लालू प्रसाद की राम-श्याम की जोड़ी जुदा ….

श्याम रजक कल जदयू में होंगे शामिल

पटना ,31 अगस्त (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। बिहार में कभी लालू प्रसाद यादव के खास रहे राम और श्याम की जोड़ी काफी चर्चित थी। रामकृपाल यादव और श्याम रजक दोनों ही अब आरजेडी से अलग हो चुके हैं। पूर्व मंत्री श्याम रजक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दामन थामने जा रहे हैं। वो जनता दल यूनाइटेड में शामिल होंगे।

जेडीयू के दफ्तर में 1 सितंबर को मिलन समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में शयाम रजक का पार्टी में स्वागत किया जाएगा। इस दौरान राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, मंत्री विजय कुमार चौधरी, मंत्री रत्नेश सदा और मंत्री सुनील कुमार मौजूद रहेंगे।

शयाम रजक के एक्स अकाउंट से यह जानकारी दी गई है। पूर्व मंत्री सह राष्ट्रीय अध्यक्ष एबीडीम श्याम रजक जनता दल (यूनाइटेड) मे अपने साथियों सहित दिनांक 1 सितंबर 2024 को 12 बजे जदयू कार्यालय, वीरचंद पटेल पथ पटना में सदस्यता ग्रहण करेंगे।

बता दें कि श्याम रजक ने राष्ट्रीय जनता दल से राष्ट्रीय महासचिव और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। तभी से इस बात के कयास लगाए जा रहा थे कि वो जेडीयू का दामन थाम सकते हैं। शयाम रजक साल 1995 में चुनाव लड़े और जीते भी थे। राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। 2010 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने 2009 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और जेडीयू में शामिल हो गए थे।

नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री बनाया था, लेकिन अगले विधानसभा चुनाव में राजद के साथ जेडीयू का महागठबंधन हुआ और सरकार बनी। तब श्याम रजक को मंत्री पद की जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई। इसके बाद 2022 विधानसभा चुनाव में श्याम रजक जेडीयू का साथ छोड़कर राजद में शामिल हो गए थे।

श्याम रजक छह बार विधायक रहे हैं और फुलवारी इलाके में उनका खासा प्रभाव माना जाता है। हालांकि आरजेडी ने 2020 विधानसभा चुनाव में उन्हें फुलवारी सीट से टिकट नहीं दिया था। इसके बाद उन्हें 2022 विधान परिषद में भी टिकट देने पर विचार नहीं किया गया।
आरजेडी में रहते हुए उन्हें 2024 लोकसभा में भी तगड़ा झटका लगा।

वो समस्तीपुर या जमुई में से किसी एक संसदीय सीट से चुनाव लडऩा चाहते थे, लेकिन उन्हें यहां से मैदान में नहीं उतारा गया। इन्हीं सब वजहों से आरजेडी से नाराजगी के चलते उन्होंने पार्टी छोडऩे का फैसला किया और जेडीयू का दामन थाम लिया। वो लंबे समय तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काम कर चुके हैं।

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