श्रीलंका के शरणार्थियों का भारत आना..

26.03.2022 – श्रीलंका के शरणार्थियों ने बताया कि उनके अपना देश छोड़ कर भारत आने का कारण  गंभीर आर्थिक संकट है। पर्यटन पर निर्भर श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर पहले ही कोविड के दौरान पर्यटन बंद रहने से मार पड़ी थी। अब देश में विदेशी मुद्रा की भारी कमी हो गई है। साथ ही महंगाई आसमान पर है।

श्रीलंका गहरे आर्थिक संकट में है, ये बात तो अब जग-जाहिर है। लेकिन वहां की हालत अब भारत के लिए चिंता का विषय बनने जा रही है। ऐसी खबर पहली बार आई है कि श्रीलंका में असहनीय हालात से परेशान लोग लोग देश छोड़ कर समुद्र के रास्ते भारत आ रहे हैं। इस हफ्ते खबर आई कि 16 श्रीलंकाई तमिल नावों के जरिए तमिलनाडु के रामेश्वरम पहुंचे। इस बात की पुष्टि रामनाथपुरम के जिला कलेक्टर ने भी की है।

उसके बाद 31 और लोगों के आने की जानकारी सामने आई। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि श्रीलंका के जाफना और मन्नार इलाकों से ये लोग समुद्र के रास्ते दो जत्थों में तमिलनाडु पहुंचे। फिलहाल इन लोगों को समुद्री पुलिस की निगरानी में रखा गया है। इन लोगों के पास उनके पासपोर्ट तक नहीं हैं। मीडिया रिपोर्टों में तमिलनाडु के खुफिया अधिकारियों के हवाले से यह भी बताया गया है कि आने वाले हफ्तों में करीब 2,000 शरणार्थी श्रीलंका से तमिलनाडु आ सकते हैं।

तमिलनाडु सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए क्या तैयारी कर रही है, यह अभी मालूम नहीं हुआ है। शरणार्थियों ने बताया कि उनके अपना देश छोड़ कर भारत आने का कारण श्रीलंका का गंभीर आर्थिक संकट है। पर्यटन पर निर्भर श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर पहले ही कोविड के दौरान पर्यटन बंद रहने से मार पड़ी थी।अब देश में विदेशी मुद्रा की भारी कमी हो गई, जिसकी वजह से सरकार आम जरूरत के सामान के आयात की कीमत नहीं चुका पा रही है।

इस वजह से दवाओं, ईंधन, दूध का पाउडर, रसोई गैस आदि जैसी चीजों की भारी कमी हो गई है। जितना भंडार उपलब्ध है, उसके दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसी खबरें लगातार आती रही हैं कि श्रीलंका में चावल और चीनी के दाम लगभग 300 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। दूध का पाउडर करीब 1600 रुपए किलो बिक रहा है। पेट्रोल पंपों और मिट्टी तेल की दुकानों के बार लंबी लंबी कतारें लग रही हैं, जिनमें लोगों को घंटों खड़े रहना पड़ रहा है।

उन कतारों में खड़े तीन लोगों की मौत की खबर इसी हफ्ते आई थी। हालात इतने गंभीर हैं कि कॉपी की किल्लत के कारण सरकार को स्कूली परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी हैँ। इसलिए और शरणार्थी आएंगे, ये अनुमान लगाया जा सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर कदम उठाने होंगे।

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चिनाब नदी पर बन रहे ऊंचे पुल का निर्माण सितंबर तक पूरा होगा

जम्मू ,26 मार्च (आरएनएस)। चिनाब नदी पर जारी दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का निर्माण इस साल सितंबर में पूरा हो जाएगा। इस बात की जानकारी जम्मू और कशअमीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने दी है। यह पुल कश्मीर को कन्याकुमारी से जोड़ेगा।

इस दौरान उन्होंने क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के जल्दी ही दोगुना होने की उम्मीद जताई है। सिन्हा ने कहा कि केंद्र ने क्षेत्र के विकास, समृद्धि और प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए 2019 से जम्मू और कश्मीर के बजट को दोगुना किया है। जम्मू में आयोजित प्रेस मीट को संबोधित करते हुए जम्मू और कश्मीर को आवंटित हुए 1.12 लाख करोड़ रुपये के वार्षिक बजट के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने क्षेत्र के आर्थिक विकास में तेजी आने की बात कही है।उन्होंने कहा, इस साल सितंबर में चिनाव नदीं पर सबसे ऊंचा रेलवे पुल तैयार हो जाएगा और कन्याकुमारी से जुड़ जाएगा… अगस्त 2019 से क्षेत्र के विकास की रफ्तार दोगुनी हो गई है। उन्होंने बताया कि जम्मू और कश्मीर को आवंटित हुआ बजट को बगैर किसी भेदभाव के 1.30 करोड़ लोगों पर खर्तच किया जाएगा।

उन्होंने कहा, यह बजट लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करेगा।यह पुल 1.315 किमी लंबा होगा और नदी जल स्तर से 359 मीटर ऊंचा होगा। खास बात है कि इसकी लंबाई पेरिस में स्थित एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ज्यादा होगी। इसके निर्माण में 28 हजार 660 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है।

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तेल की कीमतों में रूस-यूक्रेन युद्ध से हुआ इजाफा : गडकरी

नई दिल्ली ,26 मार्च (आरएनएस)। तेल की कीमतों में पिछले चार दिनों में तीन बार की गई बढ़ोतरी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सही ठहराते हुए कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति भारत सरकार के नियंत्रण से बाहर है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने यहां एबीपी नेटवर्क के सम्मेलन आइडियाज ऑफ इंडिया में न्यू इंडिया, न्यू मेनिफेस्टो-सबका साथ, सबका विकास सत्र में यह भी कहा कि, कभी-कभी हिंदुत्व को गलत तरीके से पेश किया जाता है। जब उनसे पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, भारत में 80 प्रतिशत तेल आयात किया जाता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ गई हैं और हम इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते हैं। मंत्री ने कहा कि हम 2004 से भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दे रहे हैं, जिसके साथ हमें स्वदेशी ऊर्जा उत्पादन क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए अपना खुद का ईंधन बनाने की जरूरत है।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में शनिवार को भी 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई, जो पांच दिनों में चौथी वृद्धि है। यह कहते हुए कि उच्चतम न्यायालय ने हिंदुत्व को जीवन का एक तरीका बताया है, गडकरी ने कहा कि धर्म और समुदाय एक-दूसरे से अलग हैं।

उन्होंने कहा, तो कभी-कभी, हिंदुत्व की व्याख्या ईसाई विरोधी और मुस्लिम विरोधी के रूप में की जाती है। पिछले सात वर्षों में केंद्र सरकार की कोई भी योजना किसी के साथ भेदभावपूर्ण वाली नहीं रही है। हमारी योजनाओं में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण नहीं था।

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सहकारिता के रास्ते ग्रामीण भारत में विकास को बढ़ावा

हेमा यादव – 26.03.2022 – सहकारिता वर्ष 1904 में भारत में पहला कानून लागू होने के बाद से भारतीय सहकारी संगठन अब तेज गति के बदलाव के लिए तैयार हैं। सहकारिता के क्षेत्र में नए प्रतिमानों और सहकारी संगठनों के लिए बजटीय आवंटन के साथ अलग से एक सहकारिता मंत्रालय की मौजूदगी के रूप में इसके बदलते स्वरूप के साथ विकास के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में भारत के सहकारिता आंदोलन में एक नए सिरे से रुचि बढ़ी है।

अलग-अलग समय पर, विशेष रूप से नौवीं पंचवर्षीय योजना (1997-2002) तक, बदलाव के साधन के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले सहकारी मॉडल ने भारत की विकास योजना की सफलता में अहम योगदान दिया है। गरीबी उन्मूलन, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, सामाजिक एकीकरण और रोजगार सृजन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के क्रम में इसके अंतर्निहित लाभ हुए हैं।

सहकारी क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, जिसकी ऋण और गैर- ऋण समितियों के विशाल नेटवर्क के माध्यम से ग्रामीण भारत में व्यापक पहुंच है। भारत की कुल 8.5 लाख सहकारी इकाइयों में से, लगभग 20 प्रतिशत (1.77 लाख इकाइयां) ऋण संबंधी सहकारी समितियां हैं

शेष 80 प्रतिशत गैर-ऋण सहकारी समितियां हैं, जोकि लगभग नब्बे प्रतिशत गांवों को कवर करती हुई मत्स्य, डेयरी, उत्पादक, प्रसंस्करण, उपभोक्ता, औद्योगिक, विपणन, पर्यटन, अस्पताल, आवास, परिवहन, श्रम, खेती, सेवा, पशुधन, बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियां आदि जैसी विविध गतिविधियों में शामिल हैं। सदस्यता के संदर्भ में अगर बात करें, तो लगभग दो सौ नब्बे मिलियन किसान सहकारी समितियों में नामांकित हैं।

इनमें से 72 प्रतिशत किसान ऋण संबंधी सहकारी समितियों और 28 प्रतिशत किसान गैर- ऋण संबंधी सहकारी समितियों से जुड़े हैं (एनसीयूआई, 2018)।प्राथमिक कृषि सहकारी ऋण समितियां (पैक्स) देश की अल्पकालिक सहकारी ऋण संरचना (एसटीसीसीएस) से संबंधित निर्माण खंड हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, 31 मार्च 2018 तक कुल 6,39,342 गांवों को कवर करते हुए 13.2 करोड़ सदस्यों के साथ देश में कुल 95,238 पैक्स उपलब्ध थे।

ये समितियां गांवों में किसानों और निम्न-आय वर्ग के लोगों की वित्तीय सहायता करके उनके वित्तीय सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।एक अच्छे नेटवर्क और पैक्स जैसे संस्थानों की जरूरत होने के बावजूद, पैक्स के माध्यम से धीमी गति से सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (आईसीए) का कहना है कि सहकारी समितियां स्वयं सहायता, आत्म-जिम्मेदारी, लोकतंत्र, समानता, हिस्सेदारी और एकजुटता के मूल्यों पर आधारित होती हैं।

अपने संस्थापकों की परंपरा में, सहकारी समितियों के सदस्य ईमानदारी, खुलेपन, सामाजिक जिम्मेदारी और दूसरों की देखभाल जैसे नैतिक मूल्यों में विश्वास करते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि सहकारिता के मूल सिद्धांत से समझौता किए जाने की वजह से वित्तीय और गैर-वित्तीय सेवाओं के वितरण में गिरावट आई है।

ऋण चुकता करने के क्रम में अपर्याप्त धन संबंधी चूक, पेशेवर मानव संसाधनों की कमी और तकनीक के धीमे समावेश के परिणामस्वरूप प्रबंधन संबंधी सूचना की खराब प्रणाली, पारदर्शिता, आंतरिक नियंत्रण प्रणाली में शिथिलता, कदाचार की समस्याएं पैदा हुई है जिसके कारण विकास की प्रक्रिया में रुकावट आई है।

एक बहुउद्देशीय समिति के रूप में पैक्समेहता समिति (1937) ने बढ़ते संकट और असंतोष को दूर करने के लिए सहकारी ऋण समितियों को बहुउद्देश्यीयÓ सहकारी समितियों के रूप में पुनर्गठित करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा, आजादी से पहले के काल में, सर मणिलाल नानावटी की अध्यक्षता वाली कृषि ऋण संगठन समिति ने सहकारी समितियों को एक व्यावहारिक व्यावसायिक इकाई बनाने के लिए कृषि वित्त में राजकीय सहायता और सभी सहकारी ऋण समितियों को बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों में बदलने पर जोर दिया था

इस संबंध में सिफारिश की थी।सहकारिता मंत्रालय ने पैक्स को सिर्फ एक ऋण समिति के बजाय एक ऐसी बहु-धंधी समिति के रूप में प्राथमिकता दी है जोकि ऋण एवं विभिन्न सेवाओं के लिए एकल खिड़की के रूप में कार्य कर सके। पुनरुद्धार की यह प्रक्रिया पैक्स को सेवा संगठनों के रूप में एक नई दिशा देने और कृषि विपणन, बागवानी, खाद्य तेल, उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास, प्राकृतिक खेती आदि से संबंधित कृषि बजट 2022-23 की विभिन्न योजनाओं के साथ एकीकृत करने का भी आह्वान करती है।

खरीद, भंडारण एवं वेयरहाउसिंग, प्रसंस्करण, ग्रामीण एवं कृषि संबंधी लॉजिस्टिक्स के प्रबंधन, बाजार संबंधी परामर्श एवं खुफिया जानकारी आदि जैसी गतिविधियों पर अमल कर पैक्स को बहुउद्देशीय समितियों के रूप में मजबूत किया जाएगा। हालांकि वर्तमान की बाजार एवं प्रौद्योगिकी संचालित अर्थव्यवस्था में सहकारी समितियों के प्रमुख सिद्धांतों के रूप में सदस्यों की आर्थिक भागीदारी और सहकारी समितियों के बीच परस्पर सहयोग की केंद्रीयता बनाए रखने की जरूरत है।

पैक्स का डिजिटलीकरणपैक्स का डिजिटलीकरण प्रौद्योगिकी को अपनाने और व्यावसायिक दृष्टि से व्यवहारिक बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है। केन्द्रीय बजट 2022-23 में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के डिजिटलीकरण के लिए 350 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। सहकारिता मंत्रालय द्वारा 63000 पैक्स को कम्प्यूटरीकृत करने की योजना तैयार की गई है।

पैक्स का डिजिटलीकरण कृषि संबंधी कई पहलों के कार्यान्वयन में सहायता करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को डिजिटल समावेशिता के माध्यम से पारदर्शी तरीके से ऋण, उर्वरक और बीज प्राप्त हों। पैक्स में प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से गुणवत्ता नियंत्रण किया जाना भी बेहद जरूरी है।

सहकारिता के इस डिजिटल ब्रह्मांड में अपेक्षाकृत अधिक प्रभावी और स्थायी रूप से प्रदर्शन करने के लिए पैक्स द्वारा अपनी कार्यप्रणाली में विविधता लाना, नवाचार करना, ज्ञान साझा करने में सहयोग करना और उभरती हुई तकनीक का उपयोग किया जाना बेहद जरूरी है। बिग डेटा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ब्लॉकचेन तकनीक जैसे उद्योग 4.0 के विभिन्न पहलू वितरण संबंधी आपूर्ति श्रृंखला में दक्षता और विश्वास का समावेश करते हैं।

मसालों, मत्स्यपालन, काजू और केसर, जोकि सहकारी समितियों के सदस्यों की अच्छी भागीदारी के साथ उच्च मूल्य वाले और निर्यात-उन्मुखी उत्पाद हैं, की आपूर्ति श्रृंखला में ब्लॉकचेन तकनीक का समावेश करने का यह सही समय है। पैक्स के सदस्यों के निरंतर प्रशिक्षण और कौशल विकास के माध्यम से डिजिटल साक्षरता को बढ़ाना समय की मांग है।

पैक्स के डिजिटलीकरण के क्रम में विभिन्न संस्थानों द्वारा केएपी (ज्ञान, दृष्टिकोण व्यवहार) को अपनाए जाने की जरूरत है जोकि प्रौद्योगिकी को अपनाने के साथ-साथ अपेक्षित परिणाम की दिशा में एक व्यवस्थित दृष्टिकोण का समावेश करेगा।सहकारी समितियों को किया गया बजट आवंटन विकास और समृद्धि के संचालक के रूप में सहकारी समितियों की ओर ध्यान केन्द्रित किए जाने को दर्शाता है।

नवाचारों, उद्यमशीलता और प्रशिक्षण का लाभ उठाते हुए, यह बजटीय आवंटन इस तथ्य को रेखांकित करता है कि कैसे पिरामिड के सबसे निचले हिस्से से विकास को ऊपर की ओर ले जाया जाए और शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कपड़ा, छोटे एवं मध्यम उद्यमों, ऊर्जा, पर्यावरण जैसे क्षेत्रों के साथ निरंतर जुड़ाव और एकीकरण को आगे बढ़ाया जाए। लेखक निदेशक, वैमनिकोम हैं

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जॉन के साथ काम करना बेहद आरामदायक और मजेदार रहा : जैकलीन

जॉन अब्राहम और जैकलीन फर्नांडीज हाउसफुल 2, रेस 2 और ढिशूम के बाद आने वाली फिल्म अटैक में स्क्रीन शेयर करते नजर आएंगे। अभिनेत्री का कहना है कि फिल्म की कहानी बेहद मजबूत है और एक्शन स्टार के साथ फिर से काम करना बेहद आरामदायक और मजेदार रहा।

फिल्म जॉन अब्राहम द्वारा निभाई गई भारत के पहले सुपर सैनिक के बारे में है। फिल्म का निर्देशन लक्ष्य राज आनंद ने किया है।इसमें रकुल प्रीत सिंह भी हैं। अटैक (भाग 1) कोई साधारण एक्शन फिल्म नहीं है, यह एक जटिल नाटक और एक प्रश्न चिह्न् के साथ एक कथा दिखाती है कि भविष्य में भारत आतंकवाद से कैसे निपटता है।

एक बार फिर जॉन के साथ काम करने और केमिस्ट्री के बारे में बात करते हुए, जैकलीन ने कहा कि जॉन के साथ काम करना हमेशा खुशी की बात होती है, मैं वास्तव में फिल्म के लिए दर्शकों की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रही हूं।

यह एक दिलचस्प और बेहद मजबूत कहानी है।अटैक (भाग 1) में प्रकाश राज, रत्ना पाठक शाह भी हैं।फिल्म 1 अप्रैल को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है।

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दसवीं फिल्म का गाना मचा मचा हुआ रिलीज

26.03.2022 – दसवीं फिल्म  का नया गीत मचा मचा रिलीज किया गया। मचा मचा में अभिषेक काफी मसाला मूड में दिखाई दे रहे है। यह गीत पूरी तरह से फिल्म के मनोरंजक वाइब को कैप्चर करता है, जिसमें अभिनेता अपनी सिग्नेचर मूंछों को शाही स्वैग में घुमाते भी दिखाई दे रहे हैं।

फिल्म एक अनपढ़, भ्रष्ट (भ्रष्ट) और बॉम्बबास्टिक नेता (नेता) की कहानी बताती है, जो जेल में कैद रहते हुए शिक्षा के जादू की खोज करता है।जो चीज मचा मचा को और भी मजेदार बनाती है, वह है अनोखे देसी स्वाद वाला फंकी रैप।सचिन-जिगर द्वारा रचित इस गाने के बोल अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखे हैं।मेलो डी के रैप के साथ मीका सिंह, दिव्या कुमार और सचिन-जिगर ने गाने को अपनी आवाज दी है।

जियो स्टूडियोज और दिनेश विजन दसवीं पेश करते हैं।दिनेश विजान और बेक माई केक फिल्म्स द्वारा निर्मित अभिषेक बच्चन, यामी गौतम और निम्रत कौर अभिनीत, तुषार जलोटा द्वारा निर्देशित एक मैडॉक फिल्म्स प्रोडक्शन, 7 अप्रैल से जियो सिनेमा और नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीमिंग होगी। (एजेंसी)

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हिमेश और यूलिया वंतूर का नया गाना डिज़ाइनर लहंगा हुआ रिलीज़

26.03.2022 – हिमेश रेशमिया के म्यूजिक लेबल, हिमेश रेशमिया मेलोडीज ने लॉन्च होने के उपरांत से बहुत ही कम समय में एक के बाद एक 43 सुपरहिट गाने भी दे चुके है। उनके गानों को यूट्यूब पर 2.7 बिलियन से ज्यादा बार देखा भी जा चुका है, उनके अपने चैनल पर 1.3 बिलियन से अधिक बार देखा गया है और उनके 1.4 बिलियन ऑडियो स्ट्रीम हुए हैं जो निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है!

इन एल्बम के सभी गानों को रॉकस्टार हिमेश ने खुद कंपोज किया है और अब, उन्होंने डिजाइनर लहंगा नामक गाने के साथ एक बार फिर अपनी काबिलियत को सबके सामने पेश किया है और यह उनका 44वां गाना होने वाला है, जिसे यूलिया वंतूर ने अपनी आवाज़ से सजाया है।यह गीत एथनिक धुनों के साथ एक क्रियात्मक ट्रैक है और निश्चित रूप से इसे वर्ष का अगला वेडिंग एंथम होने वाला है!

इस ट्रैक का विजुअल और प्यारे बोल आपको अपनी रस्टिक धुन और क्लासिक मेलोडी के साथ प्यार और रोमांस की खूबसूरत यात्रा पर लेकर जाने वाले है। हिमेश ने इससे पहले यूलिया वंतूर के साथ उनके एल्बम आप से मौसिकी के पहले गीत एवरी नाइट एंड डे पर काम किया था जो हिंदी और अंग्रेजी गीतों का फ्यूजन भी कहा जा रहा है।

हिमेश रेशमिया इस बारें में बोला है कि, मुझे बहुत खुशी है कि हमारे पहले 43 गानों को हमारे अपने चैनल पर जबरदस्त व्यूज भी हासिल हो चुके है और रीलों पर भी खूब वायरल होने लगा है। मेरे एल्बम सुरूर 2021 के मेरे गाने तेरे प्यार में के 2.7 मिलियन से अधिक रील बनाने जा चुके है, पूरे यूट्यूब पर 1 बिलियन से अधिक बार देखा गया है और हमारे चैनल हिमेश रेशमिया मेलोडीज़ पर 307 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है। अपने खुद के लेबल पर अपनी रचनाओं के लिए इतने सारे कलाकारों के साथ काम करने का अनुभव बेहद ही शानदार है और नवीनतम गीत डिज़ाइनर लहंगा के साथ मैं यूलिया के साथ एक बार फिर से काम करके बहुत खुश हूं।

यह ट्रैक एक बहुत ही अनकंवेंशनल सॉन्ग है और फिर भी इसमें एक क्लासिक राग है और मुझे पूरा भरोसा है कि जल्द ही यह एक ब्राइडल गीत बनने वाले है। (एजेंसी )

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बैंक निजीकरण व नई पेंशन नीति के विरोध में चार दिन बंद रहेंगे

कानपुर ,25 मार्च (आरएनएस)। बैंक निजीकरण और नई पेंशन नीति का विरोध कर रहे बैंक चार दिन बंद रहेंगे। इसमें दो दिन शनिवार और रविवार की छुट्टी रहेगी और इसके बाद सोमवार व मंगलवार को बैंकों में हड़ताल रहेगी। हालांकि इस दौरान स्टेट बैंक की शाखाओं में काम होता रहेगा। इसके साथ ही इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखाएं भी खुली रहेंगी।

निजीकरण का बैंक कर्मचारी पहले से विरोध कर रहे हैं। अब राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने के बाद बैंक कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन की भी मांग की है। बैंक कर्मचारी आउटसोर्सिंग बंदकर कर्मचारियों को नियमित करने की मांग तो कर ही रहे हैं। इसके साथ ही ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क न लेने की बात भी उन्होंने उठाई हैं। इन्हीं मांगों को लेकर 28 व 29 मार्च को बैंकों में हड़ताल रखी जा रही है।

यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन के मंत्री रजनीश गुप्ता के मुताबिक इस हड़ताल में स्टेट बैंक की यूनियन शामिल नहीं है। इसलिए स्टेट बैंक की शाखाएं खुली रहेंगी। इसके साथ ही इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखाओं में भी अन्य यूनियन हैं जिसकी वजह से उसकी शाखाएं खुली रहेंगी। इनके अलावा अन्य बैंकों की शाखाएं बंद रहेंगी। शहर में पांच सौ करीब बैंक शाखाएं हैं जिनमें से करीब चार सौ शाखाओं में कार्य प्रभावित होगा।

चौथे शनिवार और रविवार की बंदी के बाद सोमवार व मंगलवार हड़ताल का बैंकों पर प्रभाव पड़ेगा। हालांकि बैंक अधिकारी इस प्रयास में हैं कि हड़ताल में जो कर्मचारी यूनियन शामिल नहीं हैं, उनके सदस्यों के जरिए शाखाओं में कार्य कराया जा सके।

हालांकि यह बहुत ही मुश्किल है क्योंकि उनकी संख्या बहुत ही कम है और बैंक शाखा को संचालित करने लायक संख्या ज्यादातर शाखाओं में नहीं है।

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योगी ने दूसरी बार सीएम पद का शपथ लेकर पूरे देश मे रचा इतिहास

योगी मंत्रिमंडल मे महिलाओं को विशेष तरजीह

पुराने चेहरों के साथ ही नये विधायक मंत्री बनाये गये

लखनऊ ,25 मार्च (आरएनएस)। योगी आदित्यनाथ ने तीन दशकों के बाद लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर योगी आदित्यनाथ ने इतिहास रचने मे कामयाब रहे। उनके ताजपोशी का गवाह शुक्रवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत 50 हजार से अधिक मेहमान बनें।

शपथ ग्रहण समारोह कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में 25 मार्च को शाम चार बजे से शुरू हुआ। कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए भाजपा और प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी। कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा कई केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।

राजधानी समेत प्रदेश के जिले भी सजाए-संवारे गये-

राजधानी लखनऊ को इस खास मौके के लिये विशेष रूप से सजाया संवारा गया है। प्रदेश के जिले भी इस मिशन मे पीछे नही रहे। तिरंगे की रोशनी से सजे चौक चौराहे, दुकानों पर भगवा रंग से लहराते झंडे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के बड़े बड़े कटआउट, फूलों से सजे मंदिर भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार की तस्कीद करते दिखाई दे रहे हैं।

इसके अलावा अयोध्?या, वाराणसी, मथुरा समेत अन्य जिलों में भी यही नजारा दिख रहा है। लखनऊ के सभी मंदिरों में शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। वहीं व्?यापार मंडल ने भी शपथ के बाद मिष्ठान वितरण का दयित्व निभाया।

1985 में कांग्रेस ने कर दिखाया था यह कारनामा-

सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इससे पहले 1985 में कांग्रेस ने यह कारनामा कर दिखाया था जब 1980 के बाद प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार दोबारा आई थी। योगी आदित्यनाथ के अलावा कई अन्य नवनिर्वाचित विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे।

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की प्रबल संभावना है जबकि पहले कार्यकाल में मंत्री रहे कुछ नेताओं को पार्टी संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है हालांकि इसकी तस्वीर कल शपथग्रहण समारोह के बाद साफ हो सकेगी।

शपथ ग्रहण समारोह में इन्हें किया गया था आमंत्रित-

प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रामनाईक, भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) की अध्यक्ष एवं केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष के अलावा मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती,कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष जयंत चौधरी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को न्योता भेजा गया है।

इसके अलावा 11 राज्यों के मुख्यमंत्री और पांच राज्यों के उपमुख्यमंत्री इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिये आयोजन स्थल पर मौजूद रहें।

इनमे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, हरियाणा के सीएम मोहन लाल खट्टर, अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, मणिपुर के मुख्यमंत्री एम बिरेन सिंह, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, त्रिपुरा के सीएम बप्लिव कुमार देब, गोवा के मुख्यमंत्री डा प्रमोद सांवत,

असम के सीएम हम्मित बस्विा शर्मा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और गुजरात के सीएम भूपेन्द्र पटेल शामिल हैं। इसके अलावा बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद एवं रेणु देवी समेत अरूणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और नगालैंड के उप मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल की शोभा बढायेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में टाटा ग्रुप के एन चन्द्रशेकरन, अम्बानी ग्रुप के मुकेश अम्बानी, आदित्य बिरला ग्रुप के कुमार मंगलम बिरला, अडानी ग्रुप के गौतम अडानी, मह्द्रिरा ग्रुप के आन्नद महिंद्रा जैसे बड़े उद्योगपति के अलावा कश्मीर फाइल्स की पूरी टीम के साथ बालीवुड अभिनेता अक्षय कुमार, कंगना राणावत समेत कई जानेमाने चेहरे भी शपथ ग्रहण समारोह में आकर्षण का केन्द्र बनें।

आकर्षण का केन्द्र बना कार्यक्रम स्थल-

स्टेडियम के मुख्य प्रवेश द्वार के दोनों तरफ 200-200 मीटर का क्षेत्र नरेंद्र मोदी, जेपी नड्ढा, राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ की होर्डिंग्स से पट गया है। अमौसी एयरपोर्ट से स्टेडियम तक 150 वर्टिकल गार्डन व स्टेडियम के आसपास चार हजार गमलों की व्यवस्था की गई है। मुख्य प्रवेश द्वार के बाएं तरफ मोदी की एक साथ मीन होर्डिंग्स को लगाया गया है।

पहली होर्डिंग्स में मोदी ग्रे कलर की सदरी, दूसरी में बंद गले के सूट एवं तीसरी में भगवा कुर्ता पहने शपथ ग्रहण समारोह में आने वाले लोगों की अभिवादन की मुद्रा में थे।

शपथ को लेकर सोशल मीडिया पर मोदी योगी के साथ कई आर्कषक हैशटैग चल रहे हैं। जिसमें आ गए महाराज जी छा गए महाराज जी, यूपी में फिर से भाजपा सरकार, योगी मय हुआ यूपी, योगी ही उपयोगी, जय भाजपा आ गई भाजपा जैसे हेशटैग वहीं योगी जी आए हैं, जो राम को लाए हैं, बाबा का बुलडोजर जैसे गीत लोगों में और भी उत्?साह भर रहे हैं।

योगी मंत्रिमंडल मे महिलाओं को विशेष तरजीह दिया गया है। इसके अलावा कई पुराने चेहरों के साथ ही नये विधायक मंत्री बनाये गये है।
योगी मंत्रिमंडल में इन विधायकों को बनाया गया राज्यमंत्री-

मयंकेश्वर सिंह,दिनेश खटीक, संजीव गोंड, बलदेव सिंह ओलख, अजीत पाल, जसवंत सैनी, रामकेश निषाद, मनोहर लाल मन्नू कोरी, संजय गंगवार, बृजेश सिंह, के पी मलिक, सुरेश राही, सोमेंद्र तोमर, अनूप प्रधान वाल्मीकि, प्रतिभा शुक्ला, राकेश राठौर गुरु, रजनी तिवारी, सतीश शर्मा, दानिश आजाद अंसारी, विजय लक्ष्मी गौतम।

योगी सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

नितिन अग्रवाल -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कपिल देव अग्रवाल -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), रवींद्र जायसवाल -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), संदीप सिंह -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), गुलाब देवी -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), गिरीश चंद्र यादव -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), धर्मवीर प्रजापति -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), असीम अरुण -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), जेपीएस राठौर -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), दयाशंकर सिंह -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), नरेंद्र कश्यप -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), दिनेश प्रताप सिंह -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), अरुण कुमार सक्सेना -राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), दयाशंकर मिश्र दयालु-राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)।

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योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार ली सीएम पद की शपथ

नई दिल्ली ,25 मार्च (आरएनएस)। योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. पूर्ण बहुमत से जीतने पर भी सरकार के गठन में दो हफ्ते का समय लगा और मंत्रियों के नामों को देखकर यह बात साफ हो गई कि आखिर इसमें इतनी देर क्यों हो रही थी.

लखनऊ के इकाना स्टेडियम, जिसका नाम अब अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम हो गया है, में गुरुवार को योगी आदित्यनाथ ने दो उप मुख्यमंत्रियों समेत 52 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. दस मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार योगी आदित्यनाथ की सरकार में दो डिप्टी सीएम होंगे या नहीं और होंगे तो कौन होंगे?

इन सब कयासों पर से आज पर्दा उठ गया. केशव प्रसाद मौर्य को विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद दोबारा उप मुख्यमंत्री बनाया गया जबकि पिछले उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा को हटाकर उनकी जगह ब्रजेश पाठक को उप मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है. ब्रजेश पाठक लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं और पिछली योगी सरकार में कानून मंत्री रहे हैं.

सहयोगी दलों को भी कैबिनेट में जगह योगी मंत्रिमंडल में पीएमओ में कार्यरत रहे पूर्व आइएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को भी जगह दी गई है जबकि बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल एस के विधायक आशीष पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने वाली बेबी रानी मौर्य को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.

पिछली बार उप मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर दिनेश शर्मा के साथ ही श्रीकांत शर्मा, सतीश महाना, रमापति शास्त्री, जयप्रताप सिंह, सिद्धार्थनाथ सिंह और आशुतोष टंडन जैसे कई हाईप्रोफाइल नेताओं को इस बार योगी कैबिनेट में जगह नहीं मिल सकी है. सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम पिछली योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा का है जो मथुरा से लगातार दूसरी बार एक लाख से भी ज्यादा मतों से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.

पांच साल सत्ता में रहने के बाद भी कैसे जीत गई बीजेपी योगी सरकार में फिलहाल 18 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और बीस राज्यमंत्री बनाए गए हैं. मंत्रिपरिषद में जातीय समीकरणों को खास तवज्जो दी गई है और मंत्रियों के नाम देखकर यह भी साफ पता चल रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा इसमें केंद्रीय नेतृत्व की पसंद को भी खासा महत्व मिला है.

केंद्रीय नेतृत्व की पसंद का भी ध्यान विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया जाना और अरविंद कुमार शर्मा को कैबिनेट में शामिल करना इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं. अरविंद कुमार शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खास पसंद होने के बावजूद योगी आदित्यनाथ ने पिछली बार उन्हें अपनी कैबिनेट में जगह नहीं दी, यहां तक कि राज्यमंत्री भी नहीं बनाया था.

इस बार उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के पीछे यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर एक बार फिर उन्हें कैबिनेट में शामिल करने का दबाव था जिसे वो इनकार नहीं कर सके.

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योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी से उल्लासित है मथुरापुरी

मथुरा ,25 मार्च (आरएनएस)। योगी आदित्यनाथ के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की खुशियां मथुरापुरी में भी खूब मनाई जा रही हैं। लोग एक दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं। बधाई संदेश भेज रहे हैं। मंदिरों में पूजा अर्चना के कार्यक्रम भी चल रहे हैं। हर ओर उत्साह और उल्लास का वातावरण बना हुआ है।

पुण्य तीर्थ विश्राम पर योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने से पूर्व विश्व मंगल की कामना के साथ विभिन्न हिंदू संगठनों के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने दुग्धाभिषेक किया। यमुना पूजन किया और मिठाई बांटी।

राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित भाजपा सरकार को जनता द्वारा पुन: पूर्ण बहुमत के साथ उत्तर प्रदेश में स्थापित करने की खुशी में एवं राष्ट्र ऋषि के रूप में ख्याति प्राप्त गौरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दोवारा शपथग्रहण करने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को मथुरापुरी बृजमंडल के पुण्य तीर्थ विश्राम घाट पर विभिन्न हिंदू संगठनों के वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने मां श्री यमुना महारानी जी का दुग्धाभिषेक कर पूर्ण वैदिक परम्परा के साथ वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य पूजन करते हुए। विश्व मंगल की कामना एवं राष्ट्र समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए यमुना महारानी व गिरिराज महाराज योगी आदित्यनाथ को शक्ति प्रदान करें ऐसी कामना की। शुक्रवार को जनमानस में पुण्य तीर्थ पर अपार उत्साह दिखाई दिया। सनातन धर्म के जय घोषों एवं जय श्री राम के जयकारों सेे पुण्य तीर्थ यमुना तट विश्राम घाट गुंजायमान हो उठा।

इस अवसर पर श्री दीर्घ विष्णु मंदिर के महंत कान्तानाथ चतुर्वेदी, संस्कृत भारती के महानगर संयोजक विभाग संयोजक आचार्य ब्रजेन्द्र नागर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर सह कार्यवाह विजय बंटा, वरिष्ठ भाजपा नेता डा.डी एन.गौतम, कार्यक्रम संयोजक पार्षद रामदास चतुर्वेदी, भाजपा नेता, योगेंद्र नाथ चतुर्वेदी, योगेश उपाध्याय आवा, पार्षद मीरा मित्तल, रामकृष्ण चतुर्वेदी एडवोकेट, दीपेन्द्र चतुर्वेदी, अजय गोयल, मुरलीधर चतुर्वेदी, विष्णु दास अग्रवाल, शरद दत्त चतुर्वेदी, राधेश्याम चतुर्वेदी, आचार्य देवदत्त, सुनील चतुर्वेदी, हरस्वरुप यादव, हरीश अग्रवाल, अशोक गुप्ता, अखिलेश गौतम, सचिन अग्रवाल, सरदार राजेंद्र सिंह होरा, अमित चैबे, कृष्णा चतुर्वेदी, विनोद तिवारी,रसिक बिहारी, ईश्वर चंद्र भारद्वाज, राधावल्लभ शास्त्री, बृजेन्द्र नाथ चतुर्वेदी श्यामू, संजीव चतुर्वेदी, अनुराग चतुर्वेदी, मनीष चतुर्वेदी, सौनू पंडित, अभिषेक चतुर्वेदी आदि भारी संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने मिष्ठान वितरण किया।

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आलिया भट्ट हॉलीवुड में गैल गैडोट के साथ फिल्म करने को तैयार

25.03.2022 – आलिया भट्ट के बारें काफी समय से खबरें हैं कि अब बॉलीवुड के बाद हॉलीवुड में भी अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं। वह खुद भी कई बार हॉलीवुड फिल्मों में काम करने को लेकर अपनी दिलचस्पी जाहिर कर चुकी हैं। अब आखिरकार आलिया अपने पहली विदेशी फिल्म के लिए तैयार हैं।

उनकी इस फिल्म को लेकर कुछ जानकारियां सामने आई हैं। खास बात यह है कि इसमें वह हॉलीवुड एक्ट्रेस गैल गडोट के साथ दिखाई देंगी।फिल्म समीक्षक और ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्विटर पर लिखा, आलिया, गैल गैडोट और जैमी डोर्नन के साथ फिल्म हार्ट ऑफ स्टोन में दिखेंगी। यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी।

आलिया अपना ग्लोबल डेब्यू करने जा रही हैं। आलिया ने भी अपने हॉलीवुड डेब्यू की जानकारी सोशल मीडिया पर दी है। हार्ट ऑफ स्टोन की कहानी से जुड़ी फिलहाल कोई जानकारी दी नहीं गई है। नेटफ्लिक्स ने जनवरी में इस फिल्म के राइट्स लिए हैं। गैल गैडोट एक इजराइली अभिनेत्री, मॉडल और निर्माता हैं।

वह फास्ट एंड फ्यूरियस से लेकर जस्टिस लीग जैसी कई सफल फिल्मों का हिस्सा रही हैं, लेकिन वंडर वुमन बनकर वह दुनियाभर में मशहूर हो गईं। इस फिल्म से उन्होंने अपनी एक खास पहचान बनाई है।प्रियंका चोपड़ा बॉलीवुड के बाद हॉलीवुड में भी अपना जलवा बिखेर रही हैं। उन्होंने शो चंटिको से अपने हॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी।

दीपिका हॉलीवुड स्टार विन डीजल के साथ ट्रिपल एक्स: जेंडर के साथ हॉलीवुड में कदम रखा था। ऐश्वर्या ब्राइड एंड प्रेजुडिस, प्रोवोक्ड, द पिंक पैंथर 2 और द मिस्ट्रेस ऑफ स्पाइसेस में दिख चुकी हैं। शबाना आजमी ने मैडम सौसत्जका और सिटी ऑफ जॉय में काम किया। तबू नेमसेक और लाइफ ऑफ पाई में दिखी थीं।

आलिया के हॉलीवुड डेब्यू की जानकारी उनकी फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की रिलीज के कुछ हफ्तों बाद आई है। दुनियाभर में यह फिल्म 100 करोड़ से ज्यादा का बिजनेस कर चुकी है। फिल्म ने पहले ही हफ्ते में दुनियाभर में 100 करोड़ के क्लब में अपनी जगह बना ली थी। भंसाली प्रोडक्शन ने खुद फिल्म के 100 करोड़ के क्लब में शामिल होने की जानकारी दी थी।

इस फिल्म में गंगूबाई बनीं आलिया के अभिनय की काफी तारीफ हो रही है। आलिया फिल्म आरआरआर से साउथ इंडस्ट्री में कदम रखने वाली हैं। उन्हें निर्देशक अयान मुखर्जी की फिल्म ब्रह्मास्त्र में रणबीर कपूर के साथ देखा जाएगा। आलिया करण जौहर की फिल्म तख्त में भी एक अहम भूमिका निभाएंगी।

वह शाहरुख खान के होम प्रोडक्शन में बन रही फिल्म डार्लिंग्स का हिस्सा हैं। इससे पहले दोनों डियर जिंदगी में साथ काम कर चुके हैं। करण जौहर की रोमांटिक फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में भी आलिया अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगी।

सलमान इसी साल फैंस को देंगे कभी ईद कभी दिवाली का तोहफा

25.03.2022 – सलमान खान पिछले काफी समय से फिल्म कभी ईद कभी दिवाली को लेकर सुर्खियों में हैं। आए दिन उनकी इस फिल्म से जुड़ी नई-नई जानकारी सामने आ रही है। फिल्म की घोषणा जब से हुई है, तभी से दर्शक इसमें सलमान का अवतार देखने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

अब निर्माता साजिद नाडियाडवाला ने फिल्म की नई रिलीज डेट का ऐलान कर दिया है। आइए जानते हैं पर्दे पर कब आएगी कभी ईद कभी दिवाली। सलमान खान की फिल्म कभी ईद कभी दिवाली अगले साल ईद पर सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली थी, लेकिन अब सलमान जल्द ही अपने प्रशंसकों को इस फिल्म का तोहफा देने वाले हैं।

उनकी इस फिल्म के लिए अब दर्शकों को अगले साल तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि यह इसी साल के अंत में रिलीज होगी। फिल्म के निर्माता साजिद नाडियाडवाला ने सोशल मीडिया पर घोषणा कर दी है कि फिल्म 30 दिसंबर, 2022 को रिलीज होगी। यूं तो सलमान ईद पर अपनी फिल्म के रूप में फैंस को ईदी देते हैं।

फैंस भी खुशी-खुशी उनकी ईदी को स्वीकार करते हैं, लेकिन इस बार वह ईद पर नहीं, बल्कि नए साल के आसपास प्रशंसकों के बीच हाजिर होने वाले हैं। नाडियाडवाला के प्रोडक्शन हाउस ने ट्वीट किया, कभी ईद, कभी दिवाली का जश्न नए साल पर सलमान खान और साजिद नडियाडवाला के साथ। प्रोडक्शन हाउस ने साजिद-सलमान की एक तस्वीर पोस्ट कर यह जानकारी दी है।

2009 में ईद पर सलमान की पहली फिल्म वॉन्टेड रिलीज हुई थी। उसके बाद से सिर्फ 2013 को छोड़कर हर साल ईद पर उनकी एक नई फिल्म आई। दबंग, बॉडीगार्ड, एक था टाइगर, किक, बजरंगी भाईजान, सुल्तान और भारत इसी फेहरिस्त में शामिल हैं। कभी ईद कभी दिवाली का विषय सलमान और साजिद के दिल के काफी करीब है।

कहानी खुद साजिद की है। वह सलमान के साथ कॉमेडी, ड्रामा, इमोशन, एक्शन और सोशल मैसेज को फिल्म की कहानी के जरिए दर्शकों के सामने लाने के लिए उत्साहित हैं। कोरोना महामारी के चलते फिल्म की शूटिंग में देरी हुई थी और अब फिर इस पर काम शुरू हो गया है। इसमें पूजा हेगड़े, सलमान की जोड़ीदार बनी हैं।

फरहाद सामजी फिल्म के निर्देशक हैं। सलमान सुपरहिट तमिल फिल्म मास्टर के हिंदी रीमेक में नजर आएंगे। टाइगर 3 में भी वह अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे। फिल्म में उनकी जोड़ी कैटरीना कैफ के साथ ही बनी है और इसमें सलमान एक बार फिर धमाकेदार एक्शन करते दिखेंगे। वह शाहरुख खान की फिल्म पठान का भी हिस्सा हैं।

हालांकि, इसमें उनकी मेहमान भूमिका है। सलमान दबंग 4 में भी नजर आएंगे। इसके अलावा वह बजरंगी भाईजान के सीच्ल पवनपुत्र भाईजान में भी काम कर रहे हैं। (एजेंसी)

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द कश्मीर फाइल्स ने 200 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया

25.03.2022 – द कश्मीर फाइल्स ने पिछले दो सप्ताह से बॉक्स ऑफिस पर सुनामी ला रही विवेक अग्निहोत्री की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 13वें दिन 200 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया। बुधवार को इस फिल्म ने 10.03 करोड़ का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की।

इस आंकड़े के साथ ही इस फिल्म ने कोविड’9 के दौर में प्रदर्शित हुई अक्षय कुमार की सूर्यवंशी के लाइफ टाइम कारोबार को पीछे छोडऩे में सफलता प्राप्त कर ली। आने वाले दिनों में उम्मीद है कि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक नया इतिहास रचेगी। फिल्म की लगातार बढ़ती कमाई निर्माताओं कि झोली भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

आने वाले दिनों में भी सभी की निगाहें फिल्म की कमाई पर टिकी रहेंगी। हालांकि आज बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म की स्क्रीन्स संख्या में जबरदस्त कटौती होगी, क्योंकि आज देश भर में एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर का प्रदर्शन होने जा रहा है। इस फिल्म को लेकर दर्शकों में भारी उत्साह है।अनुपम खेर और मिथुन चक्रवर्ती स्टारर फिल्म द कश्मीर फाइल्स की कमाई में सोमवार के दिन 50 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी।

इसके बाद भी फिल्म ने सोमवार के दिन 12.40 करोड़ रुपये कमाए थे। फिल्म ने मंगलवार के दिन 10.25 करोड़ का कारोबार किया था। वहीं फिल्म के बुधवार के आंकड़े भी चौंकाने रहे। बीते दिन फिल्म 10.03 करोड़ रुपये कमाने में कामयाब रही। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 13 दिनों के अंदर 200.13 करोड़ रुपये कमा लिए हैं।ट्रेड एक्सपट्र्स के मुताबिक पहले तीसरे वीकेंड तक खत्म होते-होते 250 करोड़ के क्लब में शामिल हो जाएगी।

इस फिल्म के प्रदर्शन के एक सप्ताह बाद अक्षय कुमार की बच्चन पांडे प्रदर्शित हुई थी लेकिन द कश्मीर फाइल्स के सामने वह पानी भी न मांग सकी। 150 करोड़ की लागत में बनी बच्चन पांडे ने एक सप्ताह में सिर्फ 50 करोड़ का कारोबार किया, जबकि अपने दूसरे सप्ताह 18 से 24 मार्च के दौरान कश्मीर फाइल्स ने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की।

अपने दूसरे सप्ताह के शुक्रवार को इस फिल्म ने 19.15 करोड़, शनिवार को 24.80 करोड़, रविवार को 26.20 करोड़, सोमवार को 12.40 करोड़, मंगलवार को 10.25 करोड़, बुधवार को 10.03 करोड़ का कारोबार करते हुए छह दिन में कुल मिला कर 102.83 करोड़ रुपये एकत्रित किए।हालांकि अक्षय कुमार स्टारर द कश्मीर फाइल्स के आगे पानी मांग गई।

फिल्म से लोगों को काफी उम्मीदें थीं लेकिन इसकी कमाई ने निर्माताओं को काफी निराश किया। रिपोट्र्स में यह भी सामने आया है कि हिंदी बेल्ट पर द कश्मीर फाइल्स से एसएस राजामौली की आरआरआर भी प्रभावित हो सकती है।

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राजकुमार राव की नेटफ्लिक्स की पहली वेब सीरीज की पहली झलक

25.03.2022 – राजकुमार राव अपनी बेहतरी परफॉरमेंस से दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो गएं है। आने वाले समय में वे कई फिल्मों में नजर आने वाले है। इसी बीच कल उनकी एक नई वेब सीरीज का ऐलान किया गया है जो कि नेटफ्लिक्स के साथ उनकी पहली सीरीज होने वाली है।

इस सीरीज का नाम गन्स एंड गुलाब्स है, जिससे अभिनेता का फर्स्ट लुक भी रिवील कर दिया गया है। इस सीरीज में राजकुमार राव 90 दशक के लुक में नजर आएंगे। राजकुमार ने सीरीज का ऐलान करते हुए और अपने फर्स्ट लुक को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर जारी करते हुए लिखा, मेरी पहली नेटफ्लिक्स सीरीज गन्स और गुलाब्स’के फर्स्ट लुक को शेयर करते हुए बेहद रोमांचित हूं। तैयार हो जाइए क्योंकि मैं 90 के दशक के अवतार में नजर आऊंगा।

क्राइम, लव और धमाकेदार पंचलाइन से भरपूर एक रोमांचक साहसिक सीरीज के लिए तैयार रहिए। राज एंड डीके की ये सीरीज जल्द आ रही है।राजकुमार के फर्स्ट लुक की बात करें तो इसमें वे लंबे बालों में क्रीम कलर की शर्ट और नेवी ब्लू कलर की जैकेट पहने हाथ में कैंपा की बॉटल लिए नजर आ रहे हैं।

राजकुमार के इस लुक की जमकर प्रशंसा की जा रहीं हैं। वहीं दर्शकों को भी अब इस सीरीज का बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि सीरीज को राज और डीके डायरेक्ट कर रहे हैं।

मालूम हो कि राजकुमार राव और डायरेक्टर राज और डीके दूसरी बार साथ काम कर रहे हैं। इससे पहले दोनों स्त्री’ में साथ काम कर चुके हैं, जिसे बॉक्स ऑफिस पर बहुत ही धमाकेदार प्रतिक्रिया मिली थी। (एजेंसी)

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अनघा अरविंद भोसले ने छोड़ी फिल्म और टीवी इंडस्ट्री

25.03.2022 – अनघा अरविंद भोसले जो टीवी जगत के चर्चित सीरियल अनुपमा सीरियल में नंदिनी का किरदार अदा की थी.उसने  शो छोड़ते ही टीवी जगत को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है।

अनघा के इस फैसले के पश्चात् प्रशंसक सदमे में है तथा निरंतर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। इस बीच अनघा अरविंद ने अपने प्रशंसकों के लिए एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है।वही अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम पर अनघा ने लिखा- हरे कृष्णा फैमिली। मुझे पता है कि आप लोग मेरे प्रति दयालु हैं तथा शो छोडऩे के बाद कंनर्स शो कर रहे हैं।

आप सभी का इसके लिए शुक्रिया। यदि आप नहीं जानते हैं तो मैं आपको बता दूं कि मैंने आधिकारिक तौर पर फिल्म और टेलीविजन जगत को छोड़ दिया है। अनघा ने पोस्ट में आगे लिखा- मैं आप सभी से ये आशा करती हूं कि आप लोग मेरे इस फैसले का सम्मान एवं समर्थन करेंगे। मैंने ये फैसला धर्म के मार्ग पर चलने के लिए लिया है।

मुझे पता है कि आप लोग अपने कर्म को करते रहेंगे। मुझे पता है कि आप लोग उन सब हालातों एवं लोगों से दूर रहेंगे जो भगवान कृष्ण से आपको दूर रखने का प्रयास करेंगे।

अनघा का ये पोस्ट सोशल मीडिया पर रफ़्तार से वायरल हो रहा है। इस पोस्ट के बाद प्रशंसक निरंतर कमेंट कर रहे हैं तथा अनघा के इस फैसले का समर्थन भी कर रहे। (एजेंसी)

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उर्फी जावेद ने रेड रिवीलिंग ड्रेस में हाई किया टेम्प्रेचर

25.03.2022 – उर्फी जावेद ने अपने नए लुक से इस बार सच में तहलका मचा दिया है। उर्फी नए लुक में रेड कलर की फ्रंट ओपन कटआउट ड्रेस में नजर आ रही हैं। उनकी ड्रेस के फ्रंट पर हार्ट शेप बना है।

उर्फी की ड्रेस इतनी सिजलिंग है कि ड्रेस का डिजाइन देखकर लोगों के होश उड़ रहे हैं। एक्ट्रेस ने रेड कलर की सिजलिंग ड्रेस के साथ न्यूड मेकअप किया है। न्यूड लिपस्टिक के साथ मस्कारा, ब्लशर और हाईलाइटर के साथ अपने मेकअप को ग्लैम टच दिया है। रेड ड्रेस संग उर्फी ने रेड कलर की हाई हील्स कैरी की हैं।

बालों को एक्ट्रेस ने स्लीक लुक दिया है।रेड फ्रंट ओपन कटआउट ड्रेस में उर्फी जावेद की फोटोज और वीडियोज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छाए हुए हैं। लोग एक्ट्रेस का बोल्ड लुक देखकर इंप्रेस हो रहे और एक्ट्रेस के फैशन सेंस की भी तारीफ कर रहे हैं।उर्फी जावेद सोशल मीडिया सेंसेशन हैं। कोई दिन ऐसा नहीं है जब उर्फी लाइमलाइट में ना नजर आएं।

हर दिन उर्फी फैंस के सामने हाजिर होती हैं और हर दिन उनका लुक पहले से एकदम जुदा होता है। उनकी यही बात तो फैंस के बीच एक्साइटमेंट पैदा करती है। (एजेंसी)

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दिव्यांका त्रिपाठी ने किया अपनी पहली फिल्म का ऐलान

25.03.2022 – दिव्यांका त्रिपाठी छोटे पर्दे पर किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उनकी लोकप्रियता प्रशंसकों के सिर चढ़कर बोलती है। सोशल मीडिया पर भी दिव्यांका की तगड़ी फैन फॉलोइंग है और अपने प्रशंसकों को खुश करने के लिए वह उनसे चिट-चैट भी करती रहती हैं। अब जो खबर आ रही है, उससे दिव्यांका के प्रशंसक खुशी से झूम उठेंगे।

दरअसल, उन्होंने पहली फिल्म की घोषणा कर दी है।दिव्यांका ने इंस्टाग्राम पर अपनी पहली फिल्म का ऐलान कर दिया है। उनकी इस फिल्म का नाम है जीना अभी बाकी है। उन्होंने फिल्म का पहला पोस्टर साझा करते हुए लिखा, यह फिल्म बस कुछ महिलाओं की कहानी भर नहीं है। ये एक अलग ही कॉन्सेप्ट दर्शकों के बीच लेकर आने वाली है। दिव्यांका ने यह भी बताया कि यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म बिगबैंग पर रिलीज होगी।

उनकी फिल्म का यह पोस्टर फैंस को बेहद पसंद आ रहा है। यह एक महिला केंद्रित फिल्म है, जिसमें दिव्यांका के अलावा कुछ और अभिनेत्रियां भी काम कर रही हैं, जो इसके पोस्टर में दिख रही हैं। फिल्म में अनुप्रिया गोयनका, मधुरिमा तुली, प्रिया मलिक और राशा किरमानी भी अहम भूमिका में हैं। दिव्यांका के पति विवेक दहिया भी इसका हिस्सा हैं।

ये हैं मोहब्बतें के बाद विवेक और दिव्यांका की जोड़ी फिर दिखने वाली है। पोस्टर में सितारों का पेंटेंड वर्जन दिखाया गया है, जो अलग-अलग दिशाओं में देख रहे हैं। इस फिल्म का निर्देशन वरुण प्रभुदयाल गुप्ता करने वाले हैं और वरुण ने ही इस फिल्म की कहानी लिखी है। फिल्म जीना अभी बाकी है को बॉलीवुड के लोकप्रिय निर्देशक इम्तियाज अली पेश करने वाले हैं, वहीं इसके संगीत की जिम्मेदारी सोनू निगम को सौंपी गई है।

दिव्यांका ने कैप्शन में उनके प्रति भी आभार व्यक्त किया है। दिव्यांका को फैंस उनकी फिल्म के लिए बधाई दे रहे हैं। वे इसकी रिलीज डेट और कहानी जानने को बेहद उत्सुक हैं। दिव्यांका ने एकता कपूर की वेब सीरीज कोल्ड लस्सी और चिकन मसाला से डिजिटल जगत में पहले ही कदम रख लिया था।

प्रदीप सरकार के निर्देशन में बनी यह सीरीज 3 सितंबर, 2019 में रिलीज हुई थी। इसमें दिव्यांका एक शेफ की भूमिका में थीं। टेलीविजन जगत की कई अभिनेत्रियों ने कड़ी मेहनत के बाद सफलता हासिल की है और आज वो टेलीविजन का एक बड़ा नाम है। इन्हीं में एक हैं दिव्यांका त्रिपाठी, जिन्होंने अपने दम पर अपनी पहचान बनाई है।

2006 में बनूं मैं तेरी दुल्हन से दिव्यांका ने अभिनय की दुनिया में कदम रखा, लेकिन वह एकता कपूर के धारावाहिक ये हैं मोहब्बतें में इशिता बनकर सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुईं। दिव्यांका डांस शो नच बलिए 8 की विनर भी रह चुकी हैं।

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गर्मियों में हो जाती है डिहाइड्रेशन की समस्या बचने के लिए..

25.03.2022 – गर्मियों के मौसम में डिहाइड्रेशन की समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है। यह तब होता है जब हमारा शरीर तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स को बनाए रखने में असमर्थ होता है।

इसके कारण ना सिर्फ किडनी, गुर्दे व शरीर के अन्य अंगों को नुकसान पहुंचता है बल्कि यह चक्कर आना, कमजोरी का कारण भी बन सकता है। वैसे तो डिहाइड्रेशन से बचने के लिए हर किसी को रोजाना 3 लीटर पानी पीना चाहिए लेकिन आप डाइट में कुछ फूड्स लेकर भी बॉडी को हाइड्रेट कर सकते हैं।

इन फूड्स से करें बॉडी को हाइड्रेट…केलाकेले का सेवन दिन में एक या दो बार किया जा सकता है क्योंकि ये निर्जलीकरण के दौरान खोए हुए पोटेशियम को वापस पाने में मदद करता है।छाछ1 कप छाछ में सोंठ मिलाकर दिन में कम से कम 3 से 4 बार इसका सेवन करें। इससे ना सिर्फ बॉडी हाइड्रेट रहेगी बल्कि आप बीमारियों से भी बचे रहेंगे।

नारियल पानीदिन में 1 नारियल पानी का सेवन भी बॉडी को हाइड्रेट करता है। वहीं, इसमें सोडियम और पोटैशियम होता है, जो आपको सेहतमंद रखने में फायदेमंद है।दहीदही डिहाइड्रेशन के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है। दिन में एक बार इसका सेवन शरीर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।फल और सब्जियांबॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए अपनी डाइट में पानी से भरपूर फूड्स शामिल करें।

इसके लिए आप संतरा, पालक, सलाद पत्ता, पपीता, खीरा खा सकते हैं।तरबूजगर्मियों में खाए जाने वाले तरबूज में 99त्न पानी होता है। आप इसका जूस निकालकर पी सकते हैं। इसके अलावा तरबूज की स्मूदी, फ्रूट सलाद भी गर्मियों के लिए परफेक्ट ऑप्शन है।आइसबर्ग लेट्यूसइसमें 95 प्रतिशत पानी होता है और गर्मियों के सलाद के लिए एक अच्छा हाइड्रेटिंग बेस होता है। इसमें फाइबर, विटामिन के और फोलेट भी भरपूर मात्रा में होता है। (एजेंसी)

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व्यायाम हर रोज करना,स्वास्थ्य के लिए कितना जरूरी है

25.03.2022 -व्यायाम के हम सभी जानते हैं  कि बहुत सारे लाभ हैं, जिन्हें किसी के समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माना जाता है। यह याददाश्त में सुधार करता है, बीमारियों से बचाता है और तनाव को कम करता है। वास्तव में, विशेषज्ञों के अनुसार, यह कई प्रकार की बीमारियों का मूल समाधान है।

हालांकि लोग अच्छी शारीरिक फिटनेस बनाए रखने के लिए व्यायाम के लाभों से परिचित हैं, लेकिन कई लोग यौन स्वास्थ्य के लिए इसके महत्व से अवगत हैं।शरीर के वजन को प्रबंधित करने के अलावा, व्यायाम स्वस्थ रक्त प्रवाह को बनाए रखता है, भावनात्मक स्वास्थ्य को मजबूत करता है, और नियमित व्यायाम यौन-बढ़ाने वाले मानसिक और शारीरिक लाभों की एक श्रृंखला प्रदान करता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के एक नए अध्ययन से पता चला है कि 43त्न महिलाओं और 31त्न पुरुषों को मोटापे और व्यायाम की कमी के कारण यौन रोग का सामना करना पड़ा।इसलिए, नियमित व्यायाम में योगदान देकर कई सकारात्मक सेक्स संबंधी लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।

तो, यहां कुछ पहलू दिए गए हैं जिनमें दैनिक व्यायाम आपके यौन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।रक्त परिसंचरण को बढ़ावा दें : व्यायाम के दौरान दिल की धड़कन तेज हो जाती है और पूरे शरीर में रक्त संचार बेहतर हो जाता है। यह आपको रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल आदि को कम करने में मदद करता है। नतीजतन, यौन अंगों में स्वस्थ रक्त प्रवाह द्वारा एक व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य में सुधार होता है, जो संभोग यौन अनुभव को बढ़ाता है।

शरीर की छवि में सुधार : यौन रूप से सक्रिय होना अक्सर एक सकारात्मक शरीर की छवि को निर्देशित कर सकता है जो एक महान कारक हो सकता है क्योंकि कथित आकर्षण की भावनाएं यौन संतुष्टि से संबंधित होती हैं। व्यायाम करने से आप अपने वांछित शरीर के आकार में होंगे, जिसके परिणामस्वरूप आप और आपके साथी में एक मजबूत सेक्स ड्राइव होगी।

तनाव को कम करें :हम जानते हैं कि शारीरिक गतिविधि एंडोर्फिन का उत्पादन करती है जिसे हैप्पी हार्मोन भी कहा जाता है। ये दर्द को रोकने और आनंद को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए, यदि आप अधिक खुश हैं, तो यह आपकी सेक्स ड्राइव को प्रभावित करेगा।

संक्षेप में कहें तो तनाव से निपटने के दौरान व्यायाम से आपकी सेक्स लाइफ भी बेहतर होगी।यौन रोग को कम करें.नियमित रूप से व्यायाम करने से पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन रोग को कम किया जा सकता है। बेहतर हृदय स्वास्थ्य, सहनशक्ति और लंबी उम्र आपको और आपके साथी को अत्यधिक संतुष्टि दे सकती है। (एजेंसी)

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 भगत सिंह ने इस भारत की कल्पना नहीं की थी : कांग्रेस

नईदिल्ली,23 मार्च (आरएनएस)। भगत सिंह को शहीद दिवस के मौके पर कांग्रेस ने उन्हें याद कहा उन्होंने आज के भारत की ऐसी कल्पना नहीं की थी कि अंधभक्ति और धार्मिक उन्माद ही सर्वोपरि हो।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें याद कर ट्वीट कर कहा, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु वो विचार हैं, जो सदा अमर रहेंगे। जब-जब अन्याय के खिलाफ कोई आवाज उठेगी, उस आवाज में इन शहीदों का अक्स होगा। जिस दिल में देश के लिए मर-मिटने का जज्बा होगा, उस दिल में इन तीन वीरों का नाम होगा।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, शहीद भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव की शहादत एक ऐसी व्यवस्था के सपने के लिए थी। जो बंटवारे नहीं, बराबरी पर आधारित हो

जिसमें सत्ता के अहंकार को नहीं, नागरिकों के अधिकार को तरजीह मिले व सब मिलजुलकर देश के भविष्य का निर्माण करें आइए साथ मिलकर इन विचारों को मजबूत करें।
वहीं कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने ब्लॉग में लिखा कि शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को समर्पित –

भगत सिंह ने अपने अंतिम संदेश में कहा था, भारत में संघर्ष तब तक चलता रहेगा जब तक मु_ी भर शोषक अपने लाभ के लिए आम जनता के श्रम का शोषण करते रहेंगे। इसका कोई खास महत्व नहीं कि शोषक अंग्रेज पूंजीपति हैं या अंग्रेज और भारतीयों का गठबंधन है या पूरी तरह भारतीय हैं।

भगतसिंह एक विचार था जो शोषण, भेदभाव तथा मानसिक गुलामी के खिलाफ था। उनके जहन में एक ऐसी व्यवस्था की स्थापना का स्वप्न था जहां एक व्यक्ति दुसरे का शोषण न कर पाए। जहां वैचारिक स्वतंत्रता हो तथा मानसिक गुलामी का कोई स्थान न हो। इंसान को इंसान समझा जाए। भेदभाव का कोई स्थान न हो। जहां इंसान को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी हो।

उन्होंने ब्लॉग में लिखा, यह हमारा दुर्भाग्य है कि हमने आज भगतसिंह को मात्र एक ब्रांड बना दिया है तथा उनकी सोच को नकार दिया है। अगर ऐसा नहीं होता तो वैचारिक भिन्नता देशद्रोह नहीं होती, किसानों-मजदूरों को पूंजीपतियों के हवाले करने की साजिश नहीं रची जाती। धार्मिक विचार चुनाव का मुद्दा न होता। मात्र जाति जीत का आधार न होती। नेता चुनते हुए हम उसकी नीति व काबलियत देखते, न कि उसकी जाति और धर्म। अपनी जात बता लोगों की वोट माँगने की किसी नेता कीं हिम्मत न होती, न ही पार्टी की।

भगत सिंह के भारत में यह कल्पना नहीं की जा सकती कि महँगाई, बेरोजगारी, शोषण, असमानता, भेदभाव चाहे कितनी भी बढ़े; असुरक्षा और नफरत के काले बादल चाहे कितने भी गहरा जाएँ; संसद और संस्थाएँ चाहें पंगु हो जाएँ; सविंधान चाहे धीरे धीरे एक जीवंत वस्तु की बजाय एक किताब बन जाए; अंधभक्ति और धार्मिक उन्माद ही सर्वोपरि हो।

यह बड़े अफसोस का विषय है कि जिस भगतसिंह ने भेदभाव व धर्म-जात के बँटवारे के खिलाफ एक क्रांति का आह्वान किया था, उसी भेदभाव आधारित व्यवस्था को मजबूत करने वाले नेता अपने को भगतसिंह की विचारधारा का असली वारिस घोषित करके जनता को बरगला रहे हैं।

पश्चिम बंगाल हिंसा : नादिया में तृणमूल नेता को गोलियों से भूना

कोलकाता ,24 मार्च (आरएनएस)। पश्चिम बंगाल हिंसा का दौर बढ़ता ही जा रहा है। अब बीरभूम जिले में हुई 10 लोगों की हत्या का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा है और अब नादिया में एक टीएमसी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना बीती देर रात हुई। मृतक का नाम सहदेव मंडल बताया गया है। वह नादिया जिले में टीएमसी के स्थानीय कार्यकर्ता थे। सहदेव की पत्नी अनीमा मंडल बगुला की पंचायत सदस्य है। उधर, हुगली के तारकेश्वर में तृणमूल कांग्रेस की महिला पार्षद को कार से रौंदने की कोशिश की गई।

नादिया में सहदेव मंडल बीती रात लहूलुहान अवस्था में सड़क पर पड़े मिले। लोगों ने उन्हें बगुला के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। हालत बिगडऩे पर उन्हें कृष्णानगर अस्पताल ले जाया गया, जहां ने दम तोड़ दिया। तारकेश्वर में महिला पार्षद रूपा सरकार को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पश्चिम बंगाल में पिछले महीने नगर निकायों के चुनाव हुए थे। इसके बाद से लगातार राजनीतिक हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं।

बीरभूम में भी हिंसा की शुरुआत टीएमसी के एक पंचायत नेता की हत्या से ही हुई थी। इसलिए आशंका जताई जा रही है कि बीरभूम के रामपुरहाट जैसी हिंसा कहीं नादिया में न हो जाए। रामपुरहाट में भादू शेख की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 21 मार्च को पूरे जिले में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 10 लोगों को जिंदा जला दिया गया है। इनके घरों को आग लगा दी गई थी। बड़ी संख्या में लोग घायल भी हैं।

बीरभूम हिंसा के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। वहां बुधवार को मामले की सुनवाई हुई। उधर सीएम ममता बनर्जी ने इस हिंसा को लेकर घिरने पर यूपी, राजस्थान, मप्र जैसे राज्यों में भी ऐसी हिंसा होने की आड़ लेकर बचने की कोशिश की।

बंगाल सरकार ने बीरभूम हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल बनाया है। इसका प्रमुख एडीजी सीआईडी ज्ञानवंत सिंह को बनाया गया है। बीरभूम हिंसा मामले में अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

रामपुरहाट हिंसा मामले पर कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश खंडपीठ ने गुरुवार दोपहर 2 बजे तक राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। हाई कोर्ट ने जिला जज की मौजूदगी में सीसीटीवी कैमरे लगाने और घटनास्थल की चौबीसों घंटे निगरानी करने का भी निर्देश दिया है।

हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सीएफएसएल दिल्ली टीम को मौके से तुरंत जांच के लिए साक्ष्य एकत्र करे।

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श्रीलंका की नौसेना ने 16 भारतीय मछुआरों को किया गिरफ्तार

रामेश्वरम ,24 मार्च (आरएनएस)। श्रीलंका की नौसेना ने अपनी समुद्री सीमा के कथित उल्लंघन के आरोप में बृहस्पतिवार को 16 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सभी मछुआरे तमिलनाडु के रहने वाले हैं।

तमिलनाडु के मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मछुआरों की यह गिरफ्तारियां दो अलग-अलग घटनाओं में हुई हैं। इसके अलावा श्रीलंकाई नौसेना ने मछुआरों की दो मशीनीकृत नौकाओं को भी जब्त कर लिया है।

अधिकारियों ने कहा कि 12 मछुआरों को कच्चातीवू के पास मछली पकड़ते समय गिरफ्तार किया गया जबकि बाकी मछुआरों को मन्नार की खाड़ी से पकड़ा गया। गौरतलब है कि श्रीलंकाई नौसेना ने फरवरी में अलग-अलग घटनाओं में तमिलनाडु के कई मछुआरों को गिरफ्तार किया था।

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यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडियेट की परीक्षायें शुरू

लखनऊ ,24 मार्च (आरएनएस)। (यूपी बोर्ड) उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुये कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच गुरूवार को शुरू हो गयी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि परीक्षा दो पालियों में यानी सुबह आठ बजे से 11.15 बजे और दोपहर दो बजे से सवा पांच बजे के बीच करायी जा रही है। इस साल हाईस्कूल की परीक्षा में 27 लाख 81 हजार 654 और इंटरमीडिएट में 24 लाख 11 हजार 35 परीक्षार्थी पंजीकृत हुये है। इस प्रकार कुल मिलाकर 51 लाख 90 हजार से अधिक परीक्षार्थी इस साल परीक्षा में शामिल हो रहे है। परीक्षाएं 12 अप्रैल तक चलेंगी। हाईस्कूल की परीक्षा 12 कार्यदिवसों में संपन्न होगी जबकि इंटरमीडियेट की परीक्षा के लिये यह मियाद 15 कार्यदिवस की होगी। वर्ष 2021 में कोविड संक्रमण के कारण बोर्ड की परीक्षाएं नहीं कराई गई थी, सभी परीक्षार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया था।
उन्होने बताया कि नकलविहीन परीक्षा के लिये सभी जरूरी इंतजाम किये गये है। परीक्षा केन्द्रों पर हर कमरे में सीसीटीवी कैमरा और वायस रिकार्डर लगाये जाने का प्राविधान किया गया है। सभी जिला मुख्यालयों में नियंत्रण कक्ष बनाये गये है जो राज्य मुख्यालय के संपर्क में रहेंगे। इसके अलावा सचल दस्ते परीक्षा केन्द्रों पर भ्रमण करते रहेंगे। नकल माफियाओं पर निगाहबानी करने के लिये पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स सक्रिय है वहीं नकल कराने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है।

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