नई दिल्ली , 12 सितम्बर (एजेंसी)। भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म पर हमला विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का गुप्त एजेंडा है और सनातन का अपमान नही सहेगा हिंदूस्तान वही इंडिया गठबंधन सनातन धर्म विरोधी के लिए बना है ।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस प्राचीन धर्म के बारे में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) नेताओं की लगातार आलोचनात्मक टिप्पणियों के बीच विपक्षी नेताओं की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाए। रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा और कहा कि सोनिया गांधी इस मामले पर अगर चुप्पी साधे रहेंगी तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि सनातन धर्म का विरोध करना ‘इंडिया’ के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डीएमके नेता की एक टिप्पणी सामने आई है। वह बड़ी कमाल की आई है। अग्रेंजी में एक कहावत है कि ‘द कैट इज आउट ऑफ दी बैग’ यानी जो सोचा, वो बाहर आ गया। उनकी सोच सबके सामने बाहर आ गई है। साफ है कि I.N.D.I.A गठबंधन का गठन ही सनातन धर्म का विरोध करने और उसे खत्म करने के लिए बना है। रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि पोनमुडी ने यह टिप्पणी उसी ‘सनातन धर्म विरोधी’ कार्यक्रम में की थी, जिसमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे उधयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी।
बाद में अभिनेता राजा ने इसे एड्स से भी अधिक संक्रामक बताया।रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राजा ने कहा था कि सनातन धर्म एड्स से भी खतरनाक है। भाजपा सांसद ने कहा कि वहां के शिक्षा मंत्री ने जो भी कहा वह सच्चाई है। इसका छिपा हुआ एजेंडा है। यह सनातन धर्म का विरोध करके वोट बैंक की राजनीति करना चाहते हैं। इसके लिए यह सभी बहुत समय से लगे हुए हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस और इस गठबंधन से हम कुछ सवाल पूछना चाहते हैं।
क्या वहां के मुख्यमंत्री ने अपने बेटे के खिलाफ कोई टिप्पणी की? उन्होंने कहा कि यह लोग हर धर्म की बात करके लीपापोती करते हैं। मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि क्या उन्हें अन्य किसी धर्म के देवताओं की आलोचना करने का अधिकार है? क्या उनमें साहस है? क्या वे ऐसा कर सकते हैं? हम सभी आस्थाओं का सम्मान करते हैं और यह वोट के नाम पर चुप हो जाते हैं। यह लोग अन्य धर्मों पर चुप रहते हैं, लेकिन खुले तौर पर सनातन का विरोध करते हैं।उन्होंने कहा कि भाजपा इंडिया गठबंधन से एक स्पष्ट प्रस्ताव लाने का आग्रह करेगी कि वह डीएमके की आलोचना से खुद को पूरी तरह अलग करता है और यह उनका एजेंडा नहीं है।
डीएमके द्वारा अपनी आलोचना को सही ठहराने के लिए सनातन धर्म को हिंदुओं के बीच जातिगत भेदभाव की प्रथा से जोड़ने पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि शबीर, केवट और संत रविदास जैसे पिछड़ी जातियों के श्रद्धेय लोगों को समर्पित मंदिर बनाए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि सनातन धर्म का मानना है कि कोई भी व्यक्ति अपनी जाति और समुदाय की पृष्ठभूमि के बावजूद अपनी भक्ति से भगवान को प्राप्त कर सकता है।
कांग्रेस ने इस विवाद को लेकर स्पष्ट तौर पर कहा कि वह हर धर्म का सम्मान करने में विश्वास करती है। कांग्रेस पर पलटवार करते हुएरविशंकर प्रसाद ने कहा कि डीएमके से लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे दलों के कुछ विपक्षी नेता सनातन धर्म और हिंदू धर्म से जुड़े पवित्र ग्रंथों की आलोचना करने में मुखर रहे हैं, लेकिन क्या वे अन्य धर्मों और उनके पवित्र व्यक्तित्वों की आलोचना करने का साहस जुटा सकते हैं।
रविशंकर प्रसाद कहा कि भारत की संस्कृति और विरासत का हर रोज अपमान किया जा रहा है और भाजपा इस मुद्दे को लेकर देश भर के गांवों में जाएगी और साथ ही विकास तथा विरासत की बात भी करेगी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सनातन धर्म का यह शर्मनाक अपमान क्यों किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि देश यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने हाल ही में भारत द्वारा आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन की बैठक के दौरान कोणार्क चक्र और प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को दी गई प्रमुखता के बारे में भी बात की।
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