नई दिल्ली ,06 अगस्त (एजेंसी)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयकÓ सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस विधेयक को विचार एवं पारित कराने के लिए राज्यसभा में पेश करेंगे।
लोकसभा पहले इस विधेयक को पारित कर चुकी है। इंडिया गठबंधन से जुड़े विपक्षी दल राज्यसभा में ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयकÓ को पास होने से रोकना चाहते हैं। इसके लिए सभी विपक्षी दलों से इस विधेयक के खिलाफ मतदान की अपील भी की गई है। हालांकि सरकार का कहना है कि राज्यसभा में इस विधेयक को पारित कराने के लिए उसके पास पर्याप्त संख्या बल है।
गौरतलब है कि इस विधेयक पर पक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी बनी हुई है। इस बिल को 25 जुलाई को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई थी। केंद्र सरकार, 19 मई को दिल्ली सरकार में तैनात अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश अध्यादेश लाई थी। इस अध्यादेश में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया गया था।
जानकारी के मुताबिक, राज्यसभा में अमित शाह प्रस्ताव रखेंगे कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करने वाले विधेयक पर विचार किया जाए। सरकार यह भी प्रस्ताव करेगी कि विचार के उपरांत इस विधेयक पारित किया जाए। इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 विधेयक को भी विचार के लिए राज्यसभा के समक्ष रखेंगे। इंडिया गठबंधन के सभी विपक्षी दल राज्यसभा में ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयकÓ को पास होने से रोकना चाहते हैं। इसके लिए गठबंधन के सभी दल इस विधेयक के खिलाफ वोट करेंगे।
वहीं बीजू जनता दल स्पष्ट कर चुका है कि उनकी पार्टी इस बिल के समर्थन में वोट करेगी। बीजू जनता दल द्वारा दिल्ली अमेंडमेंट बिल का समर्थन करना विपक्ष के लिए एक बड़ा झटका है। ऐसी स्थिति में अब राज्यसभा में यह बिल पास कराना सरकार के लिए कठिन नहीं होगा। बिल को लेकर बीजू जनता दल ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्होंने बिल का समर्थन करने के लिए बकायदा एक व्हिप जारी किया है। 3 लाइन के इस व्हिप में सभी सांसदों से राज्यसभा में इस बिल का समर्थन करने को कहा गया है।
यह विधेयक सोमवार को राज्यसभा की मंजूरी के लिए रखा जाना है। यही कारण है कि सरकार के साथ-साथ विपक्षी पार्टियां भी इस मुद्दे पर अपनी रणनीति तैयार कर रही हैं।
राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के चीफ व्हिप सुशील कुमार गुप्ता ने व्हिप भी जारी किया है, जिसमें आम आदमी पार्टी के सभी राज्यसभा सांसदों को सदन में मौजूद रहने और बिल के खिलाफ वोट डालने को कहा गया है। इसके अलावा कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड समेत कई विपक्षी पार्टियों ने बिल के खिलाफ वोट डालने की घोषणा की है। हालांकि विपक्ष की गोलबंदी के बावजूद बीजू जनता दल के रुख से स्पष्ट है कि सरकार के पास राज्यसभा में बिल के लिए पर्याप्त समर्थन हासिल है।
वहीं आम आदमी पार्टी ने कहा कि लोकतंत्र को सम्मान देने वाले सभी सांसद इस अध्यादेश के खिलाफ एकजुट हों। साथ ही ऐसे सभी सांसदों से संसद में इसके खिलाफ मतदान करने की अपील की गई है। कांग्रेस ने भी व्हिप जारी कर दिया है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 की निंदा की और इसे अलोकतांत्रिक व अवैध विधायी कार्य का प्रतीक बताया।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक दिल्ली के लोगों पर सीधा हमला है, भारतीय न्यायपालिका का अपमान और देश की संघीय व्यवस्था के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
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