नई दिल्ली ,20 अक्टूबर (एजेंसी)। दिल्ली पुलिस ने सात लोगों की गिरफ्तारी के साथ धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इनके खिलाफ देशभर में 2,100 से ज्यादा शिकायतें दर्ज थी। गिरोह अपनी फर्म फैमिली हेल्प के जरिए लोगों को ठगते थे।
एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि आरोपियों की पहचान विकास (28), अंकित यादव (26), मोहम्मद राजा उर्फ साहिल (26), कन्हैया कुमार महतो उर्फ प्रफुल्ल पटेल (19), बिहारी पासवान (22), मोहम्मद सुहैल अंसारी (26) और अजीत कुमार पासवान (23) के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, विजय पाहवा की शिकायत के आधार पर 7 अक्टूबर को शाहदरा साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। पाहवा ने आरोप लगाया कि वह एक ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदना चाहता था और ऑनलाइन खोज कर रहा था, तभी उसे द्धह्लह्लश्च://यूआरएल वाली एक वेबसाइट मिली, जिसमें इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचने का दावा किया गया था। लिंक पर क्लिक करने के बाद पाहवा को एक कॉन्टैक्ट नंबर मिला, जिस पर उन्होंने कॉल किया।।
मोबाइल नंबर वेबसाइट से जुड़ा था और जिस व्यक्ति से उसने बात की थी उसने उसे चयन के लिए विभिन्न स्कूटर मॉडल भेजे थे। पाहवा ने वेबसाइट से जुड़े व्यक्तियों को 1,15,560 रुपये की राशि हस्तांतरित की। हालांकि, भुगतान प्राप्त करने के बाद आरोपी व्यक्तियों ने उनके साथ सभी बातचीत के रास्ते बंद कर दिए।
जब पाहवा को यह स्पष्ट हो गया कि उन्हें एक फर्जी वेबसाइट और उसके फर्जी उत्पादों के जरिए धोखा दिया गया है, तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।
शाहदरा के डीसीपी रोहित मीणा ने कहा कि जांच के दौरान, पुलिस ने शामिल फोन नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर), ऑनलाइन लेनदेन के इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (आईपीडीआर) और व्हाट्सएप प्रोफाइल से संबंधित आईपीडीआर एकत्र किए, जिनका विश्लेषण किया गया।
विश्लेषण के बाद, जैन नगर, कराला में एक पुलिस छापेमारी की गई, जहां चार व्यक्तियों, अंकित यादव, एमडी राजा, विकास और सुहैल अंसारी को फैमिली हेल्प नामक कंपनी के बैनर तले काम करते हुए पाया गया। जिसका मालिक आरोपी विकास और एमडी राजा था।
डीसीपी ने आगे कहा कि आरोपियों ने वेबसाइट बनाने के लिए कंपनी को फैमिली हेल्प के रूप में पंजीकृत किया था। लेकिन वास्तव में, वे इसे धोखाधड़ी गतिविधियों के लिए एक मुखौटे के रूप में उपयोग कर रहे थे।
उन्होंने बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों सहित पूरे भारत में लोगों को धोखा देने और अच्छी खासी आय अर्जित करने के लिए ओला स्कूटी, पतंजलि और अन्य जैसे प्रसिद्ध ब्रांडों की नकल करते हुए नकली वेबसाइट बनाई।
आगे के तकनीकी विश्लेषण के कारण बिहार के वारिसलीगंज में छापेमारी हुई, जहां बिहारी पासवान, अजीत और कन्हैया नाम के व्यक्तियों को पकड़ा गया।
अजीत और बिहारी कॉलिंग एजेंट के रूप में काम करते थे, जबकि कन्हैया एटीएम के माध्यम से गलत तरीके से कमाए गए पैसे निकालने के लिए जिम्मेदार था।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों से बरामद उपकरणों के विश्लेषण से पता चला कि आरोपी पिछले दो वर्षों से धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल थे, सीधे तौर पर 2,100 से अधिक लोगों को धोखा दिया था।
उनके खातों में 4 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का पता चला है, और जैसे-जैसे जांच जारी है, अतिरिक्त खाते भी सामने आ रहे हैं।
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