नई दिल्ली 26 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना पर विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वे देश की रक्षा और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े एक संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने द्रास (लद्दाख) में कारगिल युद्ध स्मारक का दौरा करने के बाद ये बात कही। उन्होंने विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई और 1999 के युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा, “अग्निपथ योजना हमारे रक्षा बलों के लिए आवश्यक है। दशकों से इस बात पर बहस और चर्चा होती रही है कि कैसे सुनिश्चित किया जाए कि सशस्त्र बल युवा रहे और हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहे। एक भारतीय सैनिक की औसत आयु वैश्विक औसत से अधिक है जो एक चिंता का विषय है। विभिन्न समितियों ने इस पर चर्चा की लेकिन किसी भी सरकार ने सही कदम उठाने की जहमत नहीं की।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “अग्निपथ योजना के माध्यम से इस मुद्दे को संबोधित किया गया। इस योजना का मकसद सेना को युवा और युद्ध के लिए तैयार रखना है।”
पीएम मोदी ने योजना पर राजनीति करने के लिए विपक्ष की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, कुछ लोग अपने निजी लाभ के लिए इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जो विभिन्न रक्षा-संबंधी घोटालों में शामिल थे और हमारी सेनाओं को कमजोर किया। वे कभी नहीं चाहते थे कि वायुसेना को आधुनिक लड़ाकू विमान मिलें। ये वही लोग हैं जो तेजस लड़ाकू विमान परियोजना को ठंडे बस्ते में डालने की योजना बना रहे थे।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “कुछ लोग अग्निपथ योजना के बारे में झूठ फैला रहे हैं कि सरकार पैसे बचाने के लिए ऐसा कर रही है। लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं – पेंशन का मुद्दा 30 साल बाद आएगा, सरकार आज फैसला क्यों लेगी… इसे भविष्य की सरकार के लिए छोड़ सकती थी। लेकिन, हमने सेनाओं के फैसले का सम्मान किया। हमारे लिए यह राजनीति नहीं है… हमारे लिए देश की सुरक्षा सबसे पहले है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, जो लोग युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, इतिहास गवाह है कि उन्हें कभी सैनिकों की चिंता नहीं रही। उन्होंने वन रैंक वन पेंशन पर झूठ बोला। यह मेरी सरकार है जिसने वन रैंक वन पेंशन योजना लागू की… ये वही लोग हैं जिन्होंने पिछले सात दशकों में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनवाया। ये वही लोग हैं जिन्होंने हमारे सैनिकों के लिए पर्याप्त संख्या में बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं बनवाए।”
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