इंडिया एक्सपो सेंटर के दुसरे दिन झारखंड पवेलियन में लोगों ने पर्यटन के बारे में जाना

*प्रदर्शनी में झारखंड सरकार अपनी हरियाली और पर्यावरणीय पर्यटन की संभावनाओं को राष्ट्र और दुनिया के सामने कर रही है प्रदर्शित*

*SATTE 2024  में इको-पर्यटन सर्किट ,बौद्ध सर्किट,ट्राइबल सर्किट के माध्यम से पर्यटकों को लुभा रही है झारखंड सरकार लोगों ने पर्यटन स्थल के मॉडल के साथ सेल्फी लेते दिखे*

नई दिल्ली, 23 फरवरी (एजेंसी)। 22  से 24 फरवरी तक इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट, ग्रेटर नोएडा में आयोजित SATTE 2024 में झारखंड सरकार अपनी हरियाली और पर्यावरणीय पर्यटन की संभावनाओं को राष्ट्र और दुनिया के सामने प्रदर्शित कर रही है। साउथ एशिया के  सबसे बड़े ट्रैवल एवं टूरिज्म शो SATTE 2024 के  दुसरे दिन हॉल संख्या 14, स्टॉल ई–65, झारखंड पवेलियन में  लोगों की काफी भीड़ देखी गई l झारखंड स्टॉल पर झारखंड के पर्यटक स्थल एवं इको टूरिज्म के मॉडल के साथ सेल्फी लेने का क्रेज भी लोगों में खुब दिखा l

झारखंड पर्यटन विभाग द्वारा इस प्रर्दशनी के   माध्यम से झारखंड सरकार  का  मुख्य उद्देश्य झारखंड को एक पसंदीदा पर्यटक स्थल, पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए पसंदीदा राज्य, पर्यटकों की आगमन में वृद्धि करने और क्षेत्र में पर्यटन संबंधित गतिविधियों के माध्यम से आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है। झारखंड स्टॉल के प्रभारी एवं प्रोजेक्ट हेड श्रेया स्वराज ने  कहा कि  “SATTE 2024  में झारखंड में पर्यटन की अपार संभावनाओं को विविध पर्यटन सर्किट  के माध्यम से प्रर्दशित कर रहा है l

जिसमें राज्य की अनूठी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक आकर्षणों को प्रदर्शित किया गया है।  SATTE 2024  में इस बार झारखंड के इको-पर्यटन सर्किट ,बौद्ध सर्किट,ट्राइबल सर्किट एडवेंचर सर्किट के माध्यम से पर्यटकों को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है l उन्होंने यह भी कहा कि आज के भागदौड़ के जीवन में हर कोई कोई ऐसे जगह की तलाश मे रहता है जहां वह कुछ दिन शांत एवं शुकून से नेचर के गोद में आंनद से गुजार सके एवं प्राकृतिक नजारों का आनन्द ले सके और इसके लिए झारखंड सर्वाधिक उपयुक्त जगह है। झारखंड अपनी शुद्ध प्राकृतिक सौंदर्य और धनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध, एक प्रदूषण-मुक्त वातावरण प्रदान करता है जो इको-पर्यटन प्रेमियों के लिए आदर्श है।

भारी वन्यजीव अभ्यारण्य, शानदार झरने, और विविध वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के साथ, यह प्राकृतिक शांति के अनुभव में प्रदान करता है। क्षेत्र के सतत विकास और संरक्षण प्रयासों की पुष्टि इसके पारिस्थितिकीय रत्नों की रक्षा सुनिश्चित करती है। आगंतुक स्वयं को झारखंड के अद्भूत मनोरम परिदृश्यों में  खोकर आनंदित होंगे , जिससे यह एक इको-पर्यटन प्रेमियों के लिए प्रमुख स्थल बनता है, साथ ही झारखंड एक निवेश-अनुकूल राज्य है। झारखंड की पर्यटन नीति के तहत इसमें 25% तक की सब्सिडी की प्रावधान है (10 करोड़ तक) और बिजली बिल, जीएसटी, और कई और लाभों में भी सरकार द्वारा सुविधा दी जाती है। झारखंड सरकार पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एवं पर्यटकों द्वारा देखे जाने वाले पर्यटन सर्किट  सर्किट में विभाजित किया है एवं लोगों को झारखंड में आने के लिए SATTE 2024 के माध्यम से झारखंड आने के लिए आह्वाहन कर रहा हैं l

इनमें सबसे बौद्ध सर्किट  में पार्शनाथ हिल्स, देवरी मंदिर, और अन्य मोनास्ट्रीज़ जैसी बौद्ध स्थल ,ट्राइबल सर्किट  में कई स्थानीय जनजातियों के घर हैं, और ट्राइबल सर्किट यात्रीयों को उनकी समृद्धि से भरी सांस्कृतिक विरासत की खोज करने की अवसर मिलेगा जिनमें नेतरहट, सिमडेगा, और खूंटी जैसी गाँव  में जनजाति के जीवन, परंपराएं, और जीवंत कला का एक झलक देख सकते हैं। वहीं इको-पर्यटन सर्किट में झारखंड की हरियाली और विभिन्न भू-स्वरूपों  को  बेतला राष्ट्रीय उद्यान, डालमा वन्यजीव अभ्यारण्य, और पंचघाघ जैसे स्थान  का आनन्द ले सकते हैं l

जहां घूमने के अलावा प्राकृतिक सौंदर्य के साथ राज्य की बायोडाइवर्सिटी का अन्वेषण करने का एक अवसर प्रदान करते हैं। झारखंड की भौगोलिक स्थिति एडवेंचरस गतिविधियों के लिए अनुकूल है। एडवेंचर सर्किट में नेतरहाट जैसे गंतव्य शामिल हैं, जो ट्रैकिंग के अवसर प्रदान करता है, वहीं पैराग्लाइडिंग और अन्य एडवेंचर खेलों में रुचि रखने वालों के लिए मैक्लुस्कीगंज जैसी जगह शामिल है। इसके अलावा वॉटरफॉल सर्किट के तहत झारखंड में कई सुरम्य झरने हैं, और इस सर्किट में हुंडरू फॉल्स, जोन्हा फॉल्स और दशम फॉल्स जैसे लोकप्रिय झरने शामिल हैं।

पर्यटक इन झरने वाले जल निकायों की लुभावनी सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।वहीं खनन पर्यटन सर्किट के माध्यम से खनन में निहित इतिहास के साथ, पर्यटकों को धनबाद कोयला क्षेत्र और खान संग्रहालय जैसे खनन से संबंधित आकर्षणों तक ले जाता है, जो क्षेत्र की औद्योगिक विरासत में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

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