत है, जो हमारे गणतंत्र दिवस के उत्सव में अभिव्यक्त होता है।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जिक्र

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अयोध्या का राम मंदिर का भी जिक्र किया और कहा-हम सबने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान पर निर्मित भव्य मंदिर में स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक समारोह देखा। भविष्य में जब इस घटना को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाएगा तब इतिहासकार, भारत द्वारा अपनी सभ्यागत विरासत की निरंतर खोज में युगांतरकारी आयोजन के रूप में इसका विवेचन करेंगे।
त्र20 का सफल आयोजन अभूतपूर्व उपलब्धि

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में जी-20 शिखर सम्मेलन का भी जिक्र किया और कहा कि भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में त्र20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन एक अभूतपूर्व उपलब्धि थी। वहीं ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियमÓ के बारे में उन्होंने कहा कि यह महिला सशक्तीकरण का एक क्रांतिकारी माध्यम सिद्ध होगा।

देश को वैज्ञानिकों पर गर्व 

उन्होंने वैज्ञानिक उपलब्धियों का भी जिक्र किया कहा कि हमें अपने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों पर सदैव गर्व रहा है, लेकिन अब ये पहले से कहीं अधिक ऊंचे लक्ष्य तय कर रहे हैं और उनके अनुरूप परिणाम भी हासिल कर रहे हैं।

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