नई दिल्ली 06 Sep, (एजेंसी) : भारत में इस साल होने वाली जी-20 समिट से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने किनारा कर लिया है। जहां समिट में रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे, तो वहीं चीन की तरफ से प्रधानमंत्री ली कियांग भारत आएंगे। इसे लेकर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि यह पहली बार नहीं है जब जी-20 में कोई राष्ट्राध्यक्ष न पहुंचा हो। पहले भी ऐसे कई मौके आए हैं।
जयशंकर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, “अलग-अलग समय पर जी-20 में कोई न कोई राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे हैं, जो किसी वजह से खुद नहीं आ पाए हैं। इससे फर्क नहीं पड़ता। मायने यह रखता है कि उस देश का पक्ष और स्थिति क्या है और वह इसी बात से साफ हो जाता है कि वह अपने किस प्रतिनिधि को जी-20 के लिए भेजता है। मुझे लगता है कि जी-20 में सभी काफी गंभीरता के साथ आ रहे हैं।”
विदेश मंत्री से रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी सवाल किया गया। उनसे पूछा गया कि रूस के विदेश मंत्री चाहते हैं कि यूक्रेन संकट पर उनके विचार को G20 के भाषण में शामिल किया जाए। ऐसे में क्या जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले शक्ति प्रदर्शन शुरू हो गया है?
इस पर जयशंकर ने कहा, “आप इसे ऐसे चित्रित कर सकती हैं लेकिन मेरे लिए कोई भी अपनी राष्ट्रीय स्थिति को सामने रखने की कोशिश करेगा। यदि आप चाहें तो अपनी बातचीत की स्थिति को अधिकतम करने की कोशिश करेंगे। मुझे लगता है कि आपको इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि बातचीत में वास्तव में क्या होता है और इसे पहले से ही इस आधार पर नहीं आंकना चाहिए कि एक अवसर पर क्या कहा जा सकता है और एक अवसर पर जो कहा गया था उसकी मीडिया व्याख्या क्या हो सकती है।”
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