महादेव बुक के फरार चल रहे मुख्य सरगना रतन लाल जैन के खिलाफ ईडी ने शुरू की रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया

New Delhi / Raipur/ Bhopal   02 March, (एजेंसी) : प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने महादेव बुक के अवैध सट्टेबाजी  पर लगाम लगाने के लिए फरार चल रहे मुख्य सरगना रतन लाल जैन के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

बता दे की रतन लाल जैन और गिरीश तलरेजा भोपाल के मूल रूप से स्थानीय निवासी है। दोनों ने सट्टेबाजों के रूप में पहले भोपाल मे ही काम शुरू किया था, लेकिन बाद में दोनों दुबई चले गए जहां से वे भारत में सबसे बड़े सट्टेबाजी नेटवर्क में से एक को संचालित करते है, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ने कथित तौर पर 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की अभीतक इस अवैध कारोबार से कमाई कर चुके है।

इन दोनों के खिलाफ पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट पीएमएलए की रोकथाम के तहत एक विशेष अदालत द्वारा उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था, मामले मे आगे रतन लाल जैन के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए विदेश मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।

जानिए रेड कॉर्नर नोटिस का क्या होता है मतलब और कैसे करता है काम

रेड कॉर्नर नोटिस उन व्यक्तियों के खिलाफ जारी किया जाता है जो या तो अभियोजन के लिए वांछित हैं या रेड कॉर्नर नोटिस के तहत सजा काटने के लिए दुनिया भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अनुरोध किया जाता है कि वे उक्त व्यक्तियों का पता लगाने और गिरफ्तार करने के लिए लंबित प्रत्यर्पण अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन इंटरपोल है।

अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन इंटरपोल ने अपने सभी 195 सदस्य देशों में एक राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो एनसीबी नियुक्त किया है, ये ब्यूरो इंटरपोल और भारत में उस सदस्य देश की संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच संपर्क के एकल बिंदु के रूप में काम करते हैं।

इन इंडिया द सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन सीबीआई इसकी आधिकारिक एनसीबी है जिसे भारत के कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा आवश्यक रूप से भगोड़े अपराधियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस को बनाए रखने और अद्यतन करने का काम सौंपा गया है।

महादेव बुक बैटिंग ऐप मामले में कई व्यक्तियों की गिरफ्तारी देखी गई है हाल ही में गिरफ्तार व्यक्तियों में चंद्रभूषण वर्मा नाम का एक एएसआई शामिल है, जो सतीश चंद्राकर नाम का मास्टरमाइंड का रिश्तेदार है और हवाला ऑपरेटर अनिल दममानी और सुनील दमानी वर्मा पर रिश्वत की राशि लेने का आरोप है। वर्मा पर 65 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने और अपने अधीन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को वितरित करने का आरोप लगाया, जबकि अन्य पर अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क के संचालन को अंजाम देने और देश से बाहर आय को लूटने का संदेह है।

वही ईडी ने चार हाई प्रोफाइल आरोपियों को हाल ही में एक विशेष अदालत में पेश किया जिसने उन्हें सात दिनों के लिए उनकी न्यायिक हिरासत प्रदान की जो उस समय के दौरान कल समाप्त हो गई है।ईडी ने सफलतापूर्वक अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क और इससे जुड़े लोगों पर जानकारी के विभिन्न टुकड़े निकाले लिए है। वही सूत्रों की माने तो ईडी द्वारा जल्द इस पुरे मामले मे बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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