चेन्नई 28 Sep, (एजेंसी)-हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन का निधन हो गया है। 98 वर्षीय एमएस स्वामीनाथन को उनके जीवन में कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया जिनमें 1967 में ‘पद्म श्री’, 1972 में ‘पद्म भूषण’ और 1989 में ‘पद्म विभूषण’ शामिल हैं। स्वामीनाथन सिर्फ भारत ही नहीं दुनियाभर में सराहे जाते थे। 2004 में स्वामीनाथन को किसानों पर राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। इस आयोग को आत्महत्या के मामलों के बीच किसानों के संकट को देखने के लिए गठित किया गया था।
आयोग ने 2006 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और अपनी सिफारिशों में सुझाव दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) उत्पादन की औसत लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक होना चाहिए। स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का अगुआ माना जाता है। वे पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने सबसे पहले गेहूं की एक बेहतरीन किस्म को पहचाना और स्वीकार किया। इसके कारण भारत में गेहूं उत्पादन में भारी वृद्धि हुई।
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