चित्रकूट बन रहा सैलानियों की पहली पसंद

चित्रकूट 02 Aug. (Rns/FJ): चित्रकूट वह पुण्यभूमि है, जहां भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का सर्वाधिक समय (लगभग 11 साल) गुजारा था। विंध्य की पहाड़ियों पर, घने जंगलों और पतित पावनी मंदाकिनी के किनारे बसे चित्रकूट की सुरम्यता का गोस्वामी तुलसीदास रचित महाकाव्य श्रीरामचरितमानस में वर्णन मिलता है। गोस्वामी जी लिखते हैं, ‘राम संग सिय रहति सुखारी। पुर परिजन गृह सुरति बिसारी।’ वनवास के दौरान भाई लक्ष्मण एवं सीता जी के साथ भगवान श्रीराम के चरण जिन-जिन स्थानों पर पड़े, वे सभी स्थान आज भी गुप्त गोदावरी, कामदगिरि पर्वत, भरतकूप, गणेशबाग, सती अनुसुइया आश्रम, राजापुर, धारकुड़ी, जानकीकुंड, रामघाट, भरत मिलाप मंदिर, चित्रकूट जलप्रपात, हनुमान धारा, स्फटिक शिला आदि के रूप में सनातन प्रेमियों के लिए पावन तीर्थ हैं।

प्राकृतिक खबसूरती की वजह से वनवास जैसे कठिन हालात में प्रभु श्रीराम के लिए अयोध्या के राजपाट के वैभव को भुला देने वाले चित्रकूट को मुख्यमंत्री योगी उसी रूप में बनाना चाहते हैं।

प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि चित्रकूट का विकास इसकी ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित रखते हुए समग्र रूप में कराया जा रहा है। तीर्थ के रूप में इसे संवारा जा रहा है तो पर्यटन की प्राकृतिक व रोमांचकारी सम्भावनाओं को आकार दिया जा रहा। इस क्रम में 5.29 करोड़ रुपये की लागत से डिजिटल रामायण गैलरी एवं वाटर स्क्रीन पर लेजर शो तैयार हो चुका है।

रामायण कॉन्क्लेव के तहत आयोजित होने वाले कार्यक्रम (रामलीला मंचन, चित्रकला प्रतियोगिता एवं अन्य कार्यक्रम) भी चित्रकूट में होते हैं। यहां के रामायण मेला को योगी आदित्यनाथ की सरकार ने और भव्यता प्रदान की है। प्रदेश के पर्यटन में वृद्धि के लिए पर्यटन विभाग बुद्धिस्ट सíकट सहित जिन प्रमुख धार्मिक स्थलों के लिए टूअर ऑपरेटर्स के फेम टूअर ट्रिप आयोजित करवाता है उसमें चित्रकूट भी एक है। अगले पांच साल में जिन 5 धार्मिक स्थलों में वैश्विक स्तर की पर्यटन सुविधाएं सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है उनमें अयोध्या, मथुरा, काशी और गोरखपुर के साथ चित्रकूट भी शामिल है। इसका असर यह है कि बीते पांच साल में ही चित्रकूट सैलानियों को खूब भाने लगा है।

29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यह घोषणा कर चुके हैं कि शीघ्र ही रानीपुर को प्रदेश के चौथे बाघ संरक्षण केंद्र के रूप में विकसित करेंगे। रानीपुर पाठा के उस क्षेत्र में आता है जहां कभी डकैतों की बंदूकें गरजती थीं। बाघ संरक्षण केंद्र के रूप में विकसित होने पर वहां पर्यटकों की बाघों की गर्जना सुनाई देगी।

चित्रकूट में करीब 146 करोड़ रुपये की लागत से यूपी का पहला टेबल टॉप एयरपोर्ट तैयार है। यह बुंदेलखंड का पहला परिचालन हवाई अड्डा होगा। इसका प्रबंधन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) करेगा। इस बाबत पहले ही यूपी सरकार और एएआई से समझौता हो चुका है। डीजीसीए से लाइसेंस मिलने के बाद यहां से उड़ान योजना के तहत 20 सीटर विमानों की उड़ान भी शुरू हो जाएगी। रोपवे सितंबर 2019 से ही चित्रकूट आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

*****************************************

इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के मायने

रांची का रॉक गार्डन पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र हैं

रांची,रांची में रॉक गार्डन शहर के सबसे अधिक देखे जाने वाले स्थानों में से एक माना जाता है। अल्बर्ट अक्का चौक से लगभग 4 किमी दूर स्थित है। यह रॉक गार्डन गोंडा हिल की चट्टानों को काटकर बनाया गया है। इस रॉक गार्डन के अंदर चट्टान की मूर्तियां, झरने और एक झील है और यह जगह पिकनिक के लिए बहुत अच्छी है।यदि आप सुंदर दृश्यों का आनंद लेना चाहते हैं और शहर की भीड़ से दूर शांत समय चाहते हैं, तो रॉक गार्डन एक आदर्श स्थान है

*रॉक गार्डन कैसे पहुँचे –

*बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से रॉक गार्डन की दुरी लगभग 15 किलोमीटर है।

*रॉक गार्डन काँके प्रखंड में अवगत है और यह लगभग राँची रेलवे स्टेशन से 9 किलोमीटर की दुरी पर है।

*रॉक गार्डन खाद गढ़ा बस स्टैंड से लगभग 9.5 किलोमीटर की दुरी पर है।

*रॉक गार्डन – गांधी नगर, रांची, झारखंड

Exit mobile version