किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों की भी होगी जांच

रिश्वत लेने की आशंका

पुणे पोर्शे हादसा

पुणे,29 मई (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) पुणे के चर्चिच पोर्शे कार हादसे में कार्रवाई का दायरा बढ़ता जा रहा है। अब नाबालिग आरोपी को जमानत देने वाले किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के 3 सदस्यों के खिलाफ जांच की जाएगी।इस संबंध में महाराष्ट्र महिला एवं बाल विकास आयुक्त ने 4 सदस्यीय समिति का गठन किया है।बता दें कि जेजेबी ने ही आरोपी नाबालिग को निबंध लिखने जैसी मामूली शर्तों पर 15 घंटे के भीतर जमानत दे दी थी।

समिति जांच करेगी कि नाबालिग को जमानत देते समय उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया था या नहीं। जेजेबी के सदस्य डॉक्टर लक्ष्मण दानावड़े समिति की रडार पर हैं। माना जा रहा है कि पुणे पुलिस दावावड़े से जल्द ही पूछताछ कर सकती है।बता दें कि दानावड़े ने ही आरोपी नाबालिग को जमानत दी थी।आशंका है कि जमानत के लिए भी नाबालिग के पिता से रिश्वत ली गई है।

सरकार 2 डॉक्टर समेत 3 आरोपियों को निलंबित करने की तैयारी कर रही है, जिन्होंने कथित तौर पर नाबालिग के ब्लड सैंपल बदले थे।आरोप है कि इन तीनों ने नाबालिग का ब्लड सैंपल फेंक दिया था और किसी अन्य व्यक्ति के ब्लड सैंपल की रिपोर्ट सौंप दी थी।

इस संबंध में अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर अजय तावड़े, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर श्रीहरि हल्नोर और स्टाफ सदस्य अतुल घाटकांबले को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के दोस्त ने कहा है कि घटना के वक्त नाबालिग ही गाड़ी चला रहा था।

रिपोर्ट के मुताबिक, नाबालिग के दोस्त से पुलिस ने 6 घंटे की पूछताछ की।इस दौरान दोस्त ने कहा कि नाबालिग ही नशे में गाड़ी चला रहा था।बता दें कि इससे पहले नाबालिग के पिता ने दावा किया था कि उनका फैमिली ड्राइवर गाड़ी चला रहा था। पुलिस ने कहा था कि ऐसा नाबालिग को बचाने के लिए किया जा रहा है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, फॉरेंसिंक मेडिसीन विभाग के प्रमुख डॉक्टर तावड़े को नाबालिग के पिता ने करीब 14 बार फोन किया था।पुलिस का मानना है कि ये फोन ब्लड सैंपल बदलवाने के लिए किए गए थे। बताया जा रहा है कि अस्पताल के अटेंडेट द्वारा ब्लड सैंपल बदलने के लिए दोनों डॉक्टरों के लिए 3 लाख रुपये की रिश्वत ली गई थी।फिलहाल तीनों लोग 30 मई तक पुलिस हिरासत में है।

19 मई को पुणे में रात ढाई बजे पोर्श कार चला रहे एक नाबालिग ने बाइक पर जा रहे एक महिला और पुरुष को टक्कर मार दी थी। बाइक सवार दोनों लोग मध्य प्रदेश के थे और पुणे में नौकरी करते थे।हादसे के 15 घंटे के भीतर जेजेबी ने नाबालिग को निबंध लिखने जैसी मामूली शर्त पर जमानत दे दी थी, जिसकी खूब आलोचना हुई थी। विवाद बढऩे पर सरकार ने नए सिरे से मामले की जांच कराई थी।

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