नई दिल्ली 31 जनवरी (एजेंसी)। भारतीय जनता पार्टी के लिए साउथ के केरल राज्य में और भी मजबूती पार्टी को मिलेगी क्योंकि केरल के पूर्व विधायक पी. सी. जॉर्ज ने केरल जनपक्षम (सेक्युलर) पार्टी का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में विलय कर दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पीसी जॉर्ज को पार्टी में शामिल करवाया। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के लिए केरल में एक मजबूत साथी मिलने की वजह से अब केरल में पार्टी और भी मजबूत हो गई है।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि केरल में भी विकास होना चाहिए और इसीलिए वहां की जनता ने बदलाव खोज रही है और इसी वजह से छोटे-छोटे दल भी भारतीय जनता पार्टी के साथ आ रहे हैं।पीसी जॉर्ज ने कहा कि हमारी पार्टी बहुत छोटी है और यह नदी में मिलने वाली एक छोटी धारा की तरह होगी इसीलिए भारतीय जनता पार्टी में विलय करके केरल के विकास के लिए यह निर्णय हम लोगों ने लिया।’’केरल विधानसभा में 30 साल से अधिक समय तक पूंजर सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले जॉर्ज ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की और कहा कि भारत को इतना कुशल प्रधानमंत्री कभी नहीं मिला और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच यही राय है कि उनका (प्रधानमंत्री का) समर्थन किया जाए।पीसी जॉर्ज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप की देश विकास की राह पर है और हम लोग चाहते हैं कि उनके नेतृत्व में केरल भी विकास करें।
पीसी जॉर्ज ने कहा कि भारत को कभी इतना कुशल प्रधानमंत्री नहीं मिला।कोट्टायम जिले के पूंजर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सात बार के पूर्व विधायक जॉर्ज ने 1982 से 1987 और 1996 से 2022 तक कुल 33 वर्षों तक केरल विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया।2016 के विधानसभा चुनावों के बाद अपनी खुद की पार्टी केरल जनपक्षम (सेक्युलर) बनाने से पहले वह केरल कांग्रेस, केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल कांग्रेस (मणि) और केरल कांग्रेस (सेक्युलर) जैसे विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े थे।अपने राजनीतिक करियर के दौरान जॉर्ज यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) सरकार के सत्ता में रहने पर 2011 से 2015 तक केरल विधानसभा के मुख्य सचेतक जैसे पदों पर रहे है।
बाद में उन्होंने 2017 में अपनी पार्टी की स्थापना की। जॉर्ज 2021 के विधानसभा चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबले में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के उम्मीदवार से अपने गढ़ पूंजर क्षेत्र में चुनाव हार गए थे।
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