जिस तरह भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में तीन जगह कांग्रेस को उलझाया

कांग्रेस हिम्मत नहीं जुटा सकी. जिस तरह भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में तीन जगह कांग्रेस को उलझाया है वैसे ही अगर कांग्रेस हिम्मत करती तो वह भी कुछ जगह भाजपा को उलझा सकती थी। बिहार और झारखंड में कांग्रेस अगर अतिरिक्त उम्मीदवार देती या किसी निर्दलीय को उतार कर समर्थन देती तो भाजपा मुश्किल में फंसती।

झारखंड में भाजपा के कुल 26 विधायक हैं, जिनमें से एक की तबियत खराब है और वे हैदराबाद के अस्पताल में भर्ती हैं। उनका वोट डालना मुश्किल लग रहा है। दूसरे विधायक बाबूलाल मरांडी की सदस्यता खतरे में है और स्पीकर कभी भी उन्हें अयोग्य कर सकते हैं। राज्य में एक सीट जीतने के लिए 27 वोट की जरूरत है। जेएमएम के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को 50 विधायकों का समर्थन है। वहां कांग्रेस चाहती तो पेंच फंसा सकती थी।
इसी तरह बिहार में भाजपा के 77 विधायक हैं और उसे दो सीटें जीतने के लिए 82 वोट चाहिए। अगर जदयू अपने चार वोट उसे दे तब भी एक वोट कम पड़ेगा। दूसरी ओर कांग्रेस, राजद, लेफ्ट और एमआईएम के एक 116 विधायक हैं। राजद के दो उम्मीदवार जीतने के बाद विपक्ष के पास 34 वोट बचेंगे।

जदयू और भाजपा के रिश्ते को देखते हुए और मांझी की नाराजगी को देखते हुए अगर कांग्रेस ने पहल की होती और किसी निर्दलीय को उतारा होता तो वहां भी पेंच फंस सकता था।

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रेत-समाधि : बधाई लेकिन ?

वेद प्रताप वैदिक – गीताजंलि श्री के उपन्यास ‘रेत-समाधि’ के अंग्रेजी अनुवाद ‘टूम्ब ऑफ सेन्ड’ को बुकर सम्मान मिलने पर हिंदी जगत का गदगद होना स्वाभाविक है। मेरी भी बधाई। मूल अंग्रेजी में लिखे गए कुछ भारतीय उपन्यासों को पहले भी यह सम्मान मिला है। लेकिन किसी भी भारतीय भाषा के उपन्यास को मिलने वाला यह पहला सम्मान है। लगभग 50 लाख रु. की यह सम्मान राशि उसकी लेखिका और अनुवादिका डेजी रॉकवेल के बीच आधी-आधी बटेगी। इतनी बड़ी राशिवाला कोई सम्मान भारत में तो नहीं है। इसलिए भी इसका महत्व काफी है।

वैसे हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में इतने उत्कृष्ट उपन्यास लिखे जाते रहे हैं कि वे दुनिया की किसी भी भाषा की कृतियों से कम नहीं हैं लेकिन उनका अनुवाद अपनी भाषाओं में ही नहीं होता तो विदेशी भाषाओं में कैसे होगा? भारतीय भाषाओं में कुल मिलाकर जितनी रचनाएं प्रकाशित होती हैं, उतनी दुनिया के किसी भी देश की भाषा में नहीं होतीं। इसीलिए पहले तो भारत में एक राष्ट्रीय अनुवाद अकादमी स्थापित की जानी चाहिए, जिसका काम भारतीय भाषाओं के श्रेष्ठ ग्रंथों का सिर्फ आपसी अनुवाद प्रकाशित करना हो।

इस तरह के कुछ उल्लेखनीय अनुवाद-कार्य साहित्य अकादमी, ज्ञानपीठ और कुछ प्रादेशिक संस्थाएं करती जरुर हैं। उस अकादमी का दूसरा बड़ा काम विदेशी भाषाओं की श्रेष्ठ कृतियों को भारतीय भाषाओं में और भारतीय भाषाओं की रचनाओं का विदेशी भाषाओं में अनुवाद करना हो। यह कार्य भारत की सांस्कृतिक एकता को सुदृढ़ बनाने में सहायक तो होगा ही, विश्व भर की संस्कृतियों से भारत का परिचय बढ़ाने में भी यह अपनी भूमिका अदा करेगा। अभी तो हम सिर्फ अंग्रेजी से हिंदी और हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद पर सीमित हैं, जो कि गलत नहीं है लेकिन यह हमारी गुलाम मनोवृत्ति का प्रतिफल है।

आज भी हम भारतीयों को पता ही नहीं है कि रूस, चीन, फ्रांस, जापान, ईरान, अरब देशों और लातीनी अमेरिका में साहित्यिक और बौद्धिक क्षेत्रों में कौन-कौन से नए आयाम खुल रहे हैं। अंग्रेजी की गुलामी का यह दुष्परिणाम तो है ही, इसके अलावा यह भी है कि अंग्रेजी में छपे साधारण लेखों और पुस्तकों को हम जरुरत से ज्यादा महत्व दे देते हैं।

हमारे लिए बुकर सम्मान और नोबेल प्राइज़ हमारे भारत रत्न और ज्ञानपीठ पुरस्कार से भी अधिक सम्मानित और चर्चित हो जाते हैं। गीताजंलि का उपन्यास ‘रेत-समाधि’ भारत-पाक विभाजन की विभीषिका और उससे जुड़ी एक हिंदू और मुसलमान की अमर प्रेम-कथा पर केंद्रित है। वह भारत के अत्यंत प्रतिष्ठित प्रकाशन गृह राजकमल ने छापा है तो वह उत्कृष्ट कोटि का तो होगा ही लेकिन सारे देश का ध्यान उस पर अब इसलिए जाएगा कि उसे हमारे पूर्व स्वामियों और पूर्व गुरुजन (अंग्रेजों) ने मान्यता दी है।

भारत अपनी इस बौद्धिक दासता से मुक्त हो जाए तो उसे पता चलेगा कि उसने जैसे दार्शनिक, विचारक, राजनीतिक चिंतक, साहित्यकार और पत्रकार पैदा किए हैं, वैसे दुनिया के अन्य देशों में मिलने दुर्लभ हैं।

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आज का राशिफल

मेष: आपका विनम्र स्वभाव सराहा जाएगा। कई लोग आपकी ख़ासी तारीफ़ कर सकते हैं। फ़ौरी तौर पर मज़े लेने की अपनी प्रवृत्ति पर क़ाबू रखें और मनोरंजन पर ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्च करने से बचें। मुमकिन है कि आप अपने घर में या उसके आस-पास आज कुछ बड़े बदलाव करें।

वृष: काम का बोझ आज कुछ तनाव और खीज की वजह बन सकता है। अतिरिक्त धन को रिअल एस्टेट में निवेश किया जा सकता है। शाम को दोस्तों के साथ घूमें-फिरें, क्योंकि यह आपके लिए इस वक़्त बहुत ज़रूरी है। प्रेम के दृष्टिकोण से उत्तम दिन है।

मिथुन: अपने जीवन-साथी के साथ पारिवारिक समस्याओं को साझा करें। एक-दूसरे को फिर से भली-भांति जानने के लिए थोड़ा और वक्त एक-दूसरे के साथ बिताएं और ख़ुद की स्नेही जोड़े की छवि को मज़बूत करें।

कर्क: मुमकिन है कि आपको किसी अंग मे दर्द या तनाव से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़े। व्यापाार में मुनाफा आज कई व्यापारियों के चेहरे पर खुशी ला सकता है। आम परिचितों से व्यक्तिगत बातों को बांटने से बचें, जिनकी सगाई हो चुकी है, वे अपने मंगेतर से बहुत-सी ख़ुशियां पाएंगे।

सिंह: खेलों और आउटडोर गतिविधियों में भागीदारी आपकी खोयी ऊर्जा को फिर से इक_ा करने में आपकी मदद करेगी। कोई पुराना मित्र आज आपसे आर्थिक मदद मांग सकता है और यदि आप उसकी आर्थिक मदद करते हैं तो आपके आर्थिक हालात थोड़े तंग हो सकते हैं।

कन्या: अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें, जो आध्यात्मिक जीवन के लिए आवश्यक है। मस्तिष्क जीवन का द्वार है, क्योंकि अच्छा-बुरा सब-कुछ इसी के माध्यम से आता है। यही जि़ंदगी की समस्याएं दूर करने में सहायक सिद्ध होता है और सही सोच से इनसान को आलोकित करता है।

तुला: स्वयं को शांत बनाए रखें, क्योंकि आज आपको ऐसी कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है, जिनके चलते आप काफ़ी मुश्किल में पड़ सकते हैं। ख़ास तौर पर अपने ग़ुस्से पर क़ाबू रखें, क्योंकि यह और कुछ नहीं बल्कि थोड़ी देर पागलपन है।

वृश्चिक: अपने जीवनसाथी के मामले में ग़ैर-ज़रूरी टांग अड़ाने से बचें। अपने काम-से-काम रखना बेहतर रहेगा। कम-से-कम दख़ल दें, नहीं तो इससे निर्भरता बढ़ सकती है। अचानक नए स्रोतों से धन मिलेगा, जो आपके दिन को ख़ुशनुमा बना देगा।

धनु: आज आप ऊर्जा से लबरेज़ होंगे। आप जो भी करेंगे उसे आप उससे आधे वक्त में ही कर देंगे, जितना वक्त आप अक्सर लेते हैं। जीवनसाथी से पैसों से जुड़े किसी मुद्दे को लेकर आज बहस होने की आशंका है। आज आपकी फिजुलखर्ची पर आपका साथी आपको लेक्चर दे सकता है।

मकर: अगर लोग परेशानियों के साथ आपके पास आएं तो उन्हें नजऱअंदाज़ करें और उन्हें अपनी मानसिक शांति भंग न करने दें। ख़ुशी के लिए नए संबंध की प्रतीक्षा करें। दिन की शुरुआत से अंत तक आप ख़ुद को ऊर्जा से लबरेज़ महसूस करेंगे। खाली वक्त में कोई पुस्तक पढ़ सकते हैं। हालांकि आपके घर के बाकी सदस्य आपकी एकाग्रता को भंग कर सकते हैं।

कुंभ: रचनात्मक शौक़ आज आपको सुक़ून का एहसास कराएंगे। धन का आगमन आज आपको कई आर्थिक परेशानियों से दूर कर सकता है। नवयुवकों को स्कूल प्रोजेक्ट की बाबत कुछ राय लेने की ज़रूरत हो सकती है। व्यक्तिगत मार्गदर्शन आपके रिश्ते में सुधार लाएगा।

मीन: प्रभावशाली लोगों का सहयोग आपके उत्साह को दोगुना कर देगा। आर्थिक तौर पर बेहतरी के चलते आपके लिए ज़रूरी चीज़ें खऱीदना आसान होगा। घर का कुछ समय से टलता आ रहा काम-काज आपका थोड़ा वक्त ले सकता है।

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हिचकी का मतलब याद आना नहीं, ये होती है असल वजह, ऐसे लगाएं इस पर ब्रेक…

02.06.2022 – हमारे जब कभी हिचकी आती है तो बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि कोई याद कर रहा है। हालांकि इसका असल कारण कुछ और होता है। दरअसल हमारे शरीर में डायाफ्राम नामक मांसपेशी हृदय और फेफड़े को पेट से अलग करती है। ब्रीदिंग यानी श्वसन में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जब इसमें कॉन्ट्रैक्शन अर्थात संकुचन होता है तब हमारे फेफड़ों में हवा के लिए जगह बनती है।

जब डायफ्राम मांसपेशी का संकुचन अचानक बार-बार होने लगता है तो हमें हिचकी आने लगती है। हिचकी के समय जो आवाज़ आती है वह ग्लोटिस (वोकल कॉर्ड्स के बीच की ओपनिंग, जिसे कंठद्वार कहा जाता है) के जल्दी-जल्दी बंद होने के चलते आती है।क्यों आती है हिचकी?वैसे तो हिचकी आने का एग्ज़ैक्ट कारण बता पाना संभव नहीं है,

पर इसके कुछ आम कारण हैं :—-

ज़रूरत से ज़्यादा खाना खा लेना। बहुत ज़्यादा तीखा या मसालेदार खाना या जल्दबाज़ी में खाना।

– अल्कोहल या एरेटेड ड्रिंक्स पीना। स्मोकिंग करना।

– तनाव, घबराहट, अतिउत्साह आदि के चलते भी कभी

-कभी हिचकी आने लगती है।

– हवा के तापमान में अचानक बदलाव आने से हिचकी का दौर शुरू हो सकता है।कैसे मिले हिचकी से राहत?वैसे तो हिचकी कुछ देर बाद अपने आप ठीक हो जाती है, पर यदि ज़्यादा समय तक यह बनी रहे तो राहत के लिए ये घरेलू नुस्ख़े कारगर साबित होते रहे हैं।

– ठंडा पानी पिएं या आइसक्यूब्स मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसें।- दालचीनी का एक टुकड़ा मुंह में डालकर कुछ देर चूसने से हिचकी में राहत मिलती है।

– गहरी सांस लें, जितनी देर हो सके सांस रोकें। यह प्रक्रिया दोहराएं आराम मिल जाएगा।- पेपरबैग में मुंह डालकर सांस लें, सांस छोड़ें। इससे श्वसन की प्रक्रिया को नॉर्मल होने में मदद मिलती है।

– लहसुन, प्याज़ या गाजर का रस सुंघाने से आराम पहुंचता है।- काली मिर्च को पीसकर बारीक़ चूर्ण बना लें। दो ग्राम चूर्ण को शहद के साथ खाएं।- जीभ के नीचे शक्कर या चॉकलेट रखकर धीरे-धीरे चूसें।

– ज़मीन पर लेट जाएं। घुटनों को अपने सीने की ओर खींचें। ऐसा करने से कभी-कभी डायाफ्राम की गड़बड़ी दुरुस्त हो जाती है।- 20 ग्राम नींबू के रस में 6 ग्राम शहद और थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर चाटने से हिचकियां बंद हो जाती हैं।यदि घरेलू उपायों से न रुके हिचकी तो क्या करें? वैसे तो कभी-कभी हिचकी लगातार 48 घंटे तक आपको परेशान कर सकती है, पर यदि ऐसा बार-बार हो तो समझ जाइए कि डॉक्टर से सलाह लेने का वक़्त आ गया है। घरेलू उपाय काम नहीं करने वाले।

लगातार आने वाली हिचकी अस्थमा, निमोनिया जैसे सांसों से संबंधित बीमारियों का संकेत हो सकती है। कई बार हृदय संबंधी गड़बड़ी भी हिचकी का कारण बनती है। पेट की सूजन, गैस होना, हाइटस हार्निया से भी हिचकी की समस्या शुरू हो जाती है। मेटाबॉलिक गड़बड़ी का संकेत भी हिचकी से मिलता है। डॉक्टर की सलाह लेना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि कई बार लगातार हिचकी आने से नींद में बाधा उत्पन्न होती है। लगातार आने वाली हिचकी वजऩ कम होने से लेकर डिप्रेशन तक का कारण बन सकती है।

डॉक्टर पेट, सीने, सिर और गले की जांच करने के साथ-साथ डायबिटीज़ लेवल की जांच कराने को कह सकते हैं। किडनी और लिवर फ़ंक्शन टेस्ट, ईसीजी जैसी जांच कराने की सलाह दे सकते हैं। (एजेंसी)

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गर्मियों में शहतूत खाने से महिलाओं की ये समस्याएं होंगी दूर, रोजाना करें सेवन

02.06.2022 – शहतूत गर्मियों के मौसम में पाया जाने वाला फल है जो स्वाद में खट्टा मीठा होता हैं , आपको बता दे इसका सेवन करने से सेहत को कई सारे फायदे होते हैं. सबसे पहले शहतूत की खेती चीन में हुई थी लेकिन अब दुनिया भर में इसकी खेती होती है. ये कई रंगों में पाया जाता है जैसे काला , नीला या लाल. शहतूत सिर्फ खाने में ही स्वादिष्ट नहीं होता बल्कि बेहद पौष्टिक भी होता है इसमें अच्छी मात्रा में विटामिन , पोटेशियम, आयरन , कैल्शियम आदि पाए जाते है जो शरीर के लिए लाभकारी है.

लेकिन यह फल महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि शहतूत खाने से महिलाओं को क्या फायदा होता है.शहतूत खाने से महिलाओं को फायदेआयरन से भरपूर अक्सर महिलाओं में आयरन की कमी होती है.ऐसे में उन्हें एनेमिया की शिकायत रहती है, ज्यादातर ये समस्या उन्हे प्रेगनेंसी के दौरान या उसके बाद होती है ऐसे में शहतूत का सेवन करना लाभकारी रहेगा क्योंकि इसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है साथ ही में इसमें विटामिन भी पाया जाता है जो एनीमिया को कम करता है.

हड्डीयों के लिए कारगरमहिलाओं में 30 की उम्र के बाद कैल्शियम की कमी हो जाती है ऐसे में शहतूत फायदेमंद होता है ये हड्डियो और जोड़ों के दर्द को दूर करने में मदद करता है. ये कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन का अच्छा सोर्स है जो हड्डियों और मांसपेशियों की दर्द को ठीक करता है और काफी कारगर होता है.

वजन घटाने में कारगरकाफी महिलाएं अपने वजन को लेकर कॉन्शियस रहती है ऐसे में वे अपने हेल्थ को लेकर है कुछ न कुछ करती रहतीं हैं जैसे एक्सरसाइज करना , डाइटिंग करना आदि जिससे उनका वेट लॉस हो पाए.

ऐसे में शहतूत काफी फायदेमंद रहता है ये वजन कम करने में बेहद कारगर है. इसमें फाइबर अधिक मात्रा में होती है जिससे वजन कम होता हैं और यही फाइबर होने की वजह से इसके सेवन के बाद लंबे समय तक भूख के लिए क्रेविंग नहीं होती है. (एजेंसी)

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नागरिक उड्डयन के क्षितिज पर नई सुबह,जब भारत की पहली……

02.06.2022 – ज्योतिरादित्य सिंधिया – नागरिक उड्डयन के क्षितिज पर नई सुबह. जब भारत की पहली व्यावसायिक उड़ान ने 1911 में इलाहाबाद के भीतर उड़ान भरी, तो दुनिया को भारत जैसे कीमत के मामले में संवेदनशील और उभरते बाजार में उड्डयन के इस क्षेत्र में किसी उल्लेखनीय विकास की उम्मीद कम ही थी। हालांकि, समय के साथ, भारत के उभरते मध्यम वर्ग ने परिवहन के इस साधन को अपनाया और इसी क्रम में बड़े पैमाने पर किफायत की वजह से किराये में गिरावट आई। कुल मिलाकर, वर्ष 2016 तक की भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र के विकास की यही कहानी है।
वर्ष 2016 में, इस क्षेत्र में एक आमूल बदलाव हुआ। हवाई अड्डों के दरवाजे पहली बार उड़ान भरने वालों, जिनमें से ज्यादातर हवाई चप्पल पहनने वाले यानी भारत की गरीब से लेकर निम्न मध्यम वर्ग की आबादी, के लिए खोल दिए गए। निश्चित रूप से, यह रूझान केवल शहरों में रहने वालों तक ही सीमित नहीं था। दरभंगा, झारसुगुड़ा और किशनगढ़, जिनका पहले भारत के विमानन मानचित्र पर नामोनिशान तक नहीं था, जैसी जगहों पर छोटे-छोटे हवाई अड्डे शुरू हो गए। दरभंगा और झारसुगुड़ा, दोनों हवाई अड्डों ने पिछले एक साल में क्रमश: 5.75 लाख और 2.4 लाख यात्रियों की सेवा की है।
यह वो बदलाव है जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी के गतिशील नेतृत्व ने नीति निर्माण की समेकित दृष्टिकोण के तहत की है और जिसने वाकई समाज के सबसे निचले तबके के लोगों को लाभान्वित किया है। 2016 में उड़ान योजना के माध्यम से हवाई यात्रा के लोकतंत्रीकरण की शुरुआत और हालिया हेली-नीति नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में इस सरकार की अब तक की दो सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक रही है। पिछले आठ वर्षों में (70 वर्षों में 74 हवाई अड्डों की तुलना में) भारत के पहले वाटर एयरोड्रोम सहित 67 से अधिक हवाई अड्डों के साथ, 9 मिलियन से अधिक यात्रियों ने उड़ान योजना के तहत विभिन्न उड़ानों के माध्यम से 419 उन नए मार्गों पर यात्रा की है, जो 2014 तक नागरिक उड्डयन के दायरे से बाहर थे।
इस लोकतंत्रीकरण का मतलब किसी भी तरह से एयरलाइन उद्योग के विकास के साथ कोई समझौता करना नहीं था। घरेलू यात्रा करने वाले यात्रियों की वार्षिक संख्या 2013-14 में 60 मिलियन से बढ़कर 2019-20 में 141 मिलियन तक पहुंच गई और 2023-24 तक इस संख्या के 400 मिलियन तक पहुंच जाने की उम्मीद है। उच्च लागत और अति-नियमन से बुरी तरह प्रभावित इस क्षेत्र में एक समय कंपनियों के लिए न सिर्फ प्रवेश करना कठिन बन गया था बल्कि प्रवेश करने के बाद इसमें खुद को बनाये रखना और भी कठिन हो गया था। वर्ष 2005 से लेकर 2013 के बीच आधा दर्जन एयरलाइनों को अपना कारोबार बंद करने पर मजबूर होना पड़ा। लेकिन 2014 के बाद, इस सरकार के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के आदर्श वाक्य ने इस परिदृश्य को उलट दिया है। निरर्थकता और अक्षमताओं को लगभग समाप्त कर दिया गया है। हमारे नियामकों, डीजीसीए और बीसीएएस, ने अधिकांश प्रक्रियाओं को ऑनलाइन कर दिया है। घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन, एयर इंडिया के निजीकरण को अंतत: इस साल एक जीत में बदल दिया गया और परिपाटी के उलट जाकर 11 नई क्षेत्रीय एयरलाइनें शुरू हुई हैं। इसके अलावा, दो नई एयरलाइनें जल्द ही अपना परिचालन शुरू करने जा रही हैं।
इस क्षेत्र में तेजी के इस नए रूख को हवाई अड्डे से संबंधित बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर सरकारी एवं निजी निवेश द्वारा पूरक बनाया गया है। वर्ष 1999-2013 की अवधि में, सिर्फ तीन ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का परिचालन शुरू किया गया था। इसके उलट, पिछले आठ वर्षों में आठ नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे बनकर तैयार हुए हैं। इसके अलावा, इस वर्ष दो और हवाई अड्डे बन जायेंगे। यहां तक कि कोविड-19 का असर भी कैपेक्स पाइपलाइन के 93,000 करोड़ रुपये के व्यापक निवेश के माध्यम से हवाई अड्डों के विस्तार की हमारी योजनाओं में बाधक नहीं बन सकेगा। विस्तार की ये योजनाएं इस तरह से बनाई जायेंगी कि भारत में न सिर्फ बुनियादी ढांचे, बल्कि कनेक्टिविटी के मामले में भी उछाल आएगा। अपने प्रमुख हवाई अड्डों को एविएशन हब में बदलकर, अधिक विस्तृत आकार वाले विमान लाकर और अपने द्विपक्षीय समझौतों पर फिर से विचार करके संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, अफ्रीका और सुदूर यूरोप के लिए सीधे अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित किया जाएगा।
दूसरा आमूल बदलाव इस क्षेत्र में एक नए संपूर्ण-सरकारी दृष्टिकोण (होल-ऑफ-गवर्नमेंट एप्रोच) के रूप में हुआ है, जिसने अब पूरे विमानन इकोसिस्टम पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन, ड्रोन, एयर कार्गो, एमआरओ, एयरक्राफ्ट लीजिंग आदि जैसे अब तक अनछुए संबद्ध क्षेत्रों को अब बड़े पैमाने पर आर्थिक और रोजगार सृजन क्षमता की दृष्टि से देखा जा रहा है। नया ड्रोन नियम 2021, नई एफटीओ नीति, नई एमआरओ नीति जैसी उदार नीतियों के साथ-साथ उपयुक्त प्रोत्साहन ने भारत में इन उद्योगों को उड़ान भरने के लिए उपयुक्त हवाई पट्टी तैयार की गई है। इनमें से प्रत्येक क्षेत्र नागरिक उड्डयन और पर्यटन को भारत के विकास के नए इंजन के रूप उभरने में समर्थ बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा। भारत को ड्रोन के मामले में विश्व में अग्रणी बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की वजह से ड्रोन ने विशेष तौर पर भारत में एक क्रांति की शुरुआत की है। बदलाव की इस गति से उत्साहित, ई-वीटीओएल भी जल्द ही भारतीय आसमान में उड़ान भरेंगे और आने वाले दिनों में कम दूरी की हवाई यात्रा के परिदृश्य को पूरी तरह बदल देंगे।
नए क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करके, ट्राइट नीति की व्यवस्था को समाप्त करके, निजी भागीदारी के माध्यम से दक्षता सुनिश्चित करके, नए बाजारों की तलाश और मांग का सृजन करके अगले कुछ दशकों में नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में विकास की नींव वर्तमान में रखी जा रही है। जैसे-जैसे भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है, वह निकट भविष्य में घरेलू विमानन बाजार के मामले में भी सर्वश्रेष्ठ होने का खिताब हासिल करने की दिशा में तत्पर है।

(लेखक केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री है)

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विवेक तन्खा को किस वजह से फिर राज्यसभा जाने का मौका मिला..

विवेक तन्खा को किस वजह से फिर राज्यसभा जाने का मौका मिला. कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के समूह के दो सबसे मुखर सदस्यों- गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा को राज्यसभा की सीट नहीं मिली। दो अन्य सदस्यों- मुकुल वासनिक और विवेक तन्खा को मौका मिल गया। वासनिक को इस बात का इनाम मिला कि वे असंतुष्ट नेताओं के खेमे में थे लेकिन उन्होंने उनके प्लान की सूचना समय रहते अहमद पटेल को दे दी थी।

इससे कांग्रेस को मौका मिल गया कि वह उस झटके को झेल जाए। लेकिन सवाल है कि विवेक तन्खा को किस वजह से फिर राज्यसभा जाने का मौका मिला
कांग्रेस के जानकार सूत्रों के मुताबिक इसके दो कारण हैं। पहला कारण तो कानूनी मजबूरी है। नेहरू-गांधी परिवार के मुकदमों के लिए एक अच्छे और बड़े वकील की जरूरत है। कपिल सिब्बल पार्टी छोड़ कर जा चुके थे। अभिषेक मनु सिंघवी जरूर कांग्रेस के साथ हैं लेकिन वे पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की मदद से सांसद बने हैं। वहां भी ममता बनर्जी के परिवार और पार्टी के इतने मुकदमे हैं कि उनको उनसे फुरसत निकालने में मुश्किल होगी।

चिदंबरम अपने मुकदमों में फंसे हैं तो केटीएस तुलसी बड़े मामलों में ज्यादा मददगार नहीं हैं। इसलिए तन्खा को रखने की मजबूरी थी। दूसरे, कमलनाथ ने उनके नाम का समर्थन किया हुआ था। उनकी बात ठुकरा कर कांग्रेस कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी।

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अमेरिका की बंदूक संस्कृति,अमेरिका के टेक्सास प्रांत में वही हो गया..

वेद प्रताप वैदिक – अमेरिका के टेक्सास प्रांत में वही हो गया, जो पिछले 250 साल से उसके हर शहर और मोहल्ले में होता रहा है। हर आदमी के हाथ में बंदूक होती है। वह कब किस पर चला दे, पता नहीं चलता। बंदूक का प्रयोग आत्महत्या के लिए तो अक्सर होता ही है लेकिन अमेरिका में कोई हमला ऐसा नहीं गुजरता है, जबकि कहीं न कहीं से सामूहिक हत्या की खबरें न आती हों।

अभी टेक्सास में 18 साल के एक नौजवान ने बंदूक उठाई और अपनी दादी को मार डाला। फिर वह एक स्कूल में गया और वहां उसने दो अध्यापकों और 19 बच्चों को मौत के घाट उतार दिया। 10 दिन पहले ही न्यूयार्क के एक बड़े बाजार में एक नौजवान ने दस अश्वेत लोगों को मार डाला था। अब से लगभग 53-54 साल पहले जब न्यूयॉर्क की कोलंबिया युनिवर्सिटी में मैं पढ़ता था तो मैं यह देखकर दंग रह जाता था कि वहां बाजार में खरीदी करते हुए या किसी रेस्तरां में खाना खाते हुए भी लोग अपने बेग में या कमर पर छोटी-मोटी पिस्तौल छिपाए रखते थे।

लगभग सभी घरों में बंदूकें रखी होती थीं। इस समय अमेरिका के 33 करोड़ लोगों के पास 40 करोड़ से भी ज्यादा बंदूकें हैं। याने हर परिवार में तीन-चार बंदूकें तो रहती ही हैं। ये क्यों रहती हैं मुझे मेरे अध्यापकों ने बताया कि बंदूकें रखना अमेरिकी संस्कृति का अभिन्न अंग शुरु से ही है। जब दो-ढाई सौ साल पहले गोरे यूरोपीय लोग अमेरिका आने लगे तो उन्हें स्थानीय ‘रेड इंडियन्स’ का मुकाबला करना होता था। उसके बाद अफ्रीकी अश्वेत लोगों का बड़े पैमाने पर अमेरिका आगमन हुआ तो शस्त्र-धारण की जरुरत पहले से भी ज्यादा बढ़ गई।

इसीलिए अमेरिकी संविधान में जो दूसरा संशोधन जेम्स मेडिसन ने 1791 में पेश किया था, उसमें आम लोगों को हथियार रखने का पूर्ण अधिकार दिया गया था। वह अधिकार आज भी ज्यों का त्यों कायम है। अमेरिका की सीनेट याने वहां की राज्यसभा, जो वहां की लोकसभा याने हाऊस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स से ज्यादा शक्तिशाली है, इस संवैधानिक कानून को कभी खत्म होने ही नहीं देती है।

डेमोक्रेटिक पार्टी के बराक ओबामा और अब जो बाइडन इसके विरुद्ध हैं लेकिन वे कुछ नहीं कर सकते। कन्जर्वेटिव पार्टी के नेता अब भी पुरानी लीक को ही पीट रहे हैं। वे यह क्यों नहीं समझते कि उनकी अकड़ की वजह से औसत अमेरिकी नागरिक का जीवन कितना भयावह हो गया है।

विश्व महाशक्ति होने का दावा करनेवाला अमेरिका अपनी इस हिंसक प्रवृत्ति के कारण सारी दुनिया में कितना बदनाम होता रहता है। अमेरिका की बदनामी उसके ईसाई समाज के लिए भी चिंता का विषय है। अहिंसा और ब्रह्मचर्य का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करनेवाले ईसा मसीह के बहुसंख्यक ईसाई समाज में हिंसा, बलात्कार और व्यभिचार की बहुतायत क्या उस राष्ट्र की छवि को मलिन नहीं कर रही है

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आज का राशिफल

मेष राशि:आज आपका दिन अच्छा रहेगा। आज लोग आपके विचारों को सुनने के लिए बहुत उत्सुक होंगे। इस राशि के लोगों को आज किसी करीबी से कोई खुशखबरी मिल सकती है।आज करियर के मामले में आपको सफलता मिलेगी। आज कोई भी फैसला सोच-समझ कर लेना बेहतर रहेगा। आज लवमेट के साथ रिश्तों में मिठास बढ़ेगी।

वृष राशि:आज आपका दिन खुशनुमा बना रहेगा। आज रचनात्मक कार्यों में आपका नाम होगा और आपको प्रसिद्धि भी मिलेगी। आज आपके मन की इच्छा पूरी होगी। आज आर्थिक मामलों में लाभ मिलेगा। आज भविष्य को बेहतर बनाने के लिए नये कदम उठायेंगे। आज आपकी आर्थिक स्थिति में बेहतर सुधार आयेगा। आज बच्चे आपको गर्व होने की वजह देंगे।

मिथुन राशि:आज आपका दिन अनुकूल रहेगा। आज आपको नौकरी के सिलसिले में अच्छी खबर प्राप्त हो सकती है। आज आपको अपनी मनपसंद की कंपनी में इंटरव्यू के लिए बुलाया जा सकता है। लेखकों के लिए आज का दिन बहुत बढिय़ा रहेगा, कोई नई स्टोरी कवर करने के लिये मिल सकती है। आज आपका करियर नये रूप में उभरेगा। आपके साथ सब कुछ ठीक बना रहेगा।

कर्क राशि:आज का दिन अच्छा रहने वाला है। आज आपके रुके हुए सभी काम पूरे होंगे। आज आप किसी नए बिजनेस की शुरुआत करने का विचार करेंगे, जिसमें परिवार वाले सहयोग करेंगे। परिवार के साथ कहीं बाहर घूमने का मन बना सकते है। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को आज जॉब से रिलेटेड अच्छी खबर मिल सकती है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट के लिए आज का दिन अच्छा रहेगा।

सिंह राशि:आज आप जिस काम को पूरा करना चाहेंगे, उसमें सफलता मिलेगी। आज किसी पुराने मित्र से मिलने उसके घर जा सकते हैं। इंजीनियरिंग कर रहे स्टूडेंट के लिए आज का दिन अच्छा रहने वाला है। आज निवेश और उधार लेन-देन के पहले अच्छे से सोच लेना बेहतर रहेगा। लव मेट अपने रिश्तों में सुधार लाने की कोशिश करेंगे। आज शाम को घरेलू सामान खरीदने के लिए मार्केट भी जा सकते हैं।

कन्या राशि :आज किस्मत आपके साथ रहेगी। जिस काम को कई दिनों से पूरा करने की सोच रहे हैं, वो आज किसी मित्र की मदद से पूरा हो जाएगा। इस राशि के जो लोग सोशल नेटवर्किंग से जुड़े हैं, उनके लिए आज का दिन बढिय़ा है। आज आप खुद को तरोताजा महसूस करेंगे। लवमेट आज किसी अच्छे रेस्टोरेंट में लंच का प्लान बना सकते हैं।

तुला राशि:आज आपका दिन मिला-जुला रहेगा। आज आप किसी काम को करते समय अपने मन को शांत रखें, तो आपका काम आसानी से सफल होगा। आज किसी भी काम में जल्दबाजी करने से आपको बचना चाहिए। इस राशि के जो लोग अविवाहित हैं, आज उनके लिए रिश्ता आयेगा। आज किस्मत आपके साथ है।

वृश्चिक राशि:आज आपका दिन बेहतर रहेगा। जिन चीजों को पाने के लिए आप लंबे समय से कोशिश कर रहे हैं, वो आज आपको मिल जायेगी। आज आपकी कोशिशें पूरी तरह से सफल होंगी। आज दोस्तों और परिजनों के साथ खुशियाँ मनाएंगे। आज अपने गुरु से परामर्श लेने के लिये दिन अच्छा है। इस राशि के बच्चों का आज पढ़ाई में मन लगेगा और दिन भी अच्छा रहेगा।

धनु राशि:आज आपके मन में नए विचार उत्पन्न होंगे। इस राशि के जो लोग सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं, आज उनकी आय में बढ़ोतरी होने के योग बन रहे हैं। आज आपको परिवार से जुड़ी कई जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ेंगी, जो कि आप अच्छे से संभाल लेंगे। इस राशि के कॉन्ट्रेक्टर के लिए आज का दिन अच्छा रहेगा। आज आपको कोई नया प्रोजेक्ट मिल सकता है, जिसे आप बाखूबी निभायेंगे। आज आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।

मकर राशि :आज थोड़ी भाग-दौड़ बनी रहेगी। आज किसी दूर के रिश्तेदार से आपकी मुलाकात हो सकती है, जिससे आपका मन प्रसन्न हो जाएगा। आज पारिवारिक विवादों से बचें। आज बातचीत करते समय वाणी पर संयम रखें। इस राशि के इंजीनियर्स के लिए आज का दिन फायदेमंद रहेगा। किसी कंपनी से जॉब के लिये ईमेल आ सकती है। आज मेहनत करने से काम सफल हो सकते हैं।

कुंभ राशि:आज आपका रुझान आध्यात्म की तरफ रहेगा। आज मंदिर जाने या किसी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने की योजना बना सकते हैं। आज आपको आनन्द की प्राप्ति होगी। आज आप जो चाहेंगे, उसे हासिल कर लेंगे। आज दिन खत्म होते-होते आपको कोई शुभ समाचार मिलेगा। आज कार्यक्षेत्र में बढ़ोत्तरी के नये अवसर प्राप्त होंगे।

मीन राशि:आज किस्मत आपका पूरा साथ देगी। आज आप अपने कार्यक्षेत्र में बेहतर ढंग से काम करेंगे। आज आपको किसी व्यापारिक समारोह में शामिल होने का मौका मिल सकता है। आज मेहनत से काम में सफलता मिल सकती है। इस राशि के कॉलेज के स्टूडेंट्स को नयी गतिविधियों में शामिल होने का मौका मिल सकता है। आज आपको बड़ों का पूरा सहयोग मिलेगा। आज सरकारी कामों का निपटारा हो सकता है।

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उत्पाद विभाग को मई 2022 में रिकॉर्ड 188 करोड़ का मिला राजस्व – विनय चौबे

रांची,01.05.2022 ।उत्पाद विभाग को मई 2022 में रिकॉर्ड 188 करोड़ का मिला राजस्व . उत्पाद विभाग की नई शराब नीति की वजह से राजस्व संग्रहण में मई 2022 में 70 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है जो एक रिकॉर्ड है। नई नीति लागू होने के पूर्व अप्रैल 2022 में 109 करोड़ रू का राजस्व प्राप्त हुआ था जबकि मई 2022 में 188 करोड़ रू की प्राप्ति हुई। एक तरफ राजस्व में बढ़ोतरी हुई है

वहीं दूसरी ओर नीति में चार बिन्दुओं पर हुए बदलाव की वजह से सिस्टम में भी आमूल-चूल परिवर्तन आया है। ये बातें उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव श्री विनय कुमार चौबे ने उत्पाद विभाग के कौटिल्य सभागार में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।

श्री चौबे ने बताया कि राज्य में नई शराब नीति को लेकर 31 मार्च को संकल्प जारी किया गया था और एक महीने में नई नीतियों को तैयार कर 1 मई 2022 से राज्य में नई शराब नीति को लागू किया गया। एक महीने में सरकार को उत्पाद राजस्व में 188 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई है जो अब तक का रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि नई उत्पाद नीति को राजस्व वृद्धि के अनूकूल बनाया गया है जिसमें तीन बिन्दुओं यथा थोक बिक्रेता, खुदरा बिक्रेता और बार संचालन को लेकर नई नीतियां बनाई गयी हैं जबकि देसी शराब नीति में संशोधन किया गया है।

साथ ही मैन पावर, सुरक्षा गार्ड, ऑडिट, ट्रांसपोर्ट आदि के लिये अलग-अलग एजेंसियों का चयन ऑनलाईन टेंडर के माध्यम से पारदर्शिता के साथ किया गया है। नीति में चेक्स एंड बैलेंस के बीच संतुलन बनाया गया है। पिछली बार सेल्स पर राजस्व का प्रावधान था जबकि इस बार की नीति में उठाव पर राजस्व का प्रावधान किया गया है साथ ही शराब का जहां उत्पादन हो रहा है, हम नई नीति के अनुरूप् वहीं पर ऑनलाईन होलोग्राम देकर कोड उपलब्ध करा रहे हैं।

उत्पाद सचिव ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2017 के अगस्त में नई उत्पाद नीति जब लागू की गयी थी, उस वक्त लागू होने के अगस्त महीने में सिर्फ 23 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई थी जबकि एक मई 2022 को लागू नीति के बाद 188 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है तो इस नीति की सफलता की कहानी का दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि मई महीने में कंट्री लीकर की समस्या आई थी लेकिन आगामी दस दिनों के अन्दर इस समस्या से निजात मिल जायेगी। नियोजन नीति को लेकर उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर कमेटी गठित कर दी गयी है, जो सतत प्रक्रिया के बाद अर्हता पूरी करने वालों का नियोजन करेगी।

उत्पाद आयुक्त श्री अमित कुमार ने जानकारी दी कि वर्तमान में कुल 1434 दुकानें सक्रिय हैं और बीते एक महीने में 49 दुकानों में ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में रन कर रहा है।

उन्होंने बताया कि 1 जून से पांच जिलों रांची, जमशेदपुर, धनबाद, सरायकेला और बोकारो में भी ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम प्रारंभ किया जा रहा है। उक्त व्यवस्था लागू हो जाने से लिकेज की संभावना लगभग खत्म हो जायेगी।

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केके की मौत से गमगीन हुआ देश, पीएम मोदी बोले- हमेशा याद करेंगे; गृह मंत्री, उपराष्ट्रपति ने भी जताया शोक

कोलकाता 01 June (Rns) : बॉलीवुड के मशहूर सिंगर कृष्णकुमार कुन्नथ (केके) की मंगलवार रात कोलकाता में मृत्यु हो गई। वह केके के नाम से मशहूर थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केके 53 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं। केके की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उनके प्रशंसक उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गायक की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया। मोदी ने ट्वीट किया, ‘मशहूर गायक कृष्णकुमार कुन्नथ की असमय मृत्यु की खबर सुनकर दुखी हूं। उनके गीतों में व्यापक भाव प्रदर्शित होते हैं। हम उन्हें सदैव उनके गीतों के माध्यम से याद करेंगे। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।’

प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “केके बहुत ही प्रतिभाशाली और बहुमुखी गायक थे। उनका असामयिक निधन बहुत ही दुखद और भारतीय संगीत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। अपनी प्रतिभाशाली आवाज से उन्होंने अनगिनत संगीत प्रेमियों के मन पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। शांति शांति”

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने केके के निधन पर शोक बताते हुए लिखा, “प्रसिद्ध गायक श्री कृष्णकुमार कुन्नाथ के आकस्मिक निधन से व्यथित हूं। अपनी भावपूर्ण आवाज और मधुर गायन के लिए जाने जाने वाले श्री केके का निधन संगीत की दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। शांति!”

होटल पहुंचे तो वह अस्वस्थ महसूस कर रहे थे केके

अधिकारियों ने बताया कि एक कॉलेज द्वारा दक्षिण कोलकाता स्थित नजरुल मंच में एक समारोह का आयोजन किया गया था, वहां करीब एक घंटे तक गाने के बाद जब केके वापस अपने होटल पहुंचे तो वह अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि गायक को दक्षिण कोलकाता के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

“हार्ट अटैक से हुई मौत”

अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘केके को रात करीब 10 बजे अस्पताल लाया गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम उनका उपचार नहीं कर सके।’ अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि उन्हें आशंका है कि गायक की मौत हृदयाघात (हार्ट अटैक) के कारण हुई।

कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार को उनका पोस्टमार्टम कराया जाएगा, जिसके बाद मौत के सही कारण का पता चल सकेगा। केके की पत्नी और बेटे बुधवार सुबह दिल्ली से कोलकाता पहुंचेंगे। वह दो कार्यक्रमों में प्रस्तुति के लिए कोलकाता आये थे।

केके ने कई भाषाओं में गीत गाए

गायक से नेता बने बाबुल सुप्रियो ने अस्पताल में संवाददाताओं से कहा, ‘मेरी कई निजी यादें केके के साथ जुड़ी हैं। हमने एक साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। वह एक शानदार व्यक्ति थे।’ मशहूर गायक केके ने हिंदी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी और बांग्ला समेत कई भाषाओं के गीतों को अपनी आवाज दी।

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रुला गया सिंगर केके का जाना ……..

रुला गया सिंगर केके का जाना ………कोलकाता के नज़रूल मंच में गुरुदास कॉलेज के उत्सव के लिए एक संगीत कार्यक्रम में प्रदर्शन करते समय के के का अचानक गिर जाने उनके लिए जान लेवा साबित हुआ। उनको बेहतर इलाज के लिए 31 मई, मंगलवार को रात करीब साढ़े दस बजे जब उन्हें कलकत्ता मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमआरआई) लाया गया तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टरों की टीम ने मौत की वजह हार्ट अटैक बताया है। 53 वर्षीय केके के निधन से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक का माहौल पैदा हो गया है। पूरे बॉलीवुड को रुला गया केके का जाना।

90 के दशक से अब तक के भारत के सबसे चर्चित गायकों में से एक, कृष्णकुमार कुन्नाथ उर्फ के के.

पालन-पोषण नई दिल्ली में हुआ था। केके ने बॉलीवुड में कदम रखने से पहले 3500 जिंगल गाए थे। उन्होंने 1999 के क्रिकेट विश्व कप के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के समर्थन के लिए ‘भारत के जोश’ गीत में

अपना स्वर दिया था। केके ने 1991 में अपने बचपन के प्यार ज्योति से शादी की। उनके बेटे नकुल कृष्ण कुन्नाथ ने उनके साथ उनके एल्बम ‘हमसफर’ में गाया था। केके की एक बेटी भी है जिसका नाम तमारा कुन्नाथ है, जो  पियानो बजाना पसंद करती हैं। गायक किशोर कुमार और संगीत निर्देशक आर डी बर्मन को अपना आदर्श मानने वाले सिंगर केके हिंदी, तमिल, तेलगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, बंगाली और गुजराती भाषाओं की फिल्मों के चर्चित गायक थे। 23 अगस्त 1968 को दिल्ली में जन्मे केके माइकल जैक्सन, बिली जोएल, ब्रायन एडम्स, लेड जेपेलिन जैसे अंतरराष्ट्रीय गायक और बैंड से काफी प्रभावित थे। सबसे खास बात यह है कि केके ने कभी भी संगीत का कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया था। 1994 में मुम्बई पहुँच कर उन्होंने संगीत के क्षेत्र में एक ब्रेक पाने के लिए लुइस बैंक्स, रंजीत बरोट, लेस्ली लुईस को अपना म्यूजिक डेमो टेप दिया उसके बाद ही यूटीवी से उन्हें ब्रेक मिला था। उनका पहला एल्बम ‘पल ‘अप्रैल 1999 में रिलीज़ हुआ था। एल्बम में उनके प्रदर्शन को सर्वश्रेष्ठ पुरुष गायक के लिए स्क्रीन इंडिया से स्टार स्क्रीन अवार्ड मिला था। केके को एआर रहमान के हिट गीत ‘कल्लूरी साले’ और ‘हैलो डॉ’ के साथ पार्श्व गायक के रूप में पेश किया गया था । कादिर के ‘कधल देशम’ से और फिर उसके बाद एवीएम प्रोडक्शंस की संगीतमय फिल्म ‘मिनसारा कानावु ‘(1997) से ‘स्ट्रॉबेरी कन्ने’ । उन्हें बॉलीवुड में ब्रेक ‘तड़प तड़प’ हम दिल दे चुके सनम (1999) से मिला था।  इस गाने के पूर्व केके ने गुलजार की फिल्म ‘माचिस’ का गीत ‘छोड़ आए हम…’ के संक्षिप्त हिस्से में अपना स्वर दिया था। टेलीविजन की बात करें तो केके ने 2008 में हम टीवी पर प्रसारित होने वाले पाकिस्तानी टीवी शो ‘द घोस्ट ‘के लिए ‘तन्हा चला’ नामक एक गीत भी गाया । इस गीत को फारुख आबिद और शोएब फारुख ने संगीतबद्ध किया था, और मोमिना दुरैद ने गीत लिखे थे। इसके साथ ही केके ने ‘जस्ट मोहब्बत’ , ‘शाका लाका बूम बूम’ , ‘कुछ झुकी सी…’, ‘हिप हिप हुर्रे’ , और ‘काव्यांजलि’,  जैसे कई टेलीविजन सीरियल गाने भी गाए हैं । उन्होंने श्रेया घोषाल के साथ स्टार परिवार पुरस्कार 2010 के लिए थीम गीत भी गाया है। केके टेलीविजन पर भी नजर आए। उन्हें टैलेंट हंट शो फेम गुरुकुल के लिए जूरी सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया था । 29 अगस्त 2015 को, केके टेलीविजन गायन रियलिटी शो इंडियन आइडल जूनियर सीजन 2 में भारत के उभरते गायकों को खुश करने के लिए दिखाई दिए, जहां उन्होंने ‘खुदा जाने’, ‘मेरा पहला पहला प्यार’, ‘मेक सम नॉइज़ फॉर द देसी बॉयज़’ का प्रदर्शन किया। , ‘अजब सी’, ‘सच कहता है दीवाना’ और जूनियर प्रतिभाओं के साथ कई और गाने और विशाल ददलानी के साथ ‘तू आशिकी है’, सलीम मर्चेंट के साथ ‘आशाएं’ और सोनाक्षी सिन्हा के साथ ‘तड़प तड़प’। 10 साल बाद, वह एक सिंगिंग रियलिटी शो में जज और गेस्ट जूरी सदस्य के रूप में भी दिखाई  देने के साथ साथ 13 सितंबर 2015 को, केके सोनी मिक्स पर ‘बातों बातों में’ में  भी नज़र आए थे। अपने फिल्मी करियर के शुरुआती दौर से ही केके अपने जीवन काल मे स्टेज शो के प्रति काफी गंभीर थे। भारत के अलावा विदेशों में भी उनका म्यूजिकल लाइव शो काफी लोकप्रिय था। आज भले ही सिंगर केके हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपने मधुर हृदयस्पर्शी गीतों के जरिये युगों युगों तक संगीतप्रेमियों के दिलों में कायम रहेंगे।

प्रस्तुति: काली दास पाण्डेय

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जुग जुग जीयो के द पंजाब सॉन्ग को मिली प्रतिक्रिया से जहराह एस. खान खुश

01.06.2022 – जुग जुग जीयो के द पंजाब सॉन्ग को मिली प्रतिक्रिया से जहराह एस. खान खुश. अभिनेत्री से गायिका बनीं जहराह एस. खान, जिन्होंने वरुण धवन अभिनीत फिल्म जुग जुग जीयो का हाल ही में रिलीज हुआ गाना द पंजाबबन सॉन्ग गाया है। ग्रूवी डांस नंबर में वरुण धवन के साथ कियारा आडवाणी, अनिल कपूर और नीतू कपूर ढोल की थाप पर भांगड़ा करते हैं। यह गीत बहुत सम्मानित पाकिस्तानी ट्रैक नच पंजाबन का एक ताजा गायन है।

उन्होंने कहा, दोस्त और परिवार मुझे यह बताने के लिए कॉल कर रहे हैं कि उन्हें यह कितना पसंद आया। अब जब मैं वीडियो देखती हूं, तो मुझे लगता है कि वरुण, कियारा, अनिल सर और नीतू मैम ने नंबर की एनर्जी बढ़ा दी है।

ट्रैक को तनिष्क बागची ने अबरार उल हक के बोल के साथ डिजाइन किया है। मूल नच पंजाबन गीत अबरार द्वारा गाया गया था।  (एजेंसी)

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तारक मेहता… में होगी पोपटलाल की दुल्हन बनेंगी खुशबू पटेल !

01.06.2022 – तारक मेहता… में होगी पोपटलाल की दुल्हन बनेंगी खुशबू पटेल!. धारावाहिक तारक मेहता का उल्टा चश्मा की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। हाल के दिनों में कई कलाकार इस शो को छोड़ चुके हैं। कुछ दिन पहले ही शैलेश लोढ़ा ने शो को अलविदा कहा था। अब इस शो के प्रशंसकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। खबरों की मानें तो शो में अभिनेत्री खुशबू पटेल नजर आने वाली हैं। एक नए चेहरे की एंट्री से दर्शकों में उत्साह बना हुआ है।
रिपोर्ट की मानें तो तारक मेहता… में खुशबू की जोड़ी पोपटलाल के साथ बनने वाली है। इस किरदार को अभिनेता श्याम पाठक ने निभाया है। श्याम अपने अंदाज से दर्शकों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर देते हैं। उनके किरदार को फैंस ने ढेर सारा प्यार दिया है। ऐसी चर्चा है कि शो के आने वाले एपिसोड में पोपटलाल की शादी की सीरीज दिखाई जाएगी। इसमें खुशबू पोपटलाल की दुल्हनिया के रूप में दर्शकों से रूबरू होंगी।
पोपटलाल की जोड़ीदार बनने वाली खुशबू खूबसूरती के मामले में बड़ी-बड़ी अभिनेत्रियों को टक्कर देती हैं। वह पेशे एक मॉडल और अभिनेत्री हैं। वह इंस्टाग्राम पर काफी सक्रिय दिखती हैं और फैंस से रूबरू होती रहती हैं। इंस्टाग्राम पर उन्होंने कई तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें उनका लुक काफी आकर्षक दिखा है। वह तारक मेहता… में एक शर्मीली लड़की प्रतीक्षा का किरदार निभाएंगी। हालांकि, असल जिंदगी में वह काफी ग्लैमर्स दिखती हैं।
प्रोड्यूसर असित मोदी ने हाल में बताया था कि शो में दयाबेन की वापसी होंगी। हालांकि, उन्होंने यह तय नहीं किया है कि दयाबेन का किरदार किसे ऑफर किया जाएगा। असित ने कहा था, मुझे नहीं पता कि दिशा वकानी दयाबेन के रूप में वापस आएंगी या नहीं। दिशा जी के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं, हम एक परिवार की तरह हैं। अब वह शादीशुदा हैं और हर कोई अपनी-अपनी जिम्मेदारियों में व्यस्त हो जाता है।
तारक मेहता का उल्टा चश्मा एक फैमिली कॉमेडी पर आधारित मजेदार शो रहा है। इसका पहला एपिसोड 28 जुलाई, 2008 को प्रसारित हुआ था। 2008 से अभी तक करीब 14 सालों तक यह शो दर्शकों को गुदगुदाता आ रहा है। दिलचस्प है कि इस शो के सभी किरदारों ने लोगों को प्रभावित किया है। इस शो का प्रसारण सोनी सब चैनल पर होता है।
पिछले कुछ समय में तारक मेहता… से कई कलाकार बाहर हो चुके हैं। नेहा मेहता और गुरुचरण सिंह जैसे कलाकार शो को अलविदा कह चुके हैं। कुछ दिन पहले ही मुनमुन दत्ता के शो छोडऩे की खबरें भी सामने आई थीं। (एजेंसी)

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टाइप-2 डायबिटीज होने पर इस तरह करना चाहिए एलोवेरा का सेवन, होगा लाभ

01.06.2022 – टाइप-2 डायबिटीज होने पर इस तरह करना चाहिए एलोवेरा का सेवन, होगा लाभ. एलोवेरा एक लोकप्रिय औषधीय पौधा है और इसका उपयोग हजारों वर्षों किया जाता आ रहा है। यह सनबर्न को दूर करने से लेकर घावों तक को ठीक करने वाले उत्पादों में एलोवेरा को प्रयोग में लाया जाता रहा है। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं इससे सेहत को होने वाले फायदों के बारे में। जी दरअसल इससे सेहत को कई लाभ होते हैं और आज हम आपको उन्ही लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं।

टाइप-2 डायबिटीज में लाभदायक-

एलोवेरा जूस का सेवन करना डायबिटीज रोगियों के लिए विशेष लाभदायक हो सकता है। जी दरअसल इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फाइटोथेरेपी एंड फाइटोफार्मेसी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, प्रतिदिन दो बड़े चम्मच एलोवेरा जूस पीने से टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित बना रह सकता है। जी हाँ, यानी यह माना जा सकता है कि एलोवेरा मधुमेह का संभावित इलाज या नियंत्रक है। हालाँकि जो लोग ग्लूकोज कम करने वाली दवाएं पहले से लेते हैं, उन्हें एलोवेरा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।

कम कर सकता है स्तन कैंसर का खतरा

बहुत कम लोग जानते हैं कि एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि एलोवेरा में एलो इमोडिन नामक यौगिक पाया जाता है। जी हाँ और यह स्तन कैंसर के विकास को धीमा करने की क्षमता रखता है। एलोवेरा जूस का नियमित रूप से सेवन करना आपको इस कैंसर के जोखिम से बचाने में सहायक हो सकता है। हालाँकि इस सिद्धांत की पुष्टि के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है जो अब तक हुआ नहीं है। ऐसे में यह पूरी तरह कारगर है या नहीं कहा नहीं जा सकता। (एजेंसी)

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एप्पल साइडर विनेगर यानी सेब का सिरका सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है

01.06.2022 – (एजेंसी) एप्पल साइडर विनेगर यानी सेब का सिरका सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। एप्पल साइडर विनेगर को सेब के रस को फर्मेंट करके बनाया जाता है। वजन घटाने के लिए ज्यादातर लोग सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में सेब के सिरके का इस्तेमाल करते हैं। वैसे इसे कई प्रकार के व्यंजन का स्वाद बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। ईरान में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि यह ट्राईग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल का लेवल घटाने का भी काम करता है। एक्सपर्ट कहते हैं, इसके कई फायदे हैं, लेकिन एपल साइडर विनेगर का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें वरना नुकसान भी हो सकता है। एक दिन में 30 एमएल से ज्यादा इसका इस्तेमाल न करें।

क्या है एपल साइडर विनेगर और काम कैसे करता है?

एप्पल साइडर विनेगर का उपयोग औषधीय रूप से भी किया जाता है। इसमें एसिटिक एसिड और साइट्रिक एसिड होता है। इसके अलावा इसमें विटामिन बी और सी जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद करते हैं। सिट्रिक एसिड होने के कारण पाचन बेहतर होता है। इसे पानी में मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है।
एपल साइडर विनेगर के फायदे और इस्तेमाल करने का तरीका

बालों में संक्रमण खत्म करता है

अगर सिर में फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन तो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। एक चौथाई कप पानी में दो छोटे चम्मच एपल विनेगर को मिलाएं। शैंपू करने के बाद इसे स्कैल्प पर लगाएं। सिर को तौलिया से कवर करें और 20 बाद इसे पानी से धो लें। बालों में चमक आने के साथ पीएच लेवल भी मेंटेन रहता है।

पिंपल्स और धब्बों को दूर करता है

अगर चेहरे पर धब्बे, पिंपल्स और मुंहासों की समस्या है तो एक कप पानी में एक चम्मच एपल विनेगर मिलाएं। इसे रूई की मदद से प्रभावित हिस्से पर लगाएं। 10 मिनट बाद इसे धो लें। इसे दिन में आप दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं।

भूख कंट्रोल करके वजन को घटाता है

मोटापा आज के समय की एक आम समस्या में से एक है। अगर वजन बढ़ रहा है तो इसे डेली रूटीन में शामिल करें। एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच एपल साइडर विनेगर को खाना खाने के 45 मिनट पहले पिएं। इससे वजन कम होने के साथ ही मेटाबॉलिज्म तेज होता है। साथ ही यह ब्लड शुगर लेवल और भूख दोनों को कंट्रोल करता है।

बैड कोलेस्ट्रॉल को करता कम

कई अध्ययनों में भी सामने आया है कि यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम करता है। साथ ही खून को भी पतला करता है। जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है।

पाचन के लिए

सेब के सिरके का एसिडिक नेचर होता है और ये उन लोगों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, जिनको गैस की समस्या रहती है। यह खाने को पचाने और डाइजेशन को दुरुस्त रखने में भी मदद कर सकता है।

जोड़ों के दर्द के लिए

सुबह रोजाना एक चम्मच सिरके का सेवन कर आप जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते हैं। सेब के सिरके में ऐसे बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

डायबिटीज के लिए

डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता है सेब के सिरके का सेवन। एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ सिरके का सेवन कर डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।

साइड इफेक्ट से बचने के लिए ये बातें ध्यान रखें

कभी भी सेब के सिरके का इस्तेमाल अधिक मात्रा में न करें। ऐसा करने पर उल्टी की शिकायत हो सकती है। शरीर में ब्लड शुगर का लेवल अधिक गिर सकता है। एसिडिक होने के कारण यह पेट, स्किन और दांतों की ऊपरी लेयर को नुकसान हो सकता है।

घर पर तैयार करें विनेगर

– एक चौड़े मुंह वाला शीशे का जार लें, इसमें सेब के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर डाल दें।

– चेक कर लें अगर सेब के छिलके पर मोम की पर्त नहीं है तो छिलके समेत ही काटकर डाल सकती हैं वरना छिलका हटाकर डालें।

– टुकड़ों को जार में डालें। ऊपर से थोड़ी शक्कर डालें। अब जार में पानी डालें। ध्यान रखें इसे पूरा ऊपर तक न भरें।

– इसमें एपल विनेगर बैक्टीरिया डालें, ये मार्केट में उपलब्ध है। अब इसे लकड़ी के ही चम्मच से मिलाएं।

– ध्यान रखें कि इसे 360 डिग्री नहीं चलाना है मिलाने के लिए ऊपर से नीचे सेब के टुकड़ों को धकेलते हुए मिलाना है।

– जार पर सूती कपड़ा बांधकर अंधेरे में रख दें। करीब 3 महीने लगेगा इसे तैयार होने में। हर 7 दिन के अंतराल पर इसे चम्मच से हिलाएं।

– 3 महीने बाद यह तैयार होने के पर हल्का पीला दिखता है। इसे छानकर इस्तेमाल कर सकते हैं।

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मुद्रा ऋण: समानता पर आधारित समृद्धि का एक सेतु

सौम्य कांति घोष – मुद्रा ऋण: समानता पर आधारित समृद्धि का एक सेतु. अपने शुरुआती दिनों से ही, मोदी सरकार आजादी के बाद के छह दशकों के दौरान गुप्त रूप से बनाई गई बहिष्करण की संस्कृति को अनिवार्य रूप से बदलना चाहती थी। बहिष्करण की यह संस्कृति और कुछ नहीं बल्कि हाशिए व पिरामिड के सबसे निचले पायदान पर बैठे लोगों को छोड़कर आगे बढऩे की संस्कृति थी! इस स्थिति ने नए नीति-निर्माताओं को हमारे विशाल देश के कोने-कोने में समानता पर आधारित उद्यमशीलता के विकास के लिए बेचैन कर दिया। इस संबंध में, दो योजनाओं यानी प्रधानमंत्री जन धन योजना और मुद्रा ऋण ने इस देश की उद्यमशीलता की भावना को एक नई आजादी के वादे के साथ यहां के वित्तीय समावेशन, जमा एवं उधार, दोनों, से जुड़े परिदृश्य को बदलकार रख दिया है।

पिछले सात वर्षों में, बैंकों (आरआरबी सहित)/एनबीएफसी/एमएफआई ने कुल मिलाकर लगभग 18.4 लाख करोड़ रुपये की राशि के 35.32 करोड़ मुद्रा ऋण वितरित किए हैं, जिसमें सबसे छोटे उधारकर्ताओं के लिए औसतन 52,000 रुपये का ऋण शामिल है। इनमें से लगभग दो-तिहाई ऋण महिला उद्यमियों के लिए स्वीकृत किए गए हैं। यह मानते हुए कि प्रत्येक इकाई में कम से कम दो व्यक्ति कार्यरत हैं, एक रूढि़वादी आकलन के आधार पर, ये इकाइयां 10 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं।

वित्तीय समझ के मामले में थोड़े कम जानकार, लेकिन व्यावसायिक कौशल और कुछ बड़ा करने के सपनों से भरपूर लोगों की विभिन्न जरूरतों से अवगत रहते हुए सरकार ने विशेष रूप से उद्यमियों की विभिन्न श्रेणियों- शिशु, तरुण और किशोर- के हितों के संरक्षण के लिए मुद्रा ऋण की तीन श्रेणियां बनाईं। इस संबंध में मार्गदर्शक सिद्धांत यह था कि बदलते समय के साथ एक शिशु ऋणी हमेशा के लिए शिशु की श्रेणी में नहीं रहेगा, बल्कि वह एक तरुण के रूप में विकसित होगा, एक तरुण समय के साथ किशोर बन जाएगा और इसी क्रम में वह आगे समानता और समृद्धि सुनिश्चित करता जाएगा!

लेकिन, सरकार को 2014 के बाद की परिस्थितियों में कई चुनौतियों से पार पाना पड़ा। कोई कारगर व्यवस्था मौजूद नहीं थी। इस प्रस्तावित विशाल आकार की योजना को सहारा देने के लिए कोई संरचना या बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं था। सरकार ने आपसी विश्वास का माहौल बनाकर प्रचलित संस्कृति को अनुशासित किया। सरकार एक साफ–सुथरे मॉडल के जरिए इतने बड़े पैमाने पर उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रही थी जिसे पहले कभी नहीं आजमाया गया था। विकास और आय सृजन के अवसर उपलब्ध थे, लेकिन हाशिए पर बैठे लोगों को इस बात का यकीन नहीं था कि उनकी उद्यमशीलता की भावना को बैंकिंग प्रणाली से उत्साहवर्द्धक समर्थन भी मिलेगा।

सरकार द्वारा गारंटी और भरोसे (सीजीएफएमयू) के निर्माण ने यह सुनिश्चित किया कि बैंक तथा अन्य वित्तीय मध्यस्थ ऋण स्वीकृति एवं वितरण के लिए आश्वस्त हो जायें। 10 लाख रुपये तक के ऋण पर अब केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित ट्रस्ट से गारंटी मिलती है। उधारदाताओं के पास बिना किसी अन्य संपार्शि्वक प्रतिभूति के उधार देने की अतिरिक्त सुविधा है। जल्द ही यह एक सर्वव्यापी परिघटना बन गई जिसमें इस देश के आम नागरिकों ने बड़ी वित्तीय संस्थाओं के पोर्टल को अपने लिए खुला पाया!

सरकार ने इस प्रक्रिया को कारगर बनाने और इसकी निगरानी करने के लिए प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया। इस योजना की व्यापक स्वीकृति को प्रोत्साहित करने और लोगों को इस योजना के विवरण एवं बारीकियों से परिचित कराने के लिए बैंकिंग संवाददाताओं का सहारा लिया गया।

मुद्रा योजना के माध्यम से लोगों के सफल सशक्तिकरण की कई आकर्षक कहानियां हैं। सफलता की कई ऐसी कहानियां उन महिला कर्जदारों की हैं, जिन्होंने अपने परिवारों को आजीविका सहायता प्रदान करने के मामले में खुद को अग्रणी साबित किया है और यहां तक कि उन्होंने अन्य परिवारों को भी रोजगार प्रदान किया है। उन्होंने खुद को अनौपचारिक साहूकारों के चिरस्थायी बंधन से मुक्त कर लिया है और बैंकों द्वारा प्रदान किए गए वित्तीय सहायता के सहारे आगे बढ़ी हैं। मुद्रा ऋण पाने वाले कुल लाभार्थियों में दो-तिहाई महिलाएं हैं। उनमें से कई सामाजिक रूप से वंचित समूहों से आती हैं और वे देश के सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को बदल रही हैं।

सफलता की ये कहानियां इस बात की याद दिलाती हैं कि कोई भी सूक्ष्म व्यवसाय कठिनाइयों एवं नादानियों के जरिए, उथल-पुथल एवं चुनौतियों के जरिए ही बड़ा बन सकता है! कोई भी चुनौती उसके अदम्य साहस और जीवट को तोड़ नहीं सकती।

देश ने कोविड महामारी के दौरान उद्यमशील भारत की दृढ़ भावना को भी देखा। कुछ विद्वान लोगों ने कहा कि व्यवस्था पर काफी दबाव बनेगा, अटके हुए कर्ज कई गुना बढ़ जायेंगे। लेकिन, उन्हें विस्मित करते हुए यह व्यवस्था इतनी मजबूत थी कि बिना किसी खरोच के सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ गई। सरकार ने व्यापारी वर्ग की इस निडर नई नस्ल को सहयोग देने का अपना संकल्प बनाए रखा। सरकार ने उधारकर्ताओं के बोझ को काफी हद तक कम करने के लिए 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना भी शुरू की जोकि आज भी जारी है।

एक नया डिजिटल इंडिया उभरकर सामने आ रहा है, जो हमारी वित्तीय प्रणाली में क्रांति ला रहा है। आज, भारत में एक ऐसी सुव्यवस्थित प्रणाली है जो किसी व्यक्ति को अपने घर बैठे ही ऋण के लिए आवेदन करने हेतु बैंक के ऐप का उपयोग करने में मदद करती है। मुद्रा ऋण देने के लिए एनबीएफसी और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों ने बैंकों/आरआरबी के साथ हाथ मिलाते हुए नए अवसर पैदा किए हैं।

कॉरपोरेट जगत को नई आपूर्ति श्रृंखला प्राप्त हो रही। इस प्रक्रिया का गुणक प्रभाव यह है कि ऋण के रूप में दिया गया एक रुपया चक्रीय अर्थव्यवस्था में काफी कमाई कर रहा है। इसमें उधारकर्ताओं और उनके परिवारों के लिए ऐसी सामाजिक सुरक्षा अंतर्निहित हैं, जिनके बारे में पहले कभी नहीं सोचा गया था! इससे आगे बढ़ते हुए, कृषि और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के क्षेत्र में विभिन्न सरकारी कल्याणकारी एवं प्रोत्साहन योजनाओं को मुद्रा योजनाओं के साथ बेहतर ढंग से एकीकृत किया जा सकता है। साथ ही, फिन-टेक और स्टार्ट-अप से संबंधित इकोसिस्टम का बेहतर उपयोग सीमा पार जाकर एक व्यापक एवं चहुमुखी विकास के परिप्रेक्ष्य को सामने लाने के लिए किया जा सकता है।
मुद्रा ऋण योजना सफलता की एक ऐसी कहानी है जो यह दिखलाती है कि कैसे एक सही राजनीतिक इरादा सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक शक्तियों के साथ मिलकर एक स्थायी एवं समानता आधारित बदलाव का गुणक प्रभाव पैदा सकता है। हालांकि हमारा यह मानना है कि यह एक ऐसे उद्यमी भारत के अमृत काल की सिर्फ शुरुआत भर है जिसे खुद पर काफी भरोसा है!

(लेखक भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं)

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आधार कार्ड को लेकर केंद्र सरकार की नींद अब खुली है

ऐसा लग रहा है कि आधार कार्ड को लेकर केंद्र सरकार की नींद अब खुली है। केंद्र सरकार की ओर से देश के नागरिकों के लिए एक सलाह जारी की गई है कि वे अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी किसी के साथ साझा न करें क्योंकि इसका दुरुपयोग हो सकता है। भारत सरकार की ओर से 27 मई को जारी सलाह में कहा गया है कि लोग मास्क्ड आधार का इस्तेमाल करें, जिसमें सिर्फ आखिरी चार नंबर दिखाई दें। सोचें, अब तक सरकार ने आधार को एक तरह से अनिवार्य किया हुआ था। हर सेवा के लिए आधार देना जरूरी था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार की किसी योजना के रजिस्ट्रेशन से लेकर होटल में बुकिंग तक आधार की फोटोकॉपी दी जा रही थी।

अचानक अब सरकार को लग रहा है कि आधार की फोटोकॉपी नहीं शेयर करनी चाहिए, उसका दुरुपयोग हो सकता है। नागरिक सुरक्षा और निजता के लिए काम करने वाले लोगों ने पहले चेतावनी दी थी। आधार के साथ हर नागरिक का बायोमेट्रिक लिया जाता है। इसलिए भी सबको आशंका थी कि इसका दुरुपयोग हो सकता है। लेकिन सरकार ने हर छोटे-बड़े काम में इसका इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ है कि अब तक लगभग हर आधार की अनेक अनेक जगहों पर पहुंच चुकी है। उसकी सूचना के जरिए कोई भी व्यक्ति ई-आधार डाउनलोड कर सकता है। बैंक खातों के साथ आधार को जोड़ा गया है, पैन कार्ड को आधार से जोड़ा गया है, आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार अनिवार्य किया गया है और अब वोटर कार्ड से भी इसे जोडऩे की तैयारी हो रही है।

सरकार ने लोगों को ई-आधार डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया था और अब कह रही है कि कैफे या सार्वजनिक कंप्यूटर से ई-आधार नहीं डाउनलोड करें। सोचें, देश में कितने लोगों के पास अपने घर में कंप्यूटर या लैपटॉप और इंटरनेट की सुविधा है, जो वे लोग घर में ई-आधार डाउनलोड करेंगे!

असल में सरकार की यह चेतावनी बड़े खतरे का संकेत है। सरकार को बड़े पैमाने पर दुरुपयोग की जानकारी मिली होगी तभी उसने यह चेतावनी जारी की है।

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जीएसटी पर फैसले से संतुलन बहाल!

अजीत द्विवेदी – जीएसटी पर फैसले से संतुलन बहाल!. सुप्रीम कोर्ट ने वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी की मौजूदा व्यवस्था को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। हालांकि देश में चल रहे मंदिर-मस्जिद के विवाद में यह फैसला दब गया और इसके असर को लेकर ज्यादा चर्चा नहीं हुई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला बहुत दूरगामी असर वाला है। सर्वोच्च अदालत ने ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के पूरे सिद्धांत को प्रभावित करने वाला फैसला दिया है। उसने कहा है कि जीएसटी की दर तय करने से लेकर वस्तुओं व सेवाओं को अलग अलग स्लैब में डालने का फैसला करने वाली जीएसटी कौंसिल का कोई भी फैसला बाध्यकारी नहीं है। वह सिफारिश करेगी और समझा-बूझा कर केंद्र व राज्यों को उसे लागू करने के लिए तैयार करेगी। अब तक यह धारणा थी कि जीएसटी कौंसिल का फैसला अंतिम है और उसे केंद्र व राज्यों को मानना ही होगा। लेकिन असल में ऐसा पहले भी नहीं था। तभी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद केंद्रीय राजस्व सचिव ने कहा कि सर्वोच्च अदालत ने सिर्फ वास्तविक स्थिति बताई है और इसका जमीनी स्थिति पर कोई असर नहीं होगा।

यह केंद्र सरकार या उसके राजस्व सचिव की सदिच्छा होगी कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कुछ नहीं बदलेगा लेकिन असल में इससे बहुत कुछ बदलेगा। अगर कुछ नहीं बदलना होता तो विपक्ष के शासन वाले राज्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इतना बढ़-चढ़ कर स्वागत नहीं करते। भाजपा शासित राज्यों ने चुप्पी साधे रखी लेकिन विपक्षी शासन वाले राज्यों ने इसका स्वागत किया। उनको अब मौका मिल गया है कि वे राजस्व के नुकसान की भरपाई की मौजूदा व्यवस्था को कुछ समय और जारी रखने का दबाव बना सकें। ध्यान रहे जीएसटी की वसूली अनुमान से कम होने पर राज्यों को मुआवजा देने का जो प्रावधान है वह इस साल खत्म हो रहा है। वह प्रावधान पांच साल के लिए था और इस साल जून में जीएसटी के पांच साल पूरे होते ही वह व्यवस्था समाप्त हो जाएगा। लेकिन कई राज्य सरकारें इसे बढ़ाना चाहती हैं। उनका कहना है कि कोरोना वायरस की महामारी में पिछले दो साल में राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ है और इसलिए केंद्र सरकार इसे आगे बढ़ाए। विपक्षी शासन वाले राज्य मुआवजे के प्रावधान को दो से पांच साल तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

जीएसटी कौंसिल में बहुमत से फैसला होता है लेकिन मौजूदा संरचना में विपक्षी राज्य कमजोर पड़ जाते हैं। जीएसटी कौंसिल के बहुमत में एक-तिहाई अकेले केंद्र सरकार का है और बाकी दो-तिहाई में सभी राज्यों का बराबर हिस्सा है। इस दो-तिहाई में से आधे भी केंद्र के साथ चले जाते हैं तो बहुमत का फैसला उसके पक्ष में हो जाता है। ध्यान रहे ज्यादातर राज्यों में भाजपा की सरकार है या उसकी घोषित व अघोषित सहयोगी पार्टियों की सरकार है। हालांकि उन राज्य सरकारों को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है या मुआवजे की व्यवस्था समाप्त होना उनके लिए भी चिंता की बात है लेकिन राजनीतिक मजबूरी में वे खुल कर इस व्यवस्था को जारी रखने की मांग का समर्थन नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि मुआवजे की रकम जुटाने के लिए लगाया गया उपकर 2026 तक बढ़ा दिया गया है लेकिन ऐसा मुआवजा चुकाने के लिए जुटाए गए कर्ज के ब्याज की भरपाई और कर्ज की रकम लौटाने के लिए किया गया है। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहला बदलाव तो यह हुआ है कि इस मामले में अब राज्यों की मोलभाव की ताकत बढ़ गई है।

हो सकता है कि यह व्यवस्था पहले से हो और सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ उसकी व्याख्या की हो लेकिन इससे संघवाद की धारणा को मजबूती मिली है। यह सत्य स्थापित हुआ है कि कर लगाने और वसूलने का संप्रभु अधिकार केंद्र और राज्यों के पास है। अब तक ऐसी धारणा थी पेट्रोलियम उत्पादों और शराब जैसी एकाध वस्तुओं को छोड़ कर बाकी सभी वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स लगाने और वसूलने का अपना अधिकार राज्यों ने केंद्र को सौंप दिया है और उनके पास अपना कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इस अधिकार पर मुहर लगी है। इसका सीधा मतलब है कि अब राज्य बराबर के अधिकार के साथ टैक्स की व्यवस्था पर बात रख सकेंगे और केंद्र या जीएसटी कौंसिल के किसी प्रस्ताव पर तभी सहमत होंगे, जब उन्हें उसमें अपना हित दिखेगा। इसका यह भी मतलब है कि अब कोई भी कर प्रस्ताव थोपा नही जा सकेगा। राज्यों के साथ लगातार मोलभाव और वार्ता के जरिए उस पर सहमति बनानी होगी। इससे एक तरह से केंद्र और राज्यों के बीच संतुलन बनेगा।

सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद टकराव की संभावना भी बनती है। संभव है कि राज्य अपने हितों को देखते हुए अपने बजट में टैक्स के नए प्रावधान करें और उसे विधानसभा से पास कराएं तो यहीं काम केंद्र सरकार भी केंद्रीय बजट में कर सकती है। यह भी संभव है कि किसी खास टैक्स व्यवस्था की जीएसटी कौंसिल की सिफारिश को दोनों खारिज कर दें। लेकिन इसकी गुंजाइश कम है। ध्यान रहे वित्त आयोग की सिफारिशें भी राज्यों या केंद्र पर बाध्यकारी नहीं होती है। कई बार राज्यों ने वित्त आयोग की सिफारिशों पर आपत्ति भी की है। परंतु अंत में राज्य सरकारें उसे स्वीकार करती हैं। उसी तरह हो सकता है कि जीएसटी कौंसिल की सिफारिश स्वीकार करने से पहले कुछ विचार-विमर्श हो, मोलभाव हो, कुछ बदलाव करना पड़े लेकिन अंतत: जब राज्य इस व्यवस्था से बंधे हैं तो उन्हें इसकी सिफारिशें माननी होंगी। टकराव एक सीमा से अधिक नहीं बढ़ेगा।

इसके बावजूद कह सकते हैं कि जीएसटी कानून की जो व्याख्या सुप्रीम कोर्ट ने की है उससे राज्यों को ताकत मिली है। अगर यह ताकत नई नवेली जीएसटी व्यवस्था को कमजोर या बरबाद करने में इस्तेमाल हुई तो उसका बड़ा नुकसान होगा।

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आज का राशिफल

मेष: आज आप आर्थिक मामलों के संबंध में चिंता करेंगे। आप भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाएंगे। आप अपने लक्ष्य के संबंध में बहुत स्पष्ट और दृढ़ होने से योग्य निर्णय ले सकेंगे।

वृष: आज आप पूर्णत: आत्मकेंद्री बनेंगे। यह स्वार्थीपन आपमें असुरक्षा और स्वामित्वभाव पैदा करेगा, ऐसी संभावना है। आपका यह बर्ताव जीवन साथी के साथ के संबंधों में घर्षण पैदा करेंगे। आपको लोगों की भावनाओं और अपेक्षाओं पर ध्यान देना होगा।

मिथुन: किसी समस्या का युक्तिपूर्वक हल लाने की सूझ आज आपको आपका काम अधिक विलंब किए बिना पूरा करने में मदद करेगी। आपको काम में उत्कृष्टता दर्शाने की आवश्यकता है। दोपहर के बाद का समय आपके लिए कम अनुकूल रहेगा।

कर्क: आज आपके अपने विचार ही आपको ऊर्जा प्रदान करेंगे। ऐसी संभावना है कि आपको कुछ कठोर निर्णय लेने पड़ेंगे। किसी निश्चित क्षेत्र में नए संशोधन या बिजनेस द्वारा आपको लाभ हो सकते हैं।

सिंह: आज आप सतत कारकिर्दगी में प्रगति के संबंध में विचार करेंगे। आप अपने विचार और अभिप्रायों में दृढ़ रहेंगे। आपके अंतर्गत कार्य करने वाले सहकर्मियों को आप बिलकुल छूट नहीं देंगे। व्यक्तिगत जीवन में खुश रहने के लिए उदासीनता छोडें़।

कन्या: उच्च अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए आज बहुत अनुकूल दिन है। जबकि दिन में आपका मूड बारं बार बदलने से स्वभाव में थोड़ी उत्तेजना और चिड़चिड़ापन रहने की संभावना है।

तुला: अपनी शारीरिक सेहत सुधारने के लिए संतुलित आहार लें। माता से आज आपको धन लाभ होने की पूरी संभावना है। हो सकता है कि आपके मामा या नाना आपकी आर्थिक मदद करें। जीवनसाथी को भावनात्मक तौर पर ब्लैकमेल करने से बचें।

वृश्चिक: वाणिज्य के साथ जुड़े लोग नई भागीदारी या नया व्यावसायिक गठन करेंगे। पर समझौता करते समय उसके भावी परिणामों के संबंध में विचार कर सावधान रहें। आप अपनी शक्ति व्यापार पर केंद्रित करेंगे। अपने परिवार और निजी जीवन पर बराबर ध्यान देन की जरूरत है।

धनु: मन में भिन्न-भिन्न प्रकार की भावनाओं का अनुभव होगा। कभी आपको दुनिया खूब सुंदर लगेगी, तो कभी आप उसके बुरे पक्ष की टिप्पणी करते हुए दिखाई देंगे। फिर भी आप इस विरोधाभासी परिस्थिति में से बाहर आ सकेंगे ।

मकर: आज कोई भी महत्त्वपूर्ण निर्णय बहुत संभलकर लेने जैसा है। बिना विचारे कोई भी कदम जीवन में भारी पड़ेगा और पछताने का समय आएगा। महत्त्वपूर्ण कदम उठाने से पहले इष्ट का स्मरण करने में ही समझदारी है।

कुंभ: आज आप कार्य के पीछे अपनी समस्त शक्ति लगा देंगे। जहां तक कार्य से संबंध है, तब तक आप लक्ष्यांक सिद्ध करने के लिए निष्ठा और प्रमाणिकता से कार्य करेंग। लोग महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिए आप पर निर्भर रहेंगे।

मीन: आपके स्वभाव में भावुकता की मात्रा अधिक रहेगी। आप अपनी प्रियतमा या जीवनसाथी के समक्ष खूब नाट्यात्मक और अद्भुत रूप से अपने आपको अभिव्यक्त कर सकेंगे।

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प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी): शहरी भारत में बदलता जीवन

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी): शहरी भारत में बदलता जीवन, प्रत्येक पात्र लाभार्थी को एक पक्का घर उपलब्ध कराने के माननीय प्रधान मंत्री के विजन को पूरा करने के उद्देश्य से , प्रधान मंत्री आवास योजना (शहरी) (पीएमएवाई-यू) वर्ष 2015 में शुरू की गई थी । पिछले सात वर्षों में, पीएमएवाई-यू में लगभग 8.31 लाख करोड़ रुपये के निवेश, जिसमें से 2.03 लाख करोड़ रुपये केंद्रीय सहायता है, के साथ लगभग 1.23 करोड़ घरों को स्वीकृति दी गई है । मई 2022 तक, 1 करोड़ से अधिक घरों का निर्माण शुरू हो चुका है और वे निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं, जिसमें से 60 लाख से अधिक मकान बनकर तैयार हो चुके हैं और लाभार्थियों को सौंप दिए गए हैं ।

पीएमएवाई-यू निसंदेह दुनिया में सबसे महत्वाकांक्षी और सबसे बड़ा आवास कार्यक्रम है । यह अत्यधिक प्रासंगिक है और सबके लिए आवास प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय विकास की प्राथमिकताओं और वैश्विक लक्ष्यों के अनुरूप है । कार्यकाल सुरक्षा की आवश्यकता को मानते हुए, मिशन ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निम्न आय वर्ग और मध्यम आय वर्ग सहित सभी आय वर्गों में आवास की मांग को स्वीकार किया, और इसका उद्देश्य पानी के कनेक्शन, रसोई और शौचालय की सुविधा के साथ सभी मौसमों के अनुकूल, शालीन आवासीय इकाइयां प्रदान करके पर्याप्त भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है । आवास में लेंगिक समावेश में तेजी लाते हुए, मिशन आवास इकाइयों में संयुक्त रूप से या एकमात्र मालिक के रूप में महिलाओं का मालिकाना हक अनिवार्य करता है । मिशन ने व्यापक रूप से सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रतिबद्धता को पूरा किया है : शून्य गरीबी का लक्ष्य 1, लैंगिक समानता का लक्ष्य 5, स्वच्छ पानी और स्वच्छता का लक्ष्य 6 , संवहनीय शहरों और समुदायों का लक्ष्य 11 और जलवायु कार्रवाई का लक्ष्य 13 ।

पीएमएवाई-यू पांच मूलभूत तरीकों से कुकी कटर यूनिट्स और सिल्वर-बुलेट सॉल्यूशंस के साथ पूर्ववर्ती आवास योजनाओं से अलग है । सबसे पहले, पीएमएवाई-यू चार घटकों द्वारा आपूर्ति पक्ष या मांग पक्ष समर्थन के साथ, कैफेटेरिया दृष्टिकोण अपनाते हुए शहरी परिवारों के विभिन्न सेगमेंट्स की आवास मांग को पूरा करता है। स्थानीय स्तर पर महत्वाकांक्षी मांग सर्वेक्षणों के माध्यम से अलग-अलग आवास की मांग को जाना, जिससे इच्छुक लाभार्थियों को उपयुक्त घटक का विकल्प चुनने की अनुमति मिली और इससे शहर आवास की मांग तैयार कर पाये, जिसके आधार पर प्रत्येक घटक के लिए राष्ट्रीय लक्ष्य तैयार किए गए। इस तरह के बॉटम-अप दृष्टिकोण के साथ, मिशन ने आवास और सम्मानजनक जीवन के लिए विभिन्न लक्षित समूहों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जरूरत के अनुसार उचित रूप से विभिन्न डिजाइन तत्वों को विकसित किया है। पीएमएवाई-यू के लोकाचार समावेशी हैं तथा लिंग, जाति, पंथ या धर्म पर ध्यान दिये बिना सभी को समान अवसर प्रदान करते हैं।

दूसरा, पीएमएवाई-यू के तहत विजन पहले के आवास कार्यक्रमों के स्लम-फ्री सिटी के बजाय सबके लिए आवास है, जिसका अर्थ है कि यह केवल एक सेगमेंट और सबमार्केट के बजाय सभी आय वर्गों के लिए आवास की जरूरत को पूरा करता है ।

तीसरा, यह शहरी स्थानीय निकायों को पीएमएवाई-यू को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अन्य मिशनों जैसे अमृत, एसबीएम, एनयूएलएम के साथ अभिशरण का अवसर प्रदान करता है और इस तरह आवास मूल्य श्रृंखला और सीढ़ी में एकीकृत आवास नीतिगत ढांचा प्रदान करता है ।

चौथा, मिशन सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करते हुए मांग आधारित दृष्टिकोण अपनाता है । यहाँ राष्ट्रीय और राज्य स्तर के संस्थान मौजूद हैं जो मिशन के कार्यान्वयन में सहायता प्रदान करते हैं ।

पांचवां, अनपेक्षित समूहों को लाभ कम करने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वास्तविक और पात्र लाभार्थियों तक इच्छित लाभ पहुंचें, डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाया गया है । इसमें विभिन्न लिंकेज शामिल हैं जिन्हें लाभार्थियों के आधार सत्यापन के लिए यूआईडीएआई पोर्टल के साथ रखा गया है, पीएफएमएस के साथ डीबीटी मोड के माध्यम से निर्माण से जुड़ी सब्सिडी का हस्तांतरण और जीआईएस आधारित केंद्रीय एमआईएस आदि । एक व्यापक और मजबूत एमआईएस प्रणाली विकसित की गई है जो सभी हितधारकों को निर्बाध रूप से जानकारी का प्रबंधन करने और भौतिक और वित्तीय प्रगति से संबंधित रिकॉर्ड रखने में मदद करती है । मकानों के निर्माण की प्रगति की निगरानी के लिए एमआईएस पांच चरणों वाली जियो-टैगिंग सुविधाओं से युक्त है । सूचना के प्रसार के लिए एमआईएस को विभिन्न डैशबोर्ड और डीबीटी भारत पोर्टल के साथ भी एकीकृत किया गया है ।

प्रत्यक्ष भौतिक और वित्तीय प्रगति के अलावा, मिशन ने अपने बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के कारण अर्थव्यवस्था पर एक व्यापक प्रभाव डाला है, जो अर्थव्यवस्था के लगभग 130 क्षेत्रों को प्रभावित करता है । यह अनुमान लगाया गया है कि मिशन के तहत निर्माण गतिविधि में लगभग 413 मीट्रिक टन सीमेंट और 94 मीट्रिक टन स्टील की खपत होगी, जो अर्थव्यवस्था के लिए बहुत आवश्यक प्रोत्साहन होगा । ऐसा अनुमान है कि मिशन 246 लाख रोजगार सृजित करने में सक्षम रहा है ।

इसके अलावा, पीएमएवाई-यू प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (टीआईजी) के माध्यम से नई निर्माण प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे रही है । इस उद्देश्य के लिए ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया और इंडियन हाउसिंग टेक्नोलॉजी मेला आयोजित किया गया था। माननीय प्रधान मंत्री के विजन के तहत किफायती आवास को हकीकत में बदलने के प्रयास ने लाइट हाउस परियोजनाओं की शुरुआत की । देश के छह स्थानों- चेन्नई, इंदौर,

राजकोट, लखनऊ, रांची और अगरतला में 6,000 से अधिक फ्लैटों का निर्माण चल रहा है। निर्माण प्रक्रिया में उपयोग की जा रही नवीन तकनीकों को जीएचटीसी-इंडिया के तहत शॉर्टलिस्ट किया गया था और जो अब गरीबों के लिए किफायती, आरामदायक, समावेशी, ऊर्जा-कुशल और आपदा-रोधी घरों के निर्माण में मदद कर रही हैं । इन तकनीकों का उपयोग छात्रों, प्रोफेशनल्स, बिल्डर और विभिन्न हितधारकों को सिखाया जा रहा है, ताकि वे उन्हें भारतीय संदर्भ में दोहरा सकें । हाल ही में, एलएचपी चेन्नई का उद्घाटन माननीय प्रधान मंत्री द्वारा किया गया था । परियोजना को 12 महीने के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया था।

कोविड-19 महामारी ने शहरों में प्रवासी कार्यबल को किफायती किराये के आवास प्रदान करने की आवश्यकता को रेखांकित किया, जिसके परिणामस्वरूप 2020 में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स योजना की शुरुआत हुई । अब तक, एआरएचसी के तहत लगभग 80,000 आवास इकाइयों को मंजूरी दी गई है, जबकि 22,000 इकाइयों में निर्माण कार्य शुरू हो गया है ।

मिशन के माध्यम से लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान देने की दिशा में काम करने का प्रयास किया गया है । पिछले कुछ वर्षों में, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और विशेष रूप से पीएमएवाई-यू लाभार्थियों के सहयोग से सबके लिए आवास सुनिश्चित करने के प्रयासों को एक नई गति मिली है । पीएमएवाई-यू की सात साल की शानदार यात्रा रही है : दुनिया भर के लोगों के जानने योग्य एक प्रेरणादायक कहानी ।

*लेखक प्रोफेसर एवं चेयर, हाउसिंग फैकल्टी ऑफ प्लानिंग, हेड, इंटरनेशनल ऑफिस आई, सीईपीटी यूनिवर्सिटी, आईकेएल कैंपस, अहमदाबाद हैं ।

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विनाशकारी है, जातीय-जनगणना

वेद प्रताप वैदिक – विनाशकारी है, जातीय-जनगणना. खबर है कि 1 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीशकुमार एक सर्वदलीय बैठक बुला रहे हैं, जो बिहार में जातीय जनगणना की रुप-रेखा तय करेगी। पहले भाजपा इसका विरोध कर रही थी, अब वह भी इस बैठक में शामिल होगी। नीतीश इस सवाल पर दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुके हैं। जहां तक मोदी का सवाल है, वह जातीय जनगणना के पक्के विरोधी हैं। जब 2010 में जातीय जनगणना के विरुद्ध मैंने दिल्ली में जन-अभियान शुरु किया तो गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी ने मुझे कई बार फोन किया और हमारे आंदोलन को अपने खुले समर्थन का एलान किया।
उस आंदोलन में कांग्रेस, भाजपा, समाजवादी पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी के अनेक बड़े नेता भी सक्रिय भूमिका अदा करते रहे। सोनिया गांधी ने न्यूयार्क से लौटते ही पहल की और ‘मेरी जाति हिंदुस्तानी’ के आग्रह पर जातीय जनगणना रुकवा दी। मनमोहनसिंह की कांग्रेस सरकार ने उन आंकड़ों को प्रकाशित भी नहीं होने दिया, जो हमारे आंदोलन के पहले एकत्र हो गए थे। मुझे खुशी है कि नरेंद्र मोदी ने भी अपने प्रधानमंत्री काल में उसी नीति को चलाए रखा।
अब नीतीश जो पहल कर रहे हैं, वह बिहार के लिए नहीं, सारे देश के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकती है। वैसे नेताओं में नीतीश मेरे प्रिय हैं। उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए हिंदी के लिए और बिहार में शराबबंदी के लिए मेरे कई सुझावों को तुरंत लागू किया है लेकिन यदि जातीय जनगणना उन्होंने बिहार में करवा दी तो यह बीमारी सारे भारत में फैल जाएगी। कर्नाटक और तमिलनाडु में उसकी असफल कोशिश हो चुकी है। अब छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र की सरकारें भी इसे अपने यहां करवाना चाहती हैं।
यदि सभी प्रांतों में जातीय जन-गणना होने लगी तो भारत की एकता के लिए यह विनाशकारी सिद्ध होगी। जातीय अलगाव मजहबी अलगाव से भी अधिक जहरीला है। 1947 में भारत के सिर्फ दो टुकड़े हुए थे, अब भारत हजारों-लाखों टुकड़ों में बंट जाएगा। पिछली जनगणना में 46 लाख जातियों और उप-जातियों का पता चला था। एक ही प्रांत में एक ही जाति के लोग अलग-अलग जिलों में अपने आपको उच्च या नीच जाति का मानते हैं। यदि जातीय आधार पर आरक्षण और सुविधाएं बंटने लगीं तो कौन जाति के लोग अपने आपको पिछड़ा या दलित साबित नहीं करना चाहेंगे?
जातीय जन-गणना सामूहिक लूट-खसोट का हथियार बन जाएगी। वैसे देश के कुछ नेता इन आंकड़ों का इस्तेमाल कुर्सी पाने और उसे बचाने के लिए करते ही है। जातीय जनगणना देश के लोकतंत्र को भेड़तंत्र में बदल डालेगी। देश की न्यायपालिका, विधानपालिका और कार्यपालिका में ही नहीं, जीवन के हर क्षेत्र में योग्यता की जगह जाति ही पैमाना बन जाएगी। गरीबी दूर करने का लक्ष्य धरा का धरा रह जाएगा।
आज 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन क्या जाति के आधार पर मिल रहा है? नहीं, गरीबी के आधार पर मिल रहा है। जातीय जनगणना हुई तो यह आधार नष्ट हो जाएगा। देश में गरीबी बढ़ेगी। देश के 70 करोड़ से ज्यादा वंचितों का जातीय आरक्षण ने सबसे ज्यादा नुकसान किया है। सिर्फ 5-7 हजार सरकारी नौकरियों की रेवडिय़ां बांटकर देश के 80 करोड़ गरीबी की रेखा के नीचे लोगों को उपेक्षा का शिकार क्यों बनाया जाए? जो लोग भारत का भला चाहते हैं, उन्हें जन्मना जातिवाद का डटकर विरोध करना चाहिए।

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राजश्री प्रोडक्शन्स की फिल्म ‘ऊँचाई’ के निर्माण में महावीर जैन फिल्म्स और बाउंडलेस मीडिया भी शामिल

31.05.2022 – राजश्री प्रोडक्शन्स की फिल्म ‘ऊँचाई’ के निर्माण में महावीर जैन फिल्म्स और बाउंडलेस मीडिया भी शामिल. भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के चर्चित फिल्मकार सूरज बड़जात्या ने राजश्री प्रोडक्शन्स के बैनर तले बन रही फिल्म ‘ऊँचाई’ के निर्माण में सहयोग के लिए महावीर जैन फिल्म्स और बाउंडलेस मीडिया को भी शामिल कर लिया है। एक संपूर्ण पारिवारिक मनोरंजन युक्त फिल्म के रूप में ‘ऊँचाई’ निर्देशक सूरज आर. बड़जात्या की 7वीं निर्देशित फिल्म है। राजश्री प्रोडक्शन्स की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘ऊँचाई’, शूटिंग शुरू होने के बाद से ही, अपनी अनुभवी स्टार कास्ट के लिए खबरों में बनी हुई है। ‘ऊँचाई’ राजश्री प्रोडक्शंस (प्राइवेट) लिमिटेड के बैनर तले निर्मित 60वीं फिल्म होगी। इसे नेपाल, दिल्ली, मुंबई, आगरा, लखनऊ और कानपुर में बड़े पैमाने पर शूट किया गया है। राजश्री प्रोडक्शन्स ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में सहनिर्माता के रूप में महावीर जैन फिल्म्स के महावीर जैन और बाउंडलेस मीडिया की नताशा मालपानी ओसवाल का स्वागत किया है।  महावीर जैन फ़िल्म उद्योग के दिग्गज हैं और राजश्री परिवार के साथ लंबे समय से संबंध रखते हैं। राजश्री प्रोडक्शन्स में अपने

उत्साह को प्रतिबिंबित करते हुए, महावीर जैन ने कहा कि ‘ऊँचाई’ एक फिल्म से ज़्यादा है, यह एक महान अनुभव है। सूरज जी के साथ उनकी फिल्म से जुड़ना मेरे लिए सम्मान की बात है।  मेरे जीवन की तमन्ना पूरी हुई है। मुझे इस फिल्म का हिस्सा बनने पर गर्व है। ‘ऊँचाई’ के लिए निर्माताओं के पैनल को पूरा कर रही हैं, नताशा मालपानी ओसवाल, बाउंडलेस मीडिया की संस्थापक। बाउंडलेस मीडिया एक ऐसा क्रिएटिव हाउस है जो दुनिया भर के दर्शकों के लिए नया कंटेंट बनता है। बाउंडलेस मीडिया की संस्थापक व संचालक नताशा मालपानी ओसवाल राजश्री प्रोडक्शन्स के प्रति अपना उदगार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि सूरज जी हमेशा से मेरे लिए एक प्रेरणा के स्रोत रहे हैं।  बाउंडलेस मीडिया के बॉलीवुड डेब्यू के लिए इतनी वरिष्ठ प्रतिभाओं के साथ काम करने में मुझे बहुत खुशी हो रही है।

‘ऊंचाई’ में अमिताभ बच्चन के अलावा अनुपम खेर, नीना गुप्ता और बोमन ईरानी की प्रमुख भूमिकाएं हैं। फिल्म में परिणति चोपड़ा के नज़र आने की भी संभावना है। सूरज बड़जात्या ने इस फिल्म का लेखन भी किया है। लगभग छह साल बाद सूरज किसी फिल्म का निर्देशन करने जा रहे हैं। उनकी पिछली रिलीज फिल्म थी ‘प्रेम रतन धन पायो’ जिसमें सलमान खान और सोनम कपूर ने काम किया था। अपने फिल्मी कैरियर के शुरुआती दौर में अमिताभ बच्चन राजश्री प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म ‘सौदागर’(1973) में काम कर चुके हैं।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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आज का राशिफल

मेष राशि: आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा। लोग आपके विचारों को सुनने के लिए बहुत उत्सुक होंगे। इस राशि के लोगों को आज किसी करीबी से कोई खुशखबरी मिल सकती है। करियर के मामले में आपके ऊपर अपनी क्षमता से अधिक जिम्मेदारियां आ सकती हैं, लेकिन धीरे-धीरे करके आप उसे संभाल लेंगे। सोचे हुए काम पूरे करने की कोशिश करेंगे।

वृष राशि: आज आपका दिन फेवरेबल रहेगा। आपके मन की इच्छा पूरी होगी। आर्थिक मामलों में लाभ मिलेगा। भविष्य को बेहतर बनाने के लिए नये कदम उठायेंगे। स्थिति आपके पक्ष में रहेगी। लवमेट के साथ रिश्तों में मिठास आयेगी। आपके मन में कुछ बड़े विचार आयेंगे। भरोसेमंद लोगों से सही सलाह और मदद मिलेगी। कुछ पढऩे या कुछ नया सीखने में रुचि होगी।

मिथुन राशि: आज आपका दिन अच्छा रहेगा। इस राशि के लेखकों के लिए आज का दिन बहुत बढिय़ा है। आपको नौकरी से संबंधित कोई अच्छी खबर प्राप्त हो सकती है। कोई नई स्टोरी कवर करने के लिये मिल सकती है। आपका करियर नये रूप में उभरेगा। आपके साथ सब कुछ ठीक बना रहेगा। कॉलेज में साथियों से मदद मिल सकती है। पार्टनर से सहयोग मिलता रहेगा।

कर्क राशि: आज आपका दिन ठीक-ठाक रहेगा। आप ज्यादातर समय परिवारवालों के साथ बिता सकते हैं। जीवनसाथी के साथ कहीं हील स्टेशन पर घूमने की प्लांनिग कर सकते हैं। किसी भी स्थिति को लेकर ज्यादा संघर्ष करने या खुद को निराश करने से बचें। सब कुछ अपने सोचे हुए तरीके से पूरा होने की उम्मीद कम है। परिवार में विवाद की स्थिति बन सकती है।

सिंह राशि: आज आपका दिन सामान्य रहेगा। जिस काम को पूरा करना चाहेंगे, उसमें थोड़ी रुकावटें आ सकती हैं। किसी पुराने मित्र से मिलने उसके घर जा सकते हैं। रिश्तों में सुधार लाने के लिए दिन अच्छा है। शाम को कुछ घरेलू सामान खरीदने के लिए मार्केट जा सकते हैं। आज किसी से कोई भी बात सोच-विचार कर ही कहें, वरना थोड़ी परेशानी में पड़ सकते हैं।

कन्या राशि: आज किस्मत आपके साथ रहेगी। जिस काम को कई दिनों से पूरा करने की सोच रहे हैं, वो आज किसी फ्रेंड की मदद से पूरा हो जाएगा। इस राशि के स्टूडेंट्स के लिए आज का दिन बेहतर है। आप खुद को तरोताजा महसूस करेंगे। आपका आत्मविश्वास बढ़ा रहेगा। आपको कहीं से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। कुछ अवसरों का फायदा आपको मिल सकता है। अचानक से धन लाभ भी होगा।

तुला राशि: आज आपका दिन सामान्य रहेगा। कोई भी काम करते समय अपने मन को शांत रखेंगे, तो आपका काम आसानी से सफल होगा। इस राशि के जो लोग अविवाहित हैं, उनके लिए रिश्ते आ सकते हैं। मनोरंजन से जुड़े कुछ खर्चे बढ़ सकते हैं। आपका कोई दोस्त या साथ का व्यक्ति थोड़ा परेशान हो सकता है।

वृश्चिक राशि: आज आपका दिन शानदार रहेगा। आपकी कोशिश पूरी तरह से सफल होगी। दोस्तों के साथ खुशियाँ मनाएंगे। आपका व्यक्तित्व आकर्षक रहेगा। मानसिक रूप से आप मजबूत बने रहेंगे। आपके मन की शंका भी दूर होगी। परिवार और समाज के लोग आपके लिए काफी मददगार हो सकते हैं। किसी के साथ बातचीत में आपको बहुत हद तक सलता मिल सकती है। दूसरों पर आपकी बातों का गहरा असर होगा।

धनु राशि: आज आपके मन में नए विचार उत्पन्न होंगे। आपको परिवार से जुड़ी कई जिम्मेदारियां निभानी पड़ सकती है, जिसमें आप सफल होंगे। दाम्पत्य जीवन बेहतर रहेगा। आज आसपास के लोगों से तारीफ मिलेगी। आपको पैसों का फायदा भी होगा। किसी नए कारोबार की रूपरेखा बना सकते हैं। आप अपने मन की बातें पार्टनर से शेयर कर सकते हैं। आपको माता-पिता से सुख मिलेगा।

मकर राशि: आज आपका दिन मिला-जुला रहेगा। इस राशि के इंजीनियर्स के लिए आज का दिन फायदेमंद रहेगा। किसी कंपनी से जॉब के लिये कॉल आ सकती है। आप किसी बात को लेकर बेचैन हो सकते हैं। आपका मन कहीं भटक सकता है। आपको बच्चों की देखभाल की भी जरूरत है। आसपास के किसी व्यक्ति के बारे में आपको गलतफहमी हो सकती है। किसी के बारे में अपनी राय बनाने से पहले उसके बारे में अच्छे से जान लेना बेहतर होगा।

कुंभ राशि: आज आपका रूझान आध्यात्म की तरफ रहेगा। किसी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने की योजना बना सकते हैं। आपको आनंद की प्राप्ति होगी। खुद को फीट महसूस करेंगे। दिन खत्म होते-होते आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। बिजनेस में बढ़ोतरी के नये अवसर प्राप्त होंगे। दोस्तों से सहयोग मिलेगा।

मीन राशि: आज आपका दिन पहले की अपेक्षा बेहतर रहेगा। आपकी किस्मत आपका पूरा साथ देगी। आप अपने कार्यक्षेत्र में बेहतर ढ़ंग से काम करेंगे। आपको किसी सामाजिक समारोह में शामिल होने का मौका मिल सकता है। अपनी मेहनत से हर काम को सफल बनाने की ताकत रखेंगे। आपको बड़ों का पूरा सहयोग मिलेगा। ऑफिस में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

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