माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर संबोधन

प्यारे भाइयों एवं बहनों !

जोहार !

प्राकृतिक सौंदर्य एवं खनिज सम्पदा से सुशोभित, वीर सपूतों के संघर्ष एवं बलिदान से सिंचित संथाल परगना की इस सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक भूमि से मैं समस्त झारखण्डवासियों को 73 वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ तथा अभिनन्दन करता हूँ।

इस पावन अवसर पर मैं राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेदकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार बल्लभ भाई पटेल सदृश्य राष्ट्र निर्माताओं के साथ-साथ झारखण्ड के सभी महान विभूतियों भगवान बिरसा मुण्डा, तिलका मांझी, वीर शहीद सिदो-कान्हू, चाँद-भैरव, बहन फूलो-झानो, बीर बुधु भगत, जतरा टाना भगत, नीलाम्बर-पीताम्बर, शेख भिखारी, पाण्डेय गणपत राय एवं शहीद विश्वनाथ शाहदेव को श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ।

आज के दिन मैं सेना के सभी जवानों तथा देश की सीमाओं की रक्षा में तैनात अन्य सुरक्षा बलों को भी गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। यह उनके राष्ट्र के प्रति समर्पण एवं बलिदान का ही प्रतिफल है कि आज हम अमन और चैन की सांस ले पा रहे हैं।

आजादी की लड़ाई के समय हमारे पूर्वजों ने एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण का सपना देखा था, जो अपनों के द्वारा गणतांत्रिक पद्धति से शासित हो, जिसमें न तो आर्थिक विषमता हो और न ही सामाजिक पिछड़ापन। एक ऐसा राष्ट्र जहां सामाजिक न्याय, धार्मिक सद्भाव एवं सहिष्णुता जैसी उदार भावनायें प्रचलित हों। इन सपनों को साकार करने के लिए आज ही के दिन सन् 1950 में हमने अपने संविधान को लागू किया था और भारत एक गणतंत्र देश के रूप में विश्व के मानचित्र पर स्थापित हुआ था।

हमारी सरकार संविधान की भावनाओं के अनुरूप राज्य के सर्वांगीण विकास एवं जनता का अधिकतम कल्याण सुनिश्चित करने के लिए पूरी निष्ठा, लगन एवं तत्परता के साथ काम कर रही है।

हमने एक ऐसे झारखण्ड के निर्माण का सपना देखा है जो भय, भूख एवं भ्रष्टाचार के साथ-साथ अपराध एवं उग्रवाद से मुक्त हो, जहाँ कमजोर से कमजोर व्यक्ति की बातंे भी सत्ता के उच्च स्तर तक पहुँचे। जहां लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर व्यक्ति का अधिकार सुरक्षित हो सके और कोई भी व्यक्ति पिछड़ा न रहे तथा सबों को विकास का समान अवसर एवं अधिकार प्राप्त हो सके। विकास की इस यात्रा में हम सभी झारखण्ड वासियों की सहभागिता चाहते हैं।

हमारी सरकार ने अल्प समय में ही राज्य के कई क्षेत्रों में विकास के लिए गंभीर एवं सार्थक प्रयास किये हैं। सरकार द्वारा राज्य में बेरोजगारी दूर करने, आर्थिक सबलता प्रदान करने, प्रशासन एवं विकास की प्रक्रिया में आमजनों की सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। हम आप सबों के सहयोग से स्वच्छ, पारदर्शी एवं संवेदनशील प्रशासन प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

 शिक्षा विकास का आधार है। मानव विकास एवं समाज में वैज्ञानिक सोच विकसित करने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हम शिक्षा के प्रति सजग एवं संवेदनशील हंै। मुझे आप सबों को यह जानकारी देने में प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार द्वारा जारी किये गये शैक्षणिक सूचकांक में विगत एक वर्ष में राज्य को 29 अंको का फायदा हुआ है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है।

राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में एक विशेष पहल की गयी है। इस निमित्त राज्य सरकार द्वारा 80 उत्कृष्ट विद्यालय, 325 प्रखण्ड स्तरीय लीडर स्कूल तथा 4,091 ग्राम पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालयों को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। संथाल परगना प्रमण्डल में 20 उत्कृष्ट विद्यालयों के निर्माण हेतु लगभग 72 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इन विद्यालयों में सभी आवश्यक मूलभूत संरचनाओं के विकास के साथ-साथ पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था भी की जाएगी।

विगत 02 वर्षों से कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण हमंे विद्यालयों को बंद रखने हेतु बाध्य होना पड़ा है। महामारी में कमी होने की स्थिति में कक्षा 06 से 12 के विद्यालय खोले गये थे, परन्तु महामारी बढ़ने के कारण विद्यालयों को पुनः बन्द करना पड़ा है। महामारी की इस घड़ी में भी हमने अपने विद्यार्थियों के लिए  आॅनलाईन शिक्षा की व्यवस्था डीजी-साथ कार्यक्रम के तहत की है। इसके अतिरिक्त दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के माध्यम से भी पठन-पाठन का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। लेकिन इससे काम नहीं चलेगा, हमें आॅन-लाईन शिक्षा को और सुगम एवं कारगर बनाने की आवश्यकता है।

राज्य में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक बोर्ड परीक्षा का परिणाम उत्साहवर्द्धक रहा है। मैट्रिक बोर्ड में 96 प्रतिशत छात्रों ने सफलता प्राप्त की है, जबकि संथाल परगना प्रमण्डल में कुल 95 प्रतिशत छात्रों ने सफलता हासिल की है। यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्रतिशत रहा है। महामारी की कठिन घड़ी में इस बेहतरीन उपलब्धि के लिए मैं राज्य के शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को बधाई देता हूं।

राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की भाषाओं को ध्यान में रखते हुए मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण व्यवस्था हेतु सामग्रियों को विकसित किया गया है। हमने विभिन्न जिलों के 250 विद्यालयों को विशेष रूप से चिन्ह्ति करते हुये प्रायोगिक तौर पर मातृभाषा आधारित शिक्षण व्यवस्था लागू करने की योजना तैयार की है। इस योजना के फलाफल के आधार पर अन्य विद्यालयों में भी इस व्यवस्था को लागू किया जायेगा। इसका सीधा लाभ हमारे राज्य के उन बच्चों को मिलेगा जो मातृभाषा में पढ़ाई नहीं होने के कारण विद्यालय जाना छोड़ देते थे।

आप सब अवगत हैं कि संथाल परगना से मजदूरों का पलायन होता है। इन मजदूरों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ब्वअपक स्वबाकवूद के दौरान इन पर जो बीती वह पूरा देश जानता है। हम सब जानते हैं कि पलायन को पूर्णतः समाप्त नहीं किया जा सकता है। हम इनकी बेहतरी के लिए कुछ करना चाहते हैं। झारखण्ड के प्रवासी श्रमिकों के सुरक्षित प्रवास एवं प्रवासन हेतु “Safe and Responsible Migration Initiative”कार्यक्रम द्वारा प्रारंभ किया जा रहा है। यह कार्यक्रम पायलट-प्रोजेक्ट के रूप में दुमका, गुमला एवं पश्चिमी सिंहभूम में चलाया जाएगा। इसके माध्यम से अगले 18 माह के अन्दर झारखण्ड से मजदूरों के प्रवास से जुड़ी सभी समस्याओं का अध्ययन करके एक ‘समग्र प्रवासन नीति’ तैयार की जाएगी, जिससे भविष्य में प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं का निदान करने में सुविधा होगी।

असंगठित श्रमिकों का निबंधन कराने हेतु ई-श्रम पोर्टल Launch किया गया है। इस पोर्टल पर झारखण्ड राज्य  के कुल 80 लाख से अधिक श्रमिकों का निबंधन किया जा चुका है। इसके तहत निमार्ण कार्य करने वाले श्रमिक, घरेलु मजदूर, कृषि श्रमिक, रेहड़ी-पटरी वाले एवं अन्य सभी असंगठित क्षेत्र के मजदूर सम्मिलित हो सकेंगे।

राज्य सरकार द्वारा वर्षों से लम्बित रहे रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को गति प्रदान करने हेतु विभिन्न नियुक्ति नियमावलियों एवं परीक्षा संचालन नियमावलियों के गठन/संशोधन की कार्रवाई की गयी है। राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी में अधिक-से-अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न नियुक्ति/परीक्षा संचालन नियमावली अन्तर्गत अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता के रूप में अभ्यर्थियों का मैट्रिक/10वीं कक्षा तथा इंटरमीडिएट/10$2 कक्षा झारखण्ड राज्य में अवस्थित मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया गया है। अभ्यर्थियों को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा एवं परिवेश का ज्ञान होना भी अनिवार्य किया गया है। झारखण्ड राज्य की आरक्षण नीति से आच्छादित अभ्यर्थियों के मामले में इस प्रावधान को शिथिल किया गया है ताकि राज्य के आरक्षण नीति से आच्छादित होने वाले छात्रों का सरकार के अधीन नियोजन में दावा सुरक्षित रह सके। सेवा शत्र्त नियमावलियों के गठन एवं संशोधन के उपरांत अबतक 4,142 (चार हजार एक सौ बयालीस) रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु अधियाचना झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग को भेज दी गई है।

युवाओं को प्रशिक्षण देकर निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हमारी सरकार ने HCL कम्पनी के साथ MOU किया है। इसके तहत् 12वीं पास छात्र एवं छात्राओं को आई॰टी॰ सेक्टर में रोजगार देने के लिए Placement Linked Training Programme TECHBEE से जोड़ा जाएगा। TECHBEE HCL में योग्य छात्र/छात्राओं का चयन कर उन्हें एक वर्ष की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के उपरांत प्रशिक्षित युवाओं को HCL में ही नौकरी मिल सकेगी।

झारखण्ड के आदिवासी युवाओं को विश्वस्तरीय शिक्षा के अवसर प्रदान करने हेतु राज्य सरकार द्वारा मरङ गोमके जयपाल सिंह मुण्डा पारदेशीय छात्रवृति योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष अनुसूचित जनजाति के 10 (दस) प्रतिभावान छात्र/छात्राओं को चयनित कर इंग्लैंड और नाॅर्थन आयरलैण्ड में अवस्थित विश्वविद्यालयों/संस्थानों में कतिपय कोर्स में उच्चस्तरीय शिक्षा प्राप्त करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इस वर्ष अनुसूचित जनजाति समुदाय के 07 छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया है। भविष्य में इस योजना का विस्तार किया जाएगा। एक छात्र पर लगभग एक करोड़ रुपये की राशि सरकार खर्च कर रही है।

राज्य अन्तर्गत निजी क्षेत्र में स्थापित कारखानों/उद्योगों/संयुक्त उद्यमों तथा पी॰पी॰पी॰ के तहत् संचालित परियोजनाओं में होने वाली नियुक्तियों में 75% आरक्षण स्थानीय युवाओं के लिए करने हेतु झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021 लागू किया गया है। हमारा यह प्रयास बेरोजगारी तथा पलायन की समस्या को कम करने में अत्याधिक सार्थक भूमिका निभाएगा।

हमने सर्वजन पेंशन योजना की शुरूआत की है, जो सरकार के कल्याणकारी दायित्वों के निर्वहन में एक महत्वपूर्ण कदम है। क्षेत्र भ्रमण के क्रम में मुझे यह जानकारी मिलती थी कि सीमित लक्ष्य के कारण लाखों की संख्या में जरूरतमंद वृद्धजनों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। यह देखकर मुझे पीड़ा होती थी और मैंने दो वर्ष पूर्व यह संकल्प लिया था कि अगर हमारी पार्टी की सरकार बनेगी तो हम इसका स्थायी निदान करेंगे। अब हमने यह निर्णय लिया है कि Tax-Net की श्रेणी में आने वालों को छोड़कर शेष सभी वृद्धजन इस योजना का लाभ पाने के पात्र होंगे। राज्य स्थापना दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर प्रारंभ किये गये “आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम के दौरान इस योजना का लाभ तीन लाख से अधिक लोगों को दिया गया है।

क्षेत्रीय सांस्कृतिक गतिविधियों को विस्तार देने एवं स्थानीय कलाकारों को मंच सुलभ कराने के उद्देश्य से दुमका में तेईस करोड़ रुपए की लागत से कंवेन्शन सेंटर का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसे मार्च, 2022 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। गोड्डा में अड़तीस करोड़ की लागत से नए समाहरणालय भवन का निर्माण पूर्णता की ओर है। जामताड़ा में ई0वी0एम0 मशीनों के उचित रख-रखाव हेतु वेयर हाउस के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है।

हमारा देश कृषि प्रधान देश है और कृषि इसकी अर्थव्यवस्था की नींव भी है। यहाँ कृषि केवल खेती करना नहीं है, बल्कि जीवन जीने की एक कला है।  राज्य में फसल उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने एवं उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी को प्रदर्शित करने के लिए राजकीय कृषि प्रक्षेत्रों की भूमि में कृषक पाठशाला स्थापित करने एवं इनकी परिधि में अवस्थित ग्रामों को बिरसा ग्राम के रूप में विकसित करने हेतु  61 करोड़ रुपये की लागत से समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना-सह-कृषक पाठशाला योजना लागू की गयी है।

खरीफ विपणन मौसम 2020-21 के दौरान धान अधिप्राप्ति योजनान्तर्गत  छः लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के विरूद्ध छः लाख पच्चीस हजार मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गई है। विपणन मौसम 2021-22 में धान अधिप्राप्ति 15 दिसम्बर, 2021 से प्रारंभ कर दी गई है। किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए किसानों से अधिप्राप्त धान के 50 प्रतिशत मूल्य का भुगतान धान अधिप्राप्ति के साथ ही किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा किसानों को 110 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी दिया जा रहा है।

वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा अंतर्गत 885 लाख अनुमोदित मानव दिवस के विरूद्ध अब तक कुल 927 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है। मनरेगा मजदूरों को दैनिक मजदूरी के रूप में 225/- रुपए का भुगतान किया जा रहा है। दैनिक मजदूरी के रूप में बढ़ी हुई राशि 27/- रुपए प्रति मानव दिवस के भुगतान हेतु अब तक राजकोष से कुल  250 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।

राज्य के करीब एक लाख अस्सी हजार सखी मंडलों को तीन हजार दो सौ करोड़ रुपए की राशि क्रेडिट लिंकेज के रूप में बैंक से उपलब्ध कराया जा चुका है, जिससे ग्रामीण महिलाओं की आजीविका सशक्त हो रही है। सखी मंडल के 62 प्रकार के उत्पादों को विशेषकर सरसों तेल, साबुन, मसाले, हनी इत्यादि की बिक्री ‘‘पलाश ब्रांड‘‘ के रूप में की जा रही है। इस पहल से करीब 2 लाख ग्रामीण महिलाओं को लाभ हो रहा है। राज्य में अब तक 159 पलाश मार्ट स्थापित किए जा चुके हैं। इस वित्तीय वर्ष में करीब 17 करोड़ का टर्न ओवर दर्ज किया गया है।

महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उनके कल्याण हेतु प्रतिबद्ध हमारी सरकार ने राज्य में हड़िया-दारू निर्माण एवं बिक्री से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को सम्मानजनक आजीविका के वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराकर समाज के मुख्य धारा में जोड़ने हेतु फूलो-झानो आशीर्वाद योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना अन्तर्गत चिन्हित् महिलाओं को आजीविका सशक्तिकरण के लिए 10 हजार रूपये ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने का प्रावधान है। अब तक 14,000 से अधिक महिलाओं को हड़िया-दारू निर्माण एवं बिक्री कार्य से मुक्त कराकर आजीविका के अन्य साधनों से जोड़ा गया है।

हमारी सरकार द्वारा सोना सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 तथा मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना से आच्छादित राज्य के सभी लाभुक परिवारों को वर्ष में दो बार एक धोती/लुंगी तथा एक साड़ी दस रूपये प्रति वस्त्र की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना के तहत अब तक 51 लाख परिवारों को लाभान्वित किया गया है।

हमने कोरोना महामारी से निबटने के लिए पहले दिन से ही सतर्कता की नीति अपनाई और COVID-19 से बचाव हेतु सभी संभव कदम उठाये। राष्ट्रव्यापी LOCK DOWNके दौरान राज्य से बाहर फंसे अपने प्रवासी मजदूरों, कामगारों, छात्रों को सुरक्षित निकालने को प्राथमिकता दी। हमारी सरकार के लिए राज्य की जनता एवं उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है। वर्तमान में कोरोना का नया स्वरूप ओमिक्रोन समस्त मानव जाति को फिर से चुनौती दे रहा है। लेकिन थकना, हारना, टूटना-बिखरना हमने सीखा ही नहीं है। सतर्क रहते हुए कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए हम तैयार हैं। हमने कोरोना के इस तीसरी लहर में समय से आवश्यक कदम उठाये हैं और राज्य की जनता की सुरक्षा हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किये हैं। कोरोना के इस तीसरी लहर के प्रसार को रोकने हेतु हमने सभी आवश्यक व्यवस्था की है।

राज्य के सभी चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मी सम्पूर्ण समर्पण एवं सेवा भाव के साथ राज्य की जनता को इस आपदा से निजात दिलाने हेतु दिन-रात एक किये हुए हैं। उनके सेवा भाव का ही परिणाम है कि अब तक हमारा राज्य कोरोना के इस लहर को रोकने में कामयाब रहा है। कोरोना के विरूद्ध इस लड़ाई में हम तभी सफल हो सकते हैं, जब आपका सम्पूर्ण सहयोग सरकार को प्राप्त हो। आपसे अपेक्षा है कि कोरोना से बचाव हेतु सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों का पालन करंे और इस लड़ाई में हमारा साथ दें। आप लोगों को गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने की हमारी कोशिशें लगातार जारी रहेंगी।

झारखण्ड को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाने हेतु हमारी सरकार नई पर्यटन नीति, 2021 ले कर आई है। इस नीति का उद्देश्य राज्य को देश के पर्यटन मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र में रोजगार में वृद्धि कराना, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व प्राकृतिक विरासत को संरक्षित रखते हुए राज्य के लोगों के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदार बनाना है।  दुमका में 31 करोड़ रुपये की लागत से Cultural Museum के स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई है।

दुमका जिलान्तर्गत सुन्दर जलाशय योजना के मुख्य नहर का लाईनिंग सहित पुनरूद्धार कार्य हेतु लगभग 85 करोड़ रुपये की लागत से कार्य प्रगति पर है। इसके पूर्ण हो जाने से लगभग 3,600 हेक्टयर खरीफ एवं 2,000 हेक्टेयर रब्बी फसल की सिंचाई क्षमता पुनर्बहाल हो जाएगी। मसलिया एवं रानेश्वर प्रखण्ड में अपेक्षित सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु करीब बारह सौ करोड़ की लागत से मसलिया रानेश्वर मेगा लिफ्ट योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है। शीघ्र ही इस योजना का निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाएगा।

जल ही जीवन है। राज्य के प्रत्येक व्यक्ति तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के संकल्प पर सरकार सतत् प्रयत्नशील है। वर्ष 2024 तक जल जीवन मिशन के तहत् राज्य के लगभग 59 लाख ग्रामीण परिवारों को कार्यरत नल (FHTC) के द्वारा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के लक्ष्य तय हैं। इस योजना के तहत हमारी सरकार ने दो वर्ष के कार्यकाल में ग्रामीण जलापूर्ति हेतु कुल  पन्द्रह हजार करोड़ रुपए की लागत से करीब एकसठ हजार योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की है।

राज्य के विकास में पथों के महत्व को ध्यान में रखते हुए पथों का उन्नयन एवं विकास पर बल दिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत 850 कि0मी0 पथ एवं 20 पुल निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में लगभग बाईस सौ कि0मी0 पथों के राईडिंग क्वालिटी में सुधार तथा मजबूतीकरण एवं लगभग छः सौ कि0मी0 पथों के चैड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य की स्वीकृति दी गई है।

ग्रामीण पथों के निर्माण एवं सुदृढीकरण की दिशा मे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए है। राज्य संपोषित सड़क निर्माण योजना एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-3 के अन्तर्गत लगभग पाँच हजार कि0मी0 ग्रामीण सड़कों का निर्माण करने का लक्ष्य है, जिसके विरूद्ध करीब अठारह सौ कि0मी0 की स्वीकृति दी जा चुकी है। दुर्गम एवं वन-आच्छादित जिलों में 776 कि0मी0 के अतिरिक्त सड़कों को स्वीकृत किया गया है। इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में 231 पुलों का निर्माण स्वीकृत किया गया है, जिसमें से 51 पुल अबतक पूर्ण किये जा चुके हैं।

क्षेत्रीय सांस्कृतिक गतिविधियों को विस्तार देने एवं स्थानीय कलाकारों को मंच सुलभ कराने के उद्देश्य से दुमका में तेईस करोड़ रुपए की लागत से कंवेन्शन सेंटर का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसे मार्च, 2022 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। गोड्डा में अड़तीस करोड़ की लागत से नए समाहरणालय भवन का निर्माण पूर्णता की ओर है। जामताड़ा में ई0वी0एम0 मशीनों के उचित रख-रखाव हेतु वेयर हाउस के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है।

हमारे राज्य में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने एवं स्थापित इकाइयों को प्रोत्साहित करने हेतु नई झारखण्ड औद्योगिक निवेश एवं प्रोत्साहन नीति- 2021 लागू की गई है। प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए खाद्य प्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा, लाॅजिस्टिक्स, खनिज तथा वस्त्र आधारित उद्योगों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार के सहयोग से लगभग 48 करोड़ रूपये की लागत से TIES Scheme के अन्तर्गत रांची में World Trade Centre की स्थापना की जायेगी।

भगवान बिरसा के जन्मदिवस के पावन अवसर पर प्रारम्भ किये गये             “आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम के दौरान सम्पूर्ण राज्य में कुल 6,727 शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें 35 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, इनमें से 24.51 लाख आवेदनों का निष्पादन शिविर में ही निर्धारित समयावधि में कर दिया गया शेष आवेदनों के निष्पादन की प्रक्रिया भी जारी है।

शासन को जबावदेह बनाये रखकर आम नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मीडिया को लोकतांत्रिक व्यवस्था का चैथा स्तम्भ माना गया है। लोकतंत्र के इस चैथे स्तम्भ को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने झारखण्ड राज्य पत्रकार स्वास्थ्य बीमा योजना नियमावली, 2021 का गठन किया है।  इसके माध्यम से बीमाधारक मीडिया प्रतिनिधि सहित उनके पति/पत्नी एवं 21 वर्ष तक की आयु के दो अविवाहित एवं निर्भर संतान को ग्रुप मेडिक्लेम के रूप में कुल 5 लाख रुपये तक की चिकित्सा-खर्च की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।

राज्य में न्याय और कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए हमारी सरकार प्रभावी कदम उठा रही है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने भीड़ हिंसा रोकथाम और माॅब लिंचिंग विधेयक, 2021 पारित किया है। प्रदेश में फैले विभिन्न माफियाओं और अवैधानिक गतिविधियों में लिप्त अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। सरकार के इन प्रयासों से आमजनों में कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास पैदा हुआ है।

मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत कुल लगभग 1200 युवक/युवती सहायता प्राप्त कर उद्यमी बनने का सपना साकार किये हैं। आज ये लोग 4795 लोगों को रोजगार दे रहे हैं। इस योजना की सफलता को देखते हुए हमने इसमें बजट बढ़ाने का निर्णय लिया है। 100 करोड़ अतिरिक्त राशि की व्यवस्था की जा रही है।

राज्य निर्माण के 20 से ज्यादा वर्षों के बाद भी झारखण्ड अपने आन्दोलनकारियों की सुध नहीं ले पाया यह कष्टप्रद है। जिनके कारण आज हम एक राज्य के रूप में पहचान बना पाए उनके अधिकार और सम्मान के प्रति मैं संकल्पित हूँ। झारखण्ड अलग राज्य निर्माण में शामिल आन्दोलनकारियों एवं उनके आश्रितों के लिए पेंशन के साथ-साथ सरकारी नौकरियों में 5ः का क्षैतिज आरक्षण की योजना को हमने लागू कर दिया है। आन्दोलनकारी चिन्हीतिकरण आयोग के सदस्य राज्य के विभिन्न हिस्सों का अपना दौरा भी बलिदानी धरती ‘पीरटांड’ से प्रारंभ कर दिए हैं।

हमने ‘ट्राइबल यूनिवर्सिटी’ के निर्माण कार्य को आगे बढ़ा दिया है। इसके माध्यम से मुख्य रूप से झारखंडी भाषा संस्कृति, लोक कल्याण, शोध से सम्बंधित विषय को बढ़ावा दिया जाएगा। उम्मीद है कि इससे आदिवासी समाज एवं झारखण्ड से जुड़े प्राचीन ज्ञान को संरक्षित रखने के साथ-साथ इनकी विशिष्ट समस्याओं के समाधान को भी बल मिलेगा।

सरकार की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर मैंने वादा किया था कि गरीब एवं जरुरतमंद दू-पहिया वाहन धारकों को महंगाई से राहत देने के लिए 26 जनवरी से 25 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल पर अनुदान दिया जायेगा।

आज मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आज से पुरे राज्य में CM-SUPPORTS योजना के माध्यम से प्रत्येक गरीब एवं जरुरतमंद दू-पहिया वाहन मालिकों को प्रतिमाह 10 लीटर पेट्रोल के लिए 25 रुपये प्रति लीटर की दर से 250 रूपये की राशि उनके खाते में सीधे भेज दी जायेगी।

इसके अलावे बहुत सारी कल्याणकारी योजनाओं को हमारी सरकार ने लागू किया है। जिन सबका उल्लेख करना संभव नहीं है। साथ ही साथ अभी बहुत कुछ करना है।

अंत में मैं, आप सभी को गणतंत्र दिवस की पुनः बधाई देता हूँ और आह्वान करता हँू कि इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम एक ऐसा झारखण्ड बनाने का संकल्प लें, जो उन स्वप्नों एवं आशाओं के अनुरूप हो, जिसके लिए काफी त्याग और बलिदान के बाद इस राज्य का सृजन हुआ। मैं एक ऐसे झारखण्ड की परिकल्पना करता हँू, जो गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा एवं भ्रष्टाचार आदि से मुक्त हो, जिसको साकार करने में आप सभी अपनी सक्रिय भागीदारी निभायें तथा हमारे साथ-साथ आप भी अपनी वचनबद्धता दिखाएँ।

आइये, हम सब मिल कर राज्य में स्थिरता, शान्ति और समरसता का माहौल बनायें और अपनी सृजनशीलता और सकारात्मक ऊर्जा से राज्य की सर्वांगीण प्रगति और उन्नति को अभूतपूर्व गति और ऊँचाई प्रदान करें।

जय हिन्द !                जय झारखण्ड!

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