मायावती ने किया ऐलान : 2024 लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी बसपा, बोलीं-किसी भी पार्टी से नहीं होगा गठबंधन

लखनऊ 15 Jan, (एजेंसी) : बसपा सुप्रीमो मायावती का जन्मदिन आज है। ऐसे में आज का दिन पार्टी के कार्यकर्ता जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मना रहे हैं। मायावती के जन्मदिन पर सुबह से ही लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय पर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है। वहीं मायावती को सुबह से ही जन्मदिन की बधाइयां मिल रही हैं। कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग होर्डिंग और बैनर लगाकर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। वहीं पार्टी कार्यालय पर आज 11 बजे से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। वहीं पार्टी के कार्यकर्ताओं में मायावती के जन्मदिन को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।

मायावती ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे पहले तो सभी का धन्यवाद किया। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछली चार बार की रही सरकारों के दौरान हमने सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के लिए काम किया। बाद की आई सरकारें हमारी योजनाओं की नकल करके लोगों को भुलाने में लगी हैं। इसके बावजूद जातिवादी, पूंजीवादी व संकीर्ण सोच की वजह से लोगों को इन योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल रहा। इस समय की राज्य और केंद्र की सरकार लोगों को फ्री राशन देकर गुलाम और लाचार बना दिया है। देश में इन दिनों धर्म और संस्कृति की राजनीति की जा रही है, इससे लोकतंत्र और संविधान कमजोर ही होगा।

मायावती ने कहा कि विरोधी पार्टियों की सरकारों के चलते दलितो का पूरा विकास नहीं हो सकता है। देश में एससी-एसटी और अन्य वर्गों को सरकारी नौकरियों में दिए जाने वाले आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है। अन्य मामलों में भी दयनीय स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हाल ही में विपक्ष के इंडिया गठबंधन को लेकर जिस प्रकार से सपा मुखिया ने बीएसपी के लोगों को गुमराह करने के उद्देश्य से गिरगिट की तरह रंग बदला है, उससे बहुजन लोगों को सावधान रहना है। मायावती ने कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने पर साथ वाली पार्टी को ही फायदा होता है, इसलिए बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी।

ईवीएम के विरोध में आवाजें उठ रही हैं, ऐसे में यह सिस्टम खत्म हो सकता है। इसलिए पार्टी का जनाधार बढ़ाते रहना जरूरी है। साथ ही गठबंधन को लेकर पार्टी का मानना है कि इस मामले में अभी तक का अनुभव रहा है कि गठबंधन से फायदा कम और नुकसान ज्यादा है और वोट प्रतिशत कम हो जाता है। गठबंधन करने वाली पार्टी को ज्यादा फायदा होता है। यही वजह से अधिकांश पार्टियां बीएसपी के साथ चुनाव लड़ना चाहती हैं। लेकिन हमें बीएसपी का फायदी भी देखना है। यही वजह से कि हम आगामी चुनाव में अकेले ही चुनाव लड़ेंगे।

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