मुंबई 10.04.2023 (एजेंसी) अयोध्या यात्रा के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का दबदबा बढ़ गया है। शिंदे राज्य में हिंदुत्व के नये प्रतीक बन गये हैं। निश्चित ही आने वाले चुनावों में मुख्यमंत्री की इस छवि का फायदा सत्तारुढ़ गठबंधन को होगा। देखा जाये तो उद्धव ठाकरे ने सत्ता के लिए एमवीए से समझौता किया जिसके चलते हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों से उन्होंने किनारा किया लेकिन हिंदुत्व के मुद्दे पर उद्धव का साथ छोडऩे वाले एकनाथ शिंदे को पहले मुख्यमंत्री पद मिला, फिर उन्हें शिवसेना का चुनाव चिह्न तीर कमान मिला और अब प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद भी मिल गया।
बाला साहेब ठाकरे की हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाने को आतुर एकनाथ शिंदे को अयोध्या में जिस तरह साधु संतों का आशीर्वाद मिला और रामनगरी में रोड शो के दौरान स्थानीय जनता का स्नेह मिला वह दर्शाता है कि राम मंदिर आंदोलन में शिवसेना की भूमिका के महत्व को जनता आज भी स्वीकार करती है। उद्धव ठाकरे के राज में हुए पालघर कांड के चलते भले साधु संतों का मोह शिवसेना से भंग हो गया था लेकिन अब जब शिवसेना अपने पुराने रूप में लौट आई है तो अयोध्या वासियों ने पार्टी नेताओं का भव्य स्वागत किया।
हम आपको बता दें कि अयोध्या यात्रा के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार देर शाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राजधानी लखनऊ में शिष्टाचार भेंट की और कहा कि योगी आदित्यनाथ ने हमारी आस्था के गौरव को पुनर्जीवित किया है। दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को उत्तर प्रदेश आए एकनाथ शिंदे ने रविवार देर शाम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या से वापस लौटने के बाद मुख्यमंत्री योगी से उनके पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर भेंट की। योगी से भेंट के दौरान महाराष्ट्र से आए मंत्रियों के समूह ने अपनी अयोध्या यात्रा के अनुभव को साझा किया और वहां हो रहे विकास कार्यों की सराहना की।
शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमारी आस्था के गौरव को पुनर्जीवित किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, उनके नेतृत्व में प्रभु श्रीराम की नगरी विकास के नए आयाम छू रही है। योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के सम्मान में रात्रिभोज का भी आयोजन किया।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, शिंदे ने योगी आदित्यनाथ से रविवार को उनके सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट की। शिंदे के साथ उनकी सरकार के मंत्रियों का समूह भी मौजूद था।
शिंदे के नेतृत्व में मंत्रियों का समूह अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन के बाद मुख्यमंत्री योगी के निमंत्रण पर राजधानी लखनऊ पहुंचा था। इस अवसर पर योग आदित्यनाथ ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारते हुए देश में रामराज्य की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में अयोध्या विश्व की सबसे वैभवशाली नगरी और वैश्विक तीर्थ का केंद्र बन रही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के विकास के लिए हजारों करोड़ की नई योजनाएं शुरू की गई हैं और सड़कों का विकास हो रहा है तथा नए आधारभूत ढांचे तैयार किये जा रहे हैं।वहीं शिंदे ने अपनी अयोध्या यात्रा के दौरान कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान शिवसेना और भाजपा गठबंधन का भगवा महाराष्ट्र में पूरे बहुमत से लहराएगा।
शिंदे ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवान श्रीराम ने जहां पिता को नहीं दिए गए वचन की लाज रखने के लिए बिना किसी आपत्ति के 14 वर्ष का वनवास भोग लिया वहीं, ठाकरे ने अपने पिता बाला साहब ठाकरे की मंशा और इच्छा के विपरीत कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता के लालच में सरकार बना ली जिन्होंने राम मंदिर का विरोध किया था।
हम आपको बता दें कि शिंदे ने रविवार को अयोध्या में रामलला के दर्शन किए, राम मंदिर निर्माण कार्य का अवलोकन किया और हनुमानगढ़ी मंदिर भी गए। इस मौके पर शिवसेना भाजपा गठबंधन के मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता भी मौजूद थे। रविवार की शाम शिंदे अयोध्या में वैदिक मंत्रोच्चार और सरयू मैया की जय तथा हर-हर महादेव के नारों के बीच सरयू आरती में शामिल हुए।
रामनामी दुपट्टा और भगवा चादर ओढ़कर उन्होंने सरयू नदी में जाकर दुग्ध अर्पित कर लोकमंगल की कामना की। शिंदे के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी सरयू आरती में शामिल हुए।
इसके पहले लक्ष्मण किला (अयोध्या में) में एक अन्य सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए शिंदे ने जय श्रीराम और पवनसुत हनुमान के उद्घोष के बाद कहा कि, मैं निश्चित रूप से भगवान राम के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बना हूं। लेकिन, मैं यहां मुख्यमंत्री के रूप में नहीं आया हूं। मैं यहां एक रामभक्त के रूप में आया हूं।
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