नई दिल्ली, 5 फरवरी (एजेंसी) । ओबीसी संघर्ष संयुक्त समिति के संयोजक सुनील यादव के नेतृत्व में दिल्ली के जंतर मंतर पर केजरीवाल के ओबीसी समाज विरोधी मानसिकता के खिलाफ जोररदार धरना दिया गया। धरने में मुख्य रुप से भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ के लक्ष्मण और महामंत्री निखिल आनंद सहित कई ओबीसी समाज के कार्यकर्ता मौजूद थे जो केजरीवाल सरकार की विरोधी मानसिकता के खिलाफ हैं।
डॉ के लक्ष्मण ने कहा कि एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं जो सबका साथ सबका विकास के सूत्रधार बनाकर समाज के सभी वर्गों को मुख्य धारा में जोड़ने का काम कर रहे हैं और दूसरी तरफ दिल्ली में एक ऐसी सरकार है जो ओबीसी समाज को उसके मुल अधिकार से वंचित कर रखा है। उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा हिस्सा ही नहीं है बल्कि एक महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है लेकिन उसके अधिकारों का हनन केजरीवाल सरकार कर रही है।
डॉ के लक्ष्मण ने कहा कि दिल्ली प्रदेश की सरकारी नौकरियों की भर्ती में 1993 के बाद से दिल्ली में स्थाई निवास कर रहे देश के अन्य प्रदेशों के पिछड़े वर्ग के बेरोजगार अभ्यार्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं दिल्ली प्रदेश की सरकारी नौकरियों की परीक्षा लेने वाली संस्था दिल्ली अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा दिल्ली की सरकारी नौकरियों का लाभ केवल उन परिवारों के बच्चों को दिया जा रहा है जो 1993 से पहले के मूल निवासी हैं। दिल्ली सरकार का राज्यस्व विभाग 1993 के बाद से दिल्ली में आकर स्थाई निवास कर रहे देश के अन्य प्रदेशों के परिवारों को डाक्यूमेंट्स जारी करता है।
सुनील यादव ने कहा कि ओबीसी संघर्ष संयुक्त समिति केजरीवाल सरकार से मांग करती है कि जल्द-से-जल्द विधानसभा का सत्र बुलाये जो दिल्ली का ओबीसी आयोग है एवं आयोग को मान्यता दें जिससे कि दिल्ली में पिछले 30 सालों से आये ओबीसी प्रवासियों की समस्याओं को सुना जा सके।
इसके अलावा केजरीवाल सरकार ने अपने घोषणा पत्र में ओबीसी प्रमाण पत्र बनाने के लिये 1993 से पहले का निवास प्रमाण पत्र जरूरी है कि शर्त को खत्म करें और इसका प्रस्ताव बनाकर एल.जी. को भेजें। सुनील यादव ने केजरीवाल सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रवासी
ओबीसी समाज को उनका अधिकार नहीं मिला तो केजरीवाल के घर के घेराव के साथ ही दिल्ली में चक्का जाम और विधानसभा का भी घेराव किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार के झूठ को अब प्रवासी ओबीसी समाज बर्दास्त नहीं करने वाला और उन्हें कुंभकर्णी नींद से जगाने के लिए इस आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा।
निखील आनंद ने कहा कि जंतर मंतर पर विशाल जनसमूह गवाह है कि दिल्ली का सीएम अरविंद केजरीवाल संविधान विरोधी और ओबीसी विरोधी व्यक्ति हैं इसलिए हमारी मांग है कि दिल्ली में ओबीसी आरक्षण के लिए 1993 की डोमिसाइल बाध्यता खत्म की जाए जिससे ओबीसी समाज को भी इसका लाभ मिले और उनके बच्चों का भविष्य बेहतर बन सके।
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