कांग्रेस को विपक्षी पार्टियों से निपटना है

राष्ट्रपति के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार से लडऩे से पहले कांग्रेस को विपक्षी पाटियों से निपटना है। क्योंकि विपक्षी पार्टियां गैर भाजपा और गैर कांग्रेस मोर्चा बना कर चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही हैं। अगर तीसरा या संघीय मोर्चा नहीं भी बनता है तब भी विपक्षी पार्टियां इस प्रयास में लगी हैं कि वे एक साझा उम्मीदवार उतारें और कांग्रेस को मजबूर करें कि वह उसका समर्थन करे। दूसरी ओर कांग्रेस किसी हाल में अपनी पार्टी के अलावा दूसरी पार्टी के नेता को समर्थन देने के लिए तैयार नहीं है।

कांग्रेस चाहती है कि वह उम्मीदवार दे और बाकी पार्टियां उसका समर्थन करें, जैसा पहले होता रहा है। तभी मल्लिकार्जुन खडग़े को कांग्रेस ने इस अभियान में लगाया है।
दूसरी ओर ममता बनर्जी, चंद्रशेखर राव और आम आदमी पार्टी के नेता अलग प्रयास में लगे हैं। कुछ दिन पहले तक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस मामले में पहल कर रहे थे। लेकिन उनके राज्य में दो लोकसभा सीटों- आजमगढ़ और रामपुर के उपचुनाव आ जाने से वे उलझ गए हैं।

दोनों सीटें उनके लिए प्रतिष्ठा की हैं क्योंकि दोनों उनकी पार्टी की सीट रही है और एक सीट तो उनके इस्तीफे से ही खाली हुई है। बहरहाल, ममता बनर्जी ने बुधवार को विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई है। इस बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह मुंबई जाकर शरद पवार से मिले हैं। के चंद्रशेखर राव पहले ही स्टालिन, हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल आदि से मिल चुके हैं।

सो, कांग्रेस को अभी असली लड़ाई से पहले उम्मीदवार तय कराने की लड़ाई लडऩी है। इसी बीचच सोनिया गांधी की सेहत बिगड़ गई है और राहुल गांधी ईडी की पूछताछ में उलझे हैं।

*****************************************

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version