नई दिल्ली 26 Dec, (एजेंसी): भारत-चीन सीमा पर तनातनी के बीच रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने सशस्त्र बलों के लिए 120 प्रलय सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल खरीदने की परियोजना को मंजूरी दे दी है। मिसाइल से भारत को बहुत फायदा होगा। बताया गया है कि मिसाइल को चीन सीमा पर तैनात किया जाएगा। ये मिसाइल 150 से 500 किलोमीटर के बीच दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकती हैं। ये पहली बार होगा जब बैलिस्टिक मिसाइलों को सामरिक अभियानों में इस्तेमाल किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि रॉकेट बलों को बनाने की परियोजना को बढ़ावा मिला है, क्योंकि लगभग 120 प्रलय बैलिस्टिक मिसाइल खरीदने के प्रस्ताव को एक उच्च स्तरीय रक्षा मंत्रालय की बैठक से मंजूरी मिल गई है।
उन्होंने बताया कि मिसाइलों का अब बड़ी संख्या में उत्पादन किया जाएगा और निकट भविष्य में परिचालन सेवा में शामिल होने के लिए तैयार होने की उम्मीद है। यह परियोजना सशस्त्र बलों के लिए रणनीतिक रॉकेट बल बनाने के लिए एक बड़ा बढ़ावा होगी, जैसा कि दिवंगत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत द्वारा किया जा रहा था।
मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन और एकीकृत वैमानिकी शामिल है। प्रलय सतह से सतह पर मार करने वाली अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल है। इंटरसेप्टर मिसाइलों को हराने में सक्षम होने के लिए एडवांस मिसाइल को विकसित किया गया है। सूत्रों ने कहा कि इस तरह की मिसाइलें अपने सैनिकों को दुश्मन के हवाई रक्षा स्थलों या इसी तरह के उच्च मूल्य के लक्ष्यों को पूरी तरह से नष्ट करने या बाहर निकालने की जबरदस्त क्षमता देती हैं।
प्रलय मिसाइल की गति करीब 2000 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है। अगर पड़ोसी देशों की बात करें तो चीन के पास इस स्तर की डोंगफेंग-12 मिसाइल है जबकि, पाकिस्तान के पास गजनवी, एम-11 (चीन से मिली) और शाहीन मिसाइल है। माना जा रहा है कि प्रलय में रात में भी हमला करने की तकनीक लगाई गई है।
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