भोपाल,01 अप्रैल (एजेंसी)। मध्यप्रदेश भाजपा के चुनाव अभियान को देखने के बाद यह पता चलता है कि भाजपा के रणनीतिकारों को यह भी महसूस हो रहा है कि योगी के अलावा कोई ऐसा मुख्यमंत्री भाजपा में नहीं है जो अपनी मद पर चुनाव जीत सके? मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोकप्रियता इतनी अच्छी नहीं है क्योंकि वह समाचार पत्रों व प्रचार माध्यमों में जो उनकी लोकप्रियता दिखाई दे रही है
उसके भरोसे मप्र की सत्ता हासिल नहीं की जा सकती, इसलिये भाजपा प्रदेश प्रधानमंत्री मोदी और मजबूत मैनेजमेंट और मोदी के मुखौटे के भरोसे चुनाव मैदान में उतरेगी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि और उनकी लोकप्रियता तथा उनके मजबूत व माइक्रोमैजमेेंट भाजपा की रणनीति के दो प्रमुख स्तंभ होंगे, जिनके आधार फिर से पार्टी मप्र में फिर से सत्ता में वापसी का प्रयास कर रही है?
संघ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के रणनीतिकारों को वहां भी नौकरशाही और भ्रष्टाचार को लेकर पहले से ही अवगत हैं इस बात से सभी परिचित हैं कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में सरकारी योजनाओं के फर्जी आंकड़ों की रंगोली सजाकर अधिकारी जो खेल मुख्यमंत्री की पीठ थपथपाने का कर रहे हैं उससे प्रदेश में भाजपा की छवि मैदानी स्तर पर अच्छी नहीं है?
मोदी सहित भाजपा के रणनीतिकारों को इस बात की भी जानकारी है कि मुख्यमंत्री भले ही अबकी बार उनका मूड ठीक नहीं है और वह किसी को बख्शने वाले नहीं हैं? माफियाओं को वह दस फुट नीचे जमीन में गाडऩे की धमकी देते हैं लेकिन इसके बाद भी प्रदेश में किसी भी माफिया पर कोई सख्त कार्यवाही नहीं की गई? लगभग यही स्थिति प्रदेश की नौकरशाही की है?
मुख्यमंत्री के मुखाबिन्द से यही निकलता है कि भ्रष्टाचारियों के लिये मप्र में कोई जगह नहीं है वह प्रदेश छोड़ दें? जबकि हाईकमान को इस बात की जानकारी है कि पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग के अधिकारी की भजकलदारम की कार्यशैली का प्रमाण मुख्यमंत्री द्वारा एक छोटी सी एनेक्सी बनाने के लिये दिये गये साढ़े छह करोड़ के इस्टीमेट पर खुद ही अचंभित हो गए थे?
लेकिन इसके बाद भी उस भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही न किये जाने को लेकर हाईकमान से लेकर प्रदेश की नौकरशाही में इस बात को लेकर यह चर्चायें आम हैं कि क्या छोटे से काम के लिये जब साढ़े छह करोड़ रुपये का इस्टीमेट बनाया गया तो लोक निर्माण विभाग की पीआईयू और उसके द्वारा किये जाने वाले कामों के इस्टीमेट किस तरह से बनते होंगे.
लेकिन भजकलदाम में माहिर इस अधिकारी को छोड़े जाने से प्रदेश में भ्रष्ट नौकरशाही के हौंसले और बुलंद हो गए और दूसरी ओर इन नौकरशाही के कारण प्रदेश में अनेक सरकारी योजनाएं कार्यशैली के कारण तमाम योजनाएं असफल साबित हो रही हैं, जिनकी वजह से सरकारी खजाना तो खाली हो ही रहा है
प्रदेश सरकार ही नहीं बल्कि राज्य का पेदा होने वाला नवजात बच्चा तक हजारों रुपये के कर्ज के बोझ में इस धरती में मप्र की धरती पर आ रहा है? उसके बाद भी प्रदेश में विकास कहीं मैदानी स्तर पर नजर नहीं आ रहा है? हाँ, यह जरूर है कि मुख्यमंत्री के चहेते भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा हर योजनाओं की फर्जी आंकड़ों की रंगोली सजाकर मुख्यमंत्री को खुश किया जा रहा है.
यही कारण है कि भाजपा मुख्यमंत्री शिवराज के रहते भाजपा विधानसभा चुनाव में सफलता पाने के लिये आश्वस्त नहीं है, तभी तो विधानसभा का होने वाला आगामी चुनाव अभियान मोदी की रणनीति और बूथ मैनेजमेंट के भरोसे लड़ा जाएगा? भाजपा हाईकमान इस बात से भी अवगत है कि प्रदेश भाजपा में किस बात की गुटबंदी चल रही है जिसका प्रमाण हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के समय नजर आया था?
अमित शाह के छिंदवाड़ा दौरे के दौरान कार्यकर्ताओं में उत्साह तो जरूर नजर आया पर छिंदवाड़ा के लोकप्रिय नेता चौधरी चंद्रभान सिंह जैसे नेता को तवज्जो नहीं दी गई यही स्थिति धार जिले की भी है, धार जिले के भाजपा के वरिष्ठ नेता विक्रम वर्मा की जिले के अध्यक्ष के बीच जंग चल रही है? यही नहीं इस जंग में जिले के संघ के एक प्रमुख अपने बेटा जो ठेकेदार है उसको भरपूर काम दिलाने के लिये वहां भोजशाला की राजनीति को हवा देने में लगे हुए हैं?
जबकि संघ और भाजपा इस पक्ष में नहीं हैं कि भोजशाला के मुद्दे को इस समय हवा दी जाये? कुल मिलाकर प्रदेश में इस तरह की गुटबंदी और राजनीति के चलते भाजपा को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के मुखिया वीडी शर्मा के नेतृत्व में चुनावी समर में सफलता मिलती नजर नहीं आ रही है?
यही वजह है कि हाईकमान और भाजपा के रणनीतिकारों ने चुनावी मैदान में नरेन्द्र मोदी का मुखौटा और बूथ मैनेजमेंट के भरोसे ही नहीं बल्कि केन्द्र की सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार कराने के लिये आने वाले दिनों में केंद्रीय मंत्रियों का भी प्रदेश में दौरा कार्यक्रम बनाया जा रहा है.