नई दिल्ली 19 Jan, (एजेंसी): विश्व आर्थिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) के ‘बैटल ऑफ चिप’ सत्र में केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत की विदेश और आर्थिक नीति बहुत स्पष्ट है। इस सत्र में उनसे पश्चिमी देशों ने चीन और भारत के बीच सही चयन पर सवाल किया था।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत पर बहुत भरोसा की नजर से देख रही है। दुनियाभर के निवेशकों के लिए भारत सुरक्षित स्थान है। इसका सीधा उदाहरण है हमने अमेरिका, यूरोप और जापान से हुए समझौते। वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर को लेकर हमने दक्षिण कोरियाई कंपनियों के साथ करार किए। इन समझौतों से साफ है कि सेमीकंडक्टर में काम करने वाले देश और उनकी दिग्गज कंपनियां भारत के साथ काम करने की इच्छुक हैं। भारत ने सेमीकंडक्टर चिप बनाने का फैसला किया है। आने वाले दस वर्षों में इस क्षेत्र में बड़े परिवर्तन होने की संभावनाएं हैं। हमारी समझ से हर किसी के लिए पर्याप्त विकल्प होंगे। सबसे जरूरी है कि हम इसे कितना महत्व देते हैं, कितनी प्रतिभा लगाते हैं और कितना ध्यान केंद्रित करते हैं।
वैष्णव ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र विकास की अगली लहर के लिए तैयार है और इसमें विश्वास व लचीलापन दो प्रमुख कारक होंगे। वैष्णव ने कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र को प्रतिभा के मोर्चे पर निकट सहयोग करने और सही कौशल सेट बनाने के सक्रिय तरीके पर विचार करने की आवश्यकता होगी। व्यापार और उद्योग में बदलाव और समाज को प्रभावित करने वाले विनिर्माण दिग्गजों की संभावनाओं पर वैष्णव ने कहा कि इनके कई पहलू हैं लेकिन विश्वास और लचीलापन सबसे प्रमुख कारक होंगे।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत अगले कुछ सालों में वार्षिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 100 अरब डॉलर का लक्ष्य रख रहा है। उन्होंने कहा कि हम अगले पूरे दशक में 6-8 फीसदी लगातार विकास दर देख रहे हैं और यह एक बहुत ही स्पष्ट रूप से सोची-समझी रणनीति पर आधारित है।
भारत समेत 20 देशों के मंत्री स्वच्छ ऊर्जा पर सहमत भारत समेत 20 देशों के मंत्रियों और सीईओ ग्लोबल साउथ के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिए आवश्यक अनुमानित 2.2-2.8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के इस्तेमाल के लिए विश्व आर्थिक मंच गठबंधन में शामिल हुए। गठबंधन ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा के लिए वह प्रतिबद्ध हैं।
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