08.01.2024 – अयोध्या के राम जन्मभूमि का मुद्दा भारत के इतिहास के सबसे विवादित मुद्दों में से एक रहा है। विवादित ढांचा ध्वस्त होने से लेकर राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण होने के कालखंड में घटित घटनाओं को केंद्रबिंदु बनाकर राजनीतिक विसात भी बिछाई जाती रही आगे भी यह सिलसिला राष्ट्रीय स्तर पर जारी रहेगा।
ऐसे में राम जन्मभूमि से जुड़ी फिल्म ‘695’ का निर्माण किया जाना काबिलेतारीफ है। निर्माता श्याम चावला के नेतृत्व में शदाणी फिल्म्स के बैनर तले बॉलीवुड के चर्चित
निर्देशक रजनीश बेरी के निर्देशन में निर्मित इस फिल्म को एक ऐतिहासिक सिनेमेटिक प्रयास की संज्ञा दी जा सकती है। दूरदर्शन के चर्चित धारावाहिक ‘रामायण’ में राम की भूमिका से प्रसिद्धि पाने वाले अभिनेता अरुण गोविल एक बार फिर भगवान राम जन्मभूमि से जुड़ी इस फिल्म में नजर आएंगे। फिल्म ‘695’ के निर्माताओं के अनुसार यह एक वास्तविक जीवन पर आधारित ड्रामा फिल्म है। जिसमें राम मंदिर के 500 वर्षों के संघर्ष के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है। इस फिल्म के माध्यम से फिल्म के टाइटल को कथानक के माध्यम से परिभाषित करते हुए
यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि 695 जो राम भक्तो के लिए अब पवित्र अंक माना जा सकता है क्योंकि
6 दिसम्बर 1992 को ढांचा विध्वंस हुआ, 9 नवम्बर 2019 को न्यायालय का फैसला आया और 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का शिलन्यास हुआ। इस फिल्म के निर्माण का मुख्य उद्देश्य यही है कि राम भक्तों के द्वारा इस गौरवशाली अतीत को भुलाया ना जा सके। फिल्म का शीर्षक इन्हीं घटनाओं की तिथियों पर आधारित है।
इस फिल्म में अभिनेता अरुण गोविल एक ऐसे साधु की भूमिका में देखने को मिलेंगे जिसने अपना पूरा जीवन राम और राम मंदिर के बनने का इंतजार ने बिता दिया। यह साधु शांति के मार्ग पर चल कर मंदिर निर्माण चाहता है। यह फिल्म अरुण गोविल, अशोक समर्थ, मुकेश तिवारी, गोविंद नामदेव, अखिलेंद्र मिश्रा, गजेंद्र चौहान मनोज जोशी, के. के. रैना, शैलेंद्र श्रीवास्तव, दयशंकर पांडेय, विकाश महंते, सुशीलाजीत साहनी (70mm) और गरिमा अग्रवाल के साथ एक संगीत समृद्धियुक्त कास्ट क्रेडिट्स के साथ सिनेदर्शकों तक बहुत जल्द ही पहुँचने वाली है।
बकौल अभिनेता अरुण गोविल इस अमर कथा को आत्मसात करना एक सम्मान है जो लाखों दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। ‘695’ बस एक फिल्म नहीं है, यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और श्रद्धा की जीत का उत्सव है।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय
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