कांग्रेस ने आईटी रिटर्न डेटा का हवाला देते हुए बढ़ती असमानता पर की सरकार की आलोचना

नई दिल्ली,23 अक्टूबर (एजेंसी)।  कांग्रेस ने सोमवार को आयकर रिटर्न के आंकड़ों का हवाला देते हुए बढ़ती आर्थिक असमानताओं पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी सरकार के तहत अति-अमीर और मध्यम वर्ग के बीच खाई बढ़ती जा रही है।

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 2013-14 से 2021-22 की अवधि के लिए आयकर रिटर्न पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण भारत जोड़ो यात्रा के आवश्यक विषयों में से एक बढ़ती आय असमानता की पुष्टि करता है। मोदी सरकार के तहत अति-अमीर और मध्यम वर्ग के बीच बढ़ती खाई अधिक स्पष्ट है।

सरकार के आयकर रिटर्न डेटा का हवाला देते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि सबूत है कि शीर्ष 1 प्रतिशत आयकर दाताओं ने 2013-14 में कुल आय का 17 प्रतिशत कमाया। जबकि 2021-22 तक, शीर्ष 1 प्रतिशत ने कुल आय का 23 प्रतिशत कमाया।

उन्होंने कहा कि अति-अमीरों की आय वृद्धि मध्यम वर्ग की तुलना में बहुत तेज है। शीर्ष 1 प्रतिशत आयकर दाताओं की आय में 2013-14 से 2021-22 तक साल-दर-साल 13 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो कर के सबसे निचले 25 प्रतिशत की आय की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक तेज है।

उन्होंने यह भी कहा कि इतना ही नहीं, मुद्रास्फीति के समायोजन के बाद, सबसे कम 25 प्रतिशत करदाताओं ने 2019 की तुलना में 2022 में कम वास्तविक आय हासिल कीी।

रमेश ने कहा,सबसे कम 25 प्रतिशत की सकल आय 11 प्रतिशत गिर गई, वित्त वर्ष 2019 में 3.8 लाख करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 22 में 3.4 लाख करोड़ रुपये हो गई। इस बीच, शीर्ष 1 प्रतिशत की वास्तविक आय वित्त वर्ष 2019 में 7.9 लाख करोड़ रुपये से 30 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 22 में 10.2 लाख करोड़ रुपये हो गई।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज करते हुए कहा,आंकड़े झूठ नहीं बोलते। केवल प्रधानमंत्री ही ऐसा करते हैं।

कांग्रेस देश में बढ़ती आय असमानताओं को लेकर सरकार की आलोचना करती रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कई मौकों पर और अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं।

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