रायपुर,25 फरवरी (एजेंसी)। कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन के दूसरे दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की भाजपा सरकार पर प्रहार किया. खरगे ने कहा कि आज सेंट्रल एजेंसी की मदद से चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है.
यहां तक कि कांग्रेस महाधिवेशन को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन छत्तीसगढ़ के चीफ मिनिस्टर और कांग्रेस नेताओं ने डटकर मुकाबला किया. ऐसे लडऩा और मुकाबला करना सीखना होगा, रोने से काम नहीं चलेगा. खरगे ने अडानी-अंबानी का नाम लिए बिना भी केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला।
देश में सबसे पहले हमारे कांग्रेस पार्टी के जितने भी पीसीसी डेलीगेट्स हैं, सबका धन्यवाद क्योंकि चुना और देश का नेतृत्व करने का मौका दिया. कांग्रेस जनों का विश्वास मेरे जीवनभर की कमाई है.
मैं अपने आखरी सांस तक कांग्रेस के मूल्यों की रक्षा करुंगा. हर बलिदान देकर हर चुनौती का सामना करेंगे. आप में से काफी साथी मेरे जीवन की राह से परिचित हैं. यह कांग्रेस में संभव है कि एक साधारण व्यक्ति जो कभी ब्लॉक कांग्रेस का अध्यक्ष हो, वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष निर्वाचित हो गया।
मैं आज बेहद भावुक भी हूं, क्योंकि मैं और आप गौरवशाली विरासत की नुमाइंदगी कर रहे हैं, जिसे महात्मा गांधी, नेहरू जी, सुभाष चंद्र बोस, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरोजनी नायडु, इंदिरा और राजीव जी ने अपने त्याग बलिदान और समर्पण से सींचा है. उनके दिखाए मार्ग पर लगातार हम आगे बढ़ाते रहेंगे।
मैं आज राहुल गांधी को धन्यवाद दूंगा यह प्रेम सिर्फ कांग्रेस जनों के लिए नहीं देश के करोड़ों भारत वासियों से उम्मीद है. देश में चारों ओर फैले नफरत के बीच टूटती उम्मीदों के बीच जब ऐसा लग रहा था कि अंधेरे की ताकत सच पर हावी न हो तब राहुल गांधी ने रौशनी की उम्मीदकी और संघर्ष की मशाल जला दी.
भारत जोड़ो यात्रा देश की उम्मीदों की सूरज का नाम है. जिसकी रौशनी कन्याकुमारी से कश्मीर तक फैल गई. हमने एक बार फिर साबित कर दिखाया कि भारत की आत्मा में कांग्रेस है.
भारत की पीड़ा कांग्रेस जानती है. देश वासियों की तकलीफें कांग्रेस जानती है. हमारा दिल तड़पता है. राहुल गांधी 3700 से ज्यादा किलोमीटर चलकर राहुल जी अपने कांग्रेस जनों के लिए दिखा दिया कि बलिदान की परिपाटी का जज्बा हमारे लहू के हर कतरे में मिलेगा. इसलिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं. इसी ढंग से मार्गदर्शन करते रहें.
आप सबको मैं याद दिलाना चाहता हूं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आज से करीब 100 साल पहले 1924 में मेरे गृह राज्य कर्नाटक में बेलगाम राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे.
गांधी जी ने गांव देहात से लेकर किसानों मजदूरों को कांग्रेस के झंडे के नीचे खड़ा किया. बेलगाम में कांग्रेस संविधान में बड़ा बदलाव शामिल हुआ. गांधीजी ने मजबूरों और वंचितों से जोड़ा. यहीं से कांग्रेस एक जन आंदोलन के रूप में जनता के सामने आई और पूरा देश कांग्रेस के साथ खड़ा हुआ.
बेलगाम में ही पहली बार कांग्रेस ने छुआछूत और जातीय भेदभाव के खिलाफ संघर्ष को अपने एजेंडे में अधिकारिक रूप से शामिल किया. एक ही बार कांग्रेस प्रेसीडेंट बने और वहां छुआछूत का एक रिजॉल्यूशन पारित कर सारे देश में प्रचार करने का काम किया. 75 वर्ष में आज देश सबसे कठिन चुनौतियों से गुजर रहा है.
सत्ता में बैठे लोगों ने देश की जनता के अधिकारों और भारत के मूल्यों पर हमला बोल रखा है. इसलिए आज एक नए आंदोलन के शुरुआज की जरूरत है. हर देशवासी को आगे बढ़कर संकल्प लेकर यह कहना होगा सेवा संघर्ष और बलिदान सबसे पहले हिंदुस्तान, यह हमारा नारा होगा और देश को आज सेवा संघर्ष और बलिदान की जरूरत है, क्योंकि भारत सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है.
आज भाजपा संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा को तोड़ रही है. युवाओं के भविष्य को अंधेरे में झोंका जा रहा है. महंगाई से बजट बिगड़ गया है. जीएसटी नोटबंदी से छोटे कारोबार को बर्बाद कर दिया है. फसल कीमत न देकर किसानों की आमदनी को खत्म कर दिया है.
नफरत के माहौल में देश का सामाजिक माहौल बिगाड़ दिया है. सेंट्रल एजेंसी की मदद से चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है. महाधिवेशन को रोकने के लिए छापा मारा, हमारे लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन हमारे चीफ मिनिस्टर और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डटकर मुकाबला किया. ऐसे लडऩा और मुकाबला सीखना चाहिए.
दिल्ली में बैठी सरकार का डीएनए गरीब विरोधी इस साल दिल्ली में बैठी सरकार ने फूड सिक्योरिटी का 90 हजार करोड़ काट दिया, जो सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने गरीबों का पेट भरने के लिए जो कानून बनाया, उसमें 90 हजार करोड़ की कटौती की है. आप सोचिए कि किस प्रकार यह सरकार चल रही है. मैं कई बार सोचता हूं कि भाजपा की यह सरकार कितनों के गरीबों के मुंह से निकाला छीन लेगी.
मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं कि दिल्ली की सरकार में बैठे गरीबों का डीएनए ही गरीब विरोधी है, इसलिए ही वे लोग ऐसा काम कर रहे हैं. एक ओर गरीबों पर हमला और दूसरी ओर चीन के अवैध कब्जे के खिलाफ घुटने टेकी हुई दिल्ली. हमारे राजनीतिक मतभेद हैं, लेकिन भारत की सुरक्षा के लिए एक हैं. वे कहते हैं कि कांग्रेस सेनाओं के खिलाफ है.
हमने देश के लिए सविधान बनाया, उसकी सुरक्षा की और लोकतंत्र के लिए लड़ रहे हैं और आप लोकतंत्र को खत्म करने की बात कर रहे हैं. चाइना घुस गया और पीएम बोलते हैं कि कुछ नहीं हुआ. विदेश मंत्री कह रहे कि मेरे पिताजी को प्रमोशन नहीं दिया. सरकार ये बातें नहीं कर सकती.
आप सरकार में हैं. लेकिन वे लोग हर चीज को नया रंग देते हैं. चीन ने अप्रैल 2020 से आज तक हमारी जमीन पर जबरन कब्जा किया. मेरा सवाल है कि प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीनचिट क्यों दिया? उनके विदेश मंत्री कहते हैं हम चीन से लड़ नहीं सकते, क्योंकि वे हमसे बड़ी अर्थ व्यवस्था हैं. यह तो आपकी नाकामयाबी है.
एक तरफ कहते हैं कोई घुसा नहीं, हम घुसने नहीं देंगे. वह तो घुसकर पुल बना रहा, रोड बना रहा. दूसरे तरफ छप्पन इंच का सीना तभी माना जाएगा जब आप चीन से हमारा जमीन छुड़वाकर 2020 से पहले ही स्थिति कायम करेंगे, तभी मानेंगे कि 56 इंच का सीना है. 2023 में 2024 में हमारा एजेंडा साफ है. हम देश के मुद्दों पर संघर्ष करेंगे और कुर्बानी देंगे. सबल और सक्षम राज्य बनाएंगे. यूपीए गठबंधन में समान विचारधारा के कई दल हमारे साथ आए थे.
डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व और सोनिया गांधी के सहकार से 10 साल मजबूत सरकार चली. वे तमाम दल जो बीजेपी आरएसएस के खिलाफ लडऩे के लिए तैयार हैं, हम उन्हें साथ लेने के लिए तैयार हैं. यह सच्चाई है कि हमारी सरकार के खिलाफ षड्यंत्र के तहत झूठे आरोप लगाए गए थे. एक बेहद ईमानदार प्रधानमंत्री को बदनाम किया.
अब सच जनता के सामने आ चुका है. लोगों को मालूम है कि क्या सच्चाई है. हमारा लक्ष्य है कि रोजगार पैदा करें. महंगाई पर लगाम लगाई जाए. गैस सिलेंडर पेट्रोल डीजल आटा चावल उचित कीमत में दिलाकर हम रहेंगे.
हमारा लक्ष्य गरीब और अमीर के बीच जो खाई का काम चल रहा है, मजदूर के पास काम नहीं, गरीबों का सम्मान हो, सामाजिक न्याय सरकार का धर्म हो और रोटी रोजी का मौका सबको मिल पाए. देश के अन्नदाता किसान को फसल की उचित कीमत मिले और अन्नदाता को भूखे पेट न सोना पड़े. हमारा लक्ष्य देश से नफरत का माहौल खत्म करना है.
गरीब आदिवासी अल्पसंख्यक सिर उठाकर जिंदगी जीएं और उन्हें बराबरी का मौका मिले. देश के संवैधानिक संस्थाओं में बैठे लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित हो.
बगैर रोकटोक के अपना कर्तव्य निभाए. देश की सरकारें जनता की वोट से चुनी और बदली जाएं न कि नोटों की बोरियों या ईडी, आईटी सीबीआई की धमकी से न बदली जाए. मैं कहता हूं देश के लिए एक साथ देश के लिए हरेक हाथ हाथ से हाथ जोड़ों आओ भारत जोड़ो।
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