उदयपुर ,07 सितंबर (एजेंसी)। खुद को उत्तर प्रदेश का विधायक बताकर राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण विभाग में कनिष्ठ सहायक की नौकरी दिलाने का झांसा देकर 11 लाख की ठगी करने वाले को उदयपुर पुलिस ने गुजरात के राजकोट से गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से तीन दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा है।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश के आगरा निवासी शिवप्रकाश उर्फ शिवा चौधरी उर्फ देवेंद्र राणा और जगदीश चंद्र आचार्य की पहचान उदयपुर के राजकुमार थामेल से हुई। देवेन्द्र राणा ने खुद को उत्तरप्रदेश का विधायक बताया। उसने उत्तरप्रदेश के गन्ना मंत्री अन्ना चौधरी को अपना पिता बताया था। देवेन्द्र और जगदीश ने राजकुमार को झांसे में लिया कि वह राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण विभाग में कनिष्ठ सहायक पद पर नौकरी लगवा सकते हैं।
इस पर राजकुमार ने अपने दोनों बेटों को कनिष्ठ सहायक पद पर नियुक्त कराने के लिए कहा, जिसके एवज में देवेन्द्र राणा ने 11 लाख रुपए की मांग की थी। यह रकम दिए जाने के बाद जगदीश और देवेन्द्र ने उसके बेटों के नाम नियुक्ति पत्र दिए थे। जिन्हें लेकर वह अपने बेटों को लेकर उदयपुर के सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यालय पहुंचा। जहां जाकर पता चला कि विभाग ने इस तरह की कोई नियुक्ति नहीं की। दोनों ही नियुक्ति पत्र को फर्जी बताया। जिस पर राजकुमार ने जगदीश चंद्र तथा देवेन्द्र राणा के खिलाफ भूपालपुरा थाने में धोखाधड़ी और ठगी का मामला दर्ज कराया था।
भूपालपुरा थाना पुलिस पूर्व में जगदीश चंद्र आचार्य को गिरफ्तार कर चुकी है और न्यायिक हिरासत में चल रहा है। देवेन्द्र राणा के गुजरात के राजकोट में होने का पता चला तो उसे गिरफ्तार कर लिया और गुरुवार सुबह उदयपुर लेकर पहुंची थी। रिमांड अवधि के दौरान यह पता लगाया जा चुका है कि वह इस तरह की ठगी में कब से लिप्त है तथा अब तक कितने लोगों को ठग चुका है।
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