वक्फ बोर्ड के सदस्य सलीम की नियुक्ति पर हाईकोर्ट की रोक

बिलासपुर 27 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)- छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य वक्फ बोर्ड में मनोनीत सदस्य की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति पीपी साहू की एकल पीठ ने कहा है कि वक्फ बोर्ड में मुतवल्लियों का चुनाव नहीं हुआ है। ऐसे में नियुक्ति पर रोक लगाई जाती है।

याचिका में वक्फ बोर्ड के सदस्य डॉ. सलीम राज के मनोनयन को चुनौती दी गई है। बिलासपुर निवासी मुतवल्ली मोहम्मद इजराइल ने अपने वकील के माध्यम से न्यायालय में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने वक्फ बोर्ड के सदस्य के पद पर डॉ. सलीम राज की नियुक्ति पर आपत्ति की है।

साथ ही कहा है कि राज्य सरकार वक्फ बोर्ड के सदस्य के रूप में सांसद, विधायक और बार के सदस्य का मनोनयन कर सकती है। लेकिन, डॉ. सलीम राज न तो सांसद हैं और न ही विधायक हैं। वह वकील भी नहीं है। फिर भी उनकी नियुक्ति की गई है।

याचिका में नियमों का हवाला देते हुए कहा गया है कि वक्फ बोर्ड में मुतवल्लियों का प्रतिनिधित्व जरुरी है। डॉ. राज की नियुक्ति के बाद सदस्य के लिए कोई पद रिक्त नहीं है। मुतवल्लियों के प्रतिनिधित्व के बिना बोर्ड की मान्यता नहीं रह जाएगा।

याचिकाकर्ता ने वक्फ बोर्ड की धारा 14 का हवाला देते हुए कहा कि इसमें दिए गए प्रविधान और शर्तों के अनुसार बोर्ड में मुतवल्लियां की ओर से एक सदस्य होना अनिवार्य है। मुतवल्लियों का प्रतिनिधित्व आवश्यक है। मौजूदा बोर्ड में मुतवल्लियों का प्रतिनिधित्व नहीं है क्योंकि, मुतवल्लियों का चुनाव नहीं कराया गया है।

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