न्यायिक हिरासत में पूर्व शिक्षा मंत्री को अंगूठियां पहनने की इजाजत देने पर जेल अधीक्षक की मुश्किलें बढ़ी, FIR दर्ज

कोलकाता 01 Jully (एजेंसी): स्कूल में नौकरियों में अनियमितता के मुख्य आरोपी पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी को न्यायिक हिरासत में अंगूठी पहनने का अनुमति देने के मामले में कोलकाता के प्रेसीडेंसी केंद्रीय सुधार गृह के अधीक्षक देबाशीष चक्रवर्ती के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

मामले में चक्रवर्ती के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश के आधार पर, राज्य के अतिरिक्त महानिदेशक और महानिरीक्षक (सुधारात्मक सेवा विभाग) के कार्यालय द्वारा उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। हालांकि एफआईआर में तारीख 27 जून बताई गई है, लेकिन मामला शनिवार को सामने आया है।

एफआईआर में, चक्रवर्ती पर पश्चिम बंगाल सुधार सेवा अधिनियम, 1992 की धारा 83 के तहत कर्तव्य में लापरवाही का आरोप लगाया गया है। इस अधिनियम के तहत अपराधी को छह महीने तक की कैद या जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

इस साल अप्रैल में कलकत्ता हाई कोर्ट में इस मामले में बहस करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील फिरोज एडुल्जी ने कहा कि संबंधित सुधार गृह अधीक्षक के खिलाफ पहले भी कई आरोप लगे हैं। एडुल्जी ने तर्क दिया, इससे पहले, एक अलग मामले में उन पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। एडुल्जी ने अदालत से यह भी कहा कि यह तथ्य कि न्यायिक हिरासत के दौरान भी पार्थ चटर्जी अपनी उंगलियों में अंगूठियां पहने हुए थे, यह साबित करता है कि वह किस हद तक प्रभावशाली व्यक्ति हैं।

ईडी के वकील ने कहा, जेल कोड के तहत, यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एक कैदी अपने साथ गहने, आभूषण और धातु की घड़ियाँ जैसी चीज़ें नहीं रख सकता है। इस संबंध में जेल संहिता के प्रावधानों को सुनिश्चित करना और लागू करना सुधार गृह अधिकारियों का कर्तव्य है। इससे साबित होता है कि वह कितने प्रभावशाली हैं।

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