53 वर्षों से सीआईएसएफ का देश की आर्थिक प्रगति में बहुत अहम योगदान : अमित शाह

हैदराबाद ,12 मार्च (एजेंसी)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह हैदराबाद में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 54वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।अमित शाह ने परेड की सलामी ली और बल की पत्रिका Sentinel-2023 और कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।

इस अवसर पर तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन, केन्द्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, सीआईएसएफ के महानिदेशक और बल के जवान एवं उनके परिजनों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि देश के औद्योगिक संस्थानों, एयरपोर्ट, बंदरगाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करके 53 वर्षों से सीआईएसएफ का देश की आर्थिक प्रगति में बहुत अहम योगदान रहा है।

अमित शाह ने कहा कि कोई भी देश तभी प्रगति कर सकता है जब इसके औद्योगिक संस्थानों, एयरपोर्ट, बंदरगाहों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। शाह ने कहा कि इस बल के हर कर्मी ने पिछले 53 साल में सीआईएसएफ की स्थापना के हर उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपनी जान लगाकर देश की अमूल्य सेवा की है।अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सामने 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का लक्ष्य रखा है और इसे हासिल करने के लिए हमारे एयरपोर्ट्स, बंदरगाहों, राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है।

शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि सीआईएसएफ आने वाले समय की सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वयं को तैयार करके राष्ट्र सेवा करता रहेगा।अमित शाह ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि आज ही के दिन महात्मा गांधी ने 1930 में 240 मील की दांडी यात्रा के साथ नमक सत्याग्रह की शुरूआत की थी। उन्होंने कहा कि नमक सत्याग्रह ने आज़ादी के आंदोलन में एक नया इतिहास बनाया कि एक लाठी उठाए बिना इतने बड़े साम्राज्य को असहयोग और अहिंसा से कैसे पराजित किया जा सकता है।

अमित शाह ने कहा कि 1969 में लगभग 3000 की संख्या वाला ये बल 53 साल में आज 1,70,000 की नफरी तक पहुंचा है। उन्होंने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में इस बल के लिए विकास के कई मौके उपलब्ध होने वाले हैं। आज के डिजिटल युग में इस बल ने अपने हितधारकों को अत्याधुनिक सुरक्षा उपलब्ध कराने की परंपरा निभाई है। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ़ ने रोबोटिक्स, आर्टिफिश्यिल इंटेलीजेंस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से सुरक्षा प्रोटोकॉल को न केवल लैस किया है बल्कि इसे अभेद्य भी बनाया है।

शाह ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय भी आने वाले दिनों में बंदरगाहों, एयरपोर्ट और औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को अडॉप्ट करके चुनौतियों का सामना करने के लिए सीआईएसएफ को सभी तकनीकों से सुसज्जित करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा और इसके लिए गृह मंत्रालय ने एक कार्ययोजना भी तैयार की है।

अमित शाह ने कहा कि आज सीआईएसएफ 66 संवेदनशील और प्रमुख हवाईअड्डों, 14 प्रमुख बंदरगाहों, परमाणु व अंतरिक्ष संस्थानों, दिल्ली मेट्रो, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी और कई औद्योगिक इकाइयों और खदानों की सुरक्षा का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश के सभी सेंट्रल आर्म्स पुलिस फोर्स में सीआईएसएफ अकेला ऐसा बल है जिसके पास प्रभावी अग्निशमन बल है और इसने अग्निशमन सुरक्षा के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। शाह ने कहा कि सीआईएसएफ प्रतिदिन दिल्ली मेट्रो या एयरपोर्ट पर लगभग 50 लाख यात्रियों के साथ अच्छे व्यवहार लेकिन पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्र की संपत्ति की सुरक्षा के प्रति कटिबद्ध रहता है।

अमित शाह ने कहा कि सीआईएसएफ ने एक हाइब्रिड मॉडल अपनाया है और इससे आने वाले समय में इसकी भूमिका बहुत बढ़ने वाली है। इस मॉडल से निजी कंपनियों में भी सलाहकार और अन्य कई भूमिकाओं में इसका उपयोग होने का रास्ता खुलेगा। उन्होंने कहा कि ये बल आने वाले 2 दशकों में आधुनिक तकनीक और ड्रोन जैसे सुरक्षा संबंधित खतरों से निजी कंपनियों को भी सुरक्षा देने का काम कर सकेगा।

अमित शाह ने कहा कि सीआईएसएफ ने वृक्षारोपण अभियान के तहत विगत 4 साल में 3 करोड़ से ज़्यादा वृक्ष लगाकर पर्यावरण के प्रति अपनी सजगता और समर्पण को दर्शाया है। इसके अलावा बल ने 1200 से अधिक सफाई अभियान चलाए और पूरी तन्मयता के साथ स्वच्छता अभियान को लोकभोग्य बनाकर स्वच्छता के संस्कार को जनता में पहुंचाने का प्रयास किया है।

उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान के दौरान भी सीआईएसएफ ने 5 लाख से अधिक तिरंगे लगाकर इसे सफल बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। इसके अलावा बल ने नेश्नल स्टेडियम में रन फॉर यूनिटी में भाग लेते हुए लौह पुरुष सरदार पटेल को श्रद्धांजलि भी दी। अमित शाह ने कहा कि पिछले 9 साल में मोदी सरकार ने सभी सेंट्रल आर्म्स पुलिस फोर्स और राज्य पुलिस को साथ लेकर आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में सभी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है।

उन्होंने कहा कि हमारे लिए चिंता का विषय रहे कश्मीर, नॉर्थईस्ट और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र, तीनों सेक्टर में हिंसा में बहुत कमी आई है। लोगों का विश्वास बढ़ रहा है और अलगाववाद व आतंकवाद फैलाने वाले आत्मसमर्पण करके मेनस्ट्रीम में आ रहे हैं। हिंसा फैलाने वालों के साथ कठोरता के साथ निपटने में देश की सभी सीएपीएफ ने बहुत बड़ा योगदान दिया है।

गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 9 साल से आतंकवाद के खिलाफ चल रही मोदी सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति इसी तरह जारी रहेगी और देश के किसी भी क्षेत्र में आतंकवाद, अलगाववाद और देशविरोधी गतिविधियों से कठोरता से निपटा जाएगा और इसमें सीएपीएफ और राज्य पुलिस की भूमिका बहुत अहम है।

अमित शाह ने कहा कि आज भारत एक बहुत तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था बन चुका है और देश के औद्योगिक संस्थानों, खदानों, बंदरगाहों, एयरपोर्ट्स को सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी हमारी है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में संरक्षण औऱ सुरक्षा को गति देनी होगी। शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने आयुष्मान सीआईएसएफ योजना के तहत लगभग 35 लाख से अधिक आयुष्मान सीएपीएफ कार्ड वितरित किए हैं और देशभर के लगभग 24 हज़ार अस्पतालों में जवानों और उनके परिजनों के लिए कैशलेस चिकित्सा की व्यवस्था भी की है।

उन्होंने कहा कि आवास योजना के तहत भी हमने हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेश्यो बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। 2015 में 3100 करोड़ रूपए की लागत से 13 हज़ार घर और 113 बैरक बनाने का काम शुरू किया, जिसमें से 11 हज़ार मकान 2022 तक बन चुके हैं। 2026 तक इन 11 हज़ार मकानों के अलावा 28 हज़ार 500 मकान और बनाकर मोदी सरकार जवानों के परिवारों के रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि सितंबर, 2022 में सीएपीएफ ई-आवास वेबपोर्टल लांच किया गया और इसके आधार पर 6 महीने में ही 2 लाख 17 हज़ार कार्मिकों का पंजीकरण हो चुका है और सेटिस्फेक्शन रेश्यो में बड़ा उछाल आया है। खाली पड़े आवासों में किसी भी बल के जवान को रहने देने के प्रावधान ने निर्मित आवासों की उपयोगिता को बहुत अधिक बढ़ा दिया है।

उन्होंने कहा कि नवंबर, 2024 में आवास संतुष्टि अनुपात 73 प्रतिशत हो जाएगा, जो आज़ादी के बाद सबसे अधिक होगा। अमित शाह ने कहा कि जिस देश के एयरपोर्ट और बंदरगाह सुरक्षित नहीं होते, वो देश कभी सुरक्षित नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने कई चुनौतियां हैं, जैसे, जाली नोटों का व्यापार, घुसपैठ और नारकोटिक्स, और इनका सामना करने के लिए सीआईएसएफ ने एक उज्ज्वल इतिहास के साथ देश को सुरक्षा प्रदान की है।

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