भुवनेश्वर 05 जुलाई ,(एजेंसी)। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने कई ऑनलाइन पोंजी योजनाओं पर कार्रवाई की है और पूरे भारत में 14 अलग-अलग बैंक खातों में मौजूद लगभग 75 लाख रुपये जब्त कर लिए हैं। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इससे पहले ईओडब्ल्यू ने इसी तरह की स्कीमों/ऐप्स के 1.22 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए थे। पुलिस ने कहा कि इंटरनेट पर कई अवैध ऐप और वेबसाइट उपलब्ध हैं जो कुछ दिनों/महीनों में पैसा बढ़ाने के लिए विज्ञापन चलाकर लोगों को गुमराह करते हैं, लेकिन कुछ महीनों के बाद ये ऐप अपना काम बंद कर देते हैं। ऑनलाइन धोखाधड़ी वाले ऐप्स हैं डाइस, क्विकरमी, फ्लाई एविएटर, वेऑनलाइनप्रो थ्री, एमवीपी ट्रेडर, एफटी11, यूएनओ, फॉरेक्सडाना, लाइव 22 कैश, एविएटर एक्स, सिटी5, होमर अलेक्जेंडर आदि। कुल मिलाकर, इन ऐप्स के 1.56 करोड़ से अधिक डाउनलोड थे।
निवेशकों को लुभाने के लिए ये घोटालेबाज अमिताभ बच्चन, मुकेश अंबानी, रतन टाटा, सचिन तेंदुकर, टेक्निकल गुरुजी (प्रसिद्ध यूट्यूबर) आदि मशहूर हस्तियों की मॉर्फ्ड तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने बताया कि घोटालेबाजों ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि पर लोगों को गुमराह/प्रभावित करने के लिए टाटा जैसी बड़ी कंपनियों के लोगो का भी इस्तेमाल किया। पहले मामले में, ईओडब्ल्यू ने पाया था कि ‘ज्वाइन ट्रेड-फाइनेंशियल ग्रोथÓ नाम का एक ऐप निवेशकों को गुमराह करने और उनमें विश्वास जगाने के लिए अक्षय कुमार और मनीष पॉल जैसी प्रमुख बॉलीवुड हस्तियों की मॉर्फ्ड तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहा था।
उन्होंने अपने खातों के माध्यम से इन ऐप्स/योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कुछ तथाकथित सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों का भी उपयोग किया। ईओडब्ल्यू ने बताया कि कुछ टीवी सितारे/छोटी हस्तियां ऐसे सोशल मीडिया प्रभावशाली लोगों और इन ऑनलाइन पोंजी ऐप्स के माध्यम से त्वरित पैसा बनाने से संबंधित उनकी सलाह का समर्थन करते हुए पाए गए। इन शॉर्टकट्स का उपयोग करके कम समय में अमीर बनने की चाहत रखने वाले छात्रों सहित निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के लोग ऑनलाइन घोटाले का शिकार बन गए। घोटालेबाज केवल फर्जी ऐप में दिखाई देने वाली यूपीआई आईडी के माध्यम से पैसा इक_ा कर रहे थे, जो हर मिनट लगातार बदलती रहती हैं और ऐसी आईडी कई फर्जी कंपनियों/फर्मों के साथ-साथ व्यक्तिगत व्यक्तियों के नाम पर रखे गए बचत और चालू खातों से जुड़ी हुई थीं।
उपरोक्त संदिग्ध बैंक खातों में कुल लेनदेन 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का है। हालांकि, यह संदेह है कि इन खातों का उपयोग ऑनलाइन पोंजी योजनाओं, अवैध डिजिटल ऋण ऐप्स, कूरियर घोटाला, सेक्सटॉर्शन, वर्क फ्रॉम होम घोटाला, यूट्यूब लाइकिंग घोटाला, रेटिंग घोटाला आदि से संबंधित अन्य साइबर/वित्तीय अपराधों में भी किया जाता है। ईओडब्ल्यू ने आगे पाया कि जमा किया गया पैसा विभिन्न खच्चर खातों की बहुत जटिल मल्टीलेयरिंग के माध्यम से भेजा जाता है और अंत में क्रिप्टो व्यापार का उपयोग करके पैसा भारत से बाहर भेज दिया जाता है। इनमें से अधिकांश घोटाले संयुक्त अरब अमीरात से संचालित होते हैं या उनके लिंक संयुक्त अरब अमीरात में हैं।
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