पांगी गांव में पहाड़ी दरकी, 25 बीघा भूमि पर फसलें तबाह

शिमला 10 Sep, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर के कल्पा खंड के पांगी गांव में पीरी ढांक से अचानक चट्टानें गिरने के कारण 25 बीघा से अधिक भूमि पर सेब समेत अन्य नकदी फसलें तबाह हो गईं। इससे 70 बागवानों और किसानों को भारी नुकसान हुआ। चट्टानों की चपेट में चार दोघरियां भी आईं।

सोमवार सुबह करीब साढ़े छह बजे पहाड़ी दरकने से पांगी गांव के प्राणु, तेवनंग और रूमनंग में चट्टानें गिरने से चार लोगों की दोघरियां क्षतिग्रस्त हो गईं। इससे बीरबल नेगी, एवन चंद नेगी, दीनदयाल नेगी और लोक मोहन नेगी को भारी नुकसान हुआ। इसके अलावा करीब 25 बीघा भूमि पर सेब के पौधों और फसलों को नुकसान पहुंचा। 70 बागवान और किसानों के सेब, ओगला, फाफरा, राजमाह, खुमानी, नाशपाती, बादाम और जीरा सहित कई अन्य नकदी फसलें क्षतिग्रस्त हो गईं।

दिन भर ऊपरी पहाड़ी से रुक-रुक कर चट्टानों के गिरने का सिलसिला जारी रहा। इसके कारण न तो बागवान-किसान और न ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच पाईं। सूचना मिलते ही एसडीएम कल्पा डॉ. शशांक गुप्ता और नायब तहसीलदार कल्पा रविंद्र सिंह, कानूनगो उरज्ञान दोर्जें नेगी और पटवारी नीतिश नेगी की टीम ने घटनास्थल स्थल का दौरा किया, लेकिन पहाड़ी से लगातार भूस्खलन के कारण वे मौके पर नहीं पहुंच पाए। उन्होंने दूर से ही नुकसान का आकलन किया।

कल्पा के एसडीएम शशांक गुप्ता ने कहा कि चट्टानें गिरने से सेब और नकदी फसलों को नुकसान पहुंचा है। मौके पर राजस्व विभाग की टीम तैनात है। जैसे ही पहाड़ी से भूस्खलन बंद हो जाएगा, वैसे ही टीम मौके पर नुकसान का जायजा लेगी। शुरूआती दौर में करीब एक करोड़ के नुकसान का अनुमान है।

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