कोटा 15 Jully (एजेंसी): राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जब भी कोटा में आगमन होगा,तब उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने बारां जिले के खान की झोपड़िया गांव को कोटा जिले में शामिल करने की मांग और सीमलिया में कांग्रेस के एक मंडल अध्यक्ष को धमकाने और मारपीट करने के मामले में पुलिस के कोई कार्यवाही नहीं करने के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
सिंह का आरोप है कि खान की झोपड़िया गांव नैसर्गिक रूप से बारां नहीं बल्कि कोटा जिले का हिस्सा होने के बावजूद प्रशासनिक त्रुटि की वजह से उस समय बारां जिले की सीमा में शामिल कर लिया गया था, जब कोटा और बारां जिले का विभाजन हो रहा था और बारां जिला अस्तित्व में आया था। नए जिले के गठन की इस प्रक्रिया के दौरान प्रशासनिक स्तर पर हुई त्रुटि के कारण गलत आकलन कर लिए जाने की वजह से यह गांव पलायथा क्षेत्र में कोटा के सिरे की ओर होने के बावजूद बारां जिले में शामिल कर लिया गया जबकि वहां से दोनों जिलों के बीच की विभाजन रेखा मानी जाने वाली कालीसिंध नदी बहती है।
इस बारे में सिंह का कहना है कि जब उन्होंने इस मामले को उठाया और लगातार राज्य सरकार के स्तर पर यह मांग रखी कि खान की झोपड़ियों को बारां की जगह कोटा जिले में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि बारां जिले के राजनेताओं की खनन माफियाओं से मिलीभगत होने के कारण इस गांव में चौबीसों घंटे हो रहे अवैध खनन पर रोक लगा पाना मुमकिन नहीं हो पा रहा है। यदि यह गांव कोटा जिले की सीमा में शामिल कर लिया जाए जो कि वास्तव में कोटा जिले की सीमा में ही है तो प्रशासनिक स्तर पर यहां हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाने की प्रभावी कार्रवाई की जा सकती है जो अभी संभव नहीं हो पा रही।
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