कमलनाथ ने दिलाई सदस्यता दीपक के साथ सेवढ़ा से पूर्व विधायक राधेलाल बघेल ने भी भाजपा छोड़ी

भोपाल,07 मई (एजेंसी)। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी के बेटे और प्रदेश सरकार में मत्री रहे दीपक जोशी ने पार्टी से नाराजगी के चलते गत दिवस कांग्रेस का दामन थाम लिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (पीसीसी) में सादे समारोह में दीपक जोशी को सदस्यता दिलाई। पिता कैलाश जोशी की सादगी को ध्यान में रखकर दीपक के स्वगात में कोई तामझाम नहीं किया गया।

वे पिता की तस्वीर लेकर कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। गौरतलब है कि दीपक जोशी विधानसभा चुनाव-2018 हार गए थे, उनकी सीट से जीते कांग्रेस विधायक मनोज राठौर ने वर्ष 2020 में इस्तीफा देकर भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और जीते। जोशी अपनी सीट छिन जाने के कारण नाराज हैं। भाजपा नेताओं ने उन्हें मनाने की बहुत कोशिश की पर सफल नहीं हुए।

जोशी के साथ आए उनके समर्थकों ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली। समर्थकों के साथ जोशी पैदल चलकर पीसीसी पहुंचे, जहां उनका जोर-शोर से स्वागत हुआ। यहां जोशी ने कहा कि मेरे पिताजी (कैलाश जोशी) ने 40 साल तक भाजपा की सेवा की और मैं तीन बार विधायक और मंत्री रहा, मेरी कभी भाजपा से कोई शिकायत नहीं रही। मेरी एक ही बात थी कि मेरे पिताजी का स्मारक बनाया जाए, हाटपिपल्या से उनकी पहचान होनी चाहिए, लेकिन भाजपा में सुननेवाला कोई नहीं है।

इस मौके पर सेवढ़ा से भाजपा के पूर्व विधायक राधेलाल बघेल ने भी भजापा छोड़ कांग्रेस की सदस्यता ली। कमल नाथ ने बघेल का भी कांग्रेस में स्वगात किया। नाथ ने दोनों नेताओं का दुपट्टा पहनाकर फार्म भरवाया। पत्नी कोरोना पीडि़त थी, प्रशासन से नहीं मिली मदद : दीपक जोशी ने कहा कि मेरी पत्नी कोरोना से पीडि़त थी, कलेक्टर देवास और प्रशासन को आदेश था कि दीपक जोशी को कोई बात नहीं सुनना, यह शिवराज जी के निर्देश थे, मेरे दिल पर क्या बीती होगी। आज मेरी पत्नी इस दुनिया में नहीं है।

जोशी ने कहा कि भाजपा और जनसंघ की विचारधारा की सरकार मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार, अत्याचार का पर्याय बन गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा, लेकिन भाजपा के इन गूंगे बहनों ने सुन लिया कि खाओ और खाने दो। आज मेरे पिता के नाम पर भोपाल में कोई जगह नहीं है। कमल नाथ ने स्वर्गीय जोशी जी का स्मारक बनाए जाने के लिए पहल की थी।

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