हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला, नशा तस्करों को अब मिलेगा मृत्युदंड

Himachal government's big decision, drug smugglers will now get death penalty

शिमला 29 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) – नशे के खात्मे के लिए एक तरफ जहां पंजाब सरकार सख्त कदम उठा रही है तो वहीं दूसरी तरफ हिमाचल सरकार ने भी प्रदेश में नशा रोकने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने नशा तस्करों को मृत्युदंड देने पर मुहर लगा दी है।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने नशे की लत में फंसे लोगों के पुनर्वास के लिए दो विधेयक पारित कर दिए। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध निवारण एवं नियंत्रण विधेयक 2025 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

इसमें नशे के सौदागरों को न केवल आजीवन कारावास, बल्कि मृत्युदंड का भी प्रविधान किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में इसे सदन में पेश किया था।

जिसके बाद अब इस पर चर्चा की गई और पारित कर दिया गया। इसमें 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रविधान किया गया है। माना जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश ऐसा प्रविधान करने वाला पहला राज्य है।

विधेयक के अनुसार ऐसी दवाओं, जिनसे नशे की लत लग सकती है, के परिवहन, आपूर्ति तथा इन्हें रखने की स्थिति पकड़े जाने पर उक्त कानून के प्रविधानों के मुताबिक सजा मिलेगी।

इसके अलावा अवैध खनन, वन्य जीवों की तस्करी, मानव तस्करी, झूठे दस्तावेजों के साथ कोई काम करना, मानव अंगों की तस्करी, खतरनाक पदार्थों की डंपिंग तथा बौद्धिक वस्तुओं की जालसाजी के मामले में भी हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध निवारण एवं नियंत्रण कानून के प्रविधानों के तहत सजा मिलेगी।

संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्य अथवा सिंडिकेट द्वारा हिंसा करने पर किसी की मृत्यु होने पर आजीवन कारावास अथवा मृत्यु दंड हो सकेगा। सिंडिकेट के सदस्यों द्वारा नशे अथवा अन्य अवैध तरीकों से अर्जित संपत्ति की कुर्की होगी। सरकार इस संपत्ति को जब्त कर सकती है।

सरकार ने शिक्षण संस्थानों के 500 मीटर के दायरे में तंबाकू अथवा अन्य नशीली दवाएं या पदार्थ बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। पहले 100 मीटर के दायरे में ही इस तरह के पदार्थ बेचने पर प्रतिबंध था। विधेयक के राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद इसे लागू किया जाएगा।

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राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने किया राजस्थान उत्सव का अवलोकन

नई दिल्ली, 29 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। राजस्थान की उप मुख्यमंत्री  दिया कुमारी ने शनिवार को नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में चल रहे राजस्थान उत्सव 2025 का अवलोकन किया।

राज्य की अतिरिक्त आवासीय आयुक्त श्रीमती अंजु ओम प्रकाश तथा संयुक्त आवासीय आयुक्त श्रीमती रिंकू मीना ने उप मुख्यमंत्री को उत्सव का अवलोकन करवाते हुए विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर उप आवासीय आयुक्त मनोज सिंह सहित बीकानेर हाउस स्थित कार्यालयों के अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।

दिया कुमारी ने उत्सव में राजीविका द्वारा लगाए गए क्राफ्ट मेले और फूड फेस्टिवल का भ्रमण करते हुए प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए काश्तकारों, हस्तकारों और हस्तशिल्पियों इत्यादि के स्टाॅल्स पर जाकर उनके उत्पादों के बनाने की विधि एवं अन्य जानकारियां ली। उन्होंने सभी हस्तकलाकारों से उनके अनुभवों और उत्पादों की प्रशंसा करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया।

राजस्थान स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 2 अप्रैल तक चलने  वाले इस नौ दिवसीय राजस्थान उत्सव में उपस्थित आगंतुकों को उपमुख्यमंत्री ने हिन्दी नव वर्ष की शुभकामनाएं दी।  दिया कुमारी ने राजस्थान उत्सव में राष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए राजस्थान में पर्यटन क्षेत्र में किए जा रहे अभूतपूर्व कार्यो की जानकारी देते हुए उनसे राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक प्रचार-प्रसार करने का आग्रह किया।

इसके अतिरिक्त उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों को राज्य के विभिन्न ट्यूरिस्ट सर्किट्स का भ्रमण करने का भी आमंत्रण दिया।

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जज के दरवाजे पर कैश…चंडीगढ़ कैश कांड मामले में 17 साल बाद फैसला

पूर्व जस्टिस निर्मल यादव बरी

चंडीगढ़ 29 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को पूर्व जस्टिस निर्मल यादव को 2008 के दरवाजे पर कैश कांड मामले में बरी कर दिया। विशेष सीबीआई जज अलका मलिक की अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रहा।

दरअसल, पूर्व जस्टिस निर्मल यादव पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जज रहते हुए 2008 में 15 लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। इस मामले में कुल पांच आरोपी थे, जिनमें से एक की पहले ही मौत हो चुकी है। अदालत ने बीते गुरुवार को अंतिम दलीलें सुनने के बाद आज फैसला सुनाने की तारीख तय की थी।

यह मामला 17 साल पहले तब सामने आया था जब जस्टिस निर्मलजीत कौर, जो उस समय हाईकोर्ट की जज बनी थीं, के दरवाजे पर गलती से नोटों से भरा एक पैकेट पहुंच गया था। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिससे इस कथित रिश्वतखोरी का खुलासा हुआ। इस मामले में जस्टिस निर्मल यादव और हरियाणा के तत्कालीन अतिरिक्त महाधिवक्ता संजीव बंसल पर केस दर्ज किया गया था, जिनकी कुछ साल पहले मृत्यु हो गई थी।

इस मामले में 89 गवाहों के बयान दर्ज किए गए और 12 गवाहों को दोबारा बुलाया गया था। लंबी सुनवाई के बाद, सीबीआई की विशेष अदालत ने आज फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि सीबीआई ठोस डिजिटल या दस्तावेजी सबूत पेश करने में नाकाम रही। इसके अलावा, मुख्य गवाहों ने अदालत में अपने पहले दिए गए बयानों से पलट गए, जिससे अभियोजन का मामला कमजोर हो गया। बचाव पक्ष के वकील विशाल गर्ग ने बताया कि कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश निर्मल यादव और अन्य चार आरोपियों को बरी कर दिया है।

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राजपूत समाज अपने पूर्वजों के अपमान को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा

शहीद पूर्वजों का अपमान बंद करो, 28 मार्च का विरोध और पुतला दहन

राँची,(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) –  28 मार्च को अखिल राजपूताना कल्याण न्यास द्वारा आयोजित विरोध मार्च रांची यूनिवर्सिटी गेट से शुरू होकर फिरायालाल चौक तक पहुंचा। इस विरोध कार्यक्रम में पुरे रांची शहर से हजारों की संख्या में राजपूत समाज के लोग एकजुट होकर अपने वीर पूर्वजों के सम्मान में प्रदर्शन करने पहुंचे। इस इस विरोध कार्यक्रम ने समाज में एकता, साहस और वीरता का उदाहरण प्रस्तुत किया और यह संदेश दिया कि राजपूत समाज अपने पूर्वजों के अपमान को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा।

विरोध मार्च के बाद सभी लोग एकजुट होकर फिरायालाल चौक पर एकत्र हुए, जहां  इस आंदोलन का मुख्य कार्यक्रम हुआ। रामजी लाल सुमन द्वारा  वीर राणा  सांगा के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयान, जिसमें उन्होंने राणा सांगा को गद्दार कहा था, पर तीव्र विरोध व्यक्त किया गया । इस बयान को पूरी तरह से नकारते हुए, राजपूत समाज के लोगों ने इसका विरोध करते हुए रामजी लाल सुमन का पुतला दहन किया।

पुतला दहन करते समय समाज के लोग गुस्से से भरपूर थे और उन्होंने पुतले को जूते और चप्पलों से मारा, यह प्रदर्शन इस बात का प्रतीक था कि राजपूत समाज किसी भी व्यक्ति को, जो हमारे पूर्वजों का अपमान करेगा, उसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। साथ ही, नारे लगाए गए कि”जो भी हमारे पूर्वजों के साथ खिलवाड़ करेगा या उनको बदनाम करेगा, राजपूत समाज उसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। उसकी ईट से ईट बजा दी जाएगी।”

यह विरोध प्रदर्शन एक स्पष्ट संदेश है कि राजपूत समाज अपने गौरव, वीरता और पूर्वजों के सम्मान की रक्षा के लिए कभी भी एकजुट होकर खड़ा हो सकता है। यह आंदोलन न केवल हमारे पूर्वजों की गरिमा की रक्षा करने के लिए था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि समाज में ऐसे अपमानजनक बयानों और टिप्पणियों के खिलाफ आवाज उठाना हमारी जिम्मेदारी है।

हम समाज से अपील करते हैं कि वे इस आंदोलन का समर्थन करें और हमें हमारे शहीदों और वीर पूर्वजों के सम्मान की रक्षा करने का अवसर दें। यह हमारी एकता, हमारी संस्कृति, और हमारे गौरव की रक्षा का आंदोलन है।

कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रमुख व्यक्ति:
रामेश्वर दयाल सिंह,शिवाजी सिंह परमार,संजय सिंह,श्रीराम सिंह,प्रो.(डॉ.) धीरज सिंह “सूर्यवंशी” उर्फ बिनु सिंह,,सुनील सिंह, प्रतुलनाथ सहदेव ,मनीष सिंह , रंजन कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह ,विनोद कुमार सिंह ,सूर्यकांत सिंह जितेंद्र सिंह ,दिलीप सिंह ,शशि सिंह लव कुमार सिंह ,शिव चंद्र सिंह,रमाकांत सिंह ,वीरेंद्र सिंह ,धर्मेन्द्र सिंह,विजय सिंह ,प्रमोद सिंह ,श्याम किशोर सिंह ,डॉ अजय नाथ सहदेव ,कुंदन सिंह,सुनील कुमार सिंह ,सीएम सिंह ,बलिंद्र सिंह,अवध बिहारी सिंह ,निशांत सिंह,विपिन सिंह ,बीएन सिंह,मनीष सिंह ,यश सिंह परमार ,देवराज सिंह,नीतू सिंह ,गौतम सिंह ,जितेंद्र सिंह ,अंशुमान सिंह ,ब्रजभूषण सिंह ,राजकुमार सिंह ,नागेश्वर सिंह ,मनोज कुमार सिंह ,दिलीप कुमार सिंह ,विजय सिंह , मुदित राज ,प्रतुल नाथ सहदेव ,गणेश चंद्र समल,रवि प्रताप सिंह,बलराम सिंह,रणधीर सिंह ,संजीव सिंह,पंकज सिंह,राणा प्रशांत सिंह,प्रभु नाथ सिंह,महावीर सिंह,राजकिशोर सिंह ,रविरंजन सिंह ,संजीत सिंह ,प्रभाकर सिंह,शैलेन्द्र सुमन ,धर्मेन्द्र सिंह

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ग्लोबल स्टार राम चरण की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘पेड़ी’ (Peddi) फर्स्ट लुक जारी……!

29.03.2025 – वृधि सिनेमा के बैनर तले वेण्कट सत्येश किलारू द्वारा निर्मित पैन-इंडिया फिल्म ‘पेड़ी’ (Peddi) का धमाकेदार फर्स्ट लुक मेकर्स द्वारा जारी कर दिया गया है। ग्लोबल स्टार राम चरण एक बार फिर अपनी इस बहुप्रतीक्षित 16वीं फिल्म के साथ सिल्वर स्क्रीन पर तहलका मचाने के लिए तैयार हैं, जिसका निर्देशन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार बुची बाबू सना (उप्पेना) ने किया है।

यह पैन-इंडिया स्पेक्टेकल प्रमुख प्रोडक्शन हाउस मैत्री मूवी मेकर्स द्वारा प्रस्तुत किया गया है। फर्स्ट-लुक पोस्टर में अभिनेता राम चरण को एक सख्त, नॉन-सेंसिकल अवतार में दिखाया गया है। उनकी तीव्र आँखें, अस्त-व्यस्त बाल, बेतरतीब दाढ़ी और नथ, अडिग प्रभुत्व का आभास देती हैं।

कड़क कपड़े पहने और सिगार पीते हुए, वह एक ऐसे किरदार को जीते हैं जो बिना किसी झिझक के ताकत और रौद्रता से भरा हुआ है। एक दूसरे पोस्टर में उन्हें एक पुरानी क्रिकेट बैट के साथ दिखाया गया है, और बैकग्राउंड में एक ग्रामीण स्टेडियम के स्टेडियम में फ्लड लाइट्स जलती हुई दिखाई देती हैं।ये दृश्य एक ऐसी कहानी की ओर इशारा करते हैं, जिसमें ग्रामीण तीव्रता और नाटकीयता से भरपूर कुछ है।

सुकोमार राइटिंग्स के सहयोग से बनी इस फिल्म के संगीतकार ए.आर. रहमान, सिनेमाटोग्राफर आर. रत्नवेलू, प्रोडक्शन डिजाइनर अविनाश कोल्ला, एडिटर नवीन नूली और कार्यकारी निर्माता वी. वाई. प्रभीन कुमार हैं। इस फिल्म में ग्लोबल स्टार राम चरण के अलावा कन्नड़ मेगास्टार शिवराज कुमार की अहम भूमिका है। बॉलीवुड अभिनेत्री जान्हवी कपूर इस फिल्म में मुख्य नायिका के रूप में दिखाई देंगी, जबकि जगपति बाबू और दिव्येंदु शर्मा भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आएंगे।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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अजब प्रेम! किसी के पास एक नहीं…कोई दो लेकर घूम रहा

शख्स ने एक ही मंडप में दो प्रेमिकाओं से रचाई शादी

तेलंगाना 29 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : तेलंगाना के आसिफाबाद जिले की एक प्रेम कहानी बड़ी चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां एक शख्स को दो लड़कियों से प्यार था। शख्स दोनों को ही नहीं छोड़ना चाहता था। उसने अपनी दोनों प्रेमिकाओं से बात की और फिर एक ही मंडप में दोनों से शादी रचा ली।

लिंगापुर मंडल के गुमनूर गांव में हुई इस शादी की चर्चा चारों तरफ हो रही है। दूल्हे सूर्यदेव ने एक ही मंडप के नीचे लाल देवी और झलकारी देवी के साथ 7 फेरे लिए। शादी समारोह का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में दूल्हा-दुल्हनों को शादी की रस्में पूरी करते देखा जा सकता है।

तीन लोगों की एक साथ शादी की चर्चाएं जोरों पर हैं। सोशल मीडिया पर भी लोगों के तीखे रिएक्शन सामने आ रहे हैं। सूर्यदेव ने बताया कि उसे लाल देवी और झलकारी देवी से प्यार हो गया था। वह दोनों में से किसी एक को नहीं चुन सकता था। दोनों युवतियों में से कोई एक भी उसे छोड़ने को राजी नहीं थी। इसके बाद तीनों ने आपस में बात की और सहमति के साथ शादी करने का फैसला लिया।

इस बात पर उनके परिजनों ने भी किसी तरह की कोई आपत्ति जाहिर नहीं की। खास बात यह है कि शादी के लिए जो कार्ड छपवाए गए, उनके ऊपर भी दोनों दुल्हनों के नाम थे। इसके बाद एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में उनके परिजन और सभी रिश्तेदारों की मौजूदगी में दूल्हे ने अपनी दोनों दुल्हनों के साथ 7 फेरे लिए।

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राज्य गीत जय-जय-जय-हरियाणा पर लगी विस की स्वीकृति की मुहर

चंडीगढ़ 29 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) – हरियाणा विधानसभा ने शुक्रवार को राज्य गीत को सर्वसम्मति से ध्वनिमत से स्वीकृत कर लिया। गीत ‘जय-जय-जय-हरियाणा’ सदन में सुनाया भी गया।

इससे पूर्व हरियाणा राज्य गीत चयन समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह यादव ने सदन में समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे सदन ने सर्वसम्मति जताते हुए ध्वनिमत से स्वीकृत कर लिया। समिति में विधायक लक्ष्मण सिंह यादव (अध्यक्ष) के अलावा विधायक गीता भुक्कल, विनोद भ्याना, बलवान सिंह दौलतपुरिया, आदित्य देवीलाल सदस्य हैं।

14वीं विधान सभा के दौरान विधायक जोगी राम सिहाग, नीरज शर्मा, बिशम्बर सिंह भी सदस्य रहे। विधान सभा के प्रभारी सचिव डॉ. सतीश कुमार और मीडिया एवं संचार अधिकारी दिनेश कुमार इस समिति के अधिकारी हैं।

समिति ने जिस गीत की अनुशंसा की है उसे डॉ. बाल किशन शर्मा ने लिखा है। डॉ. श्याम शर्मा ने गाया है, पारस चोपड़ा ने संगीतबद्ध किया तथा सुश्री मालविका पंडित ने इसका निर्देशन किया है। विषय विशेषज्ञ के तौर पर लोक कलाकर पदमश्री महावीर सिंह गुड्‌डू समिति की बैठकों में शामिल रहे।

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हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी बढ़ाई

शिमला 29 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) – हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश काश्तकारी एवं भूमि सुधार अधिनियम-1972 की धारा 118 के तहत भूमि खरीद की अनुमति देने के लिए स्टाम्प ड्यूटी बढ़ा दी है।

नयी स्टाम्प ड्यूटी संरचना को पहली बार 13 फरवरी, 2025 को जारी भारतीय स्टाम्प (हिमाचल प्रदेश संशोधन) अध्यादेश, 2025 के माध्यम से लागू किया गया था। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की ओर से राज्य विधानसभा में पेश किये गये विधेयक के माध्यम से अब इन्हें औपचारिक रूप दिया जा रहा है।

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लागू भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 के तहत मौजूदा स्टाम्प ड्यूटी दरें तर्कहीन पाई गईं और उन्हें चरणों में संशोधित किया जा रहा है।

गैर-कृषकों से जुड़े भूमि लेनदेन से राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी को छह प्रतिशत से बढ़ाकर बारह प्रतिशत कर दिया है। यह बढ़ोतरी स्वामित्व और पट्टा समझौतों दोनों के आधार पर भूमि हस्तांतरण पर लागू होती है। इस निर्णय के साथ हिमाचल प्रदेश में भूमि खरीदने वाले गैर-कृषकों को अब पहले की तुलना में दोगुना स्टाम्प शुल्क देना होगा।

सरकार को भूमि लेनदेन से राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है, जिससे विभिन्न प्रकार के भूमि हस्तांतरण के लिए स्टाम्प शुल्क दरों में स्पष्टता और एकरूपता सुनिश्चित होगी। यह कदम स्टाम्प शुल्क दरों को युक्तिसंगत बनाने और राजस्व सृजन को बढ़ाने के राज्य के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

कल सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में विधेयक पर चर्चा की जायेगी।

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नागरिकों के लिए उन्हीं की भाषा में शिकायतें दर्ज करवाना होगा आसान

सरकार उठाने जा रही ये बड़ा कदम

नई दिल्ली 29 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) – प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के लिए एक मल्टीमॉडल, बहुभाषी (मल्टीलिंग्वल) ई-गवर्नेंस समाधान लागू करने के लिए डिजिटल इंडिया ‘भाषिणी’ के साथ सहयोग की घोषणा की है।

यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के तहत उठाया गया है ताकि शिकायत निवारण प्रणालियों में गुणात्मक सुधार लाया जा सके और नागरिकों के लिए अधिक संवेदनशील, सुलभ और सार्थक बनाया जा सके। मल्टीमॉडल, बहुभाषी समाधान के साथ, यह परिकल्पना की गई है कि नागरिक सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर 22 क्षेत्रीय भाषाओं के माध्यम से आसानी से शिकायत दर्ज करा सकेंगे।

नागरिक शिकायत दर्ज करने के लिए अपनी क्षेत्रीय भाषा में बोल कर आवाज का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह समाधान सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर पहुंच और नेविगेशन को भी आसान बनाएगा। सरकार ने कहा कि डीएआरपीजी-भाषिणी के इस सहयोग से नागरिकों के लिए अधिक कुशल, सुलभ और उत्तरदायी शासन प्रणाली के लिए भविष्य का रोडमैप तैयार होगा।

भाषिणी का सीपीजीआरएएमएस के साथ इंटीग्रेशन एआई-पावर्ड, बहुभाषी नागरिक जुड़ाव में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो यह सुनिश्चित करता है कि भाषा संबंधी बाधाएं अब शिकायत निवारण और सार्वजनिक सेवा पहुंच में बाधा नहीं बनेंगी।

यह समाधान जुलाई 2025 तक लागू होने की उम्मीद है। इस बीच, इस सप्ताह संसद में पेश की गई जानकारी के अनुसार, नवंबर 2022 और फरवरी 2025 के बीच केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के तहत 56 लाख से अधिक शिकायतों का निवारण किया गया।

कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, “1 नवंबर 2022 से 28 फरवरी 2025 तक सीपीजीआरएएमएस पर कुल 52,36,844 शिकायतें प्राप्त हुईं और इस प्रणाली के माध्यम से 56,63,849 शिकायतों का निपटारा किया गया।” मंत्री ने कहा कि 28 फरवरी तक भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों में 59,946 जन शिकायत मामले पेंडिंग हैं।

नागरिक 5.1 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस बीच, डीएआरपीजी द्वारा जारी मासिक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल फरवरी में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल 50,088 जन शिकायतों का निवारण किया गया, जबकि सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर ऐसे पेंडिंग मामलों की संख्या 1,90,994 है।

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भूकंप प्रभावित म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजेगा भारत

नई दिल्ली 29 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) – म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इस तबाही में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। इस बीच, भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार की मदद को हाथ बढ़ाया है। सूत्रों ने बताया कि भारत म्यांमार को 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजेगा, क्योंकि वहां कई शक्तिशाली भूकंपों ने 144 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और 700 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

सूत्रों ने बताया कि भारत राहत सामग्री को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के सी-130जे विमान से म्यांमार भेजेगा, जो वायुसेना स्टेशन हिंडन से रवाना होगा। सूत्रों के अनुसार, राहत पैकेज में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने और पट्टियां जैसी आवश्यक दवाएं शामिल हैं।

इस बीच, भारतीय दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और उसने कहा कि अभी तक किसी भी भारतीय के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बैंकॉक और थाईलैंड के अन्य भागों में आए शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद भारतीय दूतावास थाई अधिकारियों के साथ स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है।

अब तक, किसी भी भारतीय नागरिक से जुड़ी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। किसी भी आपात स्थिति में थाईलैंड में भारतीय नागरिकों को आपातकालीन नंबर +66 618819218 पर संपर्क करने की सलाह दी जाती है। बैंकॉक में भारतीय दूतावास और चियांग माई में वाणिज्य दूतावास के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत शुक्रवार को आए बड़े भूकंप के बाद म्यांमार को मदद भेजने के लिए तैयार है।” पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक्स पर कहा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।” बता दें कि भारत और बांग्लादेश के अधिकारियों ने म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप से कोई बड़ा प्रभाव नहीं होने की सूचना दी।

भूकंप के बाद आए झटकों ने म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में दहशत पैदा कर दी है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, शुक्रवार को रात 11:56 बजे (स्थानीय समयानुसार) म्यांमार में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया। एनसीएस के अनुसार, नवीनतम भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिससे यह आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील है।

एनसीएस ने बताया कि भूकंप अक्षांश 22.15 एन और देशांतर 95.41 ई पर दर्ज किया गया था। शुक्रवार को आया शक्तिशाली भूकंप बैंकॉक और थाईलैंड के कई हिस्सों में महसूस किया गया, प्रत्यक्षदर्शियों की रिपोर्ट और स्थानीय मीडिया के अनुसार बैंकॉक में हिलती हुई इमारतों से सैकड़ों लोग बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, शुक्रवार को म्यांमार में छह भूकंप आए।

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बापू सभागार मे बाबू वीर कुंवर सिंह शौर्य जयंती समारोह कार्यक्रम होगा

मुजफ्फरपुर , 28 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। दोर्ण पेप पब्लिक स्कूल सह कोचिंग सेंटर में 23 अप्रैल को बापू सभागार मे बाबू वीर कुंवर सिंह शौर्य जयंती समारोह कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बैठक किया गया.

भाजपा बिहार नेता प्रदेश कार्य समिति सदस्य राकेश सिंह   भाजपा नेता निरंजन शर्मा बीरेंद्र सिंह मुखिया संघ अध्यक्ष मनोज सिंह उपनेस सिंह राजेश कुमार सिंह अनिल सिंह प्रकाश सिंह आदित्य सिंह विद्यार्थी परिषद अंकित सिंह आयुष रघुवंशी प्रियांशु सरकार अमित सिंह अमित नारागी सुभाष सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे.

सभी लोगो ने मुजफ्फरपुर से बड़ी संख्या मे पटना पहुंचने का आश्वासन दिया शौर्य दिवस पर शाम मे तीन बजे विशेष आकर्षण भारतीय वायु सेना का नौ लड़ाकू विमान दस्ता का सूर्य किरण का शौर्य प्रदर्शन पटना मे किया जायेगा।

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होटल-रेस्टोरेंट खाने के बिल में नहीं लगा सकते सर्विस चार्ज

 HC ने जारी किए आदेश

नई दिल्ली 28 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि होटल और रेस्टोरेंट खाने के बिल में सर्विस चार्ज को अनिवार्य रूप से नहीं जोड़ सकते। अदालत ने स्पष्ट किया कि ग्राहक अपनी इच्छा से सर्विस चार्ज का भुगतान कर सकते हैं, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया जा सकता।

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने यह फैसला नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनाया।

इन याचिकाओं में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के दिशा-निर्देशों को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज करते हुए रेस्टोरेंट एसोसिएशन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, सीसीपीए ने उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और गलत व्यापारिक प्रथाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे।

 इन दिशा-निर्देशों के मुख्य बिंदु इस प्रकार थे:

* होटल या रेस्टोरेंट खाने के बिल में स्वतः या डिफ़ॉल्ट रूप से सर्विस चार्ज नहीं जोड़ेंगे।

* किसी अन्य नाम से भी सर्विस चार्ज नहीं लिया जा सकता।

* कोई भी रेस्टोरेंट या होटल ग्राहकों को सर्विस चार्ज देने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। उन्हें यह स्पष्ट रूप से बताना होगा कि यह वैकल्पिक है।

* सर्विस चार्ज के भुगतान के आधार पर ग्राहकों के प्रवेश या सेवाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।

* सर्विस चार्ज को खाने के बिल के साथ जोड़कर और कुल राशि पर जीएसटी लगाकर एकत्र नहीं किया जाएगा।

अपनी याचिका में, एनआरएआई ने तर्क दिया था कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो रेस्टोरेंट को सर्विस चार्ज लगाने से रोकता हो और मौजूदा कानूनों में ऐसा कोई संशोधन नहीं किया गया है जो इसे अवैध ठहराए।

एसोसिएशन ने यह भी कहा था कि सीसीपीए के दिशा-निर्देशों को सरकार के आदेश के रूप में नहीं माना जा सकता और ये मनमाने तथा अस्थिर हैं, इसलिए इन्हें रद्द किया जाना चाहिए। हालांकि, हाईकोर्ट ने इन तर्कों को खारिज कर दिया।

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केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! मोदी सरकार ने बढ़ाया महंगाई भत्ता

जानें कितनी बढ़ेगी सैलरी

नई दिल्ली 28 march, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को सातवें वित्त आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी को अपनी मंजूरी दे दी है।

सरकार की ओर से यह फैसला केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। महंगाई भत्ते में इस बढ़ोतरी के बाद पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगा।

सातवें वित्त आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक वर्ष में महंगाई भत्ते में दो बार बढ़ोतरी की जाती है, जो कि छमाही आधार पर की जाती है।

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में इससे पहले अक्टूबर 2024 में बढ़ोतरी की गई थी, तब महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। जिसके बाद यह 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया था।

अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 50 हजार रुपये है, तो महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से पहले 26,500 रुपये का महंगाई भत्ता था। वहीं, अब यह बढ़कर 27,500 रुपये हो जाएगा। यानी 50 हजार की बेसिक सैलरी वाले केंद्रीय कर्मचारी की सैलरी में 1000 रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी।

केंद्र सरकार की ओर से महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान मार्च के आखिर में किया गया है। हालांकि, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 2 प्रतिशत की नई बढ़ोतरी 1 जनवरी 2025 से प्रभावी मानी जाएगी। इसका मतलब हुआ कि केंद्रीय कर्मचारियों को जनवरी और फरवरी महीने के साथ मार्च का भी महंगाई भत्ता उनकी सैलरी में जोड़कर दिया जाएगा।

हाल ही में सरकार ने आठवें वेतन आयोग का गठन भी कर दिया है। नए वेतन आयोग की सिफारिशें अगले साल यानी 2026 के पहले महीने जनवरी से लागू होने की उम्मीद की जा रही है।

इससे पहले, केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन में 24 प्रतिशत की वृद्धि की है, जो 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी। यह बढ़ोतरी मूल्य वृद्धि सूचकांक के आधार पर तय की गई है, जिसका मतलब है कि सांसदों के वेतन में यह बदलाव महंगाई दर के अनुसार किया गया है।

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भारत में बिना वीजा किसी को भी रहने का अधिकार नहीं: रामदास आठवले

पटना 28 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने आव्रजन और विदेशी नीति पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कहा कि भारत में बिना वीजा के रहने का किसी को अधिकार नहीं है।

रामदास आठवले ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत में बिना वीजा के किसी को भी रहने का अधिकार नहीं है। बांग्लादेश के लोग भारत आते हैं और बिना वीजा के यहां रहते हैं इसलिए ही अमित शाह ने कहा है कि जिन्हें यहां रहना है उनके पास वीजा होना चाहिए।

भारत में अवैध रूप से रहने वालों को वापस उनके देश भेज दिया जाएगा। बांग्लादेश में भी हिंदू समाज पर अन्याय हो रहा है, यह अच्छी बात नहीं है।

बता दें कि आव्रजन और विदेशी नागरिकों से संबंधित विधेयक गुरुवार (27 मार्च) को लोकसभा में पारित हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि देश में अल्पसंख्यक समूह सबसे सुरक्षित हैं और सरकार ने शरणार्थियों को हमेशा सुरक्षा प्रदान की है।

अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया था कि आव्रजन राष्ट्रीय सुरक्षा से निकटता से जुड़ा हुआ है और देश की सीमाओं में प्रवेश करने वालों की निगरानी करना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा था, “आव्रजन कोई अलग मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इससे जुड़े हुए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि देश की सीमाओं में कौन प्रवेश करता है।

हम देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वालों पर भी कड़ी नजर रखेंगे। यह ‘आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक, 2025’ एक विधायी प्रस्ताव है, जो हमारी प्रणाली को सरल बनाएगा, इसे व्यवस्थित और सुरक्षित भी बनाएगा।”

शाह ने कहा था, “आव्रजन और विदेशी विधेयक के साथ, हम देश में प्रवेश करने वाले प्रत्येक विदेशी पर नजर रखने के लिए एक विस्तृत प्रणाली स्थापित करेंगे। इससे हमें देश का विकास करने और व्यापार के लिए आने वालों पर नजर रखने में मदद मिलेगी।

इससे हम उन व्यक्तियों पर भी पैनी नजर रख सकेंगे जो हमारी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।”

शाह ने आव्रजन को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए इसकी गंभीरता पर बल दिया। उन्होंने कहा था, “आव्रजन कोई अलग मुद्दा नहीं है। यह देश के कई मुद्दों से जुड़ा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह जानना बेहद जरूरी है कि हमारी सीमाओं में कौन प्रवेश कर रहा है। जो लोग देश की सुरक्षा को खतरे में डालेंगे, उन पर कड़ी नजर रखी जाएगी।”

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महिला समृद्धि योजना को लेकर पूछा सवाल तो किया सदन से बाहर : आतिशी

नई दिल्ली ,28 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों को तब सदन से बाहर कर दिया गया, जब उन्होंने महिलाओं को 2,500 रुपए देने के भाजपा सरकार के वादे पर सवाल पूछा।

विपक्ष की नेता आतिशी के नेतृत्व में आप विधायकों ने विधानसभा परिसर में 2,500 रुपए कब आएंगे के प्लेकार्ड के साथ जोरदार प्रदर्शन किया और भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया।

नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली की महिलाओं से वादा किया था कि 8 मार्च तक उनके बैंक खातों में 2,500 रुपए जमा किए जाएंगे। लेकिन, 8 मार्च बीत गई और महिलाओं के बैंक खाते में एक भी रुपया नहीं आया।

आतिशी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अब यह साफ हो गया है कि भाजपा का 2,500 रुपए देने का कोई इरादा नहीं था और उन्होंने दिल्ली की महिलाओं से झूठ बोला।

उन्होंने कहा कि जब आप विधायकों ने विधानसभा में इस मुद्दे पर सवाल किया कि महिलाओं को 2,500 रुपए कब मिलेंगे, तो भाजपा की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। सरकार ने इस वादे को पूरा करने की समय सीमा बताने से भी इनकार कर दिया।

जब आप विधायकों ने बार-बार इस मुद्दे पर जवाब मांगा, तो स्पीकर ने सभी विधायकों को सदन से निष्कासित कर दिया।

आतिशी ने कहा कि भाजपा महिलाओं को 2,500 रुपए देने के मुद्दे से भाग रही है और जनता का ध्यान भटकाने के लिए जगहों के नाम बदलने की राजनीति कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने पहले मुस्तफाबाद का नाम बदलने की बात कही और जब मुफ्त गैस सिलेंडर देने का वादा पूरा नहीं कर पाएगी, तो किसी और सड़क का नाम बदलने की बात करेगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने दिल्ली की जनता से कई बड़े वादे किए थे, 2,500 रुपए, मुफ्त गैस सिलेंडर, 50 हजार नौकरियां और पुजारियों के लिए 20 हजार रुपए का मानदेय, लेकिन इनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया।

आम आदमी पार्टी जिम्मेदार विपक्ष के रूप में भाजपा को उसके वादे याद दिलाती रहेगी और जब तक दिल्ली की महिलाओं को 2,500 रुपए नहीं मिल जाते, तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे।

आतिशी ने कहा कि भाजपा सरकार जवाबदेही से बच नहीं सकती और आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता के हक की लड़ाई जारी रखेगी।

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भाजपा की रैली सुपरहिट, सुक्खू सरकार का सिंहासन हिला : संदीपनी

शिमला ,28 मार्च(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। भाजपा प्रवक्ता सांदीपनि भारद्वाज ने कहा कि सरकार के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान की आंखों में खोट आ गया है और उनको अपनी आंखों का इलाज कर लेना चाहिए। भाजपा को रैली सुपरहिट रही जिसने सरकार का सिंहासन हिला दिया।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश के समस्त नेतृत्व जयराम ठाकुर, राजीव बिंदल, श्रीकांत शर्मा एवं संजय टंडन के आह्वान पर शिमला में 10000 से अधिक की संख्या में कार्यकर्ता जुटे और चौड़ा मैदान में एक विशाल प्रदर्शन सरकार के खिलाफ किया गया।

इस प्रदर्शन में माफियाराज के बारे में सरकार को खरिकोटि सुनाई गई और विमल नेगी की मृत्यु को लेकर सीबीआई जांच की भी मांग की गई, पर दोनों मुद्दों में लगता है कि सरकार बैक फुट पर है। इसीलिए उनके मीडिया सलाहकार बेतुकी एवं बिंदल सर पैर की बयानबाजी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने से कल कार्यकर्ता चौड़ा मैदान में उपस्थित रहा और वहां पर पैर रखने की भी जगह नहीं थी, प्रशासन से लेकर सरकार कांप उठी थी। भाजपा के कार्यकर्ताओं के नारों की गूंज विधानसभा की कुर्सी तक पहुंची जहां मुख्यमंत्री तक भयभीत हो गए थे, मुख्यमंत्री का सिंहासन डोल उठा था।

हिमाचल प्रदेश में माफिया राज, भ्रष्टाचार, गैंगवार, नशा, शराब जैसे मुद्दे आम हो गए हैं और कल इसके बारे में अनेकों उदाहरण भी भाजपा के नेतृत्व द्वारा रखे गए। श्रीकांत शर्मा ने तो विमल नेगी की मृत्यु को लेकर नैतिकता के आधार पर सीबीआई जांच भी मांगी।

उन्होंने कहा कि अभी तो केवल सरकार को ढाई साल हुए हैं और तब कार्यकर्ताओं एवं जनता सरकार के खिलाफ जोश है जिस जोश के कारण शिमला में चौड़ा मैदान पर 10000 से अधिक की संख्या इक_ी हो गई थी, जब सरकार को 5 साल का समय हो जाएगा तब सोचिए कि हिमाचल प्रदेश में सरकार की हालत क्या होगी।

उन्होंने कहा कि छोटा शिमला में भी दृष्टि बाधित संघ के कार्यकता अपना धरना प्रदर्शन कर रहे थे और पुलिस वालों ने वहां भी उनके साथ जोर जबरदस्ती की, जिसमें से एक व्यक्ति सड़क से गिर कर घायल भी हुआ। यह कृत्य सरकार को दिख नहीं रहा है, पर सरकार को केवल अपना हिटलर यानी मुख्यमंत्री दिख रहा है।

वह हिटलर जो सुबह उठ के एक निर्णय लेता है चाहे वह जनहित में हो या ना हो और उसे पूरा करें करने को निकल जाता है। उन्होंने कहा कि हिटलर साहब आप सुन लीजिए कि हिमाचल की जनता तो आपसे दुखी हो चुकी है, आपका नाम में भले सुख होगा पर केवल मात्र अपने हिमाचल को दुख ही दुख दिया है।

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महँगी हवाई यात्रा पर लोकसभा में गूंज : रूडी ने विमानन क्षेत्र की चुनौतियों को किया उजागर

नई दिल्ली, 28 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । लोकसभा में सारण सांसद एवं पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री  राजीव प्रताप रूडी ने भारतीय विमानन क्षेत्र में हवाई किराए में अनियंत्रित वृद्धि, बुनियादी ढाँचे की कमियाँ और नियामक तंत्र की अक्षमता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया।

रूडी ने बिहार में नालंदा, भागलपुर और पटना के निकट एक नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आवश्यकता को जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार जैसे राज्य में हवाई संपर्क को बढ़ाने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है।

इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री को नागरिक विमानन क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सरकार की यह पहल आने वाले समय में देश के आर्थिक विकास और हवाई यात्रा की सुलभता के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

रूडी ने कहा कि भारत का विमानन क्षेत्र पिछले दो दशकों में तेजी से बढ़ा है, लेकिन टिकटों की कीमतें आम नागरिकों की पहुँच से बाहर होती जा रही हैं।

एयरलाइंस को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें उच्च ईंधन लागत, भारी कर और हवाई अड्डों पर अतिरिक्त शुल्क प्रमुख कारण हैं।

उन्होंने एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए असमान करों पर चिंता जताई, जिससे किराए में भारी असमानता पैदा होती है। उदाहरण के तौर पर, उत्तर प्रदेश में यह कर 1% है, जबकि तमिलनाडु और बिहार में 29% तक जाता है।

विमानन क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे पर चिंता व्यक्त करते हुए  रूडी ने कहा कि कई महत्वपूर्ण रनवे बेकार पड़े हैं, जिससे यात्रियों को अनावश्यक विलंब का सामना करना पड़ता है। उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट के टू नाइन लेफ्ट और टू नाइन राइट रनवे का उदाहरण दिया, जहाँ अर्ध-लैंडिंग की समस्या बनी हुई है।

उड़ान योजना की सराहना करते हुए  रूडी ने कहा कि यह छोटे शहरों को हवाई नेटवर्क से जोड़ने का एक अच्छा प्रयास है, लेकिन इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सरकार को बेहतर बुनियादी ढाँचा और सस्ता किराया सुनिश्चित करना होगा।

उन्होंने पायलटों की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत को अगले 10 वर्षों में 31,000 नए पायलटों की आवश्यकता होगी। लेकिन यहाँ प्रशिक्षण इतना महँगा है कि युवा इसमें शामिल होने से कतराते हैं, जबकि देश में पहले से ही 300 विदेशी पायलट कार्यरत हैं।

रूडी ने इन समस्याओं के समाधान के लिए टैरिफ पारदर्शिता बढ़ाने, किराए के निर्धारण पर सख्त दिशा-निर्देश लागू करने और नए एयरलाइंस के लिए आसान प्रवेश नीतियाँ बनाने की आवश्यकता बताई, ताकि प्रतिस्पर्धा बढ़े और टिकट की कीमतों पर नियंत्रण रखा जा सके।

उन्होंने हवाई अड्डों के ऑपरेटरों द्वारा वसूले जाने वाले शुल्कों की समीक्षा, एटीएफ कर को पूरे देश में समान करने और पायलट प्रशिक्षण लागत को कम करने पर भी जोर दिया, ताकि युवा आसानी से इस क्षेत्र में करियर बना सकें और भारत को आवश्यक संख्या में प्रशिक्षित पायलट मिल सकें।

राजीव प्रताप रूडी ने केंद्र सरकार से इन सभी मुद्दों पर ठोस कदम उठाने की माँग की, ताकि आम जनता को सस्ती हवाई सेवा मिल सके और भारतीय विमानन क्षेत्र वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी स्थिति मजबूत कर सके।

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ग्रेटर नोएडा : गर्ल्स हॉस्टल में आग से मची अफरा-तफरी

छात्राओं ने कूदकर बचाई जान

ग्रेटर नोएडा ,28 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र स्थित अन्नपूर्णा गर्ल्स हॉस्टल में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। आग हॉस्टल की दूसरी मंजिल पर एक कमरे में लगी थी, जिसका कारण एसी का कंप्रेसर फटना बताया जा रहा है।

आग लगते ही पूरे हॉस्टल में धुआं फैल गया, जिससे छात्राओं को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। कई छात्राएं घबराकर खिड़कियों से बाहर निकलने की कोशिश करने लगीं, वहीं कुछ ने जान बचाने के लिए ऊपरी मंजिल से छलांग लगा दी।

छात्राओं के कूदने का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाई दे रहा है कि छात्राएं बालकनी से बगल में खाली प्लॉट पर कूदने की कोशिश कर रही हैं और आसपास के लोग सीढ़ी लगाकर उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

जैसे ही घटना की सूचना पुलिस और दमकल विभाग को मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे। दमकलकर्मियों ने छात्राओं को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया। करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

दमकल की कई गाडिय़ों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का कार्य किया। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई।

हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने बताया कि आग लगते ही चारों तरफ धुआं फैल गया था, जिससे घबराहट और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कई छात्राओं को सांस लेने में परेशानी होने लगी। कुछ छात्राएं घबराकर अपनी जान बचाने के लिए खिड़कियों से कूदने को मजबूर हो गईं।

हालांकि, दमकलकर्मियों और पुलिस की तत्परता से उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण एसी का कंप्रेसर फटना बताया जा रहा है, मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।

अधिकारियों ने हॉस्टल प्रशासन को सुरक्षा उपायों को लेकर सख्त हिदायत दी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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अरविंद केजरीवाल के खिलाफ FIR , अवैध होर्डिंग लगाने का आरोप

नई दिल्ली  28 March, Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित अन्य नेताओं के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में एफआईआर दर्ज की है।

यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रहा है और इसकी अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी। दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करे।

शिकायतकर्ता शिव कुमार सक्सेना ने अदालत में सबूत पेश किए कि द्वारका इलाके में आम आदमी पार्टी के बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर अवैध रूप से लगाए गए थे।

अदालत ने इस मामले पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा कि अवैध होर्डिंग्स न केवल शहर की सुंदरता को खराब करते हैं, बल्कि यातायात के लिए भी खतरा पैदा कर सकते हैं। इस मामले को दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 2007 की धारा 3 के तहत अपराध माना गया है।

अदालत ने यह भी कहा कि देश में अवैध होर्डिंग्स गिरने से लोगों की मौत होना कोई नई बात नहीं है, इसलिए इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। केजरीवाल के अलावा, पूर्व विधायक गुलाब सिंह और पूर्व पार्षद नितिका शर्मा के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

दिल्ली पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल कर जानकारी दी कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।

गौरतलब है कि साल 2019 में द्वारका में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर कथित तौर पर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी और अब कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है।

इस मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। “आप” की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं, विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।

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पीएम मोदी करेंगे थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा, बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग

नई दिल्ली  28 March, Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 अप्रैल से 6 अप्रैल तक थाईलैंड और श्रीलंका की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे।

थाई प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर, पीएम मोदी 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 03-04 अप्रैल को बैंकॉक का दौरा करेंगे।

04 अप्रैल को होने वाले इस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी बिम्सटेक के वर्तमान अध्यक्ष थाईलैंड कर रहा है। यह पीएम मोदी की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी।

यह 2018 में नेपाल के काठमांडू में आयोजित चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद बिम्सटेक नेताओं की पहली आमने-सामने की बैठक भी होगी। 5वां बिम्सटेक शिखर सम्मेलन, मार्च 2022 में कोलंबो, श्रीलंका में वर्चुअली आयोजित किया गया था। छठे शिखर सम्मेलन का विषय है ‘बिम्सटेक – समृद्ध, लचीला और खुला।’

यात्रा की घोषणा करते हुए, विदेश मंत्रालय ने कहा, “नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान बिम्सटेक सहयोग को और अधिक गति देने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने की उम्मीद है।”

बयान में कहा गया, “भारत क्षेत्रीय सहयोग और साझेदारी को मजबूत करने के लिए बिम्सटेक में कई पहल कर रहा है, जिसमें सुरक्षा बढ़ाना, व्यापार, निवेश को सुविधाजनक बनाना, भौतिक, समुद्री, डिजिटल संपर्क स्थापित करना, खाद्य, ऊर्जा, जलवायु और मानव सुरक्षा में सहयोग करना, क्षमता निर्माण और कौशल विकास और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाना शामिल है।”

द्विपक्षीय मोर्चे पर, प्रधानमंत्री मोदी 3 अप्रैल को प्रधानमंत्री शिनावात्रा के साथ बैठक करेंगे। मीटिंग में मौजूदा सहयोग की समीक्षा की जाएगी और दोनों देशों के बीच भविष्य की साझेदारी के रोडमैप पर चर्चा की जाएगी।

भारत और थाईलैंड के बीच मजबूत सभ्यतागत संबंध हैं, जो दोनों देशों की समुद्री निकटता से और मजबूत होते हैं।

थाईलैंड की अपनी यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर 04-06 अप्रैल तक राजकीय यात्रा पर श्रीलंका जाएंगे। यात्रा के दौरान, वे राष्ट्रपति दिसानायके के साथ चर्चा करेंगे

उच्च स्तरीय चर्चाओं के अलावा, पीएम मोदी वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और राजनीतिक नेताओं से मिलेंगे। वह भारतीय वित्तीय सहायता वाली विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए अनुराधापुरा का दौरा करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने आखिरी बार 2019 में श्रीलंका का दौरा किया था। इससे पहले, श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना था, जो दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाता है।

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वाराणसी नगर निगम का बड़ा फैसला, नवरात्र में नहीं खुलेंगी मांस की दुकानें

वाराणसी 28 March, Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । वाराणसी नगर निगम ने नवरात्रि के पावन पर्व को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। नगर निगम के उपसभापति नरसिंह दास बाबा ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में सभी मांस और मछली की दुकानें नवरात्र के दौरान बंद रहेंगी।

इस निर्णय को नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया। धार्मिक नगरी काशी की परंपराओं और श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया गया है। नगर निगम ने साफ किया है कि अगर कोई दुकानदार इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है।

काशी को सनातन संस्कृति का केंद्र माना जाता है, जहां नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना बड़े धूमधाम से होती है। ऐसे में इस आदेश को श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं के सम्मान में लिया गया निर्णय बताया जा रहा है।

इससे पहले नगर निगम ने जनवरी में ऐसा आदेश जारी किया था। नगर निगम ने काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में मांस-मछली की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब मंदिर से दो किलोमीटर के क्षेत्र में किसी भी तरह की मांस-मछली की दुकान खोले जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, स्थानीय दुकानदारों ने इस फैसले का विरोध किया है।

इस संबंध में नगर निगम ने दुकानदारों को नोटिस भी भेजा था, जिस पर दुकानदारों ने आपत्ति जताई थी। नोटिस में यह कहा गया था कि निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इन दुकानों का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा है और इनमें कोई लाइसेंस भी नहीं है। इसके अलावा, इन दुकानों में साफ-सफाई का भी ध्यान नहीं रखा गया था।

वाराणसी के मेयर अशोक तिवारी ने बताया था, “पिछले साल सदन और कार्यकारिणी की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में कोई भी मांस या मांसाहारी उत्पादों की दुकान नहीं होनी चाहिए।”

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दिल्ली सरकार के बजट पर विपक्ष ने उठाए सवाल

बताया झूठा और अवास्तविक

नई दिल्ली  28 March, Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । दिल्ली की भाजपा सरकार ने 25 मार्च को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 1 लाख करोड़ का बजट पेश किया। इसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

आम आदमी पार्टी और विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह बजट पूरी तरह से झूठे आंकड़ों पर आधारित है और इसमें कोई ठोस वित्तीय योजना नहीं है।

आम आदमी पार्टी की नेता वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि पहली बार इतिहास में किसी बजट के आंकड़ों को लेकर इतनी गलत जानकारी दी गई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने बजट को लेकर सिर्फ जुमलेबाजी की है, लेकिन इस बात का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि यह पैसा आएगा कहां से।

दिल्ली सरकार ने अपने बजट में टैक्स रेवेन्यू से 68,000 करोड़ की आय का अनुमान लगाया है। हालांकि, विपक्ष का दावा है कि यह आंकड़ा पूरी तरह से गलत है।

आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि दिल्ली की आर्थिक स्थिति को देखते हुए वास्तविक टैक्स रेवेन्यू 63,000 करोड़ के आसपास होना चाहिए, जो सरकार के अनुमान से 5,000 करोड़ कम है।

उन्होंने भाजपा पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने बजट से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं किया, जिससे स्पष्ट होता है कि बजट के आंकड़ों में हेरफेर किया गया है।

आमतौर पर आर्थिक सर्वेक्षण बजट से पहले पेश किया जाता है, ताकि राज्य की आर्थिक स्थिति का सही आकलन किया जा सके। दिल्ली सरकार ने अपने बजट में दावा किया कि वह नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड (एन एस एस एफ) से 15,000 करोड़ का लोन लेगी। लेकिन विपक्षी नेताओं ने इस पर भी सवाल उठाए हैं।

आतिशी ने कहा कि नियमों के अनुसार दिल्ली सरकार अधिकतम 5,000 करोड़ का ही लोन एनएसएसएफ से ले सकती है, जबकि भाजपा सरकार 15,000 करोड़ का दावा कर रही है। आम आदमी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर जनता को भ्रमित करने और झूठे वादे करने का आरोप लगाया है।

उनका कहना है कि सरकार ने बिना किसी ठोस योजना के 1 लाख करोड़ का बजट पेश कर दिया, लेकिन इस धनराशि की उपलब्धता को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दी। इस बजट को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है, और विपक्ष सरकार से जवाब मांग रहा है कि आखिर यह पैसा आएगा कहां से।

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पंजाब-हरियाणा भाई-भाई, भगत सिंह पर विवाद नहीं होना चाहिए – भूपेंद्र सिंह हुड्डा

चंडीगढ़ 28 march, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)) । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पंजाब कांग्रेस कार्यालय का दौरा किया। उन्होंने कांग्रेस के विधायकों से मुलाकात की और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने पंजाब और हरियाणा को भाई-भाई बताया।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा बड़े भाई-छोटे भाई हैं। मैं यहां बचपन से आता रहा हूं। हुड्डा ने पंजाब-हरियाणा के बीच रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों प्रदेश हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। इसके अलावा, हुड्डा ने पंजाब विधानसभा में पेश किए गए प्रस्ताव पर भी अपनी राय व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस द्वारा विधानसभा में लाए गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया जाना चाहिए था। यह एक महत्वपूर्ण कदम था, जो राज्य की बेहतरी के लिए आवश्यक था।

हुड्डा ने आगे कहा कि सरदार भगत सिंह के नाम पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। उनके योगदान को हमेशा सम्मानित किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहें।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब विधानसभा के नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि उन्होंने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को भारत रत्न देने की मांग की। मैंने इस पर प्रस्ताव लाने की मांग की थी।

लेकिन, इससे पहले आम आदमी पार्टी का प्लान था और मुझे लगता है कि अरविंद केजरीवाल का संदेश आया हुआ था। जब मैंने बोलना शुरू किया तो सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया।

प्रदेश के विकास के मुद्दे पर बाजवा ने कहा कि पंजाब में विकास के लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों पर तकनीकी दृष्टिकोण से काम करना होगा, ताकि कोई ठोस और स्थायी मॉडल तैयार किया जा सके।

इससे पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा विधानसभा में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और महंगी होती शिक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि स्कूल में बच्चों को जो किताब 50 रुपए में मिलनी चाहिए, उसे प्राइवेट स्कूल 150 रुपए में देते हैं और मनमानी फीस लेते हैं।

इस बात की जांच होनी चाहिए कि प्राइवेट स्कूल बच्चे को किस कीमत पर किताब दे रहे हैं और सरकारी स्कूल में वही किताब किस दर पर मिलती है।

सरकारी स्कूल में शिक्षक नहीं हैं, इसलिए आम गरीब को मजबूरी में प्राइवेट स्कूलों में जाना पड़ता है। शिक्षा इतनी महंगी हो गई है कि आम गरीब को कर्ज लेकर अपने बच्चों को पढ़ाना पड़ता है।

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हरियाणा में कांग्रेस के पूर्व विधायक की करोडो की संपत्ति जब्त

करोड़ो के घोटाले में है फरार

चंडीगढ़ 28 March, Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । पूर्व कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोक्कर और उनके बेटों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हरियाणा में बड़ी कार्रवाई चल रही है। ईडी ने उनके कारोबार मेसर्स साईं आइना फार्मर्स प्राइवेट लिमिटेड से 44 करोड़ रुपये का माल जब्त किया है, जो छोक्कर और उनके दो बेटों सिकंदर छोक्कर और विकास छोक्कर का है।

कुछ महीनों से भगोड़ा, कोर्ट के आदेश पर पेश होने का आदेश काफी समय से धर्म सिंह छोक्कर और उनके बच्चे कानूनी पचड़ों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद धर्म सिंह छोक्कर और विकास पेश नहीं हुए।

कोर्ट ने जवाब में कई नियम लागू करते हुए कार्रवाई की है साईं आइना फार्म्स और अन्य फर्मों की आड़ में छोक्कर और उसके साझेदारों ने कई लोगों को ठगा है। 500 करोड़ से ज्यादा के आरोप

धर्म सिंह छोक्कर हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत ईडी ने उन पर कार्रवाई की है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि छोक्कर की कंपनी ने 3700 से ज्यादा घर खरीदारों को ठगा और 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का गबन किया। घर गिरवी रखने वाले लोगों से रकम हासिल की गई, लेकिन न तो कोई रिफंड दिया गया और न ही घर दिया गया।

दिल्ली-एनसीआर में करोड़ों की संपत्ति जब्त

ईडी ने दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पानीपत में स्थित धर्म सिंह छोक्कर और उसके वंशजों की करोड़ों की संपत्ति जब्त की है। जब्त की गई वस्तुओं में शामिल हैं:13 अचल संपत्तियों में 2,487 वर्ग मीटर वाणिज्यिक भूमि, 3 एकड़ कृषि भूमि और आठ आवासीय इकाइयाँ शामिल हैं।विभिन्न लोगों की 96 लाख रुपये की संपत्ति जिसे स्थानांतरित किया जा सकता है।बैंक खातों में जमा धन और सावधि जमा रसीदें (एफडीआर)

ईडी द्वारा आगे की कार्यवाही

ईडी ने कहा है कि अगर प्रतिवादी 19 मई को अदालत में पेश नहीं होते हैं, तो उनकी संपत्ति को स्थायी रूप से जब्त करने की प्रक्रिया में तेज़ी लाई जाएगी। इसके अलावा, भगोड़ों के रूप में कानूनी प्रतिबंधों की रेटिंग केवल उन्हें बढ़ाएगी। अब हम देखेंगे कि क्या धर्म सिंह छोक्कर अदालत में पेश होते हैं या उनके साथ और अधिक सख्ती से पेश आते हैं।

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