नई दिल्ली 20 Oct, (एजेंसी): पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों का सामना कर रही टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में दायर मानहानि याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है। लेकिन सुनवाई से पहले एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई ने आरोप लगा दिया है कि उन पर अपनी सीबीआई शिकायत और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को लिखे गए पत्र को वापस लेने के लिए दबाव डाला जा रहा है। वहीं निशिकांत दुबे ने इस लड़ाई को संसद की गरिमा बचाने की लड़ाई बताते हुए कहा कि यह महुआ मोइत्रा के खिलाफ लड़ाई नहीं है।
एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई ने शुक्रवार को सुबह एक्स पर पोस्ट कर यह आरोप लगाया कि, “कल दोपहर को मुझे अपनी सीबीआई शिकायत और निशिकांत दुबे को लिखे पत्र को वापस लेने के लिए मजबूर करने का प्रयास किया गया। मैंने साफ मना कर दिया और कहा कि सीबीआई को ब्योरा दूंगा।”
निशिकांत दुबे ने देहाद्राई के एक्स पर ही रिप्लाई करते हुए लिखा, “बालू के भीत पर खड़ी इमारत, भरभरा कर गिरती है, आपकी लड़ाई संसद की गरिमा बचाने की है, यह कठिन लड़ाई महुआ के खिलाफ नहीं है, यह लड़ाई बाबा साहब अंबेडकर के संविधान की आत्मा यानि गरीब की आवाज़ को बचाने वाली संसद को कुछ लोग जो बेच रहे हैं, उनके ख़िलाफ़ है। इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है। जिस पार्टी की नेता केवल साड़ी व चप्पल पहनती है, उस पार्टी की सांसद एलवी, गुची ज़बरदस्ती दोस्तों से लेकर बंगाली संस्कृति की दुहाई देती है? मेरी मौसी महिषादल राज्य बंगाल की रानी थी, इस कारण मुझे भी बंगाल की संस्कृति की जानकारी है। यह महिला बंगाल के लोगों को भी गाली दे रही है। भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं।”
आपको बता दें कि पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस मामले में सरकारी गवाह बन गए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने यह स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने संसद में अडानी समूह के बारे में सवाल पूछने के लिए महुआ मोइत्रा को पैसे और गिफ्ट दिए। हीरानंदानी ने मोइत्रा पर कई और गंभीर आरोप भी लगाएं हैं।
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