बीबीएन 25 अगस्त (एजेंसी)। भारी बारिश ने बीबीएन में एक बार फिर तबाही मचा दी। बरोटीवाला में नाले में बहने से एक महिला लापता है जबकि 2 लोगों ने बहुत मुश्किल से अपनी जान बचाई। बरोटीवाला में वीरवार रात्रि करीब साढ़े 12 बजे तारा चंद गुप्ता अपनी पत्नी गीता देवी (60) और पोती अनन्या (3) के साथ बग्गूवाला से कार में आ रहे थे। इसी दौरान हैलीपैड के पास नाले को पार करते समय पानी का बहाव तेज हो गया और कार पानी में बह गई। इस पर वे तीनों कार से बाहर निकल कर एक-दूसरे का हाथ पकड़कर नाले को पार करने लगे लेकिन देखते ही देखते तेज बहाव में गीता देवी का हाथ छूट गया और वह बह गई। पोती अनन्या जोर से चिल्लाई कि मां बह गई। दोपहर तक शव का कोई पता नहीं चला है। वहीं हैलीपैड में भी पानी घुस गया। यहां नदी के किनारे पर एक तीन मंजिला भवन की नींव का एक हिस्सा भी बहाव की चपेट में आ गया है।
मढ़ावाला में अस्थायी पुल बहा, बालद नदी पर बना पुल 2 हिस्सों में बंटा
पिंजौर-बद्दी फोरलेन पर मढ़ावाला नदी पर बना अस्थायी पुल भी करीब सुबह 4 बजे नदी की भेंट चढ़ गया। यहां डेढ़ माह पहले बना पुल बह गया था। अब इसके बहने से फिर वाहनों और पैदल चलने वालों को बहुत समस्या हो गई है। तमाम वाहन अब बरोटीवाला-कालूझिंडा-पपलोहां होकर पिंजौर पहुंच रहे हैं। वहीं बद्दी-पिंजौर मार्ग पर टोल बैरियर के निकट बालद नदी पर बना पुल 2 दिन पहले धंस गया था और मुरम्मत के लायक था लेकिन बालद नदी में आया तेज बहाव अब पिल्लरों को भी बहा ले गया है। अब यह पुल मुरम्मत के लायक भी नहीं बचा है। वहीं बरोटीवाला-पट्टा बनलगी मार्ग 2-3 स्थानों पर धंसने के कारण बंद हो गया है। पट्टा-गोयला, पट्टा-जोहड़ जी, बद्दी-साई व बद्दी-घरेड़ सहित अनेकों मार्ग बंद हो गए हैं।
5 उद्योगों को हुआ नुक्सान, बीबीएनडीए की ट्रक पार्किंग भी धंसी
झाड़माजरी औद्योगिक नगर में बालद नदी के रौद्र रूप ने 5 उद्योगों को भारी नुक्सान पहुंचाया है। विश्व स्तरीय लोरियल कंपनी अब नदी से मात्र 20 मीटर दूर रह गई है। बालद नदी ने बीबीएनडीए की 10 साल पहले बनी ट्रक पार्किंग को भी छू लिया है। पार्किंग कुछ हिस्सा भी धंस गया है। कमेटी के प्रधान गुरमीत सिंह ने विभाग और प्रशासन के रवैये की निंदा करते हुए खनन माफिया पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की गुहार लगाई है। यहां पर बालद नदी और गहरी हो गई है। इसने किनारों पर 6 झुग्गियों को भी निगल लिया है। बिजली के खंभे भी नदी में बह गए हैं। यही नहीं, यहां पर लेबर होस्टल का भी खतरा बढ़ गया है। लोक निर्माण विभाग की एक गलती ने यहां पर करोड़ों का नुक्सान कर दिया। एसपी ऑफिस और सन सिटी मार्ग भी खतरे में आ गए हैं। 9 जुलाई की रात्रि को हुई भारी बारिश के चलते जो हालात बने थे वही हालात अब दोबारा हो गए हैं।
श्मशानघाट में अस्थि लॉकर और शिव की मूर्ति बची
शुक्रवार को बालद नदी के तांडव ने श्मशानघाट के बचे हुए हिस्से को भी निगल लिया। सिर्फ भोलेनाथ की मूर्ति के साथ सिर्फ दीवार पर फिक्स किया हुआ अस्थि लॉकर ही बचा है। दशाही के दिन के लिए बनाया स्नानगार भी हवा में लटक गया है।
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