झारखंड में 14 में से 9 लोकसभा सीटों पर लडऩे का कांग्रेस का फैसला !

रांची,17 अगस्त (एजेंसी)। कांग्रेस ने झारखंड की 14 में से नौ लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। शेष पांच सीटों पर वह इंडिया गठबंधन के घटक दलों के प्रत्याशियों की जीत के लिए जोर लगाएगी।

यह फैसला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, झारखंड प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय की मौजूदगी में राज्य इकाई की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में लिया गया।

कांग्रेस के फैसले पर फिलहाल झारखंड में इंडिया के घटक दलों की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर जिच होगी।

वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने यूपीए गठबंधन के तहत सात सीटों पर चुनाव लड़ा था। गठबंधन में झामुमो के हिस्से चार सीटें आई थीं, दो सीटें बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम को दी गई थी। जबकि, राष्ट्रीय जनता दल को मात्र एक सीट मिली थी। हालांकि राजद आखिर तक अपनी जिद पर अड़ा रहा और उसने दो सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे।

नतीजतन चतरा लोकसभा सीट पर कांग्रेस और राजद दोनों के प्रत्याशी एक साथ मैदान में थे। इस बार कांग्रेस ने सात के बजाय नौ सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। पिछली बार की सात सीटों के अलावा जिन दो सीटों पर उसका दावा है, उनमें गोड्डा और कोडरमा लोकसभा की सीटें हैं।

दोनों सीट को पिछली बार बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के लिए छोड़ा गया था। कांग्रेस नेतृत्व का कहना है कि ये दोनों सीटें उसने अपने कोटे से जेवीएम के लिए छोड़ी थीं।

अब जेवीएम विघटित हो चुकी है। ऐसे में इन दोनों सीटों पर वह अपने उम्मीदवार देगी। कांग्रेस ने जिन नौ सीटों पर लडऩा तय किया है, उनमें चाईबासा, खूंटी, चतरा, धनबाद, रांची, लोहरदगा, हजारीबाग, गोड्डा और कोडरमा शामिल हैं।

फिलहाल, इनमें से मात्र एक सीट चाईबासा उसके कब्जे में है, जहां से गीता कोड़ा सांसद हैं। इस बार इंडिया गठबंधन में झारखंड की सीटों के बंटवारे को लेकर सबसे ज्यादा जिच चाईबासा, चतरा और हजारीबाग सीट को लेकर होगी।

चाईबासा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा पहले से दावा ठोक रहा है। पार्टी की जिला कमेटी ने इस सीट पर झामुमो का प्रत्याशी उतारने का प्रस्ताव पारित कर सेंट्रल कमेटी को भेजा है।

झामुमो का तर्क है कि चाईबासा लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों में मात्र एक सीट को छोड़ बाकी पर झामुमो का कब्जा है। यानी यहां झामुमो का जनाधार कांग्रेस की तुलना में ज्यादा बड़ा है।

दूसरी तरफ यह कांग्रेस की सीटिंग सीट है, तो वह इसे किसी भी हाल में छोडऩे को तैयार नहीं होगी। हजारीबाग सीट पर वाम दलों की ओर से दावेदारी की जा रही है।

दरअसल, इस सीट पर वर्ष 2004 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी भुवनेश्वर प्रसाद मेहता जीत दर्ज कर चुके हैं।

इस बार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा खुद इस सीट से लडऩा चाहते हैं। पिछले चुनाव में यूपीए गठबंधन में वाम दल शामिल नहीं थे, लेकिन इस बार इंडिया गठबंधन में उनकी भी साझेदारी है। लिहाजा उनकी ओर से भी दावेदारी होगी।

तीसरी सीट चतरा है, जिस पर जिच के आसार हैं।

दरअसल, इस सीट पर पूर्व में राजद के प्रत्याशी जीत चुके हैं और इस आधार पर राजद यहां दावेदारी करता रहा है। पिछली बार कांग्रेस और राजद दोनों इस सीट पर अड़े रहे और आखिरकार दोनों दलों ने अपने प्रत्याशी उतार दिए थे।

हालांकि दोनों को ही निराशा हाथ लगी थी। राजद इस बार फिर चतरा में दावा करेगा, जबकि कांग्रेस इस आधार पर यहां अपना प्रत्याशी देना चाहती है कि पिछले चुनाव में वह दूसरे स्थान पर रही थी।

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