वनकर्मियों को भी मिले राष्ट्रपति पदक पुरस्कार : अश्विनी चौबे

*भारत मे बाघों की स्थिति से संबंधित पुस्तक का किया लोकार्पण*

रामनगर , 29 जुलाई (एजेंसी)। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण  तथा पर्यावरण, वन व राज्यमंत्री  अश्विनी चौबे ने कहा कि पुलिस व सैन्यकर्मियों की तरह वन रक्षा के लिए वनकर्मियों को भी राष्ट्रपति पदक मिले, इसके लिए प्रयास किया जाएगा। वन संपदा की रक्षा की लिए वनकर्मी जान की बाजी लगा देते हैं। उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च पुरस्कार मिले, इसे ध्यान में रख मंत्रालय स्तर पर प्रयास होगा। केंद्रीय मंत्री  चौबे विश्व बाघ दिवस पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व उत्तराखंड रामनगर में आयोजित कार्यक्रम में अदम्य साहस, साहसी बलिदान, कर्त्तव्य परायण के लिए वनकर्मियों व उनके साथियों को सम्मानित करने के उपरांत कही।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि वन्य जीवों का शिकार न हो। इसके लिए नियमित रूप से अभियान चलाते रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने मन की बात में एयर गन सरेंडर अभियान का जिक्र किया था। इस अभियान को गति देने की आवश्यकता है। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री चौबे ने केंद्रीय पर्यटन व रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट तथा अन्य अधिकारियों के साथ देश मे बाघों की अद्दतन स्थिति से संबंधित पुस्तक का लोकार्पण किया।

ज्ञात हो कि 9 अप्रैल, 2022 को, मैसूरु में  प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के जश्न के दौरान, प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने बाघों की न्यूनतम आबादी 3167 की घोषणा की थी। जो कि कैमरा-ट्रैप क्षेत्र से जनसंख्या का अनुमान है । अब, कैमरा-ट्रैप्ड और गैर-कैमरा-ट्रैप्ड बाघ उपस्थिति क्षेत्रों दोनों से भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा किए गए डेटा का आगे का विश्लेषण, बाघों की आबादी की ऊपरी सीमा 3925 और औसत संख्या 3682 बाघ होने का अनुमान है ।

प्रति वर्ष 6.1त्न की सराहनीय वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है। केंद्रीय राज्यमंत्री श्री चौबे ने इस मौके पर बच्चों में बाघ के संरक्षण व संवर्धन विषय पर आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में बेहतर करने वाले स्कूल बच्चों को सम्मानित किया।

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