नई दिल्ली, 28 अक्टूबर(एजेंसी)। कांग्रेस ने शनिवार को एक बार फिर केंद्र पर संसद के मानसून सत्र के दौरान वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन करने का आरोप लगाया, यह दावा करते हुए कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली मिजोरम की नई विधान सभा का पहला सत्र एक नया विधेयक पारित करेगा, जो राज्य के आदिवासी लोगों की भूमि, जंगलों और अधिकारों की रक्षा की गारंटी देता है।
एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “मोदी सरकार ने संसद के मानसून सत्र के दौरान वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया, जिसका पूरे देश में जबरदस्त विरोध और आक्रोश हुआ, यहां तक कि पूर्वोत्तर में भी।”
कांग्रेस नेता ने कहा, ”भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वादा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली मिजोरम की नई विधान सभा का पहला सत्र एक नया विधेयक पारित करेगा जो राज्य के आदिवासी लोगों की भूमि, जंगलों और अधिकारों की रक्षा की गारंटी देता है। वन समवर्ती सूची का हिस्सा हैं, इसलिए इस विधेयक को अनुच्छेद 254(2) के प्रावधान के तहत सहमति के लिए भारत के राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह वही है जो “एमएनएफ सरकार को संसद के मानसून सत्र के तुरंत बाद करना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया क्योंकि वह भाजपा की धुन पर नाचती है।”
रमेश ने कहा, “ज़ीपीएम ऐसा कभी नहीं करेगा क्योंकि वे मिजोरम के लोगों के लिए बिना किसी विचारधारा, बिना किसी कार्यक्रम या संगठन के बिना एक पार्टी हैं और कुछ ही समय में भाजपा के साथ समझौता कर लेंगे।”
मिजोरम में 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 7 नवंबर को मतदान होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।
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