नई दिल्ली , 15 जुलाई (एजेंसी)। भारतीय जनता पार्टी ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मध्य प्रदेश आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया है। मध्यप्रदेश में नरेंद्र सिंह तोमर के अच्छी खासी पकड़ है इसी वजह से भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर की चोरी को दांव लगाया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि 2008 और 2013 में चुनाव के समय नरेंद्र सिंह तोमर ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे दोनों ही बार पार्टी तमाम चुनौतियों को पार कर सकता नोटिस 2013 में तो पहले से अधिक विधायकों के साथ शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने थे। युवराज नरेंद्र की जोड़ी पहले भी सफलता के साथ परिणाम दे चुकी है ऐसे में इसी दूर पर पार्टी का जो रहेगा। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में चाहती है कि मध्यप्रदेश में अच्छी तरह से सत्ता में वापसी करें क्योंकि उसका फायदा लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिले।
क्योंकि 2018 में भाजपा मध्यप्रदेश में हार का स्वाद चख चुकी है और भाजपा यह नौबत दोबारा दोहराना नहीं होने देना चाहती हैं। 2020 में ज्योतिआदित्य इंडिया के साथ मिलने पर युवराज सत्ता में लौटे जरूर लेकिन संगठनात्मक सर्वे में पार्टी की स्थिति अच्छी नहीं बताई जा रही है। तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री जी की समृद्धि को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है और इसी को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने चार राज्यों में अपने चुनाव प्रभारियों को बदला।
।केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है जबकि नितिन पटेल और कुलदीप विश्नोई सह-प्रभारी की भूमिका में नजर आएंगे। छत्तीसगढ़ राज्य में राज्यसभा के पूर्व सदस्य ओपी माथुर को प्रभारी और मनसुख मांडविया को सह-प्रभारी बनाया गया है। इसी तर्ज पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मध्यप्रदेश का प्रभारी व अश्वनी वैष्णव सह-प्रभारी नियुक्त किया गया हैं।
साथ ही तेलंगाना में बीजेपी सांसद प्रकाश जावड़ेकर को प्रभारी बनाया गया है. उनके अंतर्गत सह-प्रभारी के तौर पर सुनील बंसल काम करेंगे।अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव भी हैं।
इन चार राज्यों के नतीजे काफी हद तक अगले साल होने वाले चुनाव की रूपरेखा तय करेंगे। ऐसे में बीजेपी इन चार बड़े राज्यों को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. मध्य प्रदेश में पहले ही बीजेपी की सरकार है। वहीं, राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर कांग्रेस का कब्जा है।
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