रांची,11.01.2024 (FJ) – उपायुक्त रांची, श्री राहुल कुमार सिन्हा द्वारा समाहरणालय ब्लॉक- ए स्थित कॉन्फ्रेंस कक्ष में झारखंड राज्य में उद्यानिकी की संभावनाओं के आकलन हेतु बैठक आयोजित की गई।
बैठक में निदेशक उद्यान, श्री सूरज कुमार, अपर आयुक्त कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, श्री नवीन कुमार पाटले, उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, बी. जे.ब्रह्म, मुख्य वैज्ञानिक, IISR, डॉ. के. कंडीयनन, MIDH,DA &FW , श्री चिराग भाटिया, उद्यान वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, राम कृष्ण मिशन,रांची, डॉ. ए.के. सिंह, प्रतिनिधि ICAR RCER, रांची, प्रतिनिधि मसाला बोर्ड कोचिन, प्रतिनिधि MIDH, DA & FW, प्रतिनिधि राज्य बाग़वानी मिशन रांची, संयुक्त निदेशक उद्यान, उपनिदेशक उद्यान, जिला उद्यान पदाधिकारी रांची, सहायक निदेशक उद्यान, एन.एच.बी. उपनिदेशक, उद्यान, सभी मौजूद रहे।
रांची जिले में उद्यानिकी की अपार संभावनाएं
उपायुक्त रांची ने बैठक के दौरान बताया कि रांची जिले में उद्यानिकी की अपार संभावनाएं हैं। उद्यान उत्पादों के संग्रहण,प्रसंकरण , विपणन, मूल्य संवर्धन एवम आपूर्ति चेन के लिए समेकित कार्य योजना की आवश्यकता है। इसके लिए क्लस्टर आधारित रणनीति श्रेयस्कर रहेगी। प्रथम चरण में प्रति प्रखंड एक क्लस्टर बनाया जाए । फ़ूड प्रोसेसिंग इकाई की स्थापना आवश्यक है।
राज्य की प्रमुख बागवानी फसलें
बैठक में राज्य की प्रमुख बागवानी फसलें, प्रमुख सब्जी उत्पादन, फसल फूल) उत्पादन, औषधीय फसल, फल, वृक्षरोपण फसल और अन्य पर चर्चा की गई। जिसमें राज्य में सब्जी उत्पाद क्षेत्रफल (1000 हेक्टेयर) पर उत्पादन मिट्रिक टन पर विस्तृत चर्चा करते हुए इसे और बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
प्रमुख सब्जी उत्पादन
(1) बिन्स-41.926, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)-211.328 ।
(2) चुकंदर- 0.404 (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)-23.725 ।
(3) करेला-4.512, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)-36.535 ।
(4) लौकी- 4.605, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)-63.433 ।
(5) बैगन-16.731, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)-31.326 ।
(6) ब्रोकली-1.622, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)-31.326 ।
(7) पत्तागोभी-19.784, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 302.686 ।
(8) शिमला मिर्च- 4.047, ((क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन (1000)- 63.249 ।
(9) गाजर- 2.969, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)-50.479 ।
(10) फूलगोभी- 23.075, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 317.326 ।
(11) ककड़ी-7.145, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)-71.296 ।
(12) रातालू-1.979, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)-56.160 ।
(13) हरा मिर्च-16.321, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 266.523 ।
(14) कद्दू- 2.66(क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)-115.064 ।
(15) पत्तेदार सब्जियाँ- 3.766, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)-47.007 ।
(16) प्याज़- 18.497, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)-284.364 ।
(17) भिंडी- 10.153, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 163.221 ।
(18) अन्य सब्जियाँ- 21.035, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 292.138 ।
(19) मटर (हरा)- 18.253, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 364.832 ।
(20) परवल- 0.309, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 4.836 ।
(21) आलू-50.725, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 757.312 ।
(22) मूली- 4.946, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 103.926।
(23) तोरई- 4.882, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 54.188 ।
(24) शक्करकंद- 1.935, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 47.296 ।
(25) टमाटर- 24.312, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 309.642 ।
(फसल फूल) उत्पादन
(1) जरबेरा- 0.415 ।
(2) ग्लाड़िओलस- 0.391 ।
(3) गेंदा- 0.938 ।
(4) गुलाब- 0.420 ।
फल
(1) आँवला- 0.352,
(क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 36.730 ।
(2) बेल- 0.789, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 9.412 ।
(3) केला- 5.89, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 41.019 ।
(4) कस्टर्ड एप्पल- 0.380, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 0.437 ।
(5) अमरुद- 9.043, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 99.616 ।
(6) कटहल- 15.464, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 212.261 ।
(7) लीची- 4.146, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 65.898 ।
(8) आम- 60.972, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 522.747 ।
(9) पपीता- 3.176, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 47.089 ।
(10) अनानास- 0.082, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 0.374 ।
(11) अनार- 0.177, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 0.783 ।
(12) स्ट्रॉबेरी- 2.124, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 23.142 ।
(13) अन्य फल- 2.618, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 23.142 ।
(14) नीबू- 5.799, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 94.261 ।
(15) खरबूजा- 0.442, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 5.009 ।
(16) तरबूज- 2.422, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 101.543 ।
औषधीय फसल
(1) एलोवेरा- 0.031, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 0.997 ।
वृक्षरोपण फसल
(1) काजू- 12.42, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 17.00 ।
फसल मसाला
(1) अदरक- 4.229, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 91.769 ।
(2) हल्दी- 0.981, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 19.494 ।
(3) लेमन ग्रास- 0.389, (क्षेत्रफल 1000 हेक्टेयर), उत्पादन मिट्रिक टन(1000)- 3.254 ।
केंद्र सरकार के दल ने बताया कि MIDH तथा NHB के माध्यम से योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु तकनीकी एवम वितीय सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है।
मार्गदर्शिका के अवयव को समेकित रूप से रखते हुए 5 वर्षों की रणनीति बनाई जाए।
झारखंड में उद्यानिकी की वर्तमान स्थिति ,सम्भावना एवं चुनौतियों पर चर्चा की गई
अपर आयुक्त कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, श्री नवीन कुमार पाटले द्वारा बैठक में बताया गया की उद्यमिता को बढ़ावा देने से उद्यानिकी में शीघ्र बढ़ोतरी होगी इसलिए जागरूक एवं इच्छुक किसानों का समूह बनाकर लक्षित उद्यानिक गतिविधियों की रणनीति तैयार करें।
जानकारी हो की केंद्रीय टीम द्वारा राज्य बागवानी मिशन संपोषित शशांक एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड के टिश्यू कल्चर लैब को देखा गया और टिश्यू कल्चर तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कहा गया।
बैठक में समिति के सदस्यों एवं FPO सदस्यों ने उद्यानिकी के विभिन्न पहलुओं, सरकारी योजनाओं के उपयोग तथा आने वालें समस्याओं के निराकरण पर चर्चा की गई। किसानों ने पैक हाउस, POND तथा सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई देने का अनुरोध किया।
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