*पक्ष में पड़े 47 वोट, विपक्ष के 29 वोट*
रांची,05 फरवरी (एजेंसी)। झारखंड की चंपई सोरेन की नई सरकार ने अपनी परीक्षा पास कर ली है। सोमवार को चंपई सरकार झारखंड विधानसभा में बहुमत साबित करने में सफल साबित हुई।बहुमत परीक्षण के दौरान चंपई सरकार के समर्थन में 47 वोट पड़े, जबकि इसके खिलाफ 29 वोट पड़े।विश्वास प्रस्ताव पर मतदान में कुल 81 विधायकों में से 79 विधायकों ने हिस्सा लिया। सत्तारूढ़ गठबंधन के एक विधायक और विपक्ष के एक विधायक सदन में अनुपस्थित रहे।बहुमत का आंकड़ा 40 था।
प्रर्वतन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी विधानसभा में हुए बहुमत परीक्षण में मतदान किया। उन्हें कोर्ट की ओर से इसकी अनुमति दी गई थी।नई सरकार गठन के बाद पहली बार बुलाए गए विधानसभा के 2 दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के अभिभाषण से हुई।सरकार के बहुमत साबित करने के बाद विधानसभा की कार्यवाही 6 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई।
झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसी का दुरुपयोग कर उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की गई और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत पर झूठे आरोप लगाए गए।उन्होंने कहा, हेमंत ने राज्य को कुशल नेतृत्व दिया है। आज पूरा देश देख रहा है कि किस तरह से हेमंत के साथ अन्याय हो रहा है। मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हेमंत का पार्ट-2 हूं।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत ने भी कहा, 31 जनवरी की काली रात को एक काला अध्याय देश के लोकतंत्र में नए तरीके से जुड़ा। देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री की आधी रात को गिरफ्तारी हुई हो, मेरे संज्ञान में ऐसा नहीं हुआ।उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि ये पहली घटना है। इसे अंजाम तक पहुंचाने में कहीं न कहीं राजभवन भी शामिल है। मुझे अपनी गिरफ्तारी के षडयंत्र का पहले से ही आभास हो गया था।
हेमंत ने कहा, हमने अभी तक हार नहीं मानी। अगर उन्हें (केंद्र सरकार) लगता है कि मुझे सलाखों के पीछे डालकर उनके मंसूबे पूरे हो सकते हैं तो वह बड़ी गलतफहमी में हैं।उन्होंने कहा, आज मुझे 8.5 एकड़ जमीन घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अगर उनमें हिम्मत है तो मेरे नाम पर दर्ज जमीन के एक भी दस्तावेज दिखाएं। अगर आरोप साबित हो गए तो मैं उसी दिन राजनीति से संन्यास ले लूंगा।
31 जनवरी को हेमंत ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद चंपई सोरेन को सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक दल का नेता और मुख्यमंत्री चुना गया।सोरेन के इस्तीफे के 2 दिन बाद चंपई का शपथ ग्रहण समारोह हुआ।इस बीच विपक्ष ने राज्यपाल पर जानबूझकर शपथ ग्रहण में देरी करने के आरोप लगाए।सत्तारूढ़ विधायकों की टूट की आशंका के चलते 37 विधायकों को बहुमत परीक्षण से पहले हैदराबाद में रखा गया था।
ईडी झारखंड में सेना की जमीन बिक्री समेत कई अन्य मामलों की जांच कर रही है। इसमें सोरेन भी आरोपी हैं।सोरेन को 31 जनवरी को लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। वह 7 फरवरी तक ईडी की रिमांड में हैं।उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले में कोर्ट ने ईडी से 9 जनवरी तक जवाब मांगा है।याचिका पर अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
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