केंद्र सरकार और उल्फा के बीच शांति समझौते पर हुआ हस्ताक्षर

*अमित शाह बोले-ये खुशी की बात है कि आज असम के भविष्य के लिए एक सुनहरा दिन*

नईदिल्ली,29 दिसंबर (एजेंसी)। केंद्र सरकार को असम और पूर्वोत्तर के संंबंध में एक बड़ी सफलता मिली है. शुक्रवार को सरकार और उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के बीच एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए.  उल्फा के वार्ता समर्थक गुट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में केंद्र और असम सरकार के साथ शांति के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर कहा, मेरे लिए बहुत हर्ष का विषय है कि आज असम के भविष्य के लिए एक सुनहरा दिन है. लंबे समय से असम ने हिंसा को झेला है, पूरे नॉर्थ-ईस्ट ने हिंसा को झेला है, जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने तब से (2014 से) दिल्ली और नॉर्थ-ईस्ट की दूरी कम करने के प्रयास हुए.

मन खोलकर, खुले हृदय से सभी के साथ बातचीत की शुरुआत हुई और उनके (पीएम मोदी) मार्गदर्शन में ही उग्रवाद मुक्त, हिंसा मुक्त और विवाद मुक्त नॉर्थ-ईस्ट की परिकल्पना लेकर गृह मंत्रालय चलता रहा.

उन्होंने कहा, पिछले पांच वर्षों में 9 शांति और सीमा संबंधित समझौते अलग-अलग राज्यों के पूरे नॉर्थ-ईस्ट में हुए हैं. इसके कारण नॉर्थ-ईस्ट के एक बड़े हिस्से में शांति की स्थापना हुई है.

गह मंत्री ने कहा, रिकॉर्ड पर 9 हजार से ज्यादा कैडर ने सरेंडर किया है और 85 प्रतिशत असम में से अफस्पा को हटाया जा रहा है और आज भारत सरकार, असम सरकार और यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम के बीच में जो ट्राई पार्टी समझौता हुआ है, इससे असम के सभी हथियारी ग्रुप की बात को यहीं पर समाप्त करने में हमें सफलता मिली है.

वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, आज असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में असम की शांति प्रक्रिया निरंतर जारी है

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